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गिगोलो का मोटा लंड: आंटीयों और जवान लड़कियों की गांड मार चुदाई कहानी
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गिगोलो का मोटा लंड: आंटीयों और जवान लड़कियों की गांड मार चुदाई कहानी

अगले दिन आर्यन ने प्लान बनाया – "नर्मिला को अपने घर बुलाऊंगा, मां बाहर जाएंगी, और चोदूंगा। लेकिन अगर मां देख लेगी तो... मजा आएगा।" वो मां से बोला: "मां, आज पड़ोसी के घर जाना है न? मैं घर पर हूं।" मां हंसी: "हां, बेटा। शाम को लौटूंगी।" आर्यन ने नर्मिला को मैसेज किया – गांव में फोन कम थे, लेकिन सर्पंच की बीवी होने से नर्मिला के पास था: "भाभी, आज शाम मेरे घर आओ। मां बाहर हैं। इंतजार है।" नर्मिला का जवाब: "आर्यन... ठीक है, आऊंगी। लेकिन सावधानी से।"
शाम हुई, मां बाहर गईं, और नर्मिला चुपके से घर आई – हल्की नीली साड़ी में, बाल खुले, चेहरा शर्म से लाल, लेकिन आंखों में भूख। आर्यन ने दरवाजा बंद किया, उसे बाहों में भर लिया: "भाभी, तुम्हारी महक... मुझे पागल कर देती है। आज तुम्हें चोद-चोद कर थका दूंगा।" नर्मिला शर्मा गई, लेकिन करीब आई: "आर्यन... हां... कल की याद में रात भर सो नहीं पाई। मेरी चूत गीली हो गई थी। चोदो मुझे।" आर्यन ने साड़ी खींची, ब्लाउज फाड़ा – नर्मिला के बड़े चूचे बाहर, निप्पल्स हार्ड। वो चूसने लगा – तेज, काटते हुए: "आह... आर्यन... चूस... मेरे चूचे... madarchod... काट... दर्द दे..." नर्मिला तड़पी, उसके लंड को सहलाने लगी। आर्यन ने पैंटी उतारी, चूत में उंगली डाली – गीली, गर्म: "तेरी चूत... रसीली है भाभी... चोदूंगा।" नर्मिला: "हां... चोद... बहनचोद... तेरा लंड... मुझे चाहिए।"
आर्यन ने उसे बेड पर पटका, लंड निकाला – 10 इंच, मोटा, सख्त। नर्मिला की आंखें फैली: "ओह... इतना बड़ा... कल से बड़ा लग रहा... मुंह में दो।" वो मुंह में ली, चूसने लगी – गला तक, लार बहाकर। आर्यन: "चूस रंडी... गला तक... madarchod..." नर्मिला चूसती रही, फिर आर्यन ने चूत में घुसेड़ा – तेज धक्का: "आह... फाड़ दे... आर्यन... तेरी चूत..." नर्मिला चिल्लाई: "हां... चोद... madarchod... मेरी चूत फाड़... तेज..." धक्के लगे – हार्ड, गहरा, बेड हिल रहा था, नर्मिला की गांड थप-थप कर रही थी, चूचे उछल रहे। "बहनचोद... और तेज... मुझे रंडी बना दे..." नर्मिला झड़ी, लेकिन आर्यन नहीं रुका – गांड में डाला: "तेरी गांड... टाइट है... फाड़ूंगा..." नर्मिला: "ओह... madarchod... गांड फट रही... लेकिन चोद... कम इनसाइड..." सेक्स वाइल्ड – कमरे में सिसकारियां गूंज रही, पसीना बह रहा, लेकिन तभी खिड़की से एक जोड़ी आंखें झांक रही थीं – आर्यन की मां, सुनीता।
सुनीता बाहर से लौट रही थी, लेकिन घर के पास आकर रुकी – अंदर से आवाजें आ रही थीं, सिसकारियां, थप-थप की। वो चुपके से खिड़की के पास गई, झांकी – और उसकी सांस रुक गई। बेटा आर्यन नर्मिला को चोद रहा था – उसका 10 इंच का लंड, मोटा, सख्त, नर्मिला की गांड में घुसा हुआ, धक्के लगाते हुए। "ओह... आर्यन का लंड... इतना बड़ा? मेरा बेटा... इतना ताकतवर?" सुनीता की आंखें फैल गईं, मुंह में पानी आ गया, जैसे भूख लगी हो। उसकी चूत गीली होने लगी, पैंटी में महसूस हो रही थी – "ये... मेरा बेटा है, लेकिन... इतना बड़ा लंड... कितना मोटा... नर्मिला को चोद रहा है... madarchod... मेरी चूत भी गीली हो रही..." वो खड़ी रही, देखती रही – आर्यन के धक्के, नर्मिला की सिसकारियां: "चोद... madarchod... फाड़ दे..." सुनीता का हाथ अपनी चूत पर चला गया, लेकिन रुकी – "नहीं, वो मेरा बेटा है। ये गलत है।" वो आंसू पोछती हुई घर से बाहर चली गई, चुपचाप, जैसे कुछ नहीं देखा। लेकिन मन में तूफान – "आर्यन... मेरा बेटा... अब उसे देखने का नजरिया बदल गया। वो अब सिर्फ बेटा नहीं, एक मर्द है।" वो गांव की गलियों में घूमती रही, लेकिन कुछ नहीं बताया किसी को।
आर्यन ने नर्मिला को चोदा – कम झाड़ा, नर्मिला थककर लेट गई: "आर्यन... तू कमाल है... रोज चोदना।" आर्यन मुस्कुराया: "हां, भाभी। लेकिन सर्पंच जी को पता न चले।" वो निकला, लेकिन मन में संतोष – रिवेंज पूरा। लेकिन मां की वो झांकती आंखें... वो नहीं जानता था। रात को मां घर लौटी, चुपचाप, लेकिन आर्यन को देखकर उसकी आंखें अलग थीं – प्यार से, लेकिन एक नई भूख से। "बेटा, कैसा है?" वो बोली, लेकिन चूत अभी भी गीली महसूस हो रही थी। आर्यन: "ठीक हूं, मां।" लेकिन अब रिश्ता बदल चुका था, अनजाने में।

आर्यन की रात गांव के घर में बीती – वो बिस्तर पर लेटा था, नर्मिला की चूत और गांड की याद में मुस्कुरा रहा था, लेकिन मां का चेहरा बार-बार आ रहा था। "मां... वो सर्पंच के साथ... लेकिन अब क्या? वो मेरी मां है," वो सोचता रहा, लेकिन लंड खड़ा हो गया – मां की वो जवान बॉडी, वो बड़े चूचे, वो गोल गांड। "नहीं, ये गलत है," वो खुद को डांटा, लेकिन नींद नहीं आई। सुबह उठा, मां रसोई में काम कर रही थी – साड़ी में, पसीने से भीगी, चूचे उभरे हुए, कमर की मटक। "बेटा, चाय?" वो बोली, लेