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Adultery ......काला जामुन..... A mommy's boy
#53
और एक हाथ से कसाब का सर पकड़ कर अपना चूची उसके मुँह में ठूंस दिया और जैसे ही कसाब ने मम्मी के निप्पल चूसना शुरू किया, मम्मी “आह..” करके सीत्कार ने लगीं.

कसाब भी मम्मी के निप्पल को मुँह में भर के कस कस कर चूसने लगा. जहां तक मुझे मालूम है मम्मी के चुचियों में तो दूध बनता ही नहीं है । मम्मी मस्ती से एकदम सिहर उठीं. मम्मी का ये रूप मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. उनकी मदमस्त जवानी को देखकर एक पल के लिए तो मैं भी भूल गया था कि ये मेरी मम्मी हैं.. क्या चूचे थे यार..

मैंने मम्मी के चूचे पहली बार देखे थे. बड़े बड़े.. एकदम दूध से सफ़ेद सफ़ेद.. और उन सफ़ेद रंग के चुचों पर लाल रंग के कड़क निप्पल.. उफ्फफ्फ्फ़.. मेरा लंड मेरी पैंट में ही खड़ा हो गया था.

मैं वहीं खड़ा खड़ा अपने लंड को सहलाने लगा. मुझे कसाब की किस्मत से जलन होने लगी थी कि इतनी मस्त परी जैसी जवानी को एक नौकर चूस रहा है. यहाँ मैं खड़ा खड़ा अपने लंड को हिला रहा था, वहां कसाब मेरी मम्मी के चुचों को बकरी के बच्चे की तरह खींच खींच कर चूस रहा था.

मम्मी भी मदमस्त होकर कसाब का सर पकड़े हुए अपने चुचे कसाब के मुँह में ठूँसे जा रही थीं. कसाब मम्मी का कभी एक चूची मसलता तो भी दूसरा चूसता.. तो कभी दूसरा मसलता तो पहला चूसता और मम्मी आँखें मूंदें चूची चुसाई का मज़ा ले रही थीं.

तभी कसाब ने अपने एक हाथ से मम्मी की साड़ी आगे से पकड़ ली.. और आहिस्ता आहिस्ता मम्मी की साड़ी को ऊपर की ओर उठाने लगा.. उसने अपना हाथ साड़ी के अन्दर डाल कर मम्मी की चूत पे रख दिया. जैसे ही कसाब ने मम्मी की चूत को हाथ लगाया, मम्मी जैसे पागल सी हो गईं और उन्होंने कसाब के बालों को मुठ्ठी में कसकर पकड़ लिया.

“ओह.. कसाब… उफ़.. उफ़.. खा जा कसाब अपनी मालकिन के चुचों को काट के.. आह.. क्या मस्त मजा आ रहा है.”
ये कहकर मम्मी कसाब के होंठों को किस करने लगीं. बीच बीच मैं मम्मी कसाब के होंठों को दांत से पकड़कर खींच लेती थीं.

कसाब साड़ी के अन्दर हाथ डाले हुए मम्मी की चुत को मसल रहा था.
तभी अचानक मम्मी चिल्ला उठीं- आह.. आउच.. साले क्या कर रहा है?
मम्मी ने कसाब को मुस्कुरा के हल्का सा एक थप्पड़ मारा.

मैं कुछ समझ नहीं सका कि क्या हुआ.. पर मुझे लगा कि कसाब ने साड़ी के अन्दर ही कुछ किया है.

तभी कसाब बोला- माफ़ करना मालकिन आपकी चुत बहुत पानी छोड़ रही है, इसीलिए हल्का सा दबाने से दो उंगलियां अन्दर घुस गईं.
ये सुनकर मम्मी मुस्कुराने लगीं.
पंखुरी - कोई बात नहीं.. तू जितनी चाहे उतनी घुसा दे.. आह.. आह..

ये सुन कर कसाब अपनी उंगली से मम्मी की चुत चोदने लगा. वो अपनी उंगलियों को तेज़ तेज़ मम्मी की चुत में अन्दर बाहर कर रहा था… और मम्मी कसाब का सर पकड़े हुए “आह.. ऊह..” करके चिल्ला रही थीं. पूरे रूम में मम्मी के सीत्कारियों की आवाज़ गूंज रही थी.


ये सब कुछ देर इसी तरह चलता रहा. तभी पंखुरी बोलीं- चल कसाब फटाफट लग जा काम पर देर न कर.

कसाब ने मम्मी की चुत पे जीभ लगाई, मम्मी एकदम से सिहर उठीं. मम्मी के शरीर में बिजली दौड़ गई हो- आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह. कसाब.. क्या अन्दर ही घुस जाएगा मेरी चुत में.. ओह.. हाँ ऐसे ही ओह.. चाट ले साले मेरी चुत का पूरा पानी कसाब.. आह आह..

अब मुझे कसाब नज़र नहीं आ रहा था क्योंकि वो मम्मी की साड़ी के अन्दर घुस गया था. वहीं अन्दर बैठ कर वो मम्मी की चुत चाट रहा था. मम्मी उसका सर साड़ी के ऊपर से ही पकड़े हुए सीत्कार रही थीं.

करीब दस मिनट चुत चटाई के बाद मम्मी ने कसाब का सर कस कर पकड़ लिया और “तेज़ तेज़.. चूस..” चिल्लाने लगीं

“ओह कसाब.. मैं गईइ इ..इइ.. मैं छूटने वाली हूँ.. कसाब.. आह.. आआआआह मैं गईईईईई..” चिल्लाते हुए मम्मी ने कुर्सी का बैक अपने हाथों से कस के पकड़ लिया और कांपने लगीं. थोड़ी देर में मम्मी ढीली पड़ गईं और दोनों हाथों से कुर्सी पकड़ कर खड़ी हो गईं. रूम का माहौल शांत हो गया था, पर कसाब अभी भी साड़ी के अन्दर बैठा मम्मी की चुत चाट रहा था. मम्मी अब “उउउह उउउह..” कर रही थीं.

इधर मैं सोच रहा था कि कसाब साला कितना बड़ा मादरचोद है.. उसकी बहन का लौड़ा अभी भी मम्मी की चुत चाट रहा है.

“मालकिन आपकी चुत है या हमारे गांव की नदी का बांध है.. जब इसका पानी छूटता है तो एकदम से बाढ़ सी आ जाती है.. सारा पानी हम गटक गए मालकिन.. आपकी चुत का पानी इतना स्वादिष्ट है.. तो आपका मूत भी उतना ही स्वादिष्ट होगा.. एकाध बार कभी वो भी चखा दीजिये.
पंखुरी ने शोखी दिखाते हुए कहा- चल पागल कहीं का..
“प्लीज़ मालकिन मुझे बड़ी इच्छा है.”
मम्मी अपनी चुत की तारीफ सुन कर इठलाते हुए बोलीं- चल आ जा.. इतना कह कर मम्मी पास में रखे पुराने टेबल पर हाथ रख कर झुक गईं. मम्मी के दोनों चुची टेबल पे पपीते की तरह लटकने लगे.

कसाब अपना पजामा उतारते हुए बोला- मालकिन आप लंड नहीं चूसेंगी?

पंखुरी - नहीं फिर कभी लंड चूस लूँगी.. चल अब आ जा जल्दी से पेल दे.. देर मत कर जल्दी से चोद मुझे.. वरना ही नयन छत पर ना आ जाऐ.

कसाब ने जैसे ही अपना पजामा उतारा, उसका सात इंच लम्बा बिल्कुल काला गंदा लंड नाग की तरह फनफना रहा था. कसाब आगे बढ़ा और मम्मी की साड़ी को पीछे से उठा कर उनकी कमर पे रख दिया, जिससे मम्मी की गांड बिल्कुल नंगी हो गई.

वाओ क्या गांड थी मम्मी की.. जितनी गोरी मम्मी की गांड उतना ही काला गंदा कसाब का लंड था. गांड बड़ी होने की वजह से चुत नज़र नहीं आ रही थी. कसाब मम्मी की गांड के बिल्कुल करीब पहुँचा और हाथ से मम्मी की चुत टटोलने लगा.

कसाब - मालकिन.. आपकी चुत दिख नहीं रही है.. थोड़ा सा चुत बाहर निकालिए न..
मम्मी ने अपनी कमर को थोड़ा नीचे झुका के अपनी गांड को थोड़ा पीछे की और धकेला, जिससे मम्मी की चुत की फांकें हल्की हल्की नज़र आने लगीं.

कसाब ने फ़ौरन अपने लंड पे थोड़ा सा थूक लगाया और अपने लंड का सुपारा मम्मी की चुत पे टिका कर मम्मी की गांड पकड़ कर हल्का सा दबाव डाला. उसका लंड फिसल कर नीचे चला गया.

