03-07-2019, 02:10 AM
Update 2
प्रमोशन होते ही मैं मीठा लेकर घर आ गया
मेरे घर मे माँ पिताजी भैया भाभी और मैं , इतने ही लोग है
इनका ज़्यादा रोल नही है इस से उनके बारे में बताना ज़रूरी नही है
मैं जैसे ही घर मे एंटर हुआ और मेरे हाथ मे मिठाई का बॉक्स देखते ही भाभी मेरे पास आ गयी
भाभी- मिठाई , फिर से प्रमोशन हुआ है
अवी- क्या भाभी , आपको तो पहले ही पता चल जाता है
भाभी -मतलब सच मे प्रमोशन हुआ है
अवी-हाँ , लीजिए पहले आप ही मुँह मीठा कीजिए
और मैं ने भाभी को मिठाई दी
फिर पिताजी और माँ को भी मिठाई दे कर उनका आशीर्वाद लिया
पिताजी- ऐसे ही मेहनत करना
अवी- जी
माजी- पगार (सॅलरी)कितनी मिलेगी अब
अवी- पहले जितनी थी उस से डबल हो गयी है
भाभी- तो अपनी भाभी के लिए कुछ नही लाए
अवी- भाभी सॅलरी मिली नही है , जैसे मिलेगी तो पहले आपके लिए साड़ी लेकर आउन्गा
भाभी-देख बाद मे मुकर मत जाना
भैया- तुम भाभी देवर का हो गया
भाभी- हाँ मैं आज स्पेशल खाना बनाती हूँ
अवी- हाँ भाभी , कुछ दिन स्पेशल ही बनाना पता नही फिर कितने दिनो बाद घर का खाना खाने को
मिलेगा
माजी- ऐसा क्यूँ कहा तूने
भैया- कही तेरा प्रमोशन दूसरे शहर तो नही हुआ है
अवी- मुंबई जाना होगा
माजी- मुंबई , इतने दूर
भैया- दिखा मुझे लेटर
और भैया प्रमोशन लेटर देखने लगे
अवी- इस बार प्रमोशन मे मुंबई मे जाना होगा
माजी- मना कर दे तू यही रह
पिताजी- तुम बस अपने पल्लू मे छिपा कर रखो अपने बच्चों को
माँ जी- मेरे बेटे है मैं कुछ भी करू
पिताजी- उसकी क्या मर्ज़ी है वो तो देख लो
माजी-मेरी मर्ज़ी उसकी मर्ज़ी एक ही है
पिताजी- एक होती तो मिठाई लेकर नही आता अवी घर पर
माजी- अवी
अवी- मैं ने मना किया , तो सब हँसने लगे कि इतना अच्छे चान्स को मना कर रहा हूँ
माजी- तो हँसने देता
अवी- मुझे भी ऐसा ही लगा तो मैं लेटर वापस देने गया लेकिन
पिताजी- लेकिन क्या
अवी- मेनेज़र ने कहा कि एक बार जाकर देखो , अगर पसंद नही आया तो वापस बुला लेंगे
माजी- बिल्कुल नही , तू यही रहेगा
पिताजी- अब अवी बड़ा हो गया है , कब तक उसको पल्लू से छुपा कर रखोगी
माजी- आप को अवी से दूर रहना अच्छा लगेगा
पिताजी- मैं अवी से दूर नही रह सकता पर बच्चे बड़े हो जाते है तो उनको घर छोड़ कर उड़ना
सीखना पड़ता है
माजी- मुझे ये सब नही पता
भैया- सॅलरी तो बहुत ज़्यादा है और रहने को घर भी मिल रहा है
अवी- भैया सब मुंबई जाने की कॉसिश करते है और मुझे तो अपने आप मिल गया है
पिताजी- तुझे जाना हो तो तू जा , देख आ मुंबई
माजी- मैं नही जाने दूँगी , अगर अवी को वही रहने की इच्छा हुई तो
भैया- माँ मैं हूँ ना आपके पास
अवी- माँ बस जाकर देखता हूँ , अगर अच्छा लगा तो आपको भी अपने साथ लेकर जाउन्गा
माजी- मुझे नही जाना वहाँ पर
पिताजी- कब जाना है
अवी- अगले हफ्ते
माजी- मैं ने ना कहा ना
भैया- माँ , अवी को जाने दो ,
माजी- मैं अवी के बिना कैसे रहूंगी
भाभी-अवी नही होगा तो क्या हुआ आप अपने पोती / पोता के साथ रहना
माजी- क्या कहा
भाभी शरमा रही थी
अवी- भाभी सच , मैं चाचा बने वाला हूँ
भाभी ने हाँ मे गर्दन घुमा दी
