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पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर
#64
पूजा शर्मा का स्पर्श और रामू की तारीफ
पूजा शर्मा ने धीरे से रामू के लिंग को अपने हाथों में लिया और उसे सहलाना शुरू किया। उसकी उंगलियां नरम थीं, और वह धीरे-धीरे उसकी मोटाई को महसूस कर रही थी। उसने अपनी बांह की कलाई के साथ उसकी मोटाई नापी और हैरानी से कहा, "हाय भगवान, ये तो मेरी कलाई से भी मोटा है।" उसने अपनी एक चूड़ी उतारी और हल्की शरारत के साथ रामू के लिंग पर पहनाने की कोशिश की। "देखो, रामू भाई, मेरी चूड़ी भी तुम्हारे लोड़े पर टाइट हो रही है," उसने हंसते हुए कहा। रामू की आंखें चौड़ी हो गईं, और वह शरमाते हुए बोला, "मैडम, आप तो... बहुत हिम्मत वाली हो।"

पूजा शर्मा ने हिम्मत जुटाई और धीरे से रामू के लिंग को चूमा। उसकी गर्म सांसें रामू की त्वचा पर महसूस हो रही थीं। फिर, उसने उसे अपने मुंह में लिया। रामू की सिसकारियां कमरे में गूंज उठीं, "आह... मैडम..." वह बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया, और उसका लिंग छत की ओर तना हुआ था। पूजा शर्मा का मुंह उसकी पूरी लंबाई को समा नहीं पा रहा था, लेकिन वह धीरे-धीरे उसे चूस रही थी। रामू का एक हाथ पूजा शर्मा के स्तनों पर था, और वह कभी उनके निप्पल को हल्के से दबा रहा था। जैसे ही उसने निप्पल को जोर से खींचा, पूजा शर्मा के मुंह से एक चीख निकली, "आह... रामू भाई, धीरे!" उसकी आवाज में मस्ती थी, लेकिन वह उसे मर्यादित ढंग से रोक रही थी।

रामू की उंगलियां और पूजा शर्मा की सिसकारियां
रामू का दूसरा हाथ पूजा शर्मा की योनि की ओर बढ़ा। उसने धीरे से अपनी उंगली अंदर डाली, और पूजा शर्मा की चिकनी, गीली योनि से चिपचिपा पानी निकल रहा था। रामू की उंगली पूरी तरह गीली हो गई थी। उसने अपनी उंगली को बाहर निकाला और भोलेपन से उसे चाट लिया। "मैडम, ये... कितना मीठा है," उसने कहा। पूजा शर्मा की सिसकारियां और तेज हो गईं, "आह... रामू..." उसने अपनी आंखें बंद कर लीं, और उसका शरीर इस स्पर्श से कांप रहा था। रामू ने फिर से अपनी उंगली पूजा शर्मा की योनि में डाली, और धीरे-धीरे उसे अंदर-बाहर करने लगा। पूजा शर्मा की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, और वह पूरी तरह इस रोमांच में डूब चुकी थी।

पूजा शर्मा की कोशिश और रामू की समस्या
पूजा शर्मा ने बिस्तर पर पीठ के बल लेटते हुए रामू को कहा, "रामू भाई, आओ। अब मैं तुम्हारी प्रॉब्लम दूर करती हूं।" उसने अपनी टांगें खोल दीं और कहा, "अपना लोड़ा मेरी चूत में डालो।" रामू ने भोलेपन से उसकी योनि की ओर देखा और हैरानी से कहा, "मैडम, आपकी चूत तो बहुत छोटी है। इसमें तो मेरी उंगली ही मुश्किल से फिट हो रही है। इतना बड़ा लोड़ा कैसे जाएगा?" पूजा शर्मा को उसकी मासूमियत पर हंसी आ गई। उसने कहा, "रामू भाई, तुम्हें अपने लंड को छोटा करना है ना? दर्द खत्म करना है? तो बस मेरे ऊपर आ जाओ।" रामू ने सिर हिलाया और धीरे से पूजा शर्मा के ऊपर लेट गया। पूजा शर्मा ने उसका विशाल लिंग अपने हाथ में लिया और धीरे से अपनी धड़कती योनि पर रखा। "धीरे-धीरे घुसाओ," उसने फुसफुसाते हुए कहा।