मम्मी एकदम से तिलमिला उठीं- उफ्फ्फ क्या कर रहा है कसाब .. डाल ना जल्दी.. और मत तड़पा यार.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. डाल दे जल्दी से..
कसाब - क्या करें मालकिन, आपकी गांड इतनी बड़ी है कि चुत एकदम कसी रहती है.
पंखुरी ने कहा- रुक…
इतना कह कर मम्मी ने अपना एक पैर उठाकर टेबल के ऊपर रख दिया और खुद टेबल पर टेबल क्लॉथ की तरह बिछ गईं.. जिससे मम्मी की चुत एकदम से खुल गई.

अब मम्मी की चुत साफ साफ़ दिखाई दे रही थी. मम्मी की चुत पे एक भी बाल नहीं था. लग रहा था कि मम्मी ने आज ही झांटों को साफ किया था. मम्मी की चुत पावरोटी की तरह फूली हुई थी और चुत की अन्दर की दोनों पंखियां चुत से बाहर झांक रही थीं. मम्मी ने पैर टेबल पर रख कर अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपनी चुत पे लगाया.

अब मम्मी ने कसाब से कहा- ले कसाब अब डाल..

कसाब ने अपने लंड को मसलते हुए मम्मी की चुत पर रख दिया.. और मम्मी की कमर पकड़ कर थोड़ा सा दबाव दिया. इस बार लंड का सुपारा गप की आवाज़ के साथ सीधा अन्दर घुस गया. मम्मी की आँखें बड़ी हो गईं और आह की आवाज़ के साथ मम्मी का मुँह खुला का खुला रह गया- ओह.. उ उ उ उ.. कितना बड़ा है साला अन्दर जाते ही मजा आ जाता है.. आह..

कसाब ने बिना वक़्त गंवाए फ़ौरन थोड़ा सा सुपारा बाहर को निकाला. दोनों हाथों से मम्मी की गांड को कसके दबोचा और एक ज़ोरदार झटका मार दिया. इस बार कसाब का पूरा लंड मम्मी की चुत में सरसराता हुए घुस गया.

मम्मी दर्द के मारे चिल्ला उठीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई.. उउउउ उउह.. कमीने इतना कस के डालते हैं क्या

कसाब ने अपने लंड को मसलते हुए मम्मी की चुत पर रख दिया.. और मम्मी की कमर पकड़ कर थोड़ा सा दबाव दिया. इस बार लंड का सुपारा गप की आवाज़ के साथ सीधा अन्दर घुस गया. मम्मी की आँखें बड़ी हो गईं और आह की आवाज़ के साथ मम्मी का मुँह खुला का खुला रह गया- ओह.. उ उ उ उ.. कितना बड़ा है साला अन्दर जाते ही मजा आ जाता है.. आह..

कसाब ने बिना वक़्त गंवाए फ़ौरन थोड़ा सा सुपारा बाहर को निकाला. दोनों हाथों से मम्मी की गांड को कसके दबोचा और एक ज़ोरदार झटका मार दिया. इस बार कसाब का पूरा लंड मम्मी की चुत में सरसराता हुए घुस गया.

मम्मी दर्द के मारे चिल्ला उठीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई.. उउउउ उउह.. कमीने इतना कस के डालते हैं क्या..

मम्मी कराहने लगीं. कसाब अब अपना लंड मम्मी की चुत में आहिस्ता आहिस्ता अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर में मम्मी का कराहना कम हो गया. अब मम्मी को मज़ा आने लगा था. मम्मी की ‘आह उउउउह’ की आवाज़ धीमी हो गई थी. जैसे जैसे मम्मी की आवाज़ धीमी हो रही थी. कसाब अपने चोदने की स्पीड बढ़ा रहा था.

अब मम्मी मस्त होकर हल्के हल्के गांड हिला रही थीं- ओह नवीन चोद मुझे.. कस के चोद दे.. और तेज चोद.. और कसके चोद.. आह…

कसाब ने भी अपनी स्पीड बढ़ा ली थी और मम्मी की कमर पकड़ कर इतनी कस कस कर चोद रहा था कि मम्मी की गांड से लंड के टकराने की वजह से थप थप थप थप की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी.

जब कसाब धक्का लगाता तो धक्के के साथ मम्मी टेबल पे आगे सरक जातीं. मम्मी ने टेबल के किनारों को कस के पकड़ रखा था. करीब दस पन्द्रह ज़ोरदार धक्कों के बाद मम्मी का बदन एक बार फिर अकड़ने लगा था. ऐसा लग रहा था. मम्मी फिर से झड़ रही थीं.

वहां कसाब बिना मम्मी की परवाह किए मम्मी की कमर पकड़ कर मम्मी को कुतिया की तरह चोदे जा रहा था.

