30-09-2025, 08:50 PM
(This post was last modified: 01-10-2025, 09:54 AM by Dhamakaindia108. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब आगे...part 5 ka update.....
फिर ऐसे ही मम्मी ने अंकल से पूछा-
मम्मी: फिर कब आएगी पायल ?
तो अंकल थोड़े से मायुस हो गए और कहा: असल में मेरे ससुर जी (पायल आंटी के पापा) की तबीयत थोड़ी खराब है, तो उसे मायके से आने में थोड़ी दिन लगेगा । वो चाहती है, कि कुछ और दिन वही रह कर उनकी सेवा करे।
तब मम्मी ने बोला: फिर आपको तो कोई तकलीफ़ नहीं है ना ? सारा काम हो जाता है?
तब अंकल ने कहा: हां काम तो हो जाता है, पर उसकी और टुकटुक ( पायल का बेटा ) की याद बहुत आती है। अब आप तो जानते ही हैं कि……
और अंकल चुप हो गये.
तब मम्मी ने पूछा: क्या बोलो?
अंकल : नहीं कुछ नहीं.
मम्मी: अच्छा ठीक है. आप बैठो आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।
अंकल : नहीं-नहीं भाभी जी, बस अभी चला जाऊंगा . आपसे बात करके अच्छा लगा, धन्यवाद।
मम्मी: अरे आपको थैंक्स गिफ्ट के लिए और अब आप आये हैं, तो कम-से-कम चाय पीकर ही जाओ।
फिर मम्मी उठी और अचानक से उनका पैर सोफा के नीचे गली की वजह से फिसल गया और अंकल ने उनको हाथ से पकड़ लिया और मम्मी गिरने से बच गई।
फ़िर दोनो एक- दूसरे को थोड़ी देर देखते रहे । झुकने की वजह से मम्मी का पल्लू नीचे चला गया और कुछ 7-8 सेकंड बाद, मम्मी एकदम सही हुई और सब सही करके
अंकल को कहा-
मम्मी: धन्यवाद रोहित जी .
अंकल: अरे आप क्या कर रही हैं? अभी लग जाती है।
अंकल: ठीक है, अब मैं चलता हूँ।
मम्मी: नहीं रोहित जी बस थोड़ी देर रूकते ना तुरंत चाय बना कर ले आती हुं ।
और मम्मी गांड मटकाते किचन में गई , अब अंकल का दिल मम्मी को पसंद करने लगा था । मम्मी की मटकी हुईं गांड़ , मम्मी के उछलते हुए चूंचियां , अब अंकल को बेचैन कर रही थी।
मम्मी चाय लेके आई और अंकल को दी। अंकल चाय लेकर पीने लगे और अंकल चाय पीकर अपने घर चले गए . ऐसे ही कुछ दिन निकल गये. अंकल मम्मी और आंटीयों से बात करते रहते थे फिर एक दिन मम्मी और आंटी सब इकट्ठे एक जगह बैठे थे , तब अंकल और टुक-टुक (उनका बेटा) आया तो खुशबू आंटी ने कहा-
खुशबू आंटी : आ गई पायल और टुक-टुक ? ठीक है अब उनके पापा ?
अंकल: नहीं पायल के पिता की तबियत ज्यादा खराब हो गई है. मैं कल गया था और मिल के आया हूँ। मैं फिर टुक-टुक को ले आया, क्योंकि इसकी याद भी आ रही थी और पढ़ाई भी अब खराब हो रही थी इसकी। नई क्लास में हो गया है और छुटियां ख़तम हो चुकी है।
खुशबू आंटी: अच्छा फिर आप इसका और अपना दोनों का काम कर लोगे?
