28-09-2025, 10:26 AM
कहानी 2 : गरीब बूढ़े और जवान वैश्या।
साल 1962
यह कहानी कर्नाटक के एक गांव की है जिसका नाम कर्वी था। इस गांव में एक ही घर था जो 100 साल पुराना था। गांव में एक टूटी फूटी मस्जिद थी जिसे साफ सुथरा रखा गया है। गांव जंगल के बाद आता है। कर्वी गांव में उस टूटे हुए घर में दो लोग रहते है।
(1) नदीम अंसारी : उम्र 65 साल। घर का नौकर।
(2) सलीम मुख्तार : उम्र 78 साल। घर में बीमार पड़ा बुजुर्ग।
गर्मी का वक्त था और धूप हद से ज्यादा सख्त। जंगल को पार कर वीराने कर्वी गांव को तरह एक महिला की दस्तक पड़ी। दिखने में स्वर्ग से आई कोई सुंदरी हो। दूध से गोरी त्वचा पर पसीने को बूंदे बह रही थी। उस जवान सी स्त्री का नाम है मोनिका फर्नांडीज। मोनिका फर्नांडीज बैंगलोर में मशहूर बार डांसर है। उम्र 26 साल और करीब पांच मर्दों के साथ शारीरिक संबंध एक बार बनाया। वो इस काम में एक साल पहले आई और वजह थी उसकी गरीबी। मोनिका की मां जिसका नाम केरन फर्नांडीज है और उम्र 52 साल। मोनिका इस खंडहर गांव में क्या कर रही है ? क्यों वो वहां पर आई है ?
तो वजह है एक महीने पहले घटना की। दरअसल बैंगलोर में एक रात वो डांस कर रही थी और उस वक्त नदीम एक वैश्या की तलाश में था। सलीम और नदीम दोनों को जरूरत थी अपनी शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने की। सलीम और नदीम की शादी नहीं हुई थी और उनका कोई नहीं था। वो बस किसी जवान और बड़े दर्जे की खूबसूरत औरत के साथ अपनी शारीरिक सुख को भोगना चाहते थे। वैसे दोनों बूढ़े दिल के अच्छे है और अपनी जवानी के दिनों में काफी मेहनत से पैसे कमाए लेकिन इस खंडहर गांव में रहने की वजह एक थी। और वो था उनका घर। एक समय ये गांव भी लोगों को चहल पहल से सजा हुआ था लेकिन 20 साल पहले जब भारत पर अंग्रेजी हुकूमत थी तब अंग्रेजों ने कुछ क्रांतिकारी के छुपे होने के शक पर गांव में कत्लेआम मचा दी। हजार की तादात में लोग मारे गए और इतिहास में इस घटना को लोगो के सने उजागर नहीं होने दिया।
अब आते है वास्तविकता पर। करीब एक महीने पहले एक महंगे और अमीर लोगों के बार में मोनिका नाच रही थी। वो इंतजार कर रही थी किसी अमीर ग्राहक का लेकिन उसका नसीब आज थोड़ा अलग हो निकला। आज कोई आया नहीं। मोनिका अपने खूबसूरत बदन को ड्रेस में ढककर घर के लिए निकाली। वहां उसने एक ऑटो पकड़ी और घर पहुंची। अपने घर के जैसे ही वो नजदीक पहुंची तो पीछे से एक आदमी की आवाज आई जो उसे बुला रहा था। एक बूढ़ा और काला आदमी उसके सामने आया। सफेद कुर्ता पैजामा और उपर जालीदार टोपी में वो मोनिका के सामने आ गया। मोनिका जो बहुत अजीब लगा। इतनी रात को कोई उसको नाम से पुकार रहा है और वो भी एक बुजुर्ग आदमी।
"आदाब। आप ही मोनिका है न ?" बूढ़े नदीम अंसारी ने पूछा।
"हां। आपको क्या काम है ?" मोनिका ने पूछा।
नदीम : मैं आपसे क्या अंदर कुछ बात कर सकता हूं ?"
मोनिका : लेकिन मैं आपको जानती नहीं और फिर आपको अंदर कैसे आने दूं ?"