थप.. थप.. फच.. फच.. आह.. उह.. यस.. फ़क मी.. की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी.

मम्मी कराहते हुए अपने नौकर से अपनी चुत चुदवा रही थीं. तभी अचानक बाहर से गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ ने पूरे माहौल में डिस्टर्बेंस डाल दिया. हॉर्न की आवाज़ सुनते ही मम्मी चौंक गईं.

मम्मी - ओ माय गॉड.. कसाब , नयन के मामा की गाड़ी आ गई… ओह फक.. कसाब जल्दी कर.. गाड़ी आ गई.
कसाब - जी मालकिन..

ये कहकर वो मम्मी के ऊपर झुक गया और मम्मी के चूची को अपने मुठ्ठी में पकड़ कर मम्मी को किसी कुतिया की तरह चोदने लगा. मम्मी ने भी कसाब की तरफ तरफ मुड़कर कसाब के गले में बंधा हुआ गमछा पकड़ लिया और कसाब की आँखों में ऑंखें डाल कर कहने लगीं- कसाब फ़क मी फ़ास्ट… फ़क मी..

मम्मी बड़बड़ाए जा रही थीं. अब कसाब की स्पीड और भी तेज़ हो गई थी.. मम्मी के चिल्लाने की आवाज़ भी बढ़ गई थी. मम्मी “आह.. आह..” करके कसाब की ओर देखकर चिल्ला रही थीं- जल्दी जल्दी चोद न कमीने… दम नहीं बची है क्या भोसड़ी के तेरे अन्दर हरामी मादरचोद.. चोद साले.

गालियां सुनकर कसाब पागलों की तरह मम्मी को चोदने लगा.

मम्मी - ये ले साली रांड ये ले लंड बहन की लौड़ी.. तुझे कितना बड़ा लंड चाहिए.. छिनाल कहीं की.. मादरचोद.. कितनी आग है तेरे भोसड़े में.. रंडी.. कितना चुदवाएगी कुतिया..

कसाब को गालियाँ बकता देख मम्मी ने कसाब को आँख दिखाई. कसाब को लगा मम्मी को गुस्सा आ गया और कसाब थोड़ा सहम सा गया.. लेकिन वो अभी भी मम्मी को चोदे जा रहा था.

करीब पांच मिनट की ज़ोरदार चुदाई के बाद मम्मी चिल्लाने लगीं- ओह माय गॉड.. ओह फक.. ओह.. ओह.. मैं गई.. उई.. आह..
कसाब - हम भी छूटने वाले हैं मालकिन.. ओहह्ह्ह..

ये कह कर कसाब का बदन कांपने लगा. कसाब फ़ौरन अपना लंड मम्मी की चुत से बाहर निकालने के लिए पीछे की ओर हटने लगा. तभी मम्मी ने झट से कसाब के चूतड़ पकड़कर उसको अपनी चुत की तरफ दबाया ओर बोलीं- बाहर नहीं कसाब , चुत में ही गिराओ..

तब कसाब ने अपना लंड कसके मम्मी की चुत में धकेला और मम्मी के चुचों के कसके दबोच कर मम्मी की चुत में ही अपने लंड का माल गिराने लगा.

कसाब - आह मालकिन कहीं बच्चा होइ गवा तो?
मम्मी मुस्कुराते हुए बोलीं- तू उसकी चिंता मत कर कसाब..

मम्मी लम्बी लम्बी आहें भरते हुए कसाब का पानी अपनी चुत में डलवा रही थीं मानो मम्मी को अनंत सुख मिल रहा हो. करीब दो मिनट तक कसाब कराह कराह कर अपना पानी मम्मी की चुत में गिराता रहा. अपने लंड के पानी से मम्मी की चुत को लबालब भर दिया. मम्मी भी कराहते हुए झड़ रही थीं. मम्मी के पैर भी कांपने लगे थे.

थोड़ी देर झड़ने के बाद मम्मी और कसाब दोनों सुस्त पड़ गए. मम्मी वहीं टेबल पे निढाल हो गई और कसाब उनके ऊपर ही पड़ा रहा. कसाब का लंड अभी भी मम्मी की चुत में ही पड़ा हुआ था.. तभी कार का फिर से हॉर्न बजी.. मम्मी ने इसी हालत में कमरे से मेन दरवाजे की ओर भाग उन्होंने ध्यान मुझे बिल्कुल नहीं गया । मैं भी भागते हैं आपने कमरे में पहुंच।
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RE: ......काला जामुन..... A mommy's boy - by Dhamakaindia108 - 16-10-2025, 11:36 AM



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