29-10-2025, 04:13 PM
Part 7 update....
मम्मी बाथरूम से बाहर आई और मेरे बगल में बैठ गई , मम्मी के बगल में फुफा जी बैठ गये । और थोड़ी देर में पुजा समाप्त हो गया और सभी अपने काम में व्यस्त हो गए।
अगले दिन शादी वाला ( सुबह )
जब मैं सुबह सोकर उठा तो मुझे मम्मी ने बताया फुफा जी को अर्जेंट अपने घर वापस जाना पड़ रहा है क्योंकि तुम्हारी बुआ ( पुनम ) का तबीयत बिगड़ गया है और वह दोपहर वापस अपने घर जा रहे हैं।
दोपहर को फुफा जी चले गए अब मम्मी अकेली हो गई। शाम को जब शादी का प्रोग्राम चालु हुआ तो बहुत सारे मेहमान आये हुऐ थे तभी मेरी नज़र मम्मी पर पड़ी वह किसी से बात कर रही थी उस अंकल का पीठ मेरी ओर था जिसके वजह से में उसका चेहरा नहीं देख पा रहा था फिर मैं मम्मी कि ओर बढ़ा जब मैं मम्मी के पास पहुंचा तो वह कोई अंकल नहीं था वह मेरे बचपन का मित्र सौरव था जब मैं नानी घर आया करता था तो उसी के साथ मौज-मस्ती किया करता था धीरे धीरे हम दोनों दोस्त बन गए । आज बहुत दिन बाद उससे मुलाकात हुई । मम्मी और सौरभ के बीच नॉर्मल बात हुई.. बातों से पता चला कि वो सौरभ भी धनबाद में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हैं। फिर मम्मी को पता भी बता दिया, तब पता चला कि वो हमारे घर से 1.5 किलोमीटर दूर है। मम्मी ने उससे अपना मोबाइल नंबर दे दिया कहा जब भी उसे नयन से बात करनी हो फोन करे वह उसे नयन से बात करवा देंगी ।
शादी के दो दिन
शादी के दुसरे दिन हमारे घर वापस आना था इस बार पापा ने हमारा रिजर्वेशन ट्रेन में करा दिया था एसी-1 कोच में और मम्मी दोनों समय पर स्टेशन पहुंच गये और ट्रेन समय पर आई और अपने समय पर खुली । फिर हम लोग केविन में पहुंचे वहां अपनी सीट पर बैठे और आगे दिन सुबह 10 बजे धनबाद उतर गए फिर हमारी कार आई हमदोनों उसमें सवार होकर अपने घर पहुंचे । फिर हमलोग समान जीवन जीने लगे।
ऐसे 15 -20 दिन निकल गए. फिर एक दिन मैं घर पर बैठे बैठे बोर हो गया.तो दोस्तों के साथ फिल्म देखने का प्लान बनाया और अगले दिन हम दोनों दोस्त गए फिल्म देखने पीवीआर में हम दो लोग थे और हम दोनों ने टिकट ले रखा था और हम कॉर्नर में खड़े होकर बाते कर रहे थे तब मेरा दोस्त बोला " अरे यार आंटी यहां किया कर रही है आज तो आंटी मस्त लग रही है मैंने मूड़ के देखा तो मुझे झटका लगा कि मम्मी फिल्म देखने आई है और मुझे बताया भी नहीं पिता जी किसी काम से रांची गए हूं थे फिर किसके साथ आई हैं फिर मुझे लगा शायद उनके दोस्त होंगे पर 5 मिनट बाद वह एक लड़का आया और बोले चलो मैडम ले ली टिकट मुझे देखकर बहुत बड़ा सदमा लगा वह लड़का कोई और नहीं बल्कि सौरभ था .
मेरा दिमाग खराब हो गया कि उसने मम्मी से इतनी दोस्ती कर ली और मम्मी को फिल्म भी ले आया. मम्मी और वह अपने में मस्त थे उनलोगों ने हमें देखा तक नहीं फिर हम अंदर मूवी हॉल में पहुँचे अंदर पहुंचकर में मम्मी को ही देख रहा था कि वह कहां है वह लोग उतने में मुझे मम्मी दिखी हमारी सीट ऊपर वाली थी उनकी 5 पंक्तियाँ नीचे थे उसके बाद फिल्म शुरू हो गई हॉल की लाइटें बंद हो गईं मैंने 1-2 बार मम्मी की तरफ देखा तो मुझे लगा नॉर्मल है फिल्म देख रही थी...