अंकल : हाँ कर लूँगा. बाकी पंखुरी भाभी जी से कह दूंगा, कुछ मदद कर देगी तो अच्छा होगा
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मम्मी: हां भैया , बता देना जो भी काम हो।
फिर अगले दिन अंकल आये कहने-
अंकल: भाभी जी (घर के अंदर आते हुए) वो टुक-टुक के कॉलेज में पेरेंट्स टीचर मीटिंग है और मुझे किसी काम से बाहर जाना है। आप इसको ले जाओगे तो मुझे परेशान नहीं होगी ?
मम्मी: कब है ?
अंकल: अज जाना है और जाना जरूरी है.
मम्मी : ठीक है.
फिर मम्मी उसके साथ कॉलेज आईं और अंकल को आके वह सारी बात बताया , जो टीचर्स ने उनको टुक-टुक के बारे में बताया।
अंकल : धन्यवाद भाभी जी, आज आपने इसकी माँ बनकर बहुत अच्छा काम किया।
मम्मी: ये क्या बोल रहे हो?
अंकल: अरे आप ग़लत मत समझये, एक अभिभावक मम्मी के तौर पर आप ने मेरी मदद की , वरना मुझे काम छोड़ कर जाना पड़ता, धन्यवाद।
मम्मी: अरे इसमें क्या बात है, ये तो मेरा फ़र्ज़ था।
अंकल: हां इसकी मम्मी के और भी कोई फ़र्ज़ है, पर वो अपने पापा के पास है और यहाँ पे अब मैं बहुत अकेला हो गया हूँ।
अंकल मायूस होते हुए सब कह रहे थे।
मम्मी: अरे कहां अकेले है आप. टुक-टुक है ना यहां और आप मेरे साथ भी तो बात कर लेते हो। मुझे बता दिया करो कुछ काम हो तो।
अंकल: अरे भाभी जी, काम के अलावा भी एक पति की भी कुछ जरूरत इच्छा होती है .
मम्मी: हां वो तो है, पर पायल भी क्या कर सकती है. उसका वहां भी रहना जरूरी है.
अंकल मायूस होते हुए बोले: हां.
मम्मी: अब मैं जाती हूं अगर आपको काम हो तो बता देना कोई काम भी ।
अंकल : आपने इतनी मदद की है, वही बहुत है। अब बस पायल की ही कमी महसूस हो रही है, वो आप थोड़ी पूरी कर सकते हैं।
इस बात पर मम्मी कुछ नहीं बोलीं। फिर अंकल चले गए और मम्मी भी अपना काम करने लगी गईं। फिर एक दिन,
रोहित अंकल बिल्कुल अच्छे से तैयार होकर , टाइट टी-शर्ट पहन के, परफ्यूम लगा के, जींस पहन के और गले में सोने की चेन दाल के, अच्छे से तैयार होकर आये और बेल बजाई।
मम्मी ने भी आज अच्छी साड़ी पहन ली थी। मम्मी ने दरवाजा खोला और अंकल को देख कर शॉक हो गई और पूछा-
मम्मी: क्या हुआ इतना सज संवर कर कहा चल दिए ?
अंकल: कुछ नहीं भाभी , आज टुक-टुक मूवी देखने जाने की जिद कर रहा था, तो मैंने सोचा आप से भी पूछ लूं।
मम्मी: नहीं-नहीं मुझे मूवी का शोक नहीं है। आप नयन से पूछ लो।
अंकल: नहीं-नहीं आप सब लोग चलिए. आप , भाईसाहब और नयन सब चलो, हम घूम-फिर के आएंगे।
मम्मी: आपके भाई साहब तो बिजनेस के काम से बाहर गए हैं।
ये बात सुन कर, अंकल तो मानों एक दम खुश हो गए। उनकी आंखों में चमक आ गई थी। अब तक तो वो ऐसे ही पूछने आये थे, पर अब उनके दिमाग में कुछ अलग ही चल रहा था।
अंकल: तो आप दोनों चलो .