नदीम : मेरा यकीन करिए। आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। मेहरबानी करके मुझे अंदर आने दीजिए। आपसे जरूरी बात करनी है।
मोनिका : ठीक है लेकिन अंदर मेरी मां सो रही है। चुप चाप ऊपरवाले कमरे में मेरे साथ चलिए।
नदीम (चेहरे पर मुस्कान लाते हुए) : जी पहले आप।
मोनिका के घर में दो कमरा, एक किचेन और एक हॉल था। नीचे के कमरे में मां रहती तो ऊपर छोटे कमरे में मोनिका। मोनिका और नदीम दबे पांव ऊपर चले गए।
मोनिका अभी भी western कपड़े के ही थी। नदीम अंदर एक कुर्सी पर बैठा।
नदीम : क्या आप दरवाजा अंदर से बंद कर देंगी। बात कुछ जरूरी और गुप्त है।
मोनिका ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। कमरा इतना बड़ा भी नहीं था। एक बिस्तर दो कुर्सी और अलमारी के साथ अटैच बाथरूम था। दरवाजा बंद करके मोनिका नदीम के पासवाले कुर्सी पर बैठी।
मोनिका : बताइए क्या काम है आपको ?
नदीम : मोनिका मैं बात को घुमाए फिराए बिना तुमसे एक बात कहूंगा।
मोनिका : बताइए।
नदीम : मैं जानता हूं तुम पैसों के लिए एक रात के लिए हमबिस्तर हो जाती हो। क्या तुम कुछ दिनों के लिए हमारे साथ चलोगी हमारे घर ?
मोनिका (हैरान होकर ) : क्या ? यह क्या कह रहे है आप ? आप कितने बूढ़े है और हम कौन ?
नदीम : मेरे मालिक सलीम मुख्तार। हम दोनों तुम्हारे साथ कुछ रातें गुजरना चाहते है।
मोनिका : आप दोनों बूढ़े है और ये मुझसे नहीं होगा। आप लोगों का नाम सुनकर ही......
नदीम : मैने सुना है जिस्म के धंधे में मजहब, अमीर गरीब और उम्र नहीं देखा जाता। पैसा ही आपका सब कुछ होता है।
मोनिका : आप लोगों के बारे में बहुत सुन है। आप लोग बहुत की कट्टर और भयानक होते है।
नदीम : हमारे लोग होते है कट्टर और खराब लेकिन हम दोनों नहीं। हम तुमसे अपने जिंदगी का सुख चाहते है।
मोनिका : तुम लोगो के बारे में बहुत सुन है। तुम लोग बहुत गंदी तरह से औरतों को रखते हो।
नदीम : वैसे तो आप लोग भी इंसान को जानवर मानते हो। मेरे गांव को आपके लोगो ने गोलियों से भून दिया। देखिए देश आजाद है और सभी लोग अब बदल गए। मैने सोचा था कि मुझे यहां कुछ मिलेगा लेकिन तुम तो।
नदीम को आंखों में आंसू आ गए और वो उठकर चल गया। मोनिका को दिल से बुरा लगा लेकिन वो दो बदसूरत बुड्ढों के साथ रहना नहीं चाहती थी।
कुछ दिन गुजरे लेकिन एक दिन मोनिका ने अखबार में पड़ा तो देखा कि जिस बार में वो नाचती है उस बार में सिक्युरिटी ने रेड मारी और भारी तादात में ड्रग्स मिले। सभी बार डांसर्स अंडरग्राउंड हो गए और उसमें मोनिका का मुख्य नाम है। मोनिका डर से कांपने लगी। वो तो इन सब में शामिल भी नहीं थी और वो बेकसूर भी थी। लेकिन इस वक्त उसे शहर छोड़कर भागने में हो अपनी भलाई लगी।
अपना सामान पैक करवाके मोनिका घर से भागनेवाली थी कि एक चिट्ठी घर के बाहर थी। उसमें लिखा था।
"मोनिका मैं जाता हूं कि तुम बेकसूर हो। और तुम्हे कम से कम कुछ महीनों के लिए शहर से भागकर रहना होगा। तुम्हारे पास सारे पैसे कुछ दिनों के खत्म हो जायेंगे और तो और तुम्हारी मां के खर्चे भी तुम्हारे सिर पर है। मेरी बात मानो मेरे गांव चली आओ। छुपाने को छत और पैसे भी मिलेंगे। बस शर्त ये है कि अब तुम हम दोनों के साथ रहोगी और तो और पूरे चार महीने हमारे घर पर रहोगी। तुम्हे हर महीने पैसे मिलते रहेंगे। सिक्युरिटी तुम तक पहुंच रही होगी। तुम्हारी मां भी तुम्हारे साथ है। उसे केरल भेजो और तुम हमारे पास आओ और वो भी भारतीय परिधान में। साड़ी में। टिकट खत के पीछे है। जल्दी करो वर्मा जेल में जान पड़ेगा।
- तुम्हारे इंतजार में नदीम और सलीम।
मोनिका ने वक्त गंवाए बिना मां का सामान बंधा और ट्रेन में बैठकर केरल भेज दिया। खुद भी बस पकड़कर गांव की तरफ चल दी। हर जगह मोनिका की तस्वीरें थी। जो उसे पकड़ेगा उसे 1000 रुपए मिलेंगे। मोनिका मुंह छुपाकर बस में बैठी। बस शहर के बीचों बीच चल रहा था। मोनिका जिस बस में बैठी थी वो बस उसके घर से गुजरा। मोनिका ने देखा कि सिक्युरिटी उसके घर को तोड़कर तलाशी ले रही थी। उसके साथ काम करने वाली सभी औरतें पकड़ी गई कुछ लोग ही बचे। बस शहर से बाहर जानेवाला थी कि नाकाबंदी लगी और सिक्युरिटी बस को तलाश कर रही थी। मोनिका बुर्खा में थी। सिक्युरिटी बस में घुसी मोनिका डर से कांपने लगी। एक कांस्टेबल मोनिका के पास आया और बुर्के पर हाथ रखा कि एक बूढ़ा * उसे धक्का दिया और बोला "अरे मियां ये तुम क्या करता ? हमारी बेगम पर हाथ रखता ? अल्लाह कसम तुम्हे हम छोड़ेगा नहीं।"
मोनिका ने देखा कि वो कोई और नहीं बल्कि नदीम था।
कांस्टेबल : माफ करना भाई। गलती हो गई।
नदीम : और नहीं तो क्या मियां मेरी बेगम है ये और बहुत पाक दिल की है। लोग इसे कितना भी गलत बोले लेकिन मेरा दिल कहता है कि यह बहुत अच्छे और नेक दिल को है।
यह बात सुनकर मोनिका की आंखों में आंसू आ गए। पूरा शहर उसे गंदा कह रहा है लेकिन नदीम दिल से उसे नेक बता रहा है। बुर्के में बैठी मोनिका रोने लगी।
नदीम बोला "क्या मियां मेरी बेगम को रुलाया। नदीम मोनिका के कंधे पर हाथ रखा और उसके सिर को अपने सिने से लगाया। कांस्टेबल ने माफी मांगी और बस को जाने को कहा।
बस शहर से बाहर चली गई।
नदीम मोनिका को बोला "अब डरो मत। कुछ नहीं होगा तुम्हे ।"
मोनिका आंसू पोछते हुए पूछी "क्या आपको लगता है कि मैने ये सब किया ?"
नदीम : नहीं बिल्कुल नहीं। अब अगर खुदा भी बोले तो न मानू। तुम पाक हो।
मोनिका : कहां जा रहे है हम ?
