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Adultery ......काला जामुन..... A mommy's boy
#66
Update " सफर" ....

उसके बाद मम्मी लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
फुफा जी ने मम्मी के बाल पकड़ के उनका मुँह अपने लंड पे लाकर, लंड को मम्मी के मुँह में घुसा दिया।
मम्मी झटपटाने लगी, उनकी चूड़ियों की खन खन की आवाज मेरे कानों में गूंज रही थी।
पर फुफा जी पूरे जोश में आ गये थे और मम्मी के मुँह को जबरदस्त तरीके से अपने लंड पर ऊपर नीचे कर रहे थे। थोड़ी देर बाद वो रुके और मम्मी ने सांस ली। मम्मी बहुत जोर जोर से सांसे ले रही थी।
उसके बाद फुफा जी ने अपना पेंट पहनना और खड़े होने लगे, तो मैं झट से आखे बंद कर के बैठ गया।

फुफा जी ने मुझे देखा और मुस्कुराते हुए आगे बढ़े ।

थोड़ी देर में वो वापस आ गए और मम्मी के पास बैठ गए। मैं वापस होल से पीछे देखना लगा और कान लगा के उनकी बात सुनने लगा।
फुफा जी : सब इंतजाम हो गया है पंखुरी जी , अब आप तैयार हो जाओ अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने के लिए।
पंखुरी : प्लीज़ अभी रहने दीजिए मेरे साथ मेरा बेटा भी है।
फुफा जी : आप उसकी चिंता मत कीजिए पंखुरी जी मैं सब‌ सभाल लुंगा।
पंखुरी : नहीं मैं तैयार नहीं हूं.
फिर फुफा जी मम्मी को लगातार मनाने लगे आगे की कार्यक्रम के लिए।
मगर मम्मी बार - बार मेरा नाम और मेरी ओर इशारा करके बार - बार मना कर दे रही थी।

फुफा जी और मम्मी की यह बकचोदी सुनते सुनते और बस के विंडो से आती ठंडी हवा में मुझे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
फिर एक दम से मेरे बस ने तेज झटका मारा जिसकी वजह से मेरी आंखें खुल गई और बगल से गुजरती गाड़ी की रौशनी अंदर आ रही थी। मैंने जब टाइम देखा तो रात के 11 बजे थे, मैंने पीछे मुड़कर पीछे वाली सीट पर देखा तो फुफा जी वहीं बैठे थे मगर मम्मी वहीं नहीं थी मैंने फुफा जी पुछा मम्मी कहां है उन्होंने कहा वह स्लीपर केविन में चली गई हैं जब मैंने स्लीपर केविन को देखा तो दरवाजा बंद था , में मोबाइल चलाने में बिजी हो गया । फिर बस एक छोटे शहर में दखल हुआ,बस में रोड लाइट की रोशनी आ रही थी, मुझे प्यास लगी, पर पानी की बोतल मम्मी के पास ही थी। मैं मम्मी के स्लीपर के पास गया और खटखटाया , 3-4 खटखटाने के बाद मम्मी ने दरवाजा खोला । मम्मी ने थोड़े अनुमान वाली आवाज में " पूछा क्या है " । मैंने सोचा कि शायद मम्मी का नींद ख़राब हो गया होगा , मैंने जल्दी से पानी की बोतल माँगी और लेकर सीट पर बैठ गया। बस अपनी रफ़्तार में चल रही थी। ठंडी हवा और थोड़ी देर मोबाइल चलाने की वजह से मुझे फिर नींद आ गया।
..........….......

फिर मेरे नींद एक ढाबे पर बस रूकने पर खुली जब मैंने पीछे वाली सीट पर देखा तो फुफा जी वह नहीं थे मुझे लगा शायद फुफा जी नीचे उतरेंगे होगें फिर मैं भी नीचे उतरा इधर - उधर देखने पर फुफा जी मुझे कहीं नजर नहीं आये तब मुझे लगा शायद फुफा जी भी स्लीपर केविन में गये होंगे।फिर मैं बस के अंदर पहुंचा सीधे स्लीपर केविन के पास पहुंचा और एक खटखटाया । तो केविन का दरवाजा खुला तो सामने फुफा जी थे और बोला " क्या है नयन ? मैंने कहा
वो बस एक ढाबे पर रूकी है आपलोगों नीचे आना चाहेंगे तो आये । तभी रोड साइड एक मरकरी का लाइट की रोशनी से मम्मी का स्लीपर में रोशन हो गया। फुफा जी सिर्फ अंडरवेयर में थे । उनका पेंट और शर्ट एक कोने में पड़े थे और मम्मी जो कि जगी हुई थी ने अपनी साड़ी से अपने सीने (चूची) के ऊपर डाली हुई थी और मम्मी की साड़ी जांघों तक समेटीं हुई थी। उन्होंने मुझे से बात भी नहीं की। फुफा जी ने मुझे जाके सीट पर बैठने को कहा और दरवाजा बंद कर लिया। मुझे बड़ा ही अजीब लगा .