फिर कुछ समय बाद मेरा दोस्त बोला " यार कोल्डड्रिंक लेकर आता हूं.और वह थोड़ी देर में कोल्डड्रिंक लेकर आया.और मुझसे जो बोला वह सुन के मैं शॉक रह गया.वह मेरे से बोला " यार आंटी " मैंने कहां हां तो , वह बोला" यार उसके साथ जो लड़का आया है." उसके साथ खूब मजे ले रही है , मैंने बोला क्यूं क्या कर रहा है तो मेरा दोस्त बोला यार वह दोनों एक-दूसरे को चूम रहे है और कोई मतलब नहीं है किसी से ।
फिर मैंने भी थोड़ा सा उठकर के देखा तो सच में सौरभ और मम्मी का चूमवन चला रहा था मुझे सच में बहुत गुस्सा आ रहा था पर मैं कुछ नहीं कर सकता था उसके बाद मैंने बोला कि मैं वॉशरूम होकर आता हूं जब वापस आया तो अच्छे से देखा मम्मी सौरभ को किस कर रही थी और चूची मसलबा रही थी फिर मैं अपनी सीट पर आ गया और वहीं से देख रहा था पर वह दोनों आपस में व्यस्त थे फिर इंटरवल हुआ तो लाइट जली ।
मैंने तुरंत मम्मी की तरफ देखा वह तो मम्मी अपनी साड़ी ठीक कर रही थी फिर वह दोनों उठकर बाहर चले गए । थोड़ी देर में मैं भी बाहर चला आया अपने दोस्त के साथ तभी मुझे सौरभ दिखा वह किसी से फोन पर बात कर रहा था ( वह बोल रहे थे की फिल्म आई है यार..बताया था नया माल है पंखुरी नाम है मस्त माल है पहले पहले तो नाटक कर रही थी बाद में खूब मजे लिए , खूब किस किया , खूब चूची दबाये साली के मस्त है चोदने में मजा आ जाएगा )
उसकी बातों से इतना समझ आ गया कि मम्मी अभी उससे नहीं चुदी है लेकिन ये भी समझ आ गया कि जल्दी वह मम्मी सौरभ का शिकार होने वाली है फिर हम अंदर चले गए लेकिन मेरा फिल्म देखने में मन नहीं लग रहा था मैं बार-बार उसी दोनों को देख रहा था और वह मम्मी के मजे ले रहा था फिर थोड़ी देर बाद फिल्म खत्म हो गई और हॉल कि लाइट जली मैंने मम्मी को देखा तो वह सौरभ से चिपकी हुई थी फिर वह दोनों उठे इस दौरान मम्मी ने अपने बाल ठीक किए , और साड़ी ठीक की , और बाहर निकल गई थोड़ी देर बाद हमलोग भी बाहर आने लगे जब हम लोग बाहर आ रहे थे तो तब मैंने देखा कि मम्मी की बाजू वाली सीट पर 2 लड़के बैठे थे तो मैंने उनसे पूछा कि यार तुम्हारे बगल वाले ने तो बहुत मजे के लिए वह हमसे बोला " अबे मजे , साले ने ऐसी की तैसी कर डाली उस आंटी की खूब चूमा , खूब चूची मसलें साला हरामी है चूची इतने ज़ोर ज़ोर से दबाए हैं कि बता नहीं सकते उस लड़के की बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था.पर मैं कुछ नहीं कर सकता था. मम्मी को सौरभ ने अपने कब्जे में ले लिया था..
