19-10-2025, 02:38 PM
" सफर " part update....
![[Image: FB-IMG-1760805238871.jpg]](https://i.ibb.co/pB3fxVj0/FB-IMG-1760805238871.jpg)
मेरे छोटे मामा संदीप एक दिन घर पे आये हुऐ थे बेटे की शादी का कार्ड देने और फिर चले गए । तो बस उस दिन से हम सब शादी में जाना का तैयार करने लगे थे । लेकिन पापा उस शादी में जा रहे थे मगर हमलोग के साथ नहीं जा रहे थे वह शादी वाले दिन वहां जाने वाले थे और हमलोगों दो दिन पहले जा रहे थे । वहां जाने से एक दिन पहले पापा बोले :-' पंखुरी तुम और नयन दोनों शादी में शामिल होने के लिए चले जाना में शादी वाले दिन आओं गा ' जब मम्मी ने यह सुना तो वह पापा से बोल ' नहीं मैं भी नहीं जाउंगी अगर आप शादी वाले दिन जाओगे तो मैं भी अपने साथ जाउंगी ' मम्मी यह बोलकर अपने रूम में चली गई ।
अगली सुबह पापा किसी से फोन पर बातकर रहे थे फिर थोड़ी देर बाद मम्मी को बुलाया और कहा तुम्हारा और नयन , रामपुकार जी ( फुफा जी ) तीनों के लिए एक फुल एसी बस में धनबाद से रामगढ़ के लिए तीन टिकट बुकिंग करवाया क्योंकि यह सफर एक पूरी रात का सफर था ( यानी शाम 4 बस चढ़ते अगली दिन सुबह 10 उतरे ) तो पापा ने दो बैठने वाला एक स्लीपर टिकट बुक कराया था ।
मम्मी अभी नाराज़ थी मगर फुफा जी का साथ मैं जाने का कारण पूछा तो पापा ने बताया :-' पुनम का अक्सर तबियत खरा ही रहने लगा है इसीलिए पुनम शादी में शामिल नहीं होगी और उसके दोनों बच्चे पुनम का ख्याल रखने के लिए उसके पास रूकेंगे , पुनम ने रामपुकार जी को खुद शादी में शामिल होने को कहा सुबह रामपुकार जी फोन आया था तो जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने मुझे सब बता तभी मैंने उन्हें तुम दोनों के साथ जाने को कहा तो वह मान गऐ क्योंकि यात्रा के दौरान एक गारजन का हो जरूरी था।
पापा जी के दुवारा मम्मी को लगातार तीन दिन तक मनायें जाने के बाद मम्मी जाने को तैयार होती है।
सफर वाले दिन .........
सप्ताह का पहला सोमवार का दिन था मम्मी बहुत खूबसूरत लग रही थी। एक दम टाइट साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी , हाथों में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र, कानों में बालियां। मम्मी ने ऊँची हील वाली सैंडल पहनी थी, जिससे उनकी गोल गांड चलते वक्त इस कदर हिल रही थी हर कदम पर लोग का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा था और कुछ लोग उनकी तरफ घूर - घूर देख रहे थे। उन्हें देखकर किसी के भी मन में चुदाई का ख्याल आ सकता था।
उस दिन शाम 4 बजे हमारी बस का टाइम था। हम सब स्टैंड पहुचे गये और बस में सवार हुए। हम सब एक दम फुल एसी बस में सवार थे । तो हम अपने नीचे की सीट पर ही बैठे थे। मैं विंडो वाली सीट पे था और मम्मी मेरे बगल , और फुफा जी हमारे पीछे वाले सीट पर बस निकल पड़ी ।
फुफा जी पीछे से ही मम्मी से बात कर रहे थे, और मम्मी को बार-बार पीछे मुड़ कर उन्हें जवाब देना पड़ रहा था। फुफा जी बोले को...