मम्मी: नहीं । आप , नयन और टुक-टुक चले जाओ।
फिर मैं आया और अंकल ने मुझसे पूछा, तो मैं उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया। फिर मैंने मम्मी को भी मना लिया।
अंकल: आप दोनों तैयार हो जाओ। फिर हम चलते हैं.
और हम अंकल की कार में चले गये। फिर अंकल टिकट काउंटर पर गए, तो एक सिंगल टिकट 150 रुपये का और फैमिली टिकट 500 रुपये की मिल रही थी। अंकल ने मेरे से पूछा, तो मैंने कहा-
मैं: हां अंकल, फैमिली टिकट लेलो, इसमें ज्यादा फायदा है।
फिर हम सिनेमा हॉल अंदर गए , तो वह दो टाइप की सीटें थीं। उसमें एक बड़ी जोड़ी के हिसाब से थी और एक बच्चों के हिसाब से सीट था ।
फिर मैं और मम्मी बैठ गईं एक पे और एक पे अंकल और टुक-टुक बैठ गए।
फ़िर हमारे पीछे एक और परिवार था। वो हँसे और उन्होंने कहा-परिवार (सीटों की तरफ इशारा करते हुए): किया सीट्स जोड़ी आपकी है और ये बच्चों की।
तो हमलोगों में से किसी ने कुछ नहीं कहा और पता नहीं अपने आप ही अंकल उठे और हमारी सीट की तरफ आ गए। मैं भी उठकर टुक-टुक के पास चला गया और अंकल और मम्मी एक सीट पर बैठ गए।
फिर मम्मी बोली - अरे आप इधर क्यों आ गये. बोलने दीजिए उन लोगों को , जो बोलते हैं।
अंकल बस थोड़ा सा हंसे और बोले: कोई बात नहीं.
मूवी काफी अच्छी थी और उसमें काफी कॉमेडी सीन था। हम सब फिल्म का मजा ले रहे थे। पहले इंटरवल से, फिल्म में एक हॉट सीन आया। सीन में हीरो-हीरोइन एक दुसरे को चुम रहे थे। उनदोनों की आवाज भी निकल रही थी। उस सीन को देखकर अंकल की पैंट में तंबू बन गया।
मम्मी भी सीन देख कर थोड़ी गरम हो चुकी थी और अंकल ने गलती से मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया। अंकल का हाथ लगने से मम्मी को एक दम करंट लग गया। मम्मी ने पहले तो कुछ नहीं कहा, लेकिन फिर अंकल का हाथ हटा दिया।
फिर इंटरवल हो गया और अंकल टॉयलेट के लिए जाने लगे। मैं समझ गया, कि अंकल अपना लंड शांत करने के लिए टॉयलेट जा रहे थे। जब उन्होंने मुझे और टुक-टुक को टॉयलेट जाने के लिए पूछा, तो हमने मन कर दिया। मम्मी ने कहा-मुझे भी बाथरूम में जाना है.
फ़िर मम्मी और अंकल बाथरूम जाने के लिए निकल गये। मूवी अच्छी थी। मम्मी आगे थी और अंकल उनके पीछे थे चले जा रहे थे ।
इंटरवल के बाद फिर फिल्म शुरू हो गई और अंकल ने कई सीन में मम्मी के जांघों पर हाथ रखा। मम्मी बार-बार अंकल का हाथ अपनी जांघों से हट रही थी।
मम्मी ने अजीब सा मुँह बनाकर , अंकल की तरफ गुस्से से देख रही थी । लेकिन अंकल आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके थे। अंकल करते भी क्या, इतनी देर से उनको चुदाई करने को जो नहीं मिली थी। फिर फिल्म के बाद हम सब घर आ गए और मम्मी ने सब लोगों के लिए खाना बना दिया।
जब मम्मी खाना परोस रही थी तो उनका पल्लू थोड़ा साइड हो गया। जैसे ही मम्मी का पल्लू साइड हुआ, तो अंकल ने मम्मी के चूंचियों पर अपनी नजर डाल ली। मम्मी भी समझ गई थी और उनको काफी अजीब भी लग रहा था। मम्मी को ये सब बहुत गलत लग रहा था।
डिनर करने के बाद, अंकल और टुक-टुक अपने घर वापस चले गए। फ़िर ऐसे ही अंकल एक दिन आये और मम्मी को आवाज़ लगायी। मम्मी अंकल की आवाज सुनकर बाहर चली गई और उनसे आवाज लगाने का कारण पूछा।
फ़िर अंकल बोले- सॉरी पंखुरी , ओह! भाभी.
