Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बदलाव, मजबूरी, सेक्स या जिंदगी.....
#23
राहुल के दरवाजा खोलते ही वह अंदर चली गई, और कहा ठंडी आवाज में कहा, “राहुल अपनी शर्तें और अपना तरीका बता दो। फिर देखते हैं।”


राहुल ने आरोही को अंदर बैठाया, और बोला, “यह अच्छी बात है, तुमने बात को सुनना चाहा।

तो सुनिए पाँच लाख पुराना और इस समय का चार लाख कुल मिलाकर होगा नौ लाख रूपया। और इसमें बैंक वाला चालीस लाख शामिल नहीं है। उसके बार में आगे देखा जाएगा।”

अब मेरी यह व्यवस्था है।

1. तुम दोनों में हर एक बारह घंटों के लिए मेरी सेवा में होगी। इसमें तुम्हें झाड़ू, पोंछा और किचन से लेकर जो मैं कहूँ वह सब काम करने होंगे। और इतने समय में मैं, दोनों में से जो भी मेरे साथ हो, उसे कैसे भी और किसी तरह से भोग सकता हूँ। चाहूँ तो बारह घंटे पूरे। हाँ हर हफ्ते शिफ्ट बदलेगी। जो रात में आई थी वह सुबह वाले में और सुबह वाली रात में। वैसे यह भी मेरे ऊपर है कि कौन किस शिफ्ट में आए।

2. तुम्हारे शरार के हर छेद मुँह, गुदा और योनी में से जो चाहूँ जैसे चाहूँ उसे भोग सकता हूँ। और वीर्य को जहाँ मर्जी को छोड़ सकता हूँ। और जो बोलूँगा वह तुम्हें करना होगा।

3. तुम दोनों किसी भी तरह के सेक्स को करने से मना नहीं कर सकती हो। चाहें रफ करूँ या स्लो मेरी मर्जी। और मैं कभी कांडोम नहीं लगाऊँगा। और तुम्हें बर्थ कंट्रोल पिल्स, या जो भी उपाय करने हों, अपने पैसों से लेना होगा। और कांडोम मेरा मन करेगा तो मैं लगा सकता हूँ।

4. तुम लोगों को बारह घंटे की शिफ्ट के लिए महीने के पचास हजार दूँगा। यानी दोनों अगर काम करेंगी तो तुम्हारे एक लाख हुए। और चालीस हजार किराए के, मिला लें तो हुए एक लाख चालीस हजार। मैं अस्सी हजार अपने कर्ज के तौर पर रखूँगा और साठ हजार आपको दूँगा।

5. अगर दोनों में से एक ही तैयार होता है। तो आपको मिलेंगे पच्चीस हजार महीने के। लेकिन तुम चाहो तो एक्स्ट्रा घंटे साथ में रह कर पैसे कमा सकती हो। तुम्हें तीन सौ रूपए प्रति घंटा ओवरटाइम मिलेगा।

6. इस दौरान अगर कोई गर्भ हो जाती हैं। तो तुम लिखकर दोगी की कोई कोई दावा नहीं कर सकती हो। हाँ गर्भकाल का एक लाख का वन टाइम पेमेंट कर दूँगा। उसके बाद तुम चाहें जो करो। लेकिन अगर गर्भ रखा तो फिर यह काम यहीं रूक जाएगा। तुम सेवा से अलग। लेकिन सब कुछ मेरी मर्जी पर होगा।

7. हाँ तुम दोनों बाहर इस बात को किसी से नहीं कहेंगी सबके सामने तुम दोनों मेरी असिस्टेंट बनकर रहोगी। अगर तुमने किसी से कहा तो तुम्हें यह स्वीकार है कि तुम दस लाख का जुर्माना मुझे तत्काल दोगी। नहीं देने पर हर दिन 10 प्रतिशत का ब्याज लगेगा।

8. तुम लोगों को इस बाहर घंटों में हर काम यानी यहाँ तक कि बाथरूम जाने या किसी भी काम के लिए मेरी इजाजत चाहिए। अगर तुमने बिना मेरी इजाजत के कोई काम किया तो उसकी सजा मैं चाहें पैसे से या अपनी शारीरिक रूप से दे सकता हूँ।

9. तुम्हारे लिए कपड़े की व्यवस्था होगी। इस फ्लैट में आने के बाद अपने कपड़े उतारकर मेरी इच्छा से कपड़े पहनेंगी या जैसा व्यवस्था की गई होगी वैसे कपड़े पहनने होंगे। बारह घंटे पूरे होने के बाद ही तुम अपने घर से आए कपड़े पहनकर जाओगी। यहाँ आने और जाने के समय के रेकॉर्ड के लिए एक लॉग बुक बनेंगी जिसमें आपके और मेरे हस्ताक्षर हर दिन होंगे।


