29-09-2025, 02:12 AM
मैंने आगे की कहानी वहीं पर रोक कर अपनी नवविवाहिता ऊषा की ओर देखा,तो ओह अपनी बड़ी बड़ी काजल से भरी आंखे खोले मुझे बारे गौर और उत्सुकता से देखे जा रही थी, आँखें गुलाबी हो रही थी,और ओ अपने बाएं हाथ के पंजे में मेरे अंडकोषों को बरे नरमी से सहलाए जा रही थी,कहानी सुनाने के दौरान मुझे उसकी किसी हरकत का कोई ख्याल ही नहीं हुआ था । सुनाइए न फिर कैसे अपनी बहन को नंगी नचाए,रण्डी मीरा को,वैसे आप लगते तो नहीं कि आप इतने बड़े बहानचोद हो,कहकर ओ हंसने लगी।अरे तुम जैसी छीनाल अगर मिल जाए तो बड़े बड़े ज्ञानी मुनि के लंगोट खुल जाते है,तब फिर मुझ जैसे भोले भाले लड़कों की तो बाते ही मत करो, मैंने भी अपनी बीबी ऊषा के चूंचियों को ब्रा के ऊपर से ही मसलता हुआ बोला।हां हां बड़े शरीफ हैं,आगे बताईए तो कैसे मेरी बूरचूडी ननद मीरा कैसे नाची,साली भोंसड़ी मीरा,गांड़ बूर तो जरूर दिखाई होगी रण्डी।अरे उस दिन को जैसे जैसे मै याद कर कह रहा हूं ,मेरा यह जवान फिर अपना फन फैला रहा है,जी के रहा है इसे अभी तुम्हारे इस गांड़ के छेद में घुसेड़ दूं,मै अपनी बीबी ऊषा के उभरे चूतड़ों पर हाथ की थपकी देता हुआ बोला।अरे अभी इस नागराज के फन को मै शांत कर देती हूं,एक बार और इसके मुंह से निकलते रस का मै रसपान कर लेती हूं।जब तक इसने कैसे मेरी ननद की चूत और गांड़ में अपना वीर्यदान किया,नहीं सुनूंगी तब तक इसे मेरी चूत या गांड़ में जाने ही नहीं दूंगी। चलिए सुनाइए कैसे आपकी बहन मीरा नाची और चूत गांड़ मरवाई।