उसके बाद मैं जल्दी जल्दी मम्मी के पीछे चला गया तो वह लोग कार पार्किंग की तरफ जा रहे थे मैंने देखा मम्मी और सौरभ एक कार में बैठ गए और निकल गए अब मैं इतना तो समझ गया था कि ये सौरभ ने मम्मी को सिर्फ चोदने के लिए पटाया है और वो हर हाल में मम्मी को खूब चोदने वाले हैं है उसके बाद मैं अपने दोस्तों के पास वापस चला गया और फिर एक ओटो पर सवार होकर टाइम पर घर वापस आ गया
लेकिन जब मैं घर वापस पहुंचा तो मम्मी नहीं आई थी घर के दरवाजे पर ताला था लेकिन मेरे पास भी 1 चाबी थी तो मैंने उसे ताला खोला और अंदर आ गया मैं यही सोच रहा था कि सौरभ ने मम्मी को कैसे पटा लिया और मम्मी कैसा अपने बेटे के दोस्त के साथ मूवी हॉल में कैसे चिपक रही थी उस सौरभ से ऐसे सोचते-सोचते शाम के 7 बज गए पर मम्मी अभी भी वापस नहीं आई थी अभी मुझे ये लग रहा था कि 5 बजे फिल्म ख़तम हो गई थी और वह लोग निकल भी गए थे पर अभी तक मम्मी वापस क्यों नहीं आई...
मेरे दिमाग में बस यहीं चल रहा था कि मम्मी को जरूर वह कहीं ले जाकर चोद रहे होंगे फिर मैंने सोचा कि मम्मी को कॉल कर लेता हूं तो मैंने कॉल किया मम्मी को उन्होंने उठाया कॉल " मैंने पूछा कहा हो , तो उसने बोला मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर आई हूं 1 घंटे में आ रही हूं ' मैं समझ गया कि वो अभी भी सौरभ के साथ हैं फिर मैं भी टीवी देखने बैठ गया उसके बाद मम्मी रात को 8:30 पर आई सामान्य लग रही थी पर मुझे ये तो पता था कि आज उसके मजे सौरभ ले चुके हैं मैं यही सोच रहा था कहीं फिल्म के बाद सौरभ ने मम्मी को कहीं ले जाकर चोदा तो नहीं..क्योंकि ये लोग 3 घंटे गायब थे और वह सौरभ कमीना हैं ये तो मुझे समझ आ गया था. मुझे लग रहा था कि उसने मम्मी को चोदा होगा कहीं ले जाकर इसीलिए टाइम लग गया. , लेकिन ऐसा नहीं था ये मुझे बाद में पता चला..
उसके बाद मम्मी ने मेरे लिए डिनर बनाया..लेकिन मम्मी ने नहीं खाया..मैंने पूछा तो उसने बोला कि वो अपने दोस्तों के साथ खा कर आई है...फिर मैं डिनर के बाद टीवी देखने लगा..उसके बाद 11 बजे अपने कमरे में जाकर सो गया..रात में करीब 1 बजे मैं उठा पानी पीने..तब मम्मी की हँसने की आवाज़ आ रही थी..मुझे लगा मम्मी अभी जाग रही है...तो मैं उसके कमरे के बाहर जाकर खड़ा गया और बातें सुनने की कोशिश करने लगा .तब पता चला कि वो फोन पर सौरभ से बात कर रही थी... वह सौरभ को बोल रही थी कि आज जो किया वो कभी नहीं करेगी वो...उसको ये सब पसंद नहीं है..वो सिर्फ अपने पति की बन के रहना चाहती है...उसके बाद उसने बोला कि वापीस आते समय कार में उसने जो तस्वीरें ली थी वो कृपया डिलीट कर देना.. मैं समझ गया कि सौरभ और मम्मी की अभी भी चुदाई नहीं हुई है फिर वह लोग बात करते रहे..और मैं सोने आ गया अपने कमरे में...
अगले दिन सुबह मैंने देखा मम्मी घर के काम में लगी थी.फिर मैं तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल वाला था तभी मेरी नजर मम्मी पर पड़ी उन्होंने आज सूट पहना था..तब मेरा ध्यान मम्मी की गर्दन पर गया देखा वह निशान बना हुआ था..तो मैंने उनसे पूछा ये क्या हुआ..तो वह घबराया गई..बोली कुछ नहीं.. मैं समझ गया यह लव बाइट है जो कल सौरभ ने दिया होगा...मेरे दिमाग में यहीं चल रहा था दिन भर...कि वह सौरभ मेरी मम्मी का बहुत जल्दी शिकार करने वाले हैं...उस दिन के बाद मेरे दिमाग में हमेशा यही बात चलती रहती है कि सौरभ मम्मी के साथ क्या क्या करेंगे.
ऐसे ही 8-10 दिन निकल गए मैंने कुछ नहीं देखा..उसके बाद मैंने एक दिन अपने दोस्त के साथ दुकान पर कोल्डड्रिंक रहा था .. वहां सौरभ अपने एक दोस्त के साथ खड़े थे..वह लोगों सिगरेट पी रहे थे उसने मुझे देखा और मेरे से पूछा कैसा हो ? मैंने कहा ठीक हूं और हाथ मिला और फिर मैं कोल्डड्रिंक लेकर थोड़ा आगे आ गया उतने में सौरभ के दोस्त ने सौरभ से पूछ लिया यह कौन था ?
तब सौरभ ने जो कहा वो सुन के मुझे बहुत बुरा लगा वह बोले ,
सौरभ :- अरे वह नई माल पटाई है ना पंखुरी उसका बेटा है
सौरभ का दोस्त :- सही है । मजे लिए की नहीं पंखुरी के ,
सौरभ:- कहां यार..साली चोदने नहीं दे रही...बहुत नाटक कर रही है।
सौरभ का दोस्त बोला :- कुछ नहीं किया अभी तक ?
सौरभ बोला :- नहीं ऐसा नहीं है..ऊपर ऊपर मजे ले लीजिए..चूम लिया , चूची भी मसल दिया है उसकी चूचियों मस्त है साली के उसके उपर गुलाबी निपल है..मज़ा आ गया..खूब काटा साली के चूची को पूरा लाल हो गए साली के चूची रुक फोटो दिखाता हुं
फिर सौरभ ने अपने दोस्त को मम्मी की तस्वीरें देखा दिया जो मैं नहीं देखा लेकिन उसका दोस्त बोल रहा था 'साली माल है सौरभ तभी सौरभ बोला हा ना बे..इसीलिए तो पटाया है.
फिर उसका दोस्त बोला :- सौरभ यार एकदम सीधे शरीफ़ हाउसवाइफ है , स्वीट सी है।
सौरभ बोले :- यार मस्त माल है मजा आ जाएगा साली सिर्फ पति से चुदी है अभी तक और किसी ने हाथ तक नहीं लगाया है सोच क्या मस्त टाइट होगी ।
तभी सौरभ का दोस्त बोले :- साली रो देगी तेरे नीचे आकार , भोसड़ा बन जाऐगा साली की टाइट चूत का ।
तो सौरभ बोला :- भोसड़ा ही तो बनाना है उसका पर साली बहुत नाटक कर रही है मैंने उसको बहुत बार कहा एक बार चुडवा ले फिर देख दीवानी हो जाएगी ।
फिर दोनों हंसने लगे उसके बाद मैंने सोचा अब कुछ नहीं हो सकता। मम्मी अब सौरभ से जरूर चुदेगी और सौरभ को देखकर मुझे समझ आ रहा था कि ये मम्मी को रंडी की तरह चोदने वाला है।
फिर 3-4 दिन बाद मैं एक दिन कॉलेज से जल्दी आ गया । दोपहर 12:30 बजे का समय हुआ था गेट पर लॉक था मुझे लगा मम्मी यहीं कहीं गई होगी। मैंने ताला खोला और अंदर आ गया। लंच बना रखा था मैंने खा लिया. 3 बजे तक मम्मी नहीं आई तो मैंने कॉल किया तो स्विच ऑफ था 6 बजे फिर कॉल किया पर स्विच ऑफ था फिर मेरा एक दोस्त आ गया हम दोनों टीवी देखने लगे रात का 8 बजे मम्मी आई। उनकी हालत खराब थी । बाल खुले हुए थे मंगलसूत्र नहीं था गले में चुड़िया भी नहीं थी मुझे शक तो हुआ कि कुछ हुआ है इतने में मम्मी चुपचाप अपने कमरे में चली गई बिना कुछ बोले...
