04-10-2025, 10:59 AM
Part 5 update....
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charles w mulaney jr
मम्मी को चुंबन का एहसास हुआ , उनको अपने शरीर में एक दम से करंट लगा और वो शॉक रह गई। उन्होंने अंकल पर गुस्सा दिखाया और उठकर चली गई और इससे अंकल भी डर गए।
अंकल: सॉरी-सॉरी वो गलती से हो गया.
मम्मी थोड़ी देर में पानी लेके आई और बोली- लो पानी. आप तो बोल रहे थे , आपको सिर्फ मानसिक समर्थन चाहिए..
अंकल: सॉरी वो आपको पता है ना इतने दिनों से मैं अकेली हूं और आप कितनी ख़ूबसूरत हो...
मम्मी: क्या?
अंकल: हॉट भी है.
मम्मी: मैं कहा से हॉट हू. मैं तो बुड्ढी हो गई हू. एक बच्चे हैं वह भी बड़े और आपको मेरे अंदर पता नहीं क्या दिखता है।
अंकल: सिर्फ कलर और साइज़ ही मायने नहीं रखता है भाभी. आपका नेचर, आपकी आदतें और आपके नारियल तो मुझे घायल ही कर देते हैं।
मम्मी कुछ नहीं बोली.
फिर अंकल बोले: आई लव यू पंखुरी , मेरा मतलब है पंखुरी भाभी.
मम्मी फिर कुछ नहीं बोली.
अंकल : बोलो ना भाभी क्या हुआ?
मम्मी: नहीं, मैं अभी भी सोच रही हूं, कि ये गलत है।
फिर अंकल ने मम्मी को अपने पास खींच लिया और अब मम्मी अंकल से बिल्कुल चिपक गई थी।
अंकल ने कहा: मैं आपके साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता भाभी। जो आपका मन करेगा वही होगा और मुझे वो उम्मीद सिर्फ आपसे है , इसलिए मैंने ये सब यहां आ के बोल रहा हूं ।
मम्मी अंकल को मायूस देखते हुए बोली: रोहित जी, वो तो सही है, पर आप जानते हैं कि मेरे इतने बड़े बच्चे हैं और आपका यहां ऐसा आना-जाना कुछ ठीक नहीं है।
अंकल: ठीक है फिर मैं चल जाता हूँ.
और अंकल चले गये. मम्मी अंकल के बारे में ही सोचती रही। फिर अंकल का मैसेज आया-
अंकल : हाय पंखुरी , कैसी हो?
मम्मी ने रिप्लाई किया: मैं ठीक हूं। आप कैसे हैं?
अंकल: बस आपसे बात करने की इच्छा थी, इसलिए मैसेज किया। मुझे वास्तव में आप जैसे किसी महिला की आवश्यकता है। पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
मम्मी: ठीक है.
अंकल : कल आऊंगा आपके पास चाय पीने.
मम्मी : ठीक है.
अगले दिन मम्मी भी अच्छे से तैयार हो गईं। अब ऐसा लगने लगा था, कि मम्मी भी अंकल से इम्प्रेस हो चुकी थी। पापा तो अपने बिजनेस में बिजी थे और शायद मम्मी के मन में भी कोई दबी हुई चिंगारी जाग उठी थी और उनके मन में कुछ था अंकल के लिए।
मम्मी ने आसमानी रंग की साड़ी पहनी थी डीप क्लीवेज वाले ब्लाउज के साथ और मस्त लुक में थी।
अंकल दरवाजे पर आये और बोले: नयन, कहां है तुम्हारी मम्मी?
मैने कहा: कमरे में हैं।
अंकल अंदर आये और अंदर आते ही उनको किसी चीज का परफ्युम का गंध का एहसास हुआ। फिर मम्मी अंकल के सामने आए और अंकल समझ गए, कि वो परफ्युम का गंध मम्मी से आ रही थी।
मम्मी कुछ नहीं बोली और चाय बनाने चली गई। अंकल कुछ देर बैठने के बाद किचन में मम्मी की मदद करने चले गए । पता नहीं अज कहा से अंकल के अंदर इतना जोश आया था कि उन्होंने जा के सीधे मम्मी को कमर से पकड़ लिया।
अचानक अंकल के पकड़ने से मम्मी एक-दम डर गई। पहले मम्मी कुछ नहीं बोलीं, फिर मम्मी ने कहा- ये क्या कर रहे हो ? ये सब नहीं रोहित जी.
अंकल : पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ. क्या आप भी मुझसे प्यार करती हो? सच-सच बताना.
मम्मी : हां करती हूं , लेकिन ये सब नहीं रोहित जी। मैं सिर्फ आपकी मदद कर रही हुं
अंकल तो पागल से हो गए थे. आज वह ज्यादा खुश थे. अंकल को लगने लगा, जैसे उनको जन्नत मिल गई थी और वह मम्मी को पीछे से किस करने लग गए थे। मम्मी दूर हो गई और अंकल को अलग निगाहों से देख कर बोली-
मम्मी: मैंने इन सब के लिए नहीं कहा.