रामू ने जोर लगाया, लेकिन तभी पूजा शर्मा का फोन बज उठा। स्क्रीन पर राहुल का नाम चमक रहा था। पूजा शर्मा ने जल्दी से फोन उठाया, और उसकी सांसें अभी भी तेज थीं। राहुल ने कहा, "पूजा, 5 मिनट में नीचे आ जाओ। ज्योति की लड़की तुम्हारे साथ फोटो खिंचवाना चाहती है।" पूजा शर्मा ने अपनी सांसों को कंट्रोल करते हुए कहा, "जी, कोई ऊपर तो नहीं आ रहा?" राहुल ने हंसकर कहा, "टेंशन मत लो। कोई ऊपर नहीं आ रहा। बस 5 मिनट में नीचे आ जाओ।" तभी पूजा शर्मा के मुंह से एक हल्की-सी "आउच" की आवाज निकली। उधर, रामू धीरे-धीरे अपने लिंग को उसकी योनि में घुसाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह बार-बार फिसल रहा था। पूजा शर्मा ने जल्दी से कहा, "जी, ठीक है। मैं आती हूं।" और फोन काट दिया।

अंतिम पल और पूजा शर्मा की जल्दबाजी
पूजा शर्मा ने रामू को कहा, "रामू भाई, कपड़े पहन लो। मुझे नीचे बुला रहे हैं।" रामू ने निराश होकर कहा, "मैडम, लेकिन मेरा दर्द... इसे तो ठीक कर दो।" पूजा शर्मा को उस पर तरस आया। उसने कपड़े पहनना रोक दिया और कहा, "ठीक है, रामू भाई। मैं कोशिश करती हूं।" वह बिस्तर के पास नीचे बैठ गई और रामू का लिंग फिर से अपने हाथ में लिया। वह कभी उसे अपने स्तनों पर रगड़ रही थी, कभी अपने दोनों स्तनों के बीच रखकर आगे-पीछे कर रही थी, और कभी जोर-जोर से हिला रही थी। रामू की सांसें तेज हो गईं, और वह सिसकारियां लेने लगा, "आह... मैडम..."

पूजा शर्मा ने फिर से उसके लिंग को अपने मुंह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। रामू का शरीर कांप रहा था, और उसकी आंखें बंद थीं। अचानक, उसके चेहरे से एक जोरदार "आह..." की आवाज निकली, और पूजा शर्मा का मुंह उसके वीर्य से भर गया। पूजा शर्मा को इसका स्वाद अजीब लेकिन अनोखा लगा। उसने सारा वीर्य निगल लिया, और उसकी गंध उसे एक नई उत्तेजना दे रही थी। "पहली बार मैंने ऐसा किया," उसने सोचा। कुछ बूंदें उसके स्तनों पर भी गिरीं, जिन्हें उसने हल्के से अपनी त्वचा पर मल लिया। रामू का लिंग अब धीरे-धीरे छोटा हो रहा था, और उसे दर्द से राहत मिल गई थी। वह ख़ुशी से बोला, "मैडम, अब मुझे अच्छा लग रहा है। आपने मेरी प्रॉब्लम ठीक कर दी।"

पूजा शर्मा का अधूरापन और जल्दबाजी
पूजा शर्मा का मन अधूरा रह गया था। उसकी योनि अभी भी गीली थी, और उसका शरीर उत्तेजना से भरा था। लेकिन राहुल का फोन उसे नीचे बुला रहा था। उसने जल्दी से वॉशरूम में जाकर अपने आप को साफ किया। उसने अपनी हरी साड़ी, ब्लाउज, और पेटीकोट पहना, और अपने बालों को जूड़े में बांधा। उसने रामू की ओर देखा और कहा, "रामू भाई, अब तुम भी कपड़े पहन लो। और चुपके से नीचे चले जाना। किसी को कुछ मत बताना।" रामू ने सिर हिलाया और कहा, "मैडम, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा। आपने मेरी मदद की, मैं आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगा।"

पूजा शर्मा ने जल्दी से अपनी साड़ी ठीक की और नीचे जाने के लिए तैयार हुई। उसका मन अभी भी उस तीव्र अनुभव में खोया था। "रामू का भोलापन... और उसका वो लोड़ा," उसने सोचा। लेकिन वह जानती थी कि अब उसे मेहंदी की रस्म में वापस जाना है। उसने रामू को एक आखिरी मुस्कान दी और कहा, "रामू भाई, अब मैं जाती हूं। तुम भी बाद में चुपके से निकल जाना।" रामू ने सिर हिलाया और अपने कपड़े पहनने लगा। पूजा शर्मा ने कमरे का दरवाजा खोला और सीढ़ियों की ओर बढ़ गई, उसका मन अभी भी उस अधूरे रोमांच में डूबा था।

कहानी जारी है...
पूजा शर्मा ने राहुल को बताया कि रामू के साथ क्या हुआ था, लेकिन उसने यह बात मर्यादित और संक्षिप्त तरीके से कही। जब राहुल ने एकांत में पूजा शर्मा को घर के पीछे वाले आंगन में खींचकर पूछा, "बता, मेरी हॉट वाइफ। रामू के साथ क्या-क्या हुआ?" तो पूजा शर्मा ने शरमाते हुए जवाब दिया, "जी, आपने ही तो मुझे भेजा था। वो... बहुत भोला है। मैंने बस उसकी प्रॉब्लम ठीक की।" उसने यह नहीं बताया कि उसने रामू के साथ कितना अंतरंग समय बिताया, लेकिन यह स्वीकार किया कि रामू का लिंग बहुत बड़ा था, जिसने उसे हैरान कर दिया। उसने कहा, "जी, हां। वो इतना बड़ा था कि... मैं तो हैरान रह गई। लेकिन मैंने मर्यादा रखी।"
पूजा शर्मा ने राहुल को यह भी बताया कि उसने रामू की मदद की, लेकिन वह स्वयं अधूरी रह गई, क्योंकि उसकी उत्तेजना पूरी नहीं हुई थी। उसने शरमाते हुए कहा, "जी, बहुत मजा आया। उसका भोलापन... और वो... इतना बड़ा। लेकिन मैंने आपके लिए ही ये सब किया।" उसने राहुल को आश्वस्त किया कि उसने मर्यादा बनाए रखी और किसी को कुछ नहीं पता चला। यह बातचीत उनकी आपसी समझ और विश्वास को दर्शाती थी, जिसमें पूजा शर्मा ने राहुल की मर्जी का सम्मान करते हुए अपने अनुभव को साझा किया, लेकिन विस्तृत विवरण देने से बचते हुए।
शाम के 8:30 बज रहे थे, और ज्योति के घर में शादी की तैयारियों का माहौल अभी भी गर्म था। मेहंदी की रस्म खत्म हो चुकी थी, और अब बारात के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। अगले दिन बारात आने वाली थी, और परसों पूजा शर्मा और राहुल को अपने घर, कांगड़ा, हिमाचल लौटना था। पूजा शर्मा का मन अभी भी तीसरी मंजिल पर रामू के साथ बिताए उन अंतरंग पलों में उलझा था। रामू का भोलापन, उसकी मासूम तारीफें, और उसका विशाल लिंग—ये सब उसके मन में एक तूफान की तरह घूम रहा था। उसकी योनि में अभी भी उस अधूरी उत्तेजना की गर्मी थी, और एक गुप्त इच्छा उसके मन में जाग रही थी—रामू के साथ एक बार फिर, इस बार पूरी तरह, उस अनुभव को जीने की। लेकिन वह यह सब राहुल को बताए बिना करना चाहती थी।
पूजा शर्मा जानती थी कि रामू का लोड़ा इतना बड़ा था कि उसे पूरी तरह अनुभव करने के लिए समय और एकांत चाहिए था। "उसकी मोटाई... मेरी कलाई से भी ज्यादा," उसने मन ही मन सोचा, और उसकी सांसें तेज हो गईं। सुबह गंगा के किनारे नाव पर और तीसरी मंजिल के कमरे में हुए अनुभव ने उसके मन में एक आग सी जला दी थी। "राहुल ने मुझे मस्ती करने की इजाजत दी थी, लेकिन अगर मैं उनसे बिना बताए ये कर लूं तो?" उसने सोचा। उसका मन मर्यादा और इस नई उत्तेजना के बीच झूल रहा था। "कल बारात आएगी, और परसों हमें वापस जाना है। मेरे पास सिर्फ आज की रात है," उसने मन ही मन हिसाब लगाया।
राहुल मेहमानों के साथ व्यस्त था, और पूजा शर्मा को मौका मिल गया। उसने ज्योति से कहा, "ज्योति, मैं थोड़ा ताजी हवा लेने बाहर जा रही हूं। थकान हो रही है।" ज्योति ने हंसकर कहा, "अरे, पूजा दीदी, जाओ। लेकिन जल्दी लौटना, रात का खाना तैयार है।" पूजा शर्मा ने अपनी हरी साड़ी ठीक की, जो उसकी गोरी त्वचा और फिगर को हल्का-सा उभार रही थी, और चुपके से घर के पीछे वाले रास्ते से निकल गई। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "रामू घाट पर होगा," उसने सोचा। उसने अपने फोन को साइलेंट मोड पर डाल लिया, ताकि राहुल का कोई मैसेज उसे परेशान न करे।
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RE: पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर - by poojarahulhimachal - 17-09-2025, 07:39 PM



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