नदीम : 2 घंटे बाद एक छोटा सा पुराना गेस्ट हाउस है। वहां से तुम अपने कपड़े बदलकर 4 किलोमीटर दूर हमारे खंडार गांव में आओगी। वहां हम दोनों तुम्हारे इंतजार करेंगे। और हां साड़ी में आना। अब से तुम हमारे साथ रहोगी। भूल जाओ ये शहर और वहां के लोग। समझलो तुम हम दोनों को बेगम हो। निकाह न सही लेकिन अब हमें बेगम का प्यार तुमसे चाहिए।
बस गेस्ट हाउस में रुकी। एक खंडार से गेस्ट हाउस में मोनिका ने कपड़े बदले। काले रंग की साड़ी और लाल स्लीवलेस ब्लाउज। मोनिका निकल पड़ी अपने जिंदगी के अलग सफर पर।
मोनिका फर्नांडीज : 26 साल
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safe picture app
नदीम : 65 साल
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सलीम 78 साल
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खंडहर गांव और घर
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साल 1962
यह कहानी कर्नाटक के एक गांव की है जिसका नाम कर्वी था। इस गांव में एक ही घर था जो 100 साल पुराना था। गांव में एक टूटी फूटी मस्जिद थी जिसे साफ सुथरा रखा गया है। गांव जंगल के बाद आता है। कर्वी गांव में उस टूटे हुए घर में दो लोग रहते है।
(1) नदीम अंसारी : उम्र 65 साल। घर का नौकर।
(2) सलीम मुख्तार : उम्र 78 साल। घर में बीमार पड़ा बुजुर्ग।
गर्मी का वक्त था और धूप हद से ज्यादा सख्त। जंगल को पार कर वीराने कर्वी गांव को तरह एक महिला की दस्तक पड़ी। दिखने में स्वर्ग से आई कोई सुंदरी हो। दूध से गोरी त्वचा पर पसीने को बूंदे बह रही थी। उस जवान सी स्त्री का नाम है मोनिका फर्नांडीज। मोनिका फर्नांडीज बैंगलोर में मशहूर बार डांसर है। उम्र 26 साल और करीब पांच मर्दों के साथ शारीरिक संबंध एक बार बनाया। वो इस काम में एक साल पहले आई और वजह थी उसकी गरीबी। मोनिका की मां जिसका नाम केरन फर्नांडीज है और उम्र 52 साल। मोनिका इस खंडहर गांव में क्या कर रही है ? क्यों वो वहां पर आई है ?
तो वजह है एक महीने पहले घटना की। दरअसल बैंगलोर में एक रात वो डांस कर रही थी और उस वक्त नदीम एक वैश्या की तलाश में था। सलीम और नदीम दोनों को जरूरत थी अपनी शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने की। सलीम और नदीम की शादी नहीं हुई थी और उनका कोई नहीं था। वो बस किसी जवान और बड़े दर्जे की खूबसूरत औरत के साथ अपनी शारीरिक सुख को भोगना चाहते थे। वैसे दोनों बूढ़े दिल के अच्छे है और अपनी जवानी के दिनों में काफी मेहनत से पैसे कमाए लेकिन इस खंडहर गांव में रहने की वजह एक थी। और वो था उनका घर। एक समय ये गांव भी लोगों को चहल पहल से सजा हुआ था लेकिन 20 साल पहले जब भारत पर अंग्रेजी हुकूमत थी तब अंग्रेजों ने कुछ क्रांतिकारी के छुपे होने के शक पर गांव में कत्लेआम मचा दी। हजार की तादात में लोग मारे गए और इतिहास में इस घटना को लोगो के सने उजागर नहीं होने दिया।
अब आते है वास्तविकता पर। करीब एक महीने पहले एक महंगे और अमीर लोगों के बार में मोनिका नाच रही थी। वो इंतजार कर रही थी किसी अमीर ग्राहक का लेकिन उसका नसीब आज थोड़ा अलग हो निकला। आज कोई आया नहीं। मोनिका अपने खूबसूरत बदन को ड्रेस में ढककर घर के लिए निकाली। वहां उसने एक ऑटो पकड़ी और घर पहुंची। अपने घर के जैसे ही वो नजदीक पहुंची तो पीछे से एक आदमी की आवाज आई जो उसे बुला रहा था। एक बूढ़ा और काला आदमी उसके सामने आया। सफेद कुर्ता पैजामा और उपर जालीदार टोपी में वो मोनिका के सामने आ गया। मोनिका जो बहुत अजीब लगा। इतनी रात को कोई उसको नाम से पुकार रहा है और वो भी एक बुजुर्ग आदमी।
"आदाब। आप ही मोनिका है न ?" बूढ़े नदीम अंसारी ने पूछा।
"हां। आपको क्या काम है ?" मोनिका ने पूछा।
नदीम : मैं आपसे क्या अंदर कुछ बात कर सकता हूं ?"
मोनिका : लेकिन मैं आपको जानती नहीं और फिर आपको अंदर कैसे आने दूं ?"
नदीम : मेरा यकीन करिए। आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। मेहरबानी करके मुझे अंदर आने दीजिए। आपसे जरूरी बात करनी है।
मोनिका : ठीक है लेकिन अंदर मेरी मां सो रही है। चुप चाप ऊपरवाले कमरे में मेरे साथ चलिए।
नदीम (चेहरे पर मुस्कान लाते हुए) : जी पहले आप।
मोनिका के घर में दो कमरा, एक किचेन और एक हॉल था। नीचे के कमरे में मां रहती तो ऊपर छोटे कमरे में मोनिका। मोनिका और नदीम दबे पांव ऊपर चले गए।
मोनिका अभी भी western कपड़े के ही थी। नदीम अंदर एक कुर्सी पर बैठा।
नदीम : क्या आप दरवाजा अंदर से बंद कर देंगी। बात कुछ जरूरी और गुप्त है।
मोनिका ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। कमरा इतना बड़ा भी नहीं था। एक बिस्तर दो कुर्सी और अलमारी के साथ अटैच बाथरूम था। दरवाजा बंद करके मोनिका नदीम के पासवाले कुर्सी पर बैठी।
मोनिका : बताइए क्या काम है आपको ?
नदीम : मोनिका मैं बात को घुमाए फिराए बिना तुमसे एक बात कहूंगा।
मोनिका : बताइए।
नदीम : मैं जानता हूं तुम पैसों के लिए एक रात के लिए हमबिस्तर हो जाती हो। क्या तुम कुछ दिनों के लिए हमारे साथ चलोगी हमारे घर ?
मोनिका (हैरान होकर ) : क्या ? यह क्या कह रहे है आप ? आप कितने बूढ़े है और हम कौन ?
नदीम : मेरे मालिक सलीम मुख्तार। हम दोनों तुम्हारे साथ कुछ रातें गुजरना चाहते है।
मोनिका : आप दोनों बूढ़े है और ये मुझसे नहीं होगा। आप लोगों का नाम सुनकर ही......
नदीम : मैने सुना है जिस्म के धंधे में मजहब, अमीर गरीब और उम्र नहीं देखा जाता। पैसा ही आपका सब कुछ होता है।
मोनिका : आप लोगों के बारे में बहुत सुन है। आप लोग बहुत की कट्टर और भयानक होते है।
नदीम : हमारे लोग होते है कट्टर और खराब लेकिन हम दोनों नहीं। हम तुमसे अपने जिंदगी का सुख चाहते है।
मोनिका : तुम लोगो के बारे में बहुत सुन है। तुम लोग बहुत गंदी तरह से औरतों को रखते हो।
नदीम : वैसे तो आप लोग भी इंसान को जानवर मानते हो। मेरे गांव को आपके लोगो ने गोलियों से भून दिया। देखिए देश आजाद है और सभी लोग अब बदल गए। मैने सोचा था कि मुझे यहां कुछ मिलेगा लेकिन तुम तो।
नदीम को आंखों में आंसू आ गए और वो उठकर चल गया। मोनिका को दिल से बुरा लगा लेकिन वो दो बदसूरत बुड्ढों के साथ रहना नहीं चाहती थी।
कुछ दिन गुजरे लेकिन एक दिन मोनिका ने अखबार में पड़ा तो देखा कि जिस बार में वो नाचती है उस बार में सिक्युरिटी ने रेड मारी और भारी तादात में ड्रग्स मिले। सभी बार डांसर्स अंडरग्राउंड हो गए और उसमें मोनिका का मुख्य नाम है। मोनिका डर से कांपने लगी। वो तो इन सब में शामिल भी नहीं थी और वो बेकसूर भी थी। लेकिन इस वक्त उसे शहर छोड़कर भागने में हो अपनी भलाई लगी।
अपना सामान पैक करवाके मोनिका घर से भागनेवाली थी कि एक चिट्ठी घर के बाहर थी। उसमें लिखा था।
"मोनिका मैं जाता हूं कि तुम बेकसूर हो। और तुम्हे कम से कम कुछ महीनों के लिए शहर से भागकर रहना होगा। तुम्हारे पास सारे पैसे कुछ दिनों के खत्म हो जायेंगे और तो और तुम्हारी मां के खर्चे भी तुम्हारे सिर पर है। मेरी बात मानो मेरे गांव चली आओ। छुपाने को छत और पैसे भी मिलेंगे। बस शर्त ये है कि अब तुम हम दोनों के साथ रहोगी और तो और पूरे चार महीने हमारे घर पर रहोगी। तुम्हे हर महीने पैसे मिलते रहेंगे। सिक्युरिटी तुम तक पहुंच रही होगी। तुम्हारी मां भी तुम्हारे साथ है। उसे केरल भेजो और तुम हमारे पास आओ और वो भी भारतीय परिधान में। साड़ी में। टिकट खत के पीछे है। जल्दी करो वर्मा जेल में जान पड़ेगा।
- तुम्हारे इंतजार में नदीम और सलीम।
मोनिका ने वक्त गंवाए बिना मां का सामान बंधा और ट्रेन में बैठकर केरल भेज दिया। खुद भी बस पकड़कर गांव की तरफ चल दी। हर जगह मोनिका की तस्वीरें थी। जो उसे पकड़ेगा उसे 1000 रुपए मिलेंगे। मोनिका मुंह छुपाकर बस में बैठी। बस शहर के बीचों बीच चल रहा था। मोनिका जिस बस में बैठी थी वो बस उसके घर से गुजरा। मोनिका ने देखा कि सिक्युरिटी उसके घर को तोड़कर तलाशी ले रही थी। उसके साथ काम करने वाली सभी औरतें पकड़ी गई कुछ लोग ही बचे। बस शहर से बाहर जानेवाला थी कि नाकाबंदी लगी और सिक्युरिटी बस को तलाश कर रही थी। मोनिका बुर्खा में थी। सिक्युरिटी बस में घुसी मोनिका डर से कांपने लगी। एक कांस्टेबल मोनिका के पास आया और बुर्के पर हाथ रखा कि एक बूढ़ा * उसे धक्का दिया और बोला "अरे मियां ये तुम क्या करता ? हमारी बेगम पर हाथ रखता ? अल्लाह कसम तुम्हे हम छोड़ेगा नहीं।"
मोनिका ने देखा कि वो कोई और नहीं बल्कि नदीम था।
कांस्टेबल : माफ करना भाई। गलती हो गई।
नदीम : और नहीं तो क्या मियां मेरी बेगम है ये और बहुत पाक दिल की है। लोग इसे कितना भी गलत बोले लेकिन मेरा दिल कहता है कि यह बहुत अच्छे और नेक दिल को है।
यह बात सुनकर मोनिका की आंखों में आंसू आ गए। पूरा शहर उसे गंदा कह रहा है लेकिन नदीम दिल से उसे नेक बता रहा है। बुर्के में बैठी मोनिका रोने लगी।
नदीम बोला "क्या मियां मेरी बेगम को रुलाया। नदीम मोनिका के कंधे पर हाथ रखा और उसके सिर को अपने सिने से लगाया। कांस्टेबल ने माफी मांगी और बस को जाने को कहा।
बस शहर से बाहर चली गई।
नदीम मोनिका को बोला "अब डरो मत। कुछ नहीं होगा तुम्हे ।"
मोनिका आंसू पोछते हुए पूछी "क्या आपको लगता है कि मैने ये सब किया ?"
नदीम : नहीं बिल्कुल नहीं। अब अगर खुदा भी बोले तो न मानू। तुम पाक हो।
मोनिका : कहां जा रहे है हम ?
नदीम : 2 घंटे बाद एक छोटा सा पुराना गेस्ट हाउस है। वहां से तुम अपने कपड़े बदलकर 4 किलोमीटर दूर हमारे खंडार गांव में आओगी। वहां हम दोनों तुम्हारे इंतजार करेंगे। और हां साड़ी में आना। अब से तुम हमारे साथ रहोगी। भूल जाओ ये शहर और वहां के लोग। समझलो तुम हम दोनों को बेगम हो। निकाह न सही लेकिन अब हमें बेगम का प्यार तुमसे चाहिए।
बस गेस्ट हाउस में रुकी। एक खंडार से गेस्ट हाउस में मोनिका ने कपड़े बदले। काले रंग की साड़ी और लाल स्लीवलेस ब्लाउज। मोनिका निकल पड़ी अपने जिंदगी के अलग सफर पर।
मोनिका फर्नांडीज : 26 साल
![[Image: indian-woman-red-saree-vector-illustrati...-16274.jpg]](https://i.ibb.co/PZpc9Cqw/indian-woman-red-saree-vector-illustration-isolated-white-background-flat-design-776894-16274.jpg)
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नदीम : 65 साल
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सलीम 78 साल
[img]https://i.ibb.co/tTb2cDqz/old-'.-man-sits-middle-destruction-349618-22157.jpg[/img]
खंडहर गांव और घर
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![[Image: images-8.jpg]](https://i.ibb.co/mLbsKLz/images-8.jpg)