अंकल के आखों में आंसू थे, पर ख़ुशी के। उन्होंने कहा-
ये भी प्यार का एक भाग है, पर अभी आप अप्सरा लग रही हो, इसलिए। और सच में, मैंने आपसे प्यार किया है, कोई हवस नहीं ।
मम्मी : आप बाहर जाइये, में चाय लेके आती हूं।
फिर अंकल बाहर आके बैठ गए. मम्मी चाय लेकर आई और दोनो ने बैठ के चाय पी। मम्मी अंकल को निहार रही थी. अंकल मम्मी को निहार रहे थे और मम्मी अंकल को इधर-उधर की बातें समझा रही थीं।
मम्मी अंकल को लाइफ में आगे बढ़ाने के लिए बोल रही थी और अंकल 'ओके-ओके' कह रहे थे हर बात पे। फिर अंकल चले गए. मैंने देखा, कि मम्मी भी काफी खुश थीं। उनको भी अंकल से बात करके काफी अच्छा महसूस हो रहा था और उनका समय भी अच्छे से पास हो रहा था। फिर एक दिन अंकल ने मैसेज किया - पंखुरी भाभी , मेरे घर पर कलर पड़े हैं. आप आएंगी खेलें?
मम्मी ने बोला: होली का त्योहार खत्म हो गया है .
अंकल ने कहा: होली ख़ुशी और प्यार का त्यौहार है। जो मेरी जिंदगी में अभी - अभी आया है , प्लीज़ आ जाइये.
अंकल मम्मी से अब खुलकर प्यार करना चाहते थे, इसलिए वो ऐसा कर रहे थे। ( जहां तक मुझे समझ आ रहा था )
अंकल: अगर आप मुझसे सच में प्यार करती हैं तो आओ ना प्लीज़. इससे मुझे ख़ुशी मिलेगी।
फिर मम्मी ने कहा: देखती हूं.
दोनों की किस्मत अच्छी थी, कि पापा किसी काम के सिलसिले में 2 दिन के लिए बाहर चले गए।
अगले दिन मम्मी अंकल के घर गयीं। आज मम्मी ने खीर बनाई थी, जो बहुत अच्छी बनी थी। मम्मी वही खीर अंकल के लिए लेके गई थी। अंकल भी घर पर ही थे. उन्होंने कहा-
अंकल: आओ भाभी , आख़िरकार आप आ ही गई होली खेलने के लिए।
मम्मी ने कहा: नहीं, मैंने खीर बनाई थी, तो देने आई थी। आपको खीर अच्छी लगती है ना।
अंकल ने कहा: मुझे आप ज्यादा अच्छी लगती हो।
मम्मी थोड़ा सा हंसी और वापस घर आ गई। मम्मी फिर दोपहर 4 बजे अंकल के घर गई। अंकल ने सफ़ेद रंग का कुर्ता-पायजामा पहना हुआ था, ( जैसे लोग होली पे पहनते हैं ) । मम्मी ने नॉर्मल पर्पल साड़ी पहनी थी, लेकिन मम्मी भी कुछ कम नहीं लग रही थी।
अंकल को देखकर मम्मी बोली: हाय राम आपने ये क्यों?
अंकल बोले: मुझे पता था आप आएंगी.
मम्मी ने कहा: में होली खेलने नहीं, में तो बस बर्तन लेने आई थी।
और मम्मी हंसने लगी. फिर अंकल मम्मी को देख के बोले -
हाहा मज़ाक मत करये प्लीज़ , भाभी.
और उन्हें कटोरे में गुलाल के रंग मिलाकर रखें थे । अंकल ने प्यार से मम्मी को रंग लगाया।
मम्मी ने कहा: नहीं, बाहर जाऊंगी तो कोई देख लेगा।
अंकल ने कहा: वो बाद में देख लेंगे।
अंकल ने जमकर मम्मी को रंग लगाया और मस्ती में मम्मी के कमर पर भी रंग लगा दिया। फिर अंकल ने कहा- में ही लगता रहूंगा क्या?
