03-07-2019, 03:01 AM
असलम ने परखच्चे उड़ा दिए मेरी रूपाली दीदी की गांड की... बड़ी बेरहमी से उसने मेरी दीदी की गांड के छल्ले को पूरा फैला दिया था अपने मोटे लंबे काले लोड़े से... मेरी दीदी की गांड फट के चार क्या चबूतरा बन गई थी..... मेरी दीदी रो रही थी... पर बेरहम असलम पर इसका कोई भी असर नहीं था बल्कि उसके झटके तो और भी खूंखार हो चुके थे... मेरी रूपाली दीदी उसके झटके किसी रंडी की तरह बर्दाश्त कर रही थी.... घरेलू औरत के लिए इस तरह की तूफानी ठुकाई... वह भी गांड में... मेरी दीदी के लिए बेहद मुश्किल था.. अजीबोगरीब दृश्य था... फोन पर असलम मेरे जीजू को गालियां दिए जा रहा था गंदी गंदी... और मेरी दीदी की गांड मार रहा था... सबसे अजीब बात यह थी कि मैं अपनी रूपाली दीदी की गांड ठुकाई देखकर बुरा महसूस नहीं कर रहा था बल्कि मेरा लौड़ा तन के टाइट हो गया था मेरी पैंट के अंदर......... दीदी का रोना देख के मुझे गुस्सा आना चाहिए था, जबकि ठीक इसके विपरीत हो रहा था... मैं आश्चर्यचकित था अपने लोड़े के व्यवहार पर........ सभी दीदी के प्रति जो भावना होती है उसे भूल कर मैं अपनी दीदी को एक कामुक स्त्री की तरह देख रहा था.... मेरा नजरिया बदल गया था....... असलम में मुझे कामदेव का रूप दिखाई दे रहा था.... और मेरी रूपाली दीदी रती की तरह लग रही थी....... मेरा लौड़ा मेरे काबू से बाहर था...
हाए उउफफ्फ़ … आआह मार … डाअल्ल आआअ … ईईईईई … ओह माआआअ … हे भगवान … मेरी … उफ फट गईई.... मेरी रूपाली दीदी रोते हुए चिल्ला रही थी....... शायद मेरी जीजू भी सुन रहे होंगे उनकी आवाज......... और शायद असलम भी यही चाहता था मेरे जीजू को जलील करना.... उसकी मस्ती अपने उफान पर थी... मेरी दीदी की गांड में... उसका लौड़ा तूफान मचा रहा था.........
इस बहन के लोड़े को तू समझा जुनैद... मुझे इस रांड की गांड मारने दे.... असलम ने फोन उछाल दिया जुनैद की तरह उछाल दिया.... जुनैद ने फोन लपक लिया तुरंत और मेरे जीजू को समझाने लगा...
सुन बहन के लोड़े... असलम भाई अभी तेरी बीवी की गांड मारने में लगे हुए हैं और इसका भाई भी देख रहा है सब कुछ.... साला यह तो बहुत बड़ा गांडू है... इसके बस का कुछ भी नहीं... और सुन बहन के लोड़े.. तेरे तेरे बस का भी कुछ नहीं है मादरजात... तेरी रूपाली कि हम लोग आज रात भर बजाएंगे... समझ गया ना मां के लोड़े...... तुमने अगर कुछ नाटक किया तो बहन चोद समझ ले तेरी रंडी रूपाली और इतना बड़ा गांडू तेरा साला.... इन दोनों की लाश भी नहीं मिल पाएगी तुम लोगों को..,. तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम लोग चुप रहो और रूपाली को हमारे साथ इंजॉय करने दो..... फोन मैं तेरे गांडू साले को दे रहा हूं... तू इस बहन के लोड़े को अच्छी तरह समझा देना.... वरना समझ ले तेरे साथ क्या होने वाला है....
फोन मेरी तरफ उछाल दिया जुनैद ने... मैंने लपक लिया.... मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मैं अब क्या बोलूं जीजू को...
.. जीजू अब मैं क्या करूं मैं तो बुरी तरह फस गया..... रोते हुए मैंने फोन पर जीजा जी को कहा.....
रो मत बेटा...... थोड़ा धीरे से काम ले.... देखी इन लोग जो भी करना है वह तो करेंगे ही.. तू अपना धीरज बनाए रखना.. कुछ भी ऐसी हरकत मत करना कि तुम्हें ,रूपाली और मेरी मुन्नी को कुछ भी नुकसान पहुंचे.... तुम्हारी दीदी भी समझदार है......... कैसे भी हालत हो जाए तुम डटे रहना.... अपनी दीदी पर भरोसा रखना... सब कुछ तुम्हारे हाथ में है ..... हमारे खानदान की इज्जत तुम्हारे हाथ में....
जीजू तो लगभग रो रहे थे बोलते हुए...... वह भी मजबूर थे मैं भी मजबूर और सबसे ज्यादा मजबूर मेरी रूपाली दीदी थी..
जीजू का फोन कट होने के बाद मैं चुपचाप जमीन पर बैठ गया मुन्नी को अपनी गोद में लेकर.... जुनेद मेरी तरफ देखकर कुटिल मुस्कान दे रहा था.... मैंने अपना सर झुका लिया था... मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ देख रही थी बड़ी आज से कि मेरा भाई कुछ करेगा मेरे लिए... और एक बदनसीब भाई जो कुछ भी करने की हालत में नहीं था चुपचाप दीदी की गांड का बाजा बजते हुए देख रहा था..... खूब चोदा उसने मेरी दीदी की गांड को ..तकरीबन 10 मिनट तो पागल की तरह झटके मार रहा था..... आखिर उसका भी लोड़ा थक गया और उसने मेरी दीदी की गांड मैं अपना माल भर दिया और मेरी .दीदी की पीठ पर लेट के जैसे बेहोश हो गया...