मेरा दोस्त जो आया था वह भी मम्मी की हालत देखकर शॉक रह गया.उसके बाद मुझसे बोला चल बाहर तक चलते है और हम बाहर आ गए. फिर वो मेरे से बोला आंटी कह गई थी। मैंने बोला पता नहीं. फिर वह बोला कब से गई थी. मैंने बोला पता नहीं मैं 12:30 पर आया तब घर लॉक था..तो वह बोला एक बात बोलू बुरा तो नहीं मानेगा ना । मैं बोला , वह बोल तेरा दोस्त हूं इसलिए बोल रहा हूं..मैंने बोला बोल
मम्मी बाथरूम से बाहर आई और मेरे बगल में बैठ गई , मम्मी के बगल में फुफा जी बैठ गये । और थोड़ी देर में पुजा समाप्त हो गया और सभी अपने काम में व्यस्त हो गए।
अगले दिन शादी वाला ( सुबह )
जब मैं सुबह सोकर उठा तो मुझे मम्मी ने बताया फुफा जी को अर्जेंट अपने घर वापस जाना पड़ रहा है क्योंकि तुम्हारी बुआ ( पुनम ) का तबीयत बिगड़ गया है और वह दोपहर वापस अपने घर जा रहे हैं।
दोपहर को फुफा जी चले गए अब मम्मी अकेली हो गई। शाम को जब शादी का प्रोग्राम चालु हुआ तो बहुत सारे मेहमान आये हुऐ थे तभी मेरी नज़र मम्मी पर पड़ी वह किसी से बात कर रही थी उस अंकल का पीठ मेरी ओर था जिसके वजह से में उसका चेहरा नहीं देख पा रहा था फिर मैं मम्मी कि ओर बढ़ा जब मैं मम्मी के पास पहुंचा तो वह कोई अंकल नहीं था वह मेरे बचपन का मित्र सौरव था जब मैं नानी घर आया करता था तो उसी के साथ मौज-मस्ती किया करता था धीरे धीरे हम दोनों दोस्त बन गए । आज बहुत दिन बाद उससे मुलाकात हुई । मम्मी और सौरभ के बीच नॉर्मल बात हुई.. बातों से पता चला कि वो सौरभ भी धनबाद में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हैं। फिर मम्मी को पता भी बता दिया, तब पता चला कि वो हमारे घर से 1.5 किलोमीटर दूर है। मम्मी ने उससे अपना मोबाइल नंबर दे दिया कहा जब भी उसे नयन से बात करनी हो फोन करे वह उसे नयन से बात करवा देंगी ।
शादी के दो दिन
शादी के दुसरे दिन हमारे घर वापस आना था इस बार पापा ने हमारा रिजर्वेशन ट्रेन में करा दिया था एसी-1 कोच में और मम्मी दोनों समय पर स्टेशन पहुंच गये और ट्रेन समय पर आई और अपने समय पर खुली । फिर हम लोग केविन में पहुंचे वहां अपनी सीट पर बैठे और आगे दिन सुबह 10 बजे धनबाद उतर गए फिर हमारी कार आई हमदोनों उसमें सवार होकर अपने घर पहुंचे । फिर हमलोग समान जीवन जीने लगे।
ऐसे 15 -20 दिन निकल गए. फिर एक दिन मैं घर पर बैठे बैठे बोर हो गया.तो दोस्तों के साथ फिल्म देखने का प्लान बनाया और अगले दिन हम दोनों दोस्त गए फिल्म देखने पीवीआर में हम दो लोग थे और हम दोनों ने टिकट ले रखा था और हम कॉर्नर में खड़े होकर बाते कर रहे थे तब मेरा दोस्त बोला " अरे यार आंटी यहां किया कर रही है आज तो आंटी मस्त लग रही है मैंने मूड़ के देखा तो मुझे झटका लगा कि मम्मी फिल्म देखने आई है और मुझे बताया भी नहीं पिता जी किसी काम से रांची गए हूं थे फिर किसके साथ आई हैं फिर मुझे लगा शायद उनके दोस्त होंगे पर 5 मिनट बाद वह एक लड़का आया और बोले चलो मैडम ले ली टिकट मुझे देखकर बहुत बड़ा सदमा लगा वह लड़का कोई और नहीं बल्कि सौरभ था .
मेरा दिमाग खराब हो गया कि उसने मम्मी से इतनी दोस्ती कर ली और मम्मी को फिल्म भी ले आया. मम्मी और वह अपने में मस्त थे उनलोगों ने हमें देखा तक नहीं फिर हम अंदर मूवी हॉल में पहुँचे अंदर पहुंचकर में मम्मी को ही देख रहा था कि वह कहां है वह लोग उतने में मुझे मम्मी दिखी हमारी सीट ऊपर वाली थी उनकी 5 पंक्तियाँ नीचे थे उसके बाद फिल्म शुरू हो गई हॉल की लाइटें बंद हो गईं मैंने 1-2 बार मम्मी की तरफ देखा तो मुझे लगा नॉर्मल है फिल्म देख रही थी...