मैंने वैपिस खटखटाया और फुफा जी ने दरवाजा खोला । मैंने कहा कि मुझे मम्मी के पास आकर सोना है तो फुफा जी ने कहा की वो और उसकी मम्मी बहुत महत्वपूर्ण बात केर रहे हैं वो खत्म हो जाए तो फुफा जी मुझे बुला लेंगे। और दरवाजा बंद कर दिया. मैं सीट पर जेकर बैठ गया

मैं सीट पर बैठे बैठे इंतजार करते करते मैं सो गया लेकिन फुफा जी ने नहीं बुलाया। सुबह कंडक्टर की आवाज से मेरी नींद खुली, हमलोग रामगढ़ में प्रवेश कर चुके हैं। मैंने मम्मी और फुफा जी को जगाने के लिए उठाया और स्लीपर पर खटखटाया । फुफा जी ने डोर खोला , फुफा जी ने नींद में ही दरवाजा खोला, सुबह के हल्के उजाले में सब कुछ साफ दिख रहा था तो मैंने देखा कि फुफा जी और मम्मी चिपकी हुई थीं और मम्मी की साड़ी फुफा जी की बॉडी पर उलझी हुई थी। और देखा कि फुफा जी का अंडरवियर और मम्मी की ब्रा और ब्लाउज दुसरी तरफ एक कोने में पड़ा था । मैं ये सब देखता ही रह गया मुझे कुछ समझ नहीं आया, तभी फुफा जी ने मुझसे पूछा क्या हुआ तो मैंने कहा की रामगढ़ आ गया है। फुफा जी ने मेरे माथे पर हाथ फेरा।

फुफा जी ने कहा मैं और तुम्हारी मम्मी अभी आते हैं और तुम जाके सीट पर बैठो और दरवाजा बंद किया। थोड़ी देर में फुफा जी नीचे आ गए , जब दरवाजा खुला तो मैंने देखा मम्मी अपना ब्लाउज और ब्रा उठाकर पहन रही थी और उसके चहरे पर हल्की मुस्कान थी। मैं मम्मी के पास गया और पूछा का हुआ मम्मी क्यों मुस्करा रही हो तो फुफा जी ने मुझे कहा ये बड़ों की बात तुम्हें समझ नहीं आएगी। मैंने सोच कि इससे पहले भी हम कई बार पापा साथ सफर पर गये है मगर मम्मी पहले कभी नहीं मुस्कुराईं।

फ़िर बस स्टैंड आया हम तीनों बस से उतरे। मम्मी बहुत शर्मा रही थी, मम्मी फुफा जी से को कुछ ज्यादा ही महत्व दे रही थी पहले ऐसा कभी नहीं हुआ । जब भी फुफा जी मम्मी से कोई बात करते थे मम्मी अपनी नजर नीचे रखकर ही उनकी बात का जवाब देती थी , फुफा भी उन्हें देखकर अजीब तरीके से मुस्कुराते थे। फिर फुफा जी ने मम्मी को एक तरफ ले गए मुझसे दूर और उनके कंधों पर हाथ रखे हुए मम्मी से बोले-
फुफा जी – भाभी जी धन्यवाद और आप इतना शर्मा क्यों रही हैं मुझसे। कई दिनों बाद ऐसी रात मेरे जीवन में सबसे हसीन रात बनी , आपने जो मुझे दिया वो बहुत अच्छा था और आप चिंता मत करना, इस हसीना रात के बारे में, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा।
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RE: ......काला जामुन..... A mommy's boy - by Dhamakaindia108 - 21-10-2025, 08:00 PM



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