मम्मी अंकल के मुंह से अपना नाम सुनकर थोड़ा शॉक हो गई और थोड़ा अलग व्यवहार कर के कहा- बोलो क्या हुआ?
अंकल : पंखुरी आई लव यू. आप ने मुझसे होली पर रंग लगावाया , आप टुक-टुक के कॉलेज गए और मेरी खीर बनाने में हेल्प की। तब से मेरे दिल में आपके लिए कुछ-कुछ होना शुरू हो गया है।
मम्मी पहले तो एक दम से चुप हो गई और फिर बोली-
मम्मी: क्या.. क्या.. क्या बोल रहे हो तुम. दिमाग तो ठीक है तुम्हारा.
फिर मम्मी गुस्से में बोलीं- पायल यहां नहीं है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी बोलो। मैंने तो बस आपकी पड़ोसन होने के नाते मदद की थी।
अंकल मायूस हो गए और बोले: मैंने जो कहा, एकदम सच कहा। मैं तुमसे प्यार करता हूं, आई लव यू पंखुरी।
फिर मम्मी ने अंकल को वहां से जाने के लिए कहा। अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उसे किस कर दी। मम्मी बहुत गुस्से में थीं और अंकल किस करने के बाद चले गए।
माँ पूरा दिन सोचती रही. मम्मी बहुत मायुस थी, जो भी हुआ उसके बारे में सोच रही थी ।
फिर ऐसे ही मम्मी ने अंकल से पूछा-
मम्मी: फिर कब आएगी पायल ?
तो अंकल थोड़े से मायुस हो गए और कहा: असल में मेरे ससुर जी (पायल आंटी के पापा) की तबीयत थोड़ी खराब है, तो उसे मायके से आने में थोड़ी दिन लगेगा । वो चाहती है, कि कुछ और दिन वही रह कर उनकी सेवा करे।
तब मम्मी ने बोला: फिर आपको तो कोई तकलीफ़ नहीं है ना ? सारा काम हो जाता है?
तब अंकल ने कहा: हां काम तो हो जाता है, पर उसकी और टुकटुक ( पायल का बेटा ) की याद बहुत आती है। अब आप तो जानते ही हैं कि……
और अंकल चुप हो गये.
तब मम्मी ने पूछा: क्या बोलो?
अंकल : नहीं कुछ नहीं.
मम्मी: अच्छा ठीक है. आप बैठो आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।
अंकल : नहीं-नहीं भाभी जी, बस अभी चला जाऊंगा . आपसे बात करके अच्छा लगा, धन्यवाद।
मम्मी: अरे आपको थैंक्स गिफ्ट के लिए और अब आप आये हैं, तो कम-से-कम चाय पीकर ही जाओ।
फिर मम्मी उठी और अचानक से उनका पैर सोफा के नीचे गली की वजह से फिसल गया और अंकल ने उनको हाथ से पकड़ लिया और मम्मी गिरने से बच गई।
फ़िर दोनो एक- दूसरे को थोड़ी देर देखते रहे । झुकने की वजह से मम्मी का पल्लू नीचे चला गया और कुछ 7-8 सेकंड बाद, मम्मी एकदम सही हुई और सब सही करके
अंकल को कहा-
मम्मी: धन्यवाद रोहित जी .