फिर कुछ समय बाद मेरा दोस्त बोला " यार कोल्डड्रिंक लेकर आता हूं.और वह थोड़ी देर में कोल्डड्रिंक लेकर आया.और मुझसे जो बोला वह सुन के मैं शॉक रह गया.वह मेरे से बोला " यार आंटी " मैंने कहां हां तो , वह बोला" यार उसके साथ जो लड़का आया है." उसके साथ खूब मजे ले रही है , मैंने बोला क्यूं क्या कर रहा है तो मेरा दोस्त बोला यार वह दोनों एक-दूसरे को चूम रहे है और कोई मतलब नहीं है किसी से ।
फिर मैंने भी थोड़ा सा उठकर के देखा तो सच में सौरभ और मम्मी का चूमवन चला रहा था मुझे सच में बहुत गुस्सा आ रहा था पर मैं कुछ नहीं कर सकता था उसके बाद मैंने बोला कि मैं वॉशरूम होकर आता हूं जब वापस आया तो अच्छे से देखा मम्मी सौरभ को किस कर रही थी और चूची मसलबा रही थी फिर मैं अपनी सीट पर आ गया और वहीं से देख रहा था पर वह दोनों आपस में व्यस्त थे फिर इंटरवल हुआ तो लाइट जली ।
मैंने तुरंत मम्मी की तरफ देखा वह तो मम्मी अपनी साड़ी ठीक कर रही थी फिर वह दोनों उठकर बाहर चले गए । थोड़ी देर में मैं भी बाहर चला आया अपने दोस्त के साथ तभी मुझे सौरभ दिखा वह किसी से फोन पर बात कर रहा था ( वह बोल रहे थे की फिल्म आई है यार..बताया था नया माल है पंखुरी नाम है मस्त माल है पहले पहले तो नाटक कर रही थी बाद में खूब मजे लिए , खूब किस किया , खूब चूची दबाये साली के मस्त है चोदने में मजा आ जाएगा )
उसकी बातों से इतना समझ आ गया कि मम्मी अभी उससे नहीं चुदी है लेकिन ये भी समझ आ गया कि जल्दी वह मम्मी सौरभ का शिकार होने वाली है फिर हम अंदर चले गए लेकिन मेरा फिल्म देखने में मन नहीं लग रहा था मैं बार-बार उसी दोनों को देख रहा था और वह मम्मी के मजे ले रहा था फिर थोड़ी देर बाद फिल्म खत्म हो गई और हॉल कि लाइट जली मैंने मम्मी को देखा तो वह सौरभ से चिपकी हुई थी फिर वह दोनों उठे इस दौरान मम्मी ने अपने बाल ठीक किए , और साड़ी ठीक की , और बाहर निकल गई थोड़ी देर बाद हमलोग भी बाहर आने लगे जब हम लोग बाहर आ रहे थे तो तब मैंने देखा कि मम्मी की बाजू वाली सीट पर 2 लड़के बैठे थे तो मैंने उनसे पूछा कि यार तुम्हारे बगल वाले ने तो बहुत मजे के लिए वह हमसे बोला " अबे मजे , साले ने ऐसी की तैसी कर डाली उस आंटी की खूब चूमा , खूब चूची मसलें साला हरामी है चूची इतने ज़ोर ज़ोर से दबाए हैं कि बता नहीं सकते उस लड़के की बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था.पर मैं कुछ नहीं कर सकता था. मम्मी को सौरभ ने अपने कब्जे में ले लिया था..