फुफा जी : पंखुरी भाभी आप यहीं आकर बैठ जाओ ना, हम आराम से बात कर पाएंगे बैठ के।
मम्मी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने बोला कि बैठ जाओ।
उसके बाद मम्मी उठी और फुफा जी के बगल में जाकर बैठ गई। मम्मी विंडो साइड पे बैठी थी.और मुझे अपना मोबाइल दे दिया और कहा लो मोबाइल में जो देखना है देखों । बस की सीटें काफी बड़ी थीं और ऊंचाई भी ज्यादा थी, सीटों के बीच में हल्का सा गैप था, जिसे झुककर आगे - पीछे देख सकते थे।
फिर वो दोनों बाते करने लगे और मैं कान में ईयरफोन लगा के गाने सुनने और देखने लगा।
फुफा जी ने कई बार मेरी तरफ देखा उन्होंने लगा मैं मोबाइल में कुछ देखा ने और सुनने में मैं बिजी हूं। लेकिन मैं उनको दोनों को नोटिस कर रहा था।
मम्मी भी उस दिन बहुत गरम लग रही थी। एक दम टाइट साड़ी और ब्लाउज पहनना हुआ थी । साड़ी नेट की थी जिसमें उनके बड़े बड़े चूची का उभार और उनका पेट साफ नजर आ रहा था।
फुफा जी बार-बार उठाकर मुझे देख रहे थे, एक बात मैंने नोटिस की फुफा जी काफी दिनों बाद मम्मी से अकेले मिलने का मौका मिला है लेकिन मैं बीच में रीड की हड्डी बन बैठा था
थोड़ी देर गाना सुनने के बाद मैंने गाना बंद कर दिया और पीछे उन दोनों पे ध्यान देने लगा। बस की लाइट बंद हो चुकी थी, बस हल्की-हल्की लाइट चालू थी और सामने से आने वाले वाहन की लाइट भी पड़ती थी अंदर।
मैंने धीरे से सीट के पीछे के छेद से पीछे देखा, देखते ही मैं शॉक हो गया, फुफा जी का हाथ मम्मी के चूची पर था और वो जोर - जोर से चूची को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे। मैं थोडा और नीचे झुका और ऊपर उनके चेहरे की तरफ देखा।
मैंने देखा कि फुफा जी , मम्मी को किस भी कर रहे थे।
ये देखकर मेरी हालत खराब होने लगी, मैं बस में इधर-उधर देखने लगा, कोई देख तो नहीं रहा, लेकिन हम थोड़ा पीछे बैठे थे और लाइटें भी बंद थीं तो कोई भी नहीं देख रहा था।
मैं वापस होल से देखना लगा।
फूफा जी , मम्मी के मुंह में मुंह डालकर उन्हें चूस रहे थे और एक हाथ से चूची को जोर जोर से मसल रहे थे।
इसके बुरे फुफा जी ने मम्मी की साड़ी का पल्लू खींच कर गिरा दिया और मम्मी के ब्लाउज के बटन खोलने लगे, मम्मी उन्हें रोक रही थी लेकिन वो नहीं माने।
फुफा ने ब्लाउज का बटन खोल दिया जिसे मम्मी की ब्रा सामने आ गयी, उफ्फ्फ…. क्या सीन था वो, काली ब्रा में मम्मी के 36 साइज़ के चुची संभल नहीं रहे थे।
फुफा जी तो जैसे पागल हो गए. फुफा जी वापसी मम्मी को किस करने लगे और एक हाथ में मम्मी की ब्रा में घुसा दिया और चूची को धीरे-धीरे मसलने लगे।
फुफा जी भूखे जानवर की तरह टूट पड़े और चूची को मुँह में लेकर चूसने और काटने लगे। मैंने मम्मी के चेहरे को देखा तो वो हल्की हल्की सिसकियाँ ले रही थी सस्स्सशह आआआह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हम्म्म्म।
5 मिनट तक फुफा जी ऐसे ही मम्मी के दूधो को मसलते और चूसते रहे। उसके बाद वो रुके, मम्मी ने फुफा जी को हटाया और अपना ब्लाउज पहन लिया।
फुफा जी : अब तुम्हें चोदे बिना नहीं रह सकता बहुत दिन हो गये है पंखुरी .
पंखुरी : पागल हो गया हो, यह पर ये सब करोगे ?
फुफा जी : चाहे कुछ हो जाये आज तुम्हारी चूत में अपना लंड डालकर ही रहूँगा भाभी जी।
इसके बाद फुफा जी एक दम जोश में आ चुके थे, तो उन्हें जल्दी से अपना पेंट खोला और उसमें से अपना लंड बाहर निकला।
मम्मी यह देखकर एकदम घबरा गई और बोली
पंखुरी : ये क्या कर रहे हो आप ?
फुफा जी ने मम्मी का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया।
फुफा जी : भाभी जी इसी लंड से चुदना है आज आपको, तैयार हो जाओ।
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मेरे छोटे मामा संदीप एक दिन घर पे आये हुऐ थे बेटे की शादी का कार्ड देने और फिर चले गए । तो बस उस दिन से हम सब शादी में जाना का तैयार करने लगे थे । लेकिन पापा उस शादी में जा रहे थे मगर हमलोग के साथ नहीं जा रहे थे वह शादी वाले दिन वहां जाने वाले थे और हमलोगों दो दिन पहले जा रहे थे । वहां जाने से एक दिन पहले पापा बोले :-' पंखुरी तुम और नयन दोनों शादी में शामिल होने के लिए चले जाना में शादी वाले दिन आओं गा ' जब मम्मी ने यह सुना तो वह पापा से बोल ' नहीं मैं भी नहीं जाउंगी अगर आप शादी वाले दिन जाओगे तो मैं भी अपने साथ जाउंगी ' मम्मी यह बोलकर अपने रूम में चली गई ।
अगली सुबह पापा किसी से फोन पर बातकर रहे थे फिर थोड़ी देर बाद मम्मी को बुलाया और कहा तुम्हारा और नयन , रामपुकार जी ( फुफा जी ) तीनों के लिए एक फुल एसी बस में धनबाद से रामगढ़ के लिए तीन टिकट बुकिंग करवाया क्योंकि यह सफर एक पूरी रात का सफर था ( यानी शाम 4 बस चढ़ते अगली दिन सुबह 10 उतरे ) तो पापा ने दो बैठने वाला एक स्लीपर टिकट बुक कराया था ।
मम्मी अभी नाराज़ थी मगर फुफा जी का साथ मैं जाने का कारण पूछा तो पापा ने बताया :-' पुनम का अक्सर तबियत खरा ही रहने लगा है इसीलिए पुनम शादी में शामिल नहीं होगी और उसके दोनों बच्चे पुनम का ख्याल रखने के लिए उसके पास रूकेंगे , पुनम ने रामपुकार जी को खुद शादी में शामिल होने को कहा सुबह रामपुकार जी फोन आया था तो जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने मुझे सब बता तभी मैंने उन्हें तुम दोनों के साथ जाने को कहा तो वह मान गऐ क्योंकि यात्रा के दौरान एक गारजन का हो जरूरी था।
पापा जी के दुवारा मम्मी को लगातार तीन दिन तक मनायें जाने के बाद मम्मी जाने को तैयार होती है।
सफर वाले दिन .........
सप्ताह का पहला सोमवार का दिन था मम्मी बहुत खूबसूरत लग रही थी। एक दम टाइट साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी , हाथों में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र, कानों में बालियां। मम्मी ने ऊँची हील वाली सैंडल पहनी थी, जिससे उनकी गोल गांड चलते वक्त इस कदर हिल रही थी हर कदम पर लोग का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा था और कुछ लोग उनकी तरफ घूर - घूर देख रहे थे। उन्हें देखकर किसी के भी मन में चुदाई का ख्याल आ सकता था।
उस दिन शाम 4 बजे हमारी बस का टाइम था। हम सब स्टैंड पहुचे गये और बस में सवार हुए। हम सब एक दम फुल एसी बस में सवार थे । तो हम अपने नीचे की सीट पर ही बैठे थे। मैं विंडो वाली सीट पे था और मम्मी मेरे बगल , और फुफा जी हमारे पीछे वाले सीट पर बस निकल पड़ी ।
फुफा जी पीछे से ही मम्मी से बात कर रहे थे, और मम्मी को बार-बार पीछे मुड़ कर उन्हें जवाब देना पड़ रहा था। फुफा जी बोले को...