फिर मम्मी ने भी अंकल को कलर लगाया और जैसे ही मम्मी ने कलर लगाया, अंकल ने पास में आके मम्मी के टांग अड़ा दी, जिसे मम्मी का बैलेंस बिगड़ गया और पल्लू हट गया।
मम्मी के सुनहरे चूची के अंकल को दर्शन हो गए और अंकल के पजामे में उसका असर नज़र आने लगा। मम्मी ने फिर भी पल्लू सही नहीं किया और पहले अंकल को कलर लगाया।
अंकल ने भी मजे से कलर लगवाया और फिर पीछे से जग लेकर मम्मी पर पानी वाला रंग डाल दिया। इसे मम्मी को एक-दम गुस्सा आया और उन्हें भी अंकल का हाथ मोड़ के पानी वाला रंग डाल दिया। अब दोनों मस्ती के मूड में।
अंकल ने मम्मी को खींचा और ज़ोर से चुंबन किया। दोनों के चुंबन से उम्म.. उम्म.. आवाज आ रही थी। मम्मी ने अंकल को धक्का दिया और वो एक-दम होश में आ गई। फिर उन्हें पल्लू सही किया और महसूस किया, कि ये क्या हुआ था। अंकल ने मम्मी को पास किया और नीचे बैठ के प्रपोज किया- पंखुरी भाभी, पंखुरी.. मैं सच में सच्चा प्यार करता हूं तुमसे और ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता हूं, कि तुम किसी को धोखा दो। तुम बस मेरे साथ रहो, मुझे वही चाहिए।
और मम्मी ने उनका प्रपोजल स्वीकार करते हुए कहा: ठीक है रोहित जी।
अंकल उठे और उन्हें मम्मी को कमर से पकड़ा और पास में लेके फिर से चुंबन करने लगे। इस बार मम्मी ने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर बाद पीछे हट के कहा- अब जाऊं मैं ? खेल ली होली?
अंकल : भाभी अभी कहा ? अभी तो बहुत कुछ...
मम्मी : रोहित जी नहीं.
अंकल : प्लीज़ भाभी.
और अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और कहा: खेलो ना।
मम्मी को जोश आया और उनके पीछे से पूरा एक जग अंकल पे डाल दिया और हंसने लगी-
मम्मी: हेहेहेहे.
अंकल : अच्छा, मौके पर चौका?
और अंकल ने अपना कुर्ता उतार दिया और बोले : आपने तो पूरा गीला कर दिया मुझे।
मम्मी शरमाने लगी और अंकल को ऐसे देख कर उनके गाल लाल हो चुके थे।
मम्मी ने कहा: ये क्या, आपने तो कुर्ता ही उतार दिया। होली ही तो खेल रहे हैं.
अंकल ने फिर से कलर लिया और इस बार जान-बूझ के मम्मी का पल्लू हटा कर उनके कंधे पर और ब्लाउज को साइड करके खूब कलर लगाया।
मम्मी : रोहित जी...
अंकल ने मम्मी की एक ना सुनी और ब्लाउज साइड में करके ही कलर लगाया। मम्मी ने भी अंकल हो धक्का देके पूरा कलर उनका गिरा दिया और कहा- अब ख़तम हो गया कलर. अब मैं जाउ?
अंकल ने मम्मी को खींच कर फिर चुंबन किया और कहा-
जाने का नाम भी मत लो पंखुरी . अभी तो आई हो 15 मिनट पहले। प्यार भी नहीं करने देती मेरी जान.
मम्मी : रोहित जी, मैं तो बर्तन लेने आई थी और आप यहां..
अंकल ने मम्मी को पास खींचा और माथे पर चुंबन करके कहा: पंखुरी आई लव यू..
फ़िर अंकल ने पूछा: क्या तुम मुझसे प्यार करती हो पंखुरी ?
मम्मी ने कहा: आप भी ना .
अंकल ने बस खुश होके मम्मी को उठाया और बेडरूम में बिस्तर पर लेटा दिया।
पहले की मम्मी कुछ रिएक्ट करती थी, मम्मी को चुंबन करना शुरू कर दिया और सच कहूं तो उस वक्त उनकी आंखों में आंसू थे।
अंकल : सच में मैं आपसे प्यार करता हूं। मैं आप से प्यार करती हूं पंखुरी जी।
मम्मी ने कुछ नहीं कहा
फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी को नीचे करके नाभि पे चुंबन किया और मम्मी के मुँह से आह.. निकल गई। अंकल और भी जोश में आ गए और मम्मी की साड़ी को नीचे कर दिया। मम्मी ने उन्हें रोके हुए कहा- रोहित जी, नहीं...