अंकल: अरे आप क्या कर रही हैं? अभी लग जाती है।
अंकल: ठीक है, अब मैं चलता हूँ।
मम्मी: नहीं रोहित जी बस थोड़ी देर रूकते ना तुरंत चाय बना कर ले आती हुं ।
और मम्मी गांड मटकाते किचन में गई , अब अंकल का दिल मम्मी को पसंद करने लगा था । मम्मी की मटकी हुईं गांड़ , मम्मी के उछलते हुए चूंचियां , अब अंकल को बेचैन कर रही थी।
मम्मी चाय लेके आई और अंकल को दी। अंकल चाय लेकर पीने लगे और अंकल चाय पीकर अपने घर चले गए . ऐसे ही कुछ दिन निकल गये. अंकल मम्मी और आंटीयों से बात करते रहते थे फिर एक दिन मम्मी और आंटी सब इकट्ठे एक जगह बैठे थे , तब अंकल और टुक-टुक (उनका बेटा) आया तो खुशबू आंटी ने कहा-
खुशबू आंटी : आ गई पायल और टुक-टुक ? ठीक है अब उनके पापा ?
अंकल: नहीं पायल के पिता की तबियत ज्यादा खराब हो गई है. मैं कल गया था और मिल के आया हूँ। मैं फिर टुक-टुक को ले आया, क्योंकि इसकी याद भी आ रही थी और पढ़ाई भी अब खराब हो रही थी इसकी। नई क्लास में हो गया है और छुटियां ख़तम हो चुकी है।
खुशबू आंटी: अच्छा फिर आप इसका और अपना दोनों का काम कर लोगे?
अंकल : हाँ कर लूँगा. बाकी पंखुरी भाभी जी से कह दूंगा, कुछ मदद कर देगी तो अच्छा होगा
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मम्मी: हां भैया , बता देना जो भी काम हो।
फिर अगले दिन अंकल आये कहने-
अंकल: भाभी जी (घर के अंदर आते हुए) वो टुक-टुक के कॉलेज में पेरेंट्स टीचर मीटिंग है और मुझे किसी काम से बाहर जाना है। आप इसको ले जाओगे तो मुझे परेशान नहीं होगी ?
मम्मी: कब है ?
अंकल: अज जाना है और जाना जरूरी है.
मम्मी : ठीक है.
फिर मम्मी उसके साथ कॉलेज आईं और अंकल को आके वह सारी बात बताया , जो टीचर्स ने उनको टुक-टुक के बारे में बताया।
अंकल : धन्यवाद भाभी जी, आज आपने इसकी माँ बनकर बहुत अच्छा काम किया।
मम्मी: ये क्या बोल रहे हो?
अंकल: अरे आप ग़लत मत समझये, एक अभिभावक मम्मी के तौर पर आप ने मेरी मदद की , वरना मुझे काम छोड़ कर जाना पड़ता, धन्यवाद।
मम्मी: अरे इसमें क्या बात है, ये तो मेरा फ़र्ज़ था।
अंकल: हां इसकी मम्मी के और भी कोई फ़र्ज़ है, पर वो अपने पापा के पास है और यहाँ पे अब मैं बहुत अकेला हो गया हूँ।
अंकल मायूस होते हुए सब कह रहे थे।
मम्मी: अरे कहां अकेले है आप. टुक-टुक है ना यहां और आप मेरे साथ भी तो बात कर लेते हो। मुझे बता दिया करो कुछ काम हो तो।
अंकल: अरे भाभी जी, काम के अलावा भी एक पति की भी कुछ जरूरत इच्छा होती है .
मम्मी: हां वो तो है, पर पायल भी क्या कर सकती है. उसका वहां भी रहना जरूरी है.
अंकल मायूस होते हुए बोले: हां.
