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Adultery ......काला जामुन..... A mommy's boy
#22
एक बार होली पर मोहल्ला की सभी आंटी मम्मी से मिलने आईं, होली खेलने के लिए। पापा होली तो खेलते हैं, लेकिन सिर्फ गुलाल से और वो भी थोड़ी सी। मैं होली नहीं खेलता, क्योंकि मुझे रंगों से एलर्जी है।

दोपहर का समय , मम्मी किचन में काम कर रही थी। सभी आंटी मेरे घर आई उन्होंने मम्मी को अपने साथ होली खेलने का निमंत्रण दिया मगर मम्मी होली खेलने से मन कर दिया। लेकिन आंटीयों के मनाने पर मान गई।

एक आंटी : आज तो होली का त्यौहार है, होली तो खेलनी ही पड़ेगी आपको। चाहे थोड़ी सी ही खेले, लेकिन गुलाल से होली खेलनी ही पड़ेगी।

तो मम्मी ने उनकी बात मान ली और चेंज करके होली खेलने चली गई। मम्मी ने साड़ी पहन ली थी. मम्मी ने एक पुरानी साड़ी निकाल कर पहन ली थी, ताकि अगर होली के रंग लग भी जाए, तो कोई परेशान न हो।

वह सफेद रंग की साड़ी में थी और उसका ब्लाउज नीले रंग का था। साड़ी तो ठीक थी, लेकिन ब्लाउज़ काफ़ी टाइट था मम्मी का। मम्मी के चूंचियां बड़े तो थे ही मगर ब्लाउज में और बड़े बड़े लग रहे थे और वैसे तो उस मम्मी और आंटी के झुंड में मम्मी से भी बहुत अच्छे फिगर वाली एक , दो आंटी भी थी फिर होली खेलते हुए, मम्मी रंग से भर गई। मम्मी को सब ने रंग लगाया और उसके बाद सब पायल आंटी के घर चले गए।

वह पहुंचते ही रोहित अंकल से भेंट हुई। वह पायल आंटी के पति हैं और पापा के पुराने वाले मित्र हैं ।

रोहित अंकल: आपलोगों सिर्फ पायल को ही कलर लगाओगे, मुझे नहीं ? क्या आपलोगों मेरे साथ होली नहीं खेलोगे ?

तभी एक आंटी ने कहा: लगता है आपका भी कलर लगाने का मन है ।
फिर उन्हें अंकल को भी रंग लगाया और अंकल ने भी सबको रंग लगाया और ऐसे ही मस्ती में सबकी गांड भी दबाई, पर होली का त्योहार था, तो सब ने गांड दबाने की बात को इग्नोर कर दिया और क्योंकि अंकल का नेचर भी काफी अच्छा था, तो किसी ने कुछ भी नहीं कहा।
फिर सब ने पायल आंटी को रंग लगाया और उनके साथ होली खेली। होली खेलने के बाद, सब अपने घर वापस चले गये ।
...................................

फिर कुछ दिनों के बाद, एक दिन पापा घर आये उन्होंने मम्मी से कहा आज थोड़ा ज्यादा खाना बनाने को जब मम्मी ने पूछा तो पापा ने बताया रोहित जी आज़ हमारे घर पर खाना खायेंगे ( क्योंकि पायल के पिता जी की तबीयत ठीक नहीं थी, तो पायल अपने बेटे के साथ अपने मायके चली गईं। ) शाम को अंकल आये उन्होंने मेरे घर खाना नहीं खाया मगर खाना लेकर अपने घर चले गए।

जिस दिन पायल आंटी अपने घर गईं, उस दिन दो दिन बाद शाम को अंकल घर पर अकेले थे। मम्मी और खुशबु आंटी बाज़ार से कुछ शॉपिंग करके आ रही थी तभी मम्मी की नजर अंकल पर पड़ी मम्मी ने कहा : रोहित , पायल घर पर नहीं हैं, इसलिए कभी अगर तुम्हें कुछ काम हो, तो बता देना, तुम हमारे छोटे भाई जैसे हो। किसी भी चीज की जरुरत के लिए हिच-किचाना मत और इसके अलावा मम्मी ने पायल आंटी के हाल-चाल भी पूछी और ये भी पूछी , कि वो वापस कब आएगी अपने मायके से।

रोहित अंकल: नहीं-नहीं भाभी तो कोई काम नहीं है.