अंकल मम्मी के ऊपर आये और उनको चुंबन करते हुए उनके चूची दबाने लगे। फ़िर अंकल बोले- मैंने खीर तो खाली , पर आज मैं आपका मीठा दूध पीना चाहता हूँ।
आप सच में बहुत-बहुत खूबसूरत हैं। आपकी सेक्सी अदाओ पे मैं फिदा हूं। मुझे बहुत औरतें, भाभी और लड़कियां दिखीं, पर आपका नेचर बहुत अलग है।
मम्मी अपनी तारीफ सुनने लगी और कहा- आप भी ना, कुछ भी बोल रहे हैं।
फिर अंकल ने मम्मी के ब्लाउज को खोला और ब्रा भी खोल दी। अब मम्मी भी तैयार थी. मम्मी को आख़िरकार अंकल से प्यार हो ही गया। ( आप जानते ही हैं, इमोशनल प्यार और हवस का मेल हो ही जाता है। )
अंकल ने बहुत सॉफ्ट आवाज में कहा: आज मुझे स्वर्ग मिला है।
ये सुन कर मम्मी ने अपनी आंखें नीचे कर ली। अंकल ने मम्मी के दोनो चूचियों को दबाया और चूसा। अब अंकल के लंड का तंबू बन चूका था और इसका एहसास मम्मी को भी हो रहा था और मम्मी भी अब गरम हो ही चुकी थी।
आह.. उह.. की आवाज़ से अंकल और गरम हो गए और मम्मी की साड़ी निकाल दी। मम्मी ऊपर से नंगी और पेटीकोट में एक दम बम लग रही थी।
मम्मी ने भी अंकल से बोल - मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ. प्लीज मुझे छोड़ दो , इससे आगे मत बढ़िएगा। मैं अपने पति और बच्चों को दुखी नहीं देख सकती।
अंकल ने कहा: मैं आपके घर पर कभी कोई आंच नहीं आने दूंगा। मैं सिर्फ आपसे प्यार ही करना चाहता हूं।
अंकल ने फिर मम्मी का पेटीकोट भी हटा दिया और वो अभी भी उनके चूची से खेल रहे थे और मम्मी को गुदगुदी कर रहे थे। मम्मी आह.. आह.. सिसकियाँ ले रही थी.
अंकल मम्मी की सेक्सी आहें सुनकर पागल हो गए। फिर उन्हें जल्दी से मम्मी की पैंटी हटा दी। पैंटी हटाते मम्मी की क्लीन-शेव्ड चूत अंकल के सामने आ गई और उन्होंने तुरंत अपनी जुबान मम्मी की चूत में लगा दी।
फ़िर अंकल ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की चूत को चाटने लग गये। मम्मी भी पागल हो रही थी और आअहह.. आअहह… उम्म.. आअहह.. की आवाज कर रही थी। मम्मी अंकल का सर अपनी चूत में दबाये जा रही थी।
फ़िर अंकल एक हाथ से मम्मी के चूची दबा रहे थे और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहे थे। मम्मी मस्त आहें भर रही थी और अंकल को भी बहुत मजा आ रहा था । अंकल का लंड खंभे की तरह खड़ा था और मम्मी सिसकियाँ लेते हुए झड़ गयी। मम्मी के चेहरे पर सुकून साफ दिख रहा था।
अंकल ने मम्मी के चुचियों चूस-चूस के लाल कर दिया और फिर उन्हें कहा- आई लव यू मेरी रानी.
मम्मी भी शर्म रही थी. फ़िर अंकल ने अपना पजामा उतारा और अपना लंड बाहर निकाल कर मम्मी की चूत के मुँह पर सेट कर लिया। मम्मी ने उनका लंड देख के कहा- ओह! इतना बड़ा. और मम्मी हंस पड़ी. अब मम्मी भी अंकल का साथ दे रही थी। इतने उमर होने के बाद भी अंकल ने मम्मी में जोश ला दिया था। मम्मी की आवाज़ पूरे कमरे में गुंज रही थी।
मम्मी : आआहह.. रोहित जी आआहह..
अंकल : आअहह.. पंखुरी आअहह..
ऐसे ही दोनो अब एक-दूसरे को नाम से बुला रहे थे। अंकल ने लंड चूत के अंदर डाल दिया और मम्मी चिल्लाई-
आअहह.. आराम से करो.
अब मम्मी के मुँह पर हल्का सा डर भी दिख रहा था। अंकल ने जब मम्मी के चहरे पर डर देखा तो अपना लंड मम्मी की चूत से निकल लिया और मम्मी से पूछा- भाभी क्या हुआ?
मम्मी ने कहा: रोहित जी, अगर किसी को भी इसका पता चला, तो हम सब बर्बाद हो जायेंगे।
अंकल ने मम्मी की बात को रोककर कहा: आपको भरोसा है मुझ पर?
मम्मी ने कहा: हां हां .
फिर अंकल ने मम्मी को चुंबन दिया और लंड फिर से चूत के अंदर डाल दिया। फ़िर मम्मी आआ.. आआहह.. करने लगी. अंकल ने ज़ोर से धक्का और मम्मी हर धक्के के साथ ओह्ह.. आह.. करके मजे ले रही थी। मम्मी के चुचियों हिल रहे थे और उनकी सांसें तेज़ थीं। फच फच की आवाज आ रही थी.
मम्मी : आआह.. आराम से.
अंकल ज़ोर-ज़ोर से चोद रहे थे और बार-बार 'आई लव यू' बोल रहे थे। कुछ मिनट की दमदार चुदाई के बाद, अंकल ने अपना गरम पानी मम्मी की चूत के बाहर निकाल दिया और दोनों अब नंगे बिस्तर पर पड़े थे। वो एकदम पति-पत्नी की तरह लेते थे और अंकल मम्मी के चूची से खेलते हुए पूछ रहे थे-
अंकल : पंखुरी , तुम खुश हो ना?
मम्मी ने कहा: हां , पर मेरे को डर भी है।
अंकल ने कहा: डरो मत जान.
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charles w mulaney jr
मम्मी को चुंबन का एहसास हुआ , उनको अपने शरीर में एक दम से करंट लगा और वो शॉक रह गई। उन्होंने अंकल पर गुस्सा दिखाया और उठकर चली गई और इससे अंकल भी डर गए।
अंकल: सॉरी-सॉरी वो गलती से हो गया.
मम्मी थोड़ी देर में पानी लेके आई और बोली- लो पानी. आप तो बोल रहे थे , आपको सिर्फ मानसिक समर्थन चाहिए..
अंकल: सॉरी वो आपको पता है ना इतने दिनों से मैं अकेली हूं और आप कितनी ख़ूबसूरत हो...
मम्मी: क्या?
अंकल: हॉट भी है.
मम्मी: मैं कहा से हॉट हू. मैं तो बुड्ढी हो गई हू. एक बच्चे हैं वह भी बड़े और आपको मेरे अंदर पता नहीं क्या दिखता है।
अंकल: सिर्फ कलर और साइज़ ही मायने नहीं रखता है भाभी. आपका नेचर, आपकी आदतें और आपके नारियल तो मुझे घायल ही कर देते हैं।
मम्मी कुछ नहीं बोली.
फिर अंकल बोले: आई लव यू पंखुरी , मेरा मतलब है पंखुरी भाभी.
मम्मी फिर कुछ नहीं बोली.
अंकल : बोलो ना भाभी क्या हुआ?
मम्मी: नहीं, मैं अभी भी सोच रही हूं, कि ये गलत है।
फिर अंकल ने मम्मी को अपने पास खींच लिया और अब मम्मी अंकल से बिल्कुल चिपक गई थी।
अंकल ने कहा: मैं आपके साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता भाभी। जो आपका मन करेगा वही होगा और मुझे वो उम्मीद सिर्फ आपसे है , इसलिए मैंने ये सब यहां आ के बोल रहा हूं ।
मम्मी अंकल को मायूस देखते हुए बोली: रोहित जी, वो तो सही है, पर आप जानते हैं कि मेरे इतने बड़े बच्चे हैं और आपका यहां ऐसा आना-जाना कुछ ठीक नहीं है।
अंकल: ठीक है फिर मैं चल जाता हूँ.
और अंकल चले गये. मम्मी अंकल के बारे में ही सोचती रही। फिर अंकल का मैसेज आया-
अंकल : हाय पंखुरी , कैसी हो?
मम्मी ने रिप्लाई किया: मैं ठीक हूं। आप कैसे हैं?
अंकल: बस आपसे बात करने की इच्छा थी, इसलिए मैसेज किया। मुझे वास्तव में आप जैसे किसी महिला की आवश्यकता है। पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
मम्मी: ठीक है.
अंकल : कल आऊंगा आपके पास चाय पीने.
मम्मी : ठीक है.
अगले दिन मम्मी भी अच्छे से तैयार हो गईं। अब ऐसा लगने लगा था, कि मम्मी भी अंकल से इम्प्रेस हो चुकी थी। पापा तो अपने बिजनेस में बिजी थे और शायद मम्मी के मन में भी कोई दबी हुई चिंगारी जाग उठी थी और उनके मन में कुछ था अंकल के लिए।
मम्मी ने आसमानी रंग की साड़ी पहनी थी डीप क्लीवेज वाले ब्लाउज के साथ और मस्त लुक में थी।
अंकल दरवाजे पर आये और बोले: नयन, कहां है तुम्हारी मम्मी?
मैने कहा: कमरे में हैं।
अंकल अंदर आये और अंदर आते ही उनको किसी चीज का परफ्युम का गंध का एहसास हुआ। फिर मम्मी अंकल के सामने आए और अंकल समझ गए, कि वो परफ्युम का गंध मम्मी से आ रही थी।
मम्मी कुछ नहीं बोली और चाय बनाने चली गई। अंकल कुछ देर बैठने के बाद किचन में मम्मी की मदद करने चले गए । पता नहीं अज कहा से अंकल के अंदर इतना जोश आया था कि उन्होंने जा के सीधे मम्मी को कमर से पकड़ लिया।
अचानक अंकल के पकड़ने से मम्मी एक-दम डर गई। पहले मम्मी कुछ नहीं बोलीं, फिर मम्मी ने कहा- ये क्या कर रहे हो ? ये सब नहीं रोहित जी.
अंकल : पंखुरी मैं तुमसे प्यार करता हूँ. क्या आप भी मुझसे प्यार करती हो? सच-सच बताना.
मम्मी : हां करती हूं , लेकिन ये सब नहीं रोहित जी। मैं सिर्फ आपकी मदद कर रही हुं
अंकल तो पागल से हो गए थे. आज वह ज्यादा खुश थे. अंकल को लगने लगा, जैसे उनको जन्नत मिल गई थी और वह मम्मी को पीछे से किस करने लग गए थे। मम्मी दूर हो गई और अंकल को अलग निगाहों से देख कर बोली-
मम्मी: मैंने इन सब के लिए नहीं कहा.