उसके बाद मैं जल्दी जल्दी मम्मी के पीछे चला गया तो वह लोग कार पार्किंग की तरफ जा रहे थे मैंने देखा मम्मी और सौरभ एक कार में बैठ गए और निकल गए अब मैं इतना तो समझ गया था कि ये सौरभ ने मम्मी को सिर्फ चोदने के लिए पटाया है और वो हर हाल में मम्मी को खूब चोदने वाले हैं है उसके बाद मैं अपने दोस्तों के पास वापस चला गया और फिर एक ओटो पर सवार होकर टाइम पर घर वापस आ गया
लेकिन जब मैं घर वापस पहुंचा तो मम्मी नहीं आई थी घर के दरवाजे पर ताला था लेकिन मेरे पास भी 1 चाबी थी तो मैंने उसे ताला खोला और अंदर आ गया मैं यही सोच रहा था कि सौरभ ने मम्मी को कैसे पटा लिया और मम्मी कैसा अपने बेटे के दोस्त के साथ मूवी हॉल में कैसे चिपक रही थी उस सौरभ से ऐसे सोचते-सोचते शाम के 7 बज गए पर मम्मी अभी भी वापस नहीं आई थी अभी मुझे ये लग रहा था कि 5 बजे फिल्म ख़तम हो गई थी और वह लोग निकल भी गए थे पर अभी तक मम्मी वापस क्यों नहीं आई...
मेरे दिमाग में बस यहीं चल रहा था कि मम्मी को जरूर वह कहीं ले जाकर चोद रहे होंगे फिर मैंने सोचा कि मम्मी को कॉल कर लेता हूं तो मैंने कॉल किया मम्मी को उन्होंने उठाया कॉल " मैंने पूछा कहा हो , तो उसने बोला मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर आई हूं 1 घंटे में आ रही हूं ' मैं समझ गया कि वो अभी भी सौरभ के साथ हैं फिर मैं भी टीवी देखने बैठ गया उसके बाद मम्मी रात को 8:30 पर आई सामान्य लग रही थी पर मुझे ये तो पता था कि आज उसके मजे सौरभ ले चुके हैं मैं यही सोच रहा था कहीं फिल्म के बाद सौरभ ने मम्मी को कहीं ले जाकर चोदा तो नहीं..क्योंकि ये लोग 3 घंटे गायब थे और वह सौरभ कमीना हैं ये तो मुझे समझ आ गया था. मुझे लग रहा था कि उसने मम्मी को चोदा होगा कहीं ले जाकर इसीलिए टाइम लग गया. , लेकिन ऐसा नहीं था ये मुझे बाद में पता चला..
उसके बाद मम्मी ने मेरे लिए डिनर बनाया..लेकिन मम्मी ने नहीं खाया..मैंने पूछा तो उसने बोला कि वो अपने दोस्तों के साथ खा कर आई है...फिर मैं डिनर के बाद टीवी देखने लगा..उसके बाद 11 बजे अपने कमरे में जाकर सो गया..रात में करीब 1 बजे मैं उठा पानी पीने..तब मम्मी की हँसने की आवाज़ आ रही थी..मुझे लगा मम्मी अभी जाग रही है...तो मैं उसके कमरे के बाहर जाकर खड़ा गया और बातें सुनने की कोशिश करने लगा .तब पता चला कि वो फोन पर सौरभ से बात कर रही थी... वह सौरभ को बोल रही थी कि आज जो किया वो कभी नहीं करेगी वो...उसको ये सब पसंद नहीं है..वो सिर्फ अपने पति की बन के रहना चाहती है...उसके बाद उसने बोला कि वापीस आते समय कार में उसने जो तस्वीरें ली थी वो कृपया डिलीट कर देना.. मैं समझ गया कि सौरभ और मम्मी की अभी भी चुदाई नहीं हुई है फिर वह लोग बात करते रहे..और मैं सोने आ गया अपने कमरे में...
अगले दिन सुबह मैंने देखा मम्मी घर के काम में लगी थी.फिर मैं तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल वाला था तभी मेरी नजर मम्मी पर पड़ी उन्होंने आज सूट पहना था..तब मेरा ध्यान मम्मी की गर्दन पर गया देखा वह निशान बना हुआ था..तो मैंने उनसे पूछा ये क्या हुआ..तो वह घबराया गई..बोली कुछ नहीं.. मैं समझ गया यह लव बाइट है जो कल सौरभ ने दिया होगा...मेरे दिमाग में यहीं चल रहा था दिन भर...कि वह सौरभ मेरी मम्मी का बहुत जल्दी शिकार करने वाले हैं...उस दिन के बाद मेरे दिमाग में हमेशा यही बात चलती रहती है कि सौरभ मम्मी के साथ क्या क्या करेंगे.
