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Thriller BHOOT BANGLA
#5
सौम्या राजेश के पीछे-पीछे चल रही थी, लेकिन अचानक उसे लगा जैसे कोई उसे पुकार रहा हो। 'सौम्या...' एक धीमी, फुसफुसाती आवाज़ उसके कान में गूँजी। वह चौंककर पीछे मुड़ी, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। सिर्फ़ अंधेरी गलियारा था, जहाँ मोमबत्तियों की लौ से छायाएँ दीवारों पर नाच रही थीं। सौम्या का दिल धड़कने लगा। वह भ्रमित हो गई, चारों ओर देखा – न राजेश दिखा, न मनोहर। सामने भी खालीपन था, जैसे समय रुक गया हो। बंगले की पुरानी दीवारें साँस ले रही लगीं, हवा में एक ठंडी सिहरन दौड़ गई।

तभी, उसके कंधे पर एक हल्का स्पर्श महसूस हुआ। सौम्या का शरीर सिहर उठा। वह तेज़ी से घूमी, और सामने राजेश खड़ा था, मनोहर उसके बगल में। राजेश ने चिंतित स्वर में पूछा, 'सौम्या, तुम यहाँ क्यों रुक गईं? सब ठीक तो हो ना?' मनोहर की आँखें फिर से चमक रही थीं, लेकिन उसकी मुस्कान रहस्यमयी बनी हुई थी।

सौम्या ने कुछ नहीं कहा। उसके मन में उथल-पुथल मची हुई थी। वास्तव में, उसे रास्ता भूल गया था – वह समझ ही नहीं पा रही थी कि वह कहाँ पहुँच गई है। बंगले के ये गलियारे जैसे भूलभुलैया बन गए थे, और वह सोच रही थी कि क्या वह यहीं से शुरू हुई थी? वह राजेश से पूछना चाहती थी, 'मैं कहाँ खो गई? यह जगह इतनी अजीब क्यों लग रही है?' लेकिन शब्द गले में अटक गए। वह चुप रही, सिर्फ़ हल्के से सिर हिला दिया। मनोहर ने कुछ नोटिस किया, लेकिन कुछ कहा नहीं – बस आगे बढ़ गया।

मनोहर ने एक भारी, पुराना दरवाज़ा खोला, जो बंगले के सबसे अंदरूनी हिस्से में था। दरवाज़ा खुलते ही एक ठंडी हवा का झोंका आया, जैसे कोई पुरानी साँस बाहर निकली हो। कमरा पूरी तरह अंधेरा था – सिर्फ़ धूल भरी हवा में तैरती हुई सन्नाटा। मनोहर ने हाथ में मोमबत्ती का दीया लिया और अंदर कदम रखा। 'आइए साहब, यहाँ रुकिए। मैं रोशनी जलाता हूँ। यह कमरा पुराना है, लेकिन सुरक्षित।' उसकी आवाज़ गूँज रही थी, जैसे दीवारें उसे दोहरा रही हों।

राजेश ने सौम्या का हाथ पकड़ा और मनोहर के पीछे कमरे में दाखिल हो गए। सौम्या को कुछ अजीब सा लग रहा था – जैसे कोई अदृश्य नज़रें उसे घूर रही हों, या कमरे की हवा में कोई रहस्य छिपा हो। मोमबत्तियाँ जलने लगीं, और कमरे का माहौल उजागर हुआ: पुराने फर्नीचर, टूटी तस्वीरें, और एक अजीब-सी शांति। सौम्या ने कुछ कहना चाहा, लेकिन फिर चुप हो गई। बंगला अब और भी रहस्यमयी लग रहा था, जहाँ हर कोना कोई अनकही कहानी छिपाए हुए था।
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BHOOT BANGLA - by AzaxPost - 02-11-2025, 04:30 PM
RE: BHOOT BANGLA - by AzaxPost - Yesterday, 04:06 PM
RE: BHOOT BANGLA - by AzaxPost - Yesterday, 04:21 PM
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RE: BHOOT BANGLA - by RAHUL 23 - Yesterday, 04:50 PM
RE: BHOOT BANGLA - by Blackdick11 - Yesterday, 05:47 PM



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