अंकल के आखों में आंसू थे, पर ख़ुशी के। उन्होंने कहा-
ये भी प्यार का एक भाग है, पर अभी आप अप्सरा लग रही हो, इसलिए। और सच में, मैंने आपसे प्यार किया है, कोई हवस नहीं ।
मम्मी : आप बाहर जाइये, में चाय लेके आती हूं।
फिर अंकल बाहर आके बैठ गए. मम्मी चाय लेकर आई और दोनो ने बैठ के चाय पी। मम्मी अंकल को निहार रही थी. अंकल मम्मी को निहार रहे थे और मम्मी अंकल को इधर-उधर की बातें समझा रही थीं।
मम्मी अंकल को लाइफ में आगे बढ़ाने के लिए बोल रही थी और अंकल 'ओके-ओके' कह रहे थे हर बात पे। फिर अंकल चले गए. मैंने देखा, कि मम्मी भी काफी खुश थीं। उनको भी अंकल से बात करके काफी अच्छा महसूस हो रहा था और उनका समय भी अच्छे से पास हो रहा था। फिर एक दिन अंकल ने मैसेज किया - पंखुरी भाभी , मेरे घर पर कलर पड़े हैं. आप आएंगी खेलें?
मम्मी ने बोला: होली का त्योहार खत्म हो गया है .
अंकल ने कहा: होली ख़ुशी और प्यार का त्यौहार है। जो मेरी जिंदगी में अभी - अभी आया है , प्लीज़ आ जाइये.
अंकल मम्मी से अब खुलकर प्यार करना चाहते थे, इसलिए वो ऐसा कर रहे थे। ( जहां तक मुझे समझ आ रहा था )
अंकल: अगर आप मुझसे सच में प्यार करती हैं तो आओ ना प्लीज़. इससे मुझे ख़ुशी मिलेगी।
फिर मम्मी ने कहा: देखती हूं.
दोनों की किस्मत अच्छी थी, कि पापा किसी काम के सिलसिले में 2 दिन के लिए बाहर चले गए।
अगले दिन मम्मी अंकल के घर गयीं। आज मम्मी ने खीर बनाई थी, जो बहुत अच्छी बनी थी। मम्मी वही खीर अंकल के लिए लेके गई थी। अंकल भी घर पर ही थे. उन्होंने कहा-
अंकल: आओ भाभी , आख़िरकार आप आ ही गई होली खेलने के लिए।
मम्मी ने कहा: नहीं, मैंने खीर बनाई थी, तो देने आई थी। आपको खीर अच्छी लगती है ना।
अंकल ने कहा: मुझे आप ज्यादा अच्छी लगती हो।
मम्मी थोड़ा सा हंसी और वापस घर आ गई। मम्मी फिर दोपहर 4 बजे अंकल के घर गई। अंकल ने सफ़ेद रंग का कुर्ता-पायजामा पहना हुआ था, ( जैसे लोग होली पे पहनते हैं ) । मम्मी ने नॉर्मल पर्पल साड़ी पहनी थी, लेकिन मम्मी भी कुछ कम नहीं लग रही थी।
अंकल को देखकर मम्मी बोली: हाय राम आपने ये क्यों?
अंकल बोले: मुझे पता था आप आएंगी.
मम्मी ने कहा: में होली खेलने नहीं, में तो बस बर्तन लेने आई थी।
और मम्मी हंसने लगी. फिर अंकल मम्मी को देख के बोले -
हाहा मज़ाक मत करये प्लीज़ , भाभी.
और उन्हें कटोरे में गुलाल के रंग मिलाकर रखें थे । अंकल ने प्यार से मम्मी को रंग लगाया।
मम्मी ने कहा: नहीं, बाहर जाऊंगी तो कोई देख लेगा।
अंकल ने कहा: वो बाद में देख लेंगे।
अंकल ने जमकर मम्मी को रंग लगाया और मस्ती में मम्मी के कमर पर भी रंग लगा दिया। फिर अंकल ने कहा- में ही लगता रहूंगा क्या?