ऐसे ही 8-10 दिन निकल गए मैंने कुछ नहीं देखा..उसके बाद मैंने एक दिन अपने दोस्त के साथ दुकान पर कोल्डड्रिंक रहा था .. वहां सौरभ अपने एक दोस्त के साथ खड़े थे..वह लोगों सिगरेट पी रहे थे उसने मुझे देखा और मेरे से पूछा कैसा हो ? मैंने कहा ठीक हूं और हाथ मिला और फिर मैं कोल्डड्रिंक लेकर थोड़ा आगे आ गया उतने में सौरभ के दोस्त ने सौरभ से पूछ लिया यह कौन था ?
तब सौरभ ने जो कहा वो सुन के मुझे बहुत बुरा लगा वह बोले ,
सौरभ :- अरे वह नई माल पटाई है ना पंखुरी उसका बेटा है
सौरभ का दोस्त :- सही है । मजे लिए की नहीं पंखुरी के ,
सौरभ:- कहां यार..साली चोदने नहीं दे रही...बहुत नाटक कर रही है।
सौरभ का दोस्त बोला :- कुछ नहीं किया अभी तक ?
सौरभ बोला :- नहीं ऐसा नहीं है..ऊपर ऊपर मजे ले लीजिए..चूम लिया , चूची भी मसल दिया है उसकी चूचियों मस्त है साली के उसके उपर गुलाबी निपल है..मज़ा आ गया..खूब काटा साली के चूची को पूरा लाल हो गए साली के चूची रुक फोटो दिखाता हुं
फिर सौरभ ने अपने दोस्त को मम्मी की तस्वीरें देखा दिया जो मैं नहीं देखा लेकिन उसका दोस्त बोल रहा था 'साली माल है सौरभ तभी सौरभ बोला हा ना बे..इसीलिए तो पटाया है.
फिर उसका दोस्त बोला :- सौरभ यार एकदम सीधे शरीफ़ हाउसवाइफ है , स्वीट सी है।
सौरभ बोले :- यार मस्त माल है मजा आ जाएगा साली सिर्फ पति से चुदी है अभी तक और किसी ने हाथ तक नहीं लगाया है सोच क्या मस्त टाइट होगी ।
तभी सौरभ का दोस्त बोले :- साली रो देगी तेरे नीचे आकार , भोसड़ा बन जाऐगा साली की टाइट चूत का ।
तो सौरभ बोला :- भोसड़ा ही तो बनाना है उसका पर साली बहुत नाटक कर रही है मैंने उसको बहुत बार कहा एक बार चुडवा ले फिर देख दीवानी हो जाएगी ।
फिर दोनों हंसने लगे उसके बाद मैंने सोचा अब कुछ नहीं हो सकता। मम्मी अब सौरभ से जरूर चुदेगी और सौरभ को देखकर मुझे समझ आ रहा था कि ये मम्मी को रंडी की तरह चोदने वाला है।
फिर 3-4 दिन बाद मैं एक दिन कॉलेज से जल्दी आ गया । दोपहर 12:30 बजे का समय हुआ था गेट पर लॉक था मुझे लगा मम्मी यहीं कहीं गई होगी। मैंने ताला खोला और अंदर आ गया। लंच बना रखा था मैंने खा लिया. 3 बजे तक मम्मी नहीं आई तो मैंने कॉल किया तो स्विच ऑफ था 6 बजे फिर कॉल किया पर स्विच ऑफ था फिर मेरा एक दोस्त आ गया हम दोनों टीवी देखने लगे रात का 8 बजे मम्मी आई। उनकी हालत खराब थी । बाल खुले हुए थे मंगलसूत्र नहीं था गले में चुड़िया भी नहीं थी मुझे शक तो हुआ कि कुछ हुआ है इतने में मम्मी चुपचाप अपने कमरे में चली गई बिना कुछ बोले...
मेरा दोस्त जो आया था वह भी मम्मी की हालत देखकर शॉक रह गया.उसके बाद मुझसे बोला चल बाहर तक चलते है और हम बाहर आ गए. फिर वो मेरे से बोला आंटी कह गई थी। मैंने बोला पता नहीं. फिर वह बोला कब से गई थी. मैंने बोला पता नहीं मैं 12:30 पर आया तब घर लॉक था..तो वह बोला एक बात बोलू बुरा तो नहीं मानेगा ना । मैं बोला , वह बोल तेरा दोस्त हूं इसलिए बोल रहा हूं..मैंने बोला बोल


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