10.    यह सभी बातें तुम दोनों अलग-अलग वीडियो पर रेकॉर्ड करोगी और इस शर्तों की मंजूरी का एक शपथ पत्र दोगी कि इन सभी शर्तों को आप अपनी इच्छा से मान रही हैं। आप कानूनी तौर पर स्वीकार करती हैं। और इसका कोई दावा नहीं करेंगी।
 
तो आरोही यह रही शर्तें और कांट्रैक्ट अगर आप मान रही हो। तो फिर इसे कोर्ट डाक्यूमेंट की तरह से बनवाने तक और आपका वीडियो रेकॉर्ड करके आप काम शुरू कर सकती हैं।

“ठीक है राहुल मैं सोचकर बताती हूँ।” बुझे से स्वर में आरोही ने कहा। और उठकर जाने लगी।

तभी राहुल बोला, “सुनो आरोही, यह शर्तें आप मानिए या ना मानिए। यह अलग बात हो गई। लेकिन चाची के झापड़ की भरपाई कैसे होगी?”

“राहुल मैंने उनसे नहीं कहा था..........”

आरोही की बात काटकर राहुल बोला, “देखिए, चाची ने मुझे तुरंत निकल जाने को कहा है। लेकिन मैंने शर्तें मानने के लिए आपको समय दिया है। तो भरपाई मुझे चाहिए। नहीं तो मैं जा रहा हूँ और शर्तों की भी कोई जरूरत नहीं है।”

“ठीक है यह भी बताओ क्या करना है।” थकती सी आरोही बोली।

“अरे, कुछ खास नहीं है, आओ मेरी गोद में बैठकर मुझे किस करो और मैं तुम्हारे बदन को महसूस करना चाहता हूँ। सेक्स नहीं करूँगा पक्का। थोड़ा तुम्हारे इस मस्त बदन को मसलना है। गोद में बैठने से लेकर बीस मिनट तक खेलूँगा।

चाहो तो टाइमर लगाकर।” राहुल ने किसी शिकारी की तरह से आंखों से मुस्कुराते हुए साफ कह दिया।

राहुल के मुंह से इन बातों को सुनकर आरोही को जैसे शॉक लग गया। वह जड़ खड़ी रह गई। सोच ही नहीं पा रही थी कि क्या करे।

जैसे-तैसे हिम्मत करके बोल पड़ी, “मुझसे नहीं हो पाएगा। प्लीज, अभी ऐसा मत करो।”

“कोई बात नहीं, मैं आज ही यहाँ से जा रहा हूँ। इन सब बातों को भूल जाना, ठीक है?” कहकर राहुल उठने लगा।

“नहीं जाओ नहीं......” आरोही मानो कुछ कहना चाहती थी।

लेकिन कह नहीं पा रही थी।

“मैं नहीं कर...... सुनो, प्लीज और मत सताओ। पाप लगेगा। सोचने दो तब सब कर लेना.....”
 
आरोही विवशता भरे स्वर में बड़बड़ाई।

“अरे तब तो करेंगे ही। लेकिन अभी झापड़ की पेनॉल्टी तो चाहिए ना?

अच्छा, शर्म लग रही है, क्या? कोई बात नहीं एक तरीका बताता हूँ। दरवाजा खुला है। दरवाजे तक जाओ और सोच लो अगर बिल्कुल नहीं करना है।

तो बाहर निकल जाना। और अगर केवल शर्म की बात है तो चिटकनी लगा देना मैं समझ जाऊँगा।

फिर तुम्हें कुछ नहीं करना होगा, मैं खुद कर लूँगा। ठीक ना? आज इतनी छूट तो देनी ही होगी। अभी मेरी गुलाम नहीं ना बनी हो।” राहुल ने मुस्कुराते हुए बोला।

आरोही कुछ सोचती हुई धीरे-धीरे दरवाजे की ओर बढ़ रही थी। साफ था कि उसके मन में बहुत कुछ चल रहा है।

 राहुल किसी घात लगाए बाघ की तरह उसे ही, यानी अपने शिकार को देख रहा था। वैसे उसे देख रहा था या उसके बदन और उसकी कसी गांड को, यह बता पाना मुश्किल था। लेकिन अब आरोही क्या करती है। यह अधिक रोमांचक पल होने वाला था।

_________________________________________________________________________________________


आगे आरोही क्या निर्णय लेती है। और आगे क्या होगा यह इस कहानी का एक अहम मोड़ होगा।
[+] 3 users Like ramlal_chalu's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बदलाव, मजबूरी, सेक्स या जिंदगी..... - by ramlal_chalu - 20-11-2025, 01:10 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)