फिर मम्मी ने भी अंकल को कलर लगाया और जैसे ही मम्मी ने कलर लगाया, अंकल ने पास में आके मम्मी के टांग अड़ा दी, जिसे मम्मी का बैलेंस बिगड़ गया और पल्लू हट गया।
मम्मी के सुनहरे चूची के अंकल को दर्शन हो गए और अंकल के पजामे में उसका असर नज़र आने लगा। मम्मी ने फिर भी पल्लू सही नहीं किया और पहले अंकल को कलर लगाया।
अंकल ने भी मजे से कलर लगवाया और फिर पीछे से जग लेकर मम्मी पर पानी वाला रंग डाल दिया। इसे मम्मी को एक-दम गुस्सा आया और उन्हें भी अंकल का हाथ मोड़ के पानी वाला रंग डाल दिया। अब दोनों मस्ती के मूड में।
अंकल ने मम्मी को खींचा और ज़ोर से चुंबन किया। दोनों के चुंबन से उम्म.. उम्म.. आवाज आ रही थी। मम्मी ने अंकल को धक्का दिया और वो एक-दम होश में आ गई। फिर उन्हें पल्लू सही किया और महसूस किया, कि ये क्या हुआ था। अंकल ने मम्मी को पास किया और नीचे बैठ के प्रपोज किया- पंखुरी भाभी, पंखुरी.. मैं सच में सच्चा प्यार करता हूं तुमसे और ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता हूं, कि तुम किसी को धोखा दो। तुम बस मेरे साथ रहो, मुझे वही चाहिए।
और मम्मी ने उनका प्रपोजल स्वीकार करते हुए कहा: ठीक है रोहित जी।
अंकल उठे और उन्हें मम्मी को कमर से पकड़ा और पास में लेके फिर से चुंबन करने लगे। इस बार मम्मी ने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर बाद पीछे हट के कहा- अब जाऊं मैं ? खेल ली होली?
अंकल : भाभी अभी कहा ? अभी तो बहुत कुछ...
मम्मी : रोहित जी नहीं.
अंकल : प्लीज़ भाभी.
और अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और कहा: खेलो ना।
मम्मी को जोश आया और उनके पीछे से पूरा एक जग अंकल पे डाल दिया और हंसने लगी-
मम्मी: हेहेहेहे.
अंकल : अच्छा, मौके पर चौका?
और अंकल ने अपना कुर्ता उतार दिया और बोले : आपने तो पूरा गीला कर दिया मुझे।
मम्मी शरमाने लगी और अंकल को ऐसे देख कर उनके गाल लाल हो चुके थे।
मम्मी ने कहा: ये क्या, आपने तो कुर्ता ही उतार दिया। होली ही तो खेल रहे हैं.
अंकल ने फिर से कलर लिया और इस बार जान-बूझ के मम्मी का पल्लू हटा कर उनके कंधे पर और ब्लाउज को साइड करके खूब कलर लगाया।
मम्मी : रोहित जी...
अंकल ने मम्मी की एक ना सुनी और ब्लाउज साइड में करके ही कलर लगाया। मम्मी ने भी अंकल हो धक्का देके पूरा कलर उनका गिरा दिया और कहा- अब ख़तम हो गया कलर. अब मैं जाउ?
अंकल ने मम्मी को खींच कर फिर चुंबन किया और कहा-
जाने का नाम भी मत लो पंखुरी . अभी तो आई हो 15 मिनट पहले। प्यार भी नहीं करने देती मेरी जान.
मम्मी : रोहित जी, मैं तो बर्तन लेने आई थी और आप यहां..
अंकल ने मम्मी को पास खींचा और माथे पर चुंबन करके कहा: पंखुरी आई लव यू..
फ़िर अंकल ने पूछा: क्या तुम मुझसे प्यार करती हो पंखुरी ?
मम्मी ने कहा: आप भी ना .
अंकल ने बस खुश होके मम्मी को उठाया और बेडरूम में बिस्तर पर लेटा दिया।
पहले की मम्मी कुछ रिएक्ट करती थी, मम्मी को चुंबन करना शुरू कर दिया और सच कहूं तो उस वक्त उनकी आंखों में आंसू थे।
अंकल : सच में मैं आपसे प्यार करता हूं। मैं आप से प्यार करती हूं पंखुरी जी।
मम्मी ने कुछ नहीं कहा
फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी को नीचे करके नाभि पे चुंबन किया और मम्मी के मुँह से आह.. निकल गई। अंकल और भी जोश में आ गए और मम्मी की साड़ी को नीचे कर दिया। मम्मी ने उन्हें रोके हुए कहा- रोहित जी, नहीं...