फ़िर ऐसे ही रोज़-रोज़ बातें होती रहती हैं। एक दिन उनका कोई त्यौहार था और अंकल के घर में रिवाज था, इस त्यौहार पर उनके घर में खीर बनाना ज़रूरी थी। और घर आंटी भी नहीं थी तो अंकल मम्मी के पास आये और बोले-

रोहित अंकल: भाभी क्या आप मुझे बता सकती हैं, खीर कैसी बनानी है।

जब अंकल आये तो मम्मी उस वक्त घर का काम कर रही थी। मम्मी को थोड़ा पसीना आया था और मम्मी काफी अच्छी लग रही थी पसीने में। मम्मी साड़ी पहन रखी थी आप तो जानते ही कि भीगे हुए ब्लाउज में चूंचियां का नाज़ारा कुछ अलग ही होता है।
लेकिन अंकल का कोई भी ऐसा इरादा नहीं था और वो बस खीर बनाने की रेसिपी पूछने आए थे।

तभी मम्मी ने कहा: आओ , क्या हुआ?

फिर अंकल ने बताया, कि उनके घर में रिवाज है आज के दिन खीर बनाने का।

फिर अंकल ने कहा : भाभी पायल घर में नहीं है. बाकी सब कुछ तो मैं बना लेता हूं, लेकिन खीर नहीं आती मुझे।

फिर मम्मी ने कहा: चिंता मत करो , मैं खीर बना दूंगी।

जब अंकल को मम्मी ने कहा, कि वो खीर बना देंगी, तब अंकल ने मम्मी से रिक्वेस्ट की-

अंकल: भाभी आप मुझे ही रेसिपी बता दो। मैं ही बनाउंगा खीर .

पहले तो मम्मी ने नहीं बताई, लेकिन जब अंकल ने जिद की, तो मम्मी ने उनको रेसिपी बता ही दी। फिर थोड़ी देर बाद अंकल वापस आये। अंकल के हाथ में एक कटोरी थी, जिस में खीर थी। अंकल मम्मी को खीर चखाने आये थे.

मम्मी: वाह! क्या बात है, ये तो बहुत अच्छी बनी है।

फ़िर अंकल ने कहा: बिल्कुल आपके जैसी बनी है मीठी-मीठी। आपने इतने अच्छे से रेसिपी बताई थी, तो अच्छी तो बन्नी ही थी।

ये कहकर अंकल वापस चले गये। मुझे लगा था, कि उनके मन में कुछ नहीं है, लेकिन आज वाली बात सुनकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगेगा। फिर मैंने सोचा, आख़िर है तो मर्द ही।
फिर क्योंकि मम्मी ने अंकल की मदद की थी। इसलिए अंकल ने भी सोचा, वो भी मम्मी को मदद के बदले में कोई गिफ्ट दे दे।
जब अंकल गिफ्ट लेके आए, तब मम्मी ने ब्राउन कलर की साड़ी पहन रखी थी। मम्मी का पेटीकोट उनकी नाभि से नीचे बंधा हुआ था और मम्मी की नाभि बड़े कमाल की थी और सेक्सी लग रही थी। मम्मी आमतौर पर घर का काम ही कर रही थी।
मम्मी का पल्लू उनके चूची से हटा हुआ था और उनकी क्लीवेज काफ़ी बड़ी और सेक्सी लग रही थी। उनको ऐसी पोजीशन में देख कर, तो मेरा भी लंड खड़ा होने लगा था।
जैसे ही अंकल आए, तो मम्मी ने उनकी तरफ देखा और अपने कमर और चूची को अपने पल्लू से ढकने लग गई। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और अंकल मम्मी के प्यारे चूंचियों की दरार देख चुके थे। उस वक्त मम्मी के सेक्सी चूची देखकर, अंकल के मन में कुछ हलचल सी हुई और जाहिर सी बात है, कि पायल आंटी भी घर पर नहीं थीं, तो अंकल अपने लौड़े की गर्मी नहीं निकल रहे होंगे । अंकल लगतार मम्मी के जिस्म पर अपनी नज़र जमाए हुए थे। फिर अंकल ने मम्मी को कहा-
रोहित अंकल: भाभी, ये आपके लिए छोटा सा गिफ्ट है, खीर बनाने में मदद के लिए।
फिर मम्मी ने कहा: अरे गिफ्ट किस बात का, ये तो मेरा फ़र्ज़ था। इसमें ऐसा कुछ खास नहीं था.

फ़िर अंकल ने कहा: कोई बात नहीं भाभी. अब मैं ले आया हूं, तो आप इसको रख लो। चॉकलेट खा लेना और बरतन आपका काम आ जायेगा। रखलो इन्हे प्लीज.
मम्मी: चलो ठीक है, रख लेती हूँ।
मम्मी गिफ्ट लेने के बाद सामान्य व्यवहार कर रही थी, अंकल के साथ। फिर अंकल ने मम्मी से थोड़ी देर बात की और उनको अच्छे से देखा। आज जैसे अंकल मम्मी को देख रहे थे, उस बात से ये पता चल रहा था, कि उनकी नज़र मम्मी के लिए बदल चुकी थी।
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RE: ......काला जामुन..... A mommy's boy - by Dhamakaindia108 - 27-09-2025, 09:40 PM



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