मम्मी: अब मैं जाती हूं अगर आपको काम हो तो बता देना कोई काम भी ।
अंकल : आपने इतनी मदद की है, वही बहुत है। अब बस पायल की ही कमी महसूस हो रही है, वो आप थोड़ी पूरी कर सकते हैं।
इस बात पर मम्मी कुछ नहीं बोलीं। फिर अंकल चले गए और मम्मी भी अपना काम करने लगी गईं। फिर एक दिन,
रोहित अंकल बिल्कुल अच्छे से तैयार होकर , टाइट टी-शर्ट पहन के, परफ्यूम लगा के, जींस पहन के और गले में सोने की चेन दाल के, अच्छे से तैयार होकर आये और बेल बजाई।
मम्मी ने भी आज अच्छी साड़ी पहन ली थी। मम्मी ने दरवाजा खोला और अंकल को देख कर शॉक हो गई और पूछा-
मम्मी: क्या हुआ इतना सज संवर कर कहा चल दिए ?
अंकल: कुछ नहीं भाभी , आज टुक-टुक मूवी देखने जाने की जिद कर रहा था, तो मैंने सोचा आप से भी पूछ लूं।
मम्मी: नहीं-नहीं मुझे मूवी का शोक नहीं है। आप नयन से पूछ लो।
अंकल: नहीं-नहीं आप सब लोग चलिए. आप , भाईसाहब और नयन सब चलो, हम घूम-फिर के आएंगे।
मम्मी: आपके भाई साहब तो बिजनेस के काम से बाहर गए हैं।
ये बात सुन कर, अंकल तो मानों एक दम खुश हो गए। उनकी आंखों में चमक आ गई थी। अब तक तो वो ऐसे ही पूछने आये थे, पर अब उनके दिमाग में कुछ अलग ही चल रहा था।
अंकल: तो आप दोनों चलो .
मम्मी: नहीं । आप , नयन और टुक-टुक चले जाओ।
फिर मैं आया और अंकल ने मुझसे पूछा, तो मैं उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया। फिर मैंने मम्मी को भी मना लिया।
अंकल: आप दोनों तैयार हो जाओ। फिर हम चलते हैं.
और हम अंकल की कार में चले गये। फिर अंकल टिकट काउंटर पर गए, तो एक सिंगल टिकट 150 रुपये का और फैमिली टिकट 500 रुपये की मिल रही थी। अंकल ने मेरे से पूछा, तो मैंने कहा-
मैं: हां अंकल, फैमिली टिकट लेलो, इसमें ज्यादा फायदा है।
फिर हम सिनेमा हॉल अंदर गए , तो वह दो टाइप की सीटें थीं। उसमें एक बड़ी जोड़ी के हिसाब से थी और एक बच्चों के हिसाब से सीट था ।
फिर मैं और मम्मी बैठ गईं एक पे और एक पे अंकल और टुक-टुक बैठ गए।
फ़िर हमारे पीछे एक और परिवार था। वो हँसे और उन्होंने कहा-परिवार (सीटों की तरफ इशारा करते हुए): किया सीट्स जोड़ी आपकी है और ये बच्चों की।
तो हमलोगों में से किसी ने कुछ नहीं कहा और पता नहीं अपने आप ही अंकल उठे और हमारी सीट की तरफ आ गए। मैं भी उठकर टुक-टुक के पास चला गया और अंकल और मम्मी एक सीट पर बैठ गए।
फिर मम्मी बोली - अरे आप इधर क्यों आ गये. बोलने दीजिए उन लोगों को , जो बोलते हैं।
अंकल बस थोड़ा सा हंसे और बोले: कोई बात नहीं.