अंकल मम्मी के ऊपर आये और उनको चुंबन करते हुए उनके चूची दबाने लगे। फ़िर अंकल बोले- मैंने खीर तो खाली , पर आज मैं आपका मीठा दूध पीना चाहता हूँ।
आप सच में बहुत-बहुत खूबसूरत हैं। आपकी सेक्सी अदाओ पे मैं फिदा हूं। मुझे बहुत औरतें, भाभी और लड़कियां दिखीं, पर आपका नेचर बहुत अलग है।
मम्मी अपनी तारीफ सुनने लगी और कहा- आप भी ना, कुछ भी बोल रहे हैं।
फिर अंकल ने मम्मी के ब्लाउज को खोला और ब्रा भी खोल दी। अब मम्मी भी तैयार थी. मम्मी को आख़िरकार अंकल से प्यार हो ही गया। ( आप जानते ही हैं, इमोशनल प्यार और हवस का मेल हो ही जाता है। )
अंकल ने बहुत सॉफ्ट आवाज में कहा: आज मुझे स्वर्ग मिला है।
ये सुन कर मम्मी ने अपनी आंखें नीचे कर ली। अंकल ने मम्मी के दोनो चूचियों को दबाया और चूसा। अब अंकल के लंड का तंबू बन चूका था और इसका एहसास मम्मी को भी हो रहा था और मम्मी भी अब गरम हो ही चुकी थी।
आह.. उह.. की आवाज़ से अंकल और गरम हो गए और मम्मी की साड़ी निकाल दी। मम्मी ऊपर से नंगी और पेटीकोट में एक दम बम लग रही थी।
मम्मी ने भी अंकल से बोल - मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ. प्लीज मुझे छोड़ दो , इससे आगे मत बढ़िएगा। मैं अपने पति और बच्चों को दुखी नहीं देख सकती।
अंकल ने कहा: मैं आपके घर पर कभी कोई आंच नहीं आने दूंगा। मैं सिर्फ आपसे प्यार ही करना चाहता हूं।
अंकल ने फिर मम्मी का पेटीकोट भी हटा दिया और वो अभी भी उनके चूची से खेल रहे थे और मम्मी को गुदगुदी कर रहे थे। मम्मी आह.. आह.. सिसकियाँ ले रही थी.
अंकल मम्मी की सेक्सी आहें सुनकर पागल हो गए। फिर उन्हें जल्दी से मम्मी की पैंटी हटा दी। पैंटी हटाते मम्मी की क्लीन-शेव्ड चूत अंकल के सामने आ गई और उन्होंने तुरंत अपनी जुबान मम्मी की चूत में लगा दी।
फ़िर अंकल ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की चूत को चाटने लग गये। मम्मी भी पागल हो रही थी और आअहह.. आअहह… उम्म.. आअहह.. की आवाज कर रही थी। मम्मी अंकल का सर अपनी चूत में दबाये जा रही थी।
फ़िर अंकल एक हाथ से मम्मी के चूची दबा रहे थे और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहे थे। मम्मी मस्त आहें भर रही थी और अंकल को भी बहुत मजा आ रहा था । अंकल का लंड खंभे की तरह खड़ा था और मम्मी सिसकियाँ लेते हुए झड़ गयी। मम्मी के चेहरे पर सुकून साफ दिख रहा था।
अंकल ने मम्मी के चुचियों चूस-चूस के लाल कर दिया और फिर उन्हें कहा- आई लव यू मेरी रानी.
मम्मी भी शर्म रही थी. फ़िर अंकल ने अपना पजामा उतारा और अपना लंड बाहर निकाल कर मम्मी की चूत के मुँह पर सेट कर लिया। मम्मी ने उनका लंड देख के कहा- ओह! इतना बड़ा. और मम्मी हंस पड़ी. अब मम्मी भी अंकल का साथ दे रही थी। इतने उमर होने के बाद भी अंकल ने मम्मी में जोश ला दिया था। मम्मी की आवाज़ पूरे कमरे में गुंज रही थी।
मम्मी : आआहह.. रोहित जी आआहह..
अंकल : आअहह.. पंखुरी आअहह..
ऐसे ही दोनो अब एक-दूसरे को नाम से बुला रहे थे। अंकल ने लंड चूत के अंदर डाल दिया और मम्मी चिल्लाई-
आअहह.. आराम से करो.
अब मम्मी के मुँह पर हल्का सा डर भी दिख रहा था। अंकल ने जब मम्मी के चहरे पर डर देखा तो अपना लंड मम्मी की चूत से निकल लिया और मम्मी से पूछा- भाभी क्या हुआ?
मम्मी ने कहा: रोहित जी, अगर किसी को भी इसका पता चला, तो हम सब बर्बाद हो जायेंगे।
अंकल ने मम्मी की बात को रोककर कहा: आपको भरोसा है मुझ पर?
मम्मी ने कहा: हां हां .
फिर अंकल ने मम्मी को चुंबन दिया और लंड फिर से चूत के अंदर डाल दिया। फ़िर मम्मी आआ.. आआहह.. करने लगी. अंकल ने ज़ोर से धक्का और मम्मी हर धक्के के साथ ओह्ह.. आह.. करके मजे ले रही थी। मम्मी के चुचियों हिल रहे थे और उनकी सांसें तेज़ थीं। फच फच की आवाज आ रही थी.
मम्मी : आआह.. आराम से.
अंकल ज़ोर-ज़ोर से चोद रहे थे और बार-बार 'आई लव यू' बोल रहे थे। कुछ मिनट की दमदार चुदाई के बाद, अंकल ने अपना गरम पानी मम्मी की चूत के बाहर निकाल दिया और दोनों अब नंगे बिस्तर पर पड़े थे। वो एकदम पति-पत्नी की तरह लेते थे और अंकल मम्मी के चूची से खेलते हुए पूछ रहे थे-
अंकल : पंखुरी , तुम खुश हो ना?
मम्मी ने कहा: हां , पर मेरे को डर भी है।
अंकल ने कहा: डरो मत जान.


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