फुफा जी : पंखुरी भाभी आप यहीं आकर बैठ जाओ ना, हम आराम से बात कर पाएंगे बैठ के।
मम्मी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने बोला कि बैठ जाओ।
उसके बाद मम्मी उठी और फुफा जी के बगल में जाकर बैठ गई। मम्मी विंडो साइड पे बैठी थी.और मुझे अपना मोबाइल दे दिया और कहा लो मोबाइल में जो देखना है देखों । बस की सीटें काफी बड़ी थीं और ऊंचाई भी ज्यादा थी, सीटों के बीच में हल्का सा गैप था, जिसे झुककर आगे - पीछे देख सकते थे।
फिर वो दोनों बाते करने लगे और मैं कान में ईयरफोन लगा के गाने सुनने और देखने लगा।
फुफा जी ने कई बार मेरी तरफ देखा उन्होंने लगा मैं मोबाइल में कुछ देखा ने और सुनने में मैं बिजी हूं। लेकिन मैं उनको दोनों को नोटिस कर रहा था।
मम्मी भी उस दिन बहुत गरम लग रही थी। एक दम टाइट साड़ी और ब्लाउज पहनना हुआ थी । साड़ी नेट की थी जिसमें उनके बड़े बड़े चूची का उभार और उनका पेट साफ नजर आ रहा था।
फुफा जी बार-बार उठाकर मुझे देख रहे थे, एक बात मैंने नोटिस की फुफा जी काफी दिनों बाद मम्मी से अकेले मिलने का मौका मिला है लेकिन मैं बीच में रीड की हड्डी बन बैठा था
थोड़ी देर गाना सुनने के बाद मैंने गाना बंद कर दिया और पीछे उन दोनों पे ध्यान देने लगा। बस की लाइट बंद हो चुकी थी, बस हल्की-हल्की लाइट चालू थी और सामने से आने वाले वाहन की लाइट भी पड़ती थी अंदर।
मैंने धीरे से सीट के पीछे के छेद से पीछे देखा, देखते ही मैं शॉक हो गया, फुफा जी का हाथ मम्मी के चूची पर था और वो जोर - जोर से चूची को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे। मैं थोडा और नीचे झुका और ऊपर उनके चेहरे की तरफ देखा।
मैंने देखा कि फुफा जी , मम्मी को किस भी कर रहे थे।
ये देखकर मेरी हालत खराब होने लगी, मैं बस में इधर-उधर देखने लगा, कोई देख तो नहीं रहा, लेकिन हम थोड़ा पीछे बैठे थे और लाइटें भी बंद थीं तो कोई भी नहीं देख रहा था।
मैं वापस होल से देखना लगा।
फूफा जी , मम्मी के मुंह में मुंह डालकर उन्हें चूस रहे थे और एक हाथ से चूची को जोर जोर से मसल रहे थे।
इसके बुरे फुफा जी ने मम्मी की साड़ी का पल्लू खींच कर गिरा दिया और मम्मी के ब्लाउज के बटन खोलने लगे, मम्मी उन्हें रोक रही थी लेकिन वो नहीं माने।
फुफा ने ब्लाउज का बटन खोल दिया जिसे मम्मी की ब्रा सामने आ गयी, उफ्फ्फ…. क्या सीन था वो, काली ब्रा में मम्मी के 36 साइज़ के चुची संभल नहीं रहे थे।
फुफा जी तो जैसे पागल हो गए. फुफा जी वापसी मम्मी को किस करने लगे और एक हाथ में मम्मी की ब्रा में घुसा दिया और चूची को धीरे-धीरे मसलने लगे।
फुफा जी भूखे जानवर की तरह टूट पड़े और चूची को मुँह में लेकर चूसने और काटने लगे। मैंने मम्मी के चेहरे को देखा तो वो हल्की हल्की सिसकियाँ ले रही थी सस्स्सशह आआआह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हम्म्म्म।
5 मिनट तक फुफा जी ऐसे ही मम्मी के दूधो को मसलते और चूसते रहे। उसके बाद वो रुके, मम्मी ने फुफा जी को हटाया और अपना ब्लाउज पहन लिया।
फुफा जी : अब तुम्हें चोदे बिना नहीं रह सकता बहुत दिन हो गये है पंखुरी .
पंखुरी : पागल हो गया हो, यह पर ये सब करोगे ?
फुफा जी : चाहे कुछ हो जाये आज तुम्हारी चूत में अपना लंड डालकर ही रहूँगा भाभी जी।
इसके बाद फुफा जी एक दम जोश में आ चुके थे, तो उन्हें जल्दी से अपना पेंट खोला और उसमें से अपना लंड बाहर निकला।
मम्मी यह देखकर एकदम घबरा गई और बोली
पंखुरी : ये क्या कर रहे हो आप ?
फुफा जी ने मम्मी का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया।
फुफा जी : भाभी जी इसी लंड से चुदना है आज आपको, तैयार हो जाओ।


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