ये सुनते भैया ने तो भाभी को गोद मे उठा कर गोल गोल घुमा कर खुशी जाहिर की
माँ और पिताजी तो दादी दादाजी बनने की खबर सुनते ही खुश हो गये
भाभी- मैं गिर जाउन्गी
भैया- मैं बाप बनने वाला हूँ
पिताजी- बहू तुमने तो हमारी इच्छा पूरी कर दी
माजी- पर अब तक बताया क्यूँ नही था
भाभी- सुबह ही पता चला , बस अवी के आने का इंतज़ार था
पिताजी- तो अब तो तुम अपने पोते के साथ बिज़ी रहोगी , अब अवी को जाने दो
माजी- ठीक है , पर जल्दी वापस आना
अवी- जल्दी आउन्गा
माजी- और आते ही शादी करना
अवी- इस बार मना नही करूँगा
पिताजी- देखो अब तो अवी ने भी शादी को हाँ कर दी
भैया- आज तो बाहर खाना खाने जाते है
अवी- पार्टी मेरी तरफ से ,
और हम सब उस खुशी को सेलेब्रेट करने लगे
मैं ने तो भाभी की बहुत खिचाई की
भाभी और मेरी तो बहुत अच्छी बनती थी
अब तो मैं चाचा बन जाउन्गा
नया मेंबर आएगा तो माँ उस पे ध्यान देंगी
मेरे मुंबई जाने की टिकेट फिक्स हो गयी
पिताजी खुश थे कि उनके बेटे तरक्की कर रहे है और अब तो वो दादाजी भी बन जाएँगे
हमने सब शाम होते ही होटेल मे जाकर डिन्नर किया
सब भाभी की पसंद का था
काश मैं यही रहता तो भाभी को अच्छा लगता
पर भाभी भी चाहती थी कि मैं अपने बारे में सोचु , मुंबई जाउ
मतलब अब तो मेरा मुंबई जाना फिक्स हो गया
माँ तो अभी से तैयारी मे लग गयी
भैया ने तो कुछ दिन की छुट्टी ली ताकि भाभी के साथ रह सके
अब बस मेरी गर्लफ्रेंड को मनाना था
पता नही वो क्या कहेगी
कल उसको मिलकर खूसखबरी बता देता हूँ
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Aapko story kaisi lg rhi h comment krke btaye
प्रमोशन होते ही मैं मीठा लेकर घर आ गया
मेरे घर मे माँ पिताजी भैया भाभी और मैं , इतने ही लोग है
इनका ज़्यादा रोल नही है इस से उनके बारे में बताना ज़रूरी नही है
मैं जैसे ही घर मे एंटर हुआ और मेरे हाथ मे मिठाई का बॉक्स देखते ही भाभी मेरे पास आ गयी
भाभी- मिठाई , फिर से प्रमोशन हुआ है
अवी- क्या भाभी , आपको तो पहले ही पता चल जाता है
भाभी -मतलब सच मे प्रमोशन हुआ है
अवी-हाँ , लीजिए पहले आप ही मुँह मीठा कीजिए
और मैं ने भाभी को मिठाई दी
फिर पिताजी और माँ को भी मिठाई दे कर उनका आशीर्वाद लिया
पिताजी- ऐसे ही मेहनत करना
अवी- जी
माजी- पगार (सॅलरी)कितनी मिलेगी अब
अवी- पहले जितनी थी उस से डबल हो गयी है
भाभी- तो अपनी भाभी के लिए कुछ नही लाए
अवी- भाभी सॅलरी मिली नही है , जैसे मिलेगी तो पहले आपके लिए साड़ी लेकर आउन्गा
भाभी-देख बाद मे मुकर मत जाना
भैया- तुम भाभी देवर का हो गया
भाभी- हाँ मैं आज स्पेशल खाना बनाती हूँ
अवी- हाँ भाभी , कुछ दिन स्पेशल ही बनाना पता नही फिर कितने दिनो बाद घर का खाना खाने को
मिलेगा
माजी- ऐसा क्यूँ कहा तूने
भैया- कही तेरा प्रमोशन दूसरे शहर तो नही हुआ है
अवी- मुंबई जाना होगा
माजी- मुंबई , इतने दूर
भैया- दिखा मुझे लेटर
और भैया प्रमोशन लेटर देखने लगे
अवी- इस बार प्रमोशन मे मुंबई मे जाना होगा
माजी- मना कर दे तू यही रह
पिताजी- तुम बस अपने पल्लू मे छिपा कर रखो अपने बच्चों को
माँ जी- मेरे बेटे है मैं कुछ भी करू
पिताजी- उसकी क्या मर्ज़ी है वो तो देख लो
माजी-मेरी मर्ज़ी उसकी मर्ज़ी एक ही है
पिताजी- एक होती तो मिठाई लेकर नही आता अवी घर पर
माजी- अवी
अवी- मैं ने मना किया , तो सब हँसने लगे कि इतना अच्छे चान्स को मना कर रहा हूँ
माजी- तो हँसने देता
अवी- मुझे भी ऐसा ही लगा तो मैं लेटर वापस देने गया लेकिन
पिताजी- लेकिन क्या
अवी- मेनेज़र ने कहा कि एक बार जाकर देखो , अगर पसंद नही आया तो वापस बुला लेंगे
माजी- बिल्कुल नही , तू यही रहेगा
पिताजी- अब अवी बड़ा हो गया है , कब तक उसको पल्लू से छुपा कर रखोगी
माजी- आप को अवी से दूर रहना अच्छा लगेगा
पिताजी- मैं अवी से दूर नही रह सकता पर बच्चे बड़े हो जाते है तो उनको घर छोड़ कर उड़ना
सीखना पड़ता है
माजी- मुझे ये सब नही पता
भैया- सॅलरी तो बहुत ज़्यादा है और रहने को घर भी मिल रहा है
अवी- भैया सब मुंबई जाने की कॉसिश करते है और मुझे तो अपने आप मिल गया है
पिताजी- तुझे जाना हो तो तू जा , देख आ मुंबई
माजी- मैं नही जाने दूँगी , अगर अवी को वही रहने की इच्छा हुई तो
भैया- माँ मैं हूँ ना आपके पास
अवी- माँ बस जाकर देखता हूँ , अगर अच्छा लगा तो आपको भी अपने साथ लेकर जाउन्गा
माजी- मुझे नही जाना वहाँ पर
पिताजी- कब जाना है
अवी- अगले हफ्ते
माजी- मैं ने ना कहा ना
भैया- माँ , अवी को जाने दो ,
माजी- मैं अवी के बिना कैसे रहूंगी
भाभी-अवी नही होगा तो क्या हुआ आप अपने पोती / पोता के साथ रहना
माजी- क्या कहा
भाभी शरमा रही थी
अवी- भाभी सच , मैं चाचा बने वाला हूँ
भाभी ने हाँ मे गर्दन घुमा दी
ये सुनते भैया ने तो भाभी को गोद मे उठा कर गोल गोल घुमा कर खुशी जाहिर की
माँ और पिताजी तो दादी दादाजी बनने की खबर सुनते ही खुश हो गये
भाभी- मैं गिर जाउन्गी
भैया- मैं बाप बनने वाला हूँ
पिताजी- बहू तुमने तो हमारी इच्छा पूरी कर दी
माजी- पर अब तक बताया क्यूँ नही था
भाभी- सुबह ही पता चला , बस अवी के आने का इंतज़ार था
पिताजी- तो अब तो तुम अपने पोते के साथ बिज़ी रहोगी , अब अवी को जाने दो
माजी- ठीक है , पर जल्दी वापस आना
अवी- जल्दी आउन्गा
माजी- और आते ही शादी करना
अवी- इस बार मना नही करूँगा
पिताजी- देखो अब तो अवी ने भी शादी को हाँ कर दी
भैया- आज तो बाहर खाना खाने जाते है
अवी- पार्टी मेरी तरफ से ,
और हम सब उस खुशी को सेलेब्रेट करने लगे
मैं ने तो भाभी की बहुत खिचाई की
भाभी और मेरी तो बहुत अच्छी बनती थी
अब तो मैं चाचा बन जाउन्गा
नया मेंबर आएगा तो माँ उस पे ध्यान देंगी
मेरे मुंबई जाने की टिकेट फिक्स हो गयी
पिताजी खुश थे कि उनके बेटे तरक्की कर रहे है और अब तो वो दादाजी भी बन जाएँगे
हमने सब शाम होते ही होटेल मे जाकर डिन्नर किया
सब भाभी की पसंद का था
काश मैं यही रहता तो भाभी को अच्छा लगता
पर भाभी भी चाहती थी कि मैं अपने बारे में सोचु , मुंबई जाउ
मतलब अब तो मेरा मुंबई जाना फिक्स हो गया
माँ तो अभी से तैयारी मे लग गयी
भैया ने तो कुछ दिन की छुट्टी ली ताकि भाभी के साथ रह सके
अब बस मेरी गर्लफ्रेंड को मनाना था
पता नही वो क्या कहेगी
कल उसको मिलकर खूसखबरी बता देता हूँ
Update posted
Aapko story kaisi lg rhi h comment krke btaye