मेरी दीदी की गांड में असलम का लौड़ा फंसा हुआ था... झड़ने के बाद भी..... असलम में मेरी दीदी की गांड से बाहर निकाल लिया अपना लण्ड... पर जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को राहत लेने का मौका नहीं दिया.. उसका लण्ड पहले से बड़ा खड़ा और तैयार था बिना देर किए उसने मअपना लौड़ा पेल दिया मेरे रूपाली दीदी की क गांड में...... जिस गांड में असलम के लण्ड की मलाई भरी हुई थी पहले से ही..... उसने भी मेरी रूपाली दीदी की गांड को इतनी बेरहमी से ही मारा जितना असलम ने मारा था..
हाए उउफफ्फ़ … आआह मार … डाअल्ल आआअ … ईईईईई … ओह माआआअ … हे भगवान … मेरी … उफ फट गईई.... मेरी रूपाली दीदी रोते हुए चिल्ला रही थी....... शायद मेरी जीजू भी सुन रहे होंगे उनकी आवाज......... और शायद असलम भी यही चाहता था मेरे जीजू को जलील करना.... उसकी मस्ती अपने उफान पर थी... मेरी दीदी की गांड में... उसका लौड़ा तूफान मचा रहा था.........
इस बहन के लोड़े को तू समझा जुनैद... मुझे इस रांड की गांड मारने दे.... असलम ने फोन उछाल दिया जुनैद की तरह उछाल दिया.... जुनैद ने फोन लपक लिया तुरंत और मेरे जीजू को समझाने लगा...
सुन बहन के लोड़े... असलम भाई अभी तेरी बीवी की गांड मारने में लगे हुए हैं और इसका भाई भी देख रहा है सब कुछ.... साला यह तो बहुत बड़ा गांडू है... इसके बस का कुछ भी नहीं... और सुन बहन के लोड़े.. तेरे तेरे बस का भी कुछ नहीं है मादरजात... तेरी रूपाली कि हम लोग आज रात भर बजाएंगे... समझ गया ना मां के लोड़े...... तुमने अगर कुछ नाटक किया तो बहन चोद समझ ले तेरी रंडी रूपाली और इतना बड़ा गांडू तेरा साला.... इन दोनों की लाश भी नहीं मिल पाएगी तुम लोगों को..,. तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम लोग चुप रहो और रूपाली को हमारे साथ इंजॉय करने दो..... फोन मैं तेरे गांडू साले को दे रहा हूं... तू इस बहन के लोड़े को अच्छी तरह समझा देना.... वरना समझ ले तेरे साथ क्या होने वाला है....
फोन मेरी तरफ उछाल दिया जुनैद ने... मैंने लपक लिया.... मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मैं अब क्या बोलूं जीजू को...
.. जीजू अब मैं क्या करूं मैं तो बुरी तरह फस गया..... रोते हुए मैंने फोन पर जीजा जी को कहा.....
रो मत बेटा...... थोड़ा धीरे से काम ले.... देखी इन लोग जो भी करना है वह तो करेंगे ही.. तू अपना धीरज बनाए रखना.. कुछ भी ऐसी हरकत मत करना कि तुम्हें ,रूपाली और मेरी मुन्नी को कुछ भी नुकसान पहुंचे.... तुम्हारी दीदी भी समझदार है......... कैसे भी हालत हो जाए तुम डटे रहना.... अपनी दीदी पर भरोसा रखना... सब कुछ तुम्हारे हाथ में है ..... हमारे खानदान की इज्जत तुम्हारे हाथ में....
जीजू तो लगभग रो रहे थे बोलते हुए...... वह भी मजबूर थे मैं भी मजबूर और सबसे ज्यादा मजबूर मेरी रूपाली दीदी थी..
जीजू का फोन कट होने के बाद मैं चुपचाप जमीन पर बैठ गया मुन्नी को अपनी गोद में लेकर.... जुनेद मेरी तरफ देखकर कुटिल मुस्कान दे रहा था.... मैंने अपना सर झुका लिया था... मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ देख रही थी बड़ी आज से कि मेरा भाई कुछ करेगा मेरे लिए... और एक बदनसीब भाई जो कुछ भी करने की हालत में नहीं था चुपचाप दीदी की गांड का बाजा बजते हुए देख रहा था..... खूब चोदा उसने मेरी दीदी की गांड को ..तकरीबन 10 मिनट तो पागल की तरह झटके मार रहा था..... आखिर उसका भी लोड़ा थक गया और उसने मेरी दीदी की गांड मैं अपना माल भर दिया और मेरी .दीदी की पीठ पर लेट के जैसे बेहोश हो गया...
मेरी दीदी की गांड में असलम का लौड़ा फंसा हुआ था... झड़ने के बाद भी..... असलम में मेरी दीदी की गांड से बाहर निकाल लिया अपना लण्ड... पर जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को राहत लेने का मौका नहीं दिया.. उसका लण्ड पहले से बड़ा खड़ा और तैयार था बिना देर किए उसने मअपना लौड़ा पेल दिया मेरे रूपाली दीदी की क गांड में...... जिस गांड में असलम के लण्ड की मलाई भरी हुई थी पहले से ही..... उसने भी मेरी रूपाली दीदी की गांड को इतनी बेरहमी से ही मारा जितना असलम ने मारा था..