मूवी काफी अच्छी थी और उसमें काफी कॉमेडी सीन था। हम सब फिल्म का मजा ले रहे थे। पहले इंटरवल से, फिल्म में एक हॉट सीन आया। सीन में हीरो-हीरोइन एक दुसरे को चुम रहे थे। उनदोनों की आवाज भी निकल रही थी। उस सीन को देखकर अंकल की पैंट में तंबू बन गया।
मम्मी भी सीन देख कर थोड़ी गरम हो चुकी थी और अंकल ने गलती से मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया। अंकल का हाथ लगने से मम्मी को एक दम करंट लग गया। मम्मी ने पहले तो कुछ नहीं कहा, लेकिन फिर अंकल का हाथ हटा दिया।
फिर इंटरवल हो गया और अंकल टॉयलेट के लिए जाने लगे। मैं समझ गया, कि अंकल अपना लंड शांत करने के लिए टॉयलेट जा रहे थे। जब उन्होंने मुझे और टुक-टुक को टॉयलेट जाने के लिए पूछा, तो हमने मन कर दिया। मम्मी ने कहा-मुझे भी बाथरूम में जाना है.
फ़िर मम्मी और अंकल बाथरूम जाने के लिए निकल गये। मूवी अच्छी थी। मम्मी आगे थी और अंकल उनके पीछे थे चले जा रहे थे ।
इंटरवल के बाद फिर फिल्म शुरू हो गई और अंकल ने कई सीन में मम्मी के जांघों पर हाथ रखा। मम्मी बार-बार अंकल का हाथ अपनी जांघों से हट रही थी।
मम्मी ने अजीब सा मुँह बनाकर , अंकल की तरफ गुस्से से देख रही थी । लेकिन अंकल आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके थे। अंकल करते भी क्या, इतनी देर से उनको चुदाई करने को जो नहीं मिली थी। फिर फिल्म के बाद हम सब घर आ गए और मम्मी ने सब लोगों के लिए खाना बना दिया।
जब मम्मी खाना परोस रही थी तो उनका पल्लू थोड़ा साइड हो गया। जैसे ही मम्मी का पल्लू साइड हुआ, तो अंकल ने मम्मी के चूंचियों पर अपनी नजर डाल ली। मम्मी भी समझ गई थी और उनको काफी अजीब भी लग रहा था। मम्मी को ये सब बहुत गलत लग रहा था।
डिनर करने के बाद, अंकल और टुक-टुक अपने घर वापस चले गए। फ़िर ऐसे ही अंकल एक दिन आये और मम्मी को आवाज़ लगायी। मम्मी अंकल की आवाज सुनकर बाहर चली गई और उनसे आवाज लगाने का कारण पूछा।
फ़िर अंकल बोले- सॉरी पंखुरी , ओह! भाभी.
मम्मी अंकल के मुंह से अपना नाम सुनकर थोड़ा शॉक हो गई और थोड़ा अलग व्यवहार कर के कहा- बोलो क्या हुआ?
अंकल : पंखुरी आई लव यू. आप ने मुझसे होली पर रंग लगावाया , आप टुक-टुक के कॉलेज गए और मेरी खीर बनाने में हेल्प की। तब से मेरे दिल में आपके लिए कुछ-कुछ होना शुरू हो गया है।
मम्मी पहले तो एक दम से चुप हो गई और फिर बोली-
मम्मी: क्या.. क्या.. क्या बोल रहे हो तुम. दिमाग तो ठीक है तुम्हारा.
फिर मम्मी गुस्से में बोलीं- पायल यहां नहीं है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप कुछ भी बोलो। मैंने तो बस आपकी पड़ोसन होने के नाते मदद की थी।
अंकल मायूस हो गए और बोले: मैंने जो कहा, एकदम सच कहा। मैं तुमसे प्यार करता हूं, आई लव यू पंखुरी।
फिर मम्मी ने अंकल को वहां से जाने के लिए कहा। अंकल ने मम्मी का हाथ पकड़ा और उसे किस कर दी। मम्मी बहुत गुस्से में थीं और अंकल किस करने के बाद चले गए।
माँ पूरा दिन सोचती रही. मम्मी बहुत मायुस थी, जो भी हुआ उसके बारे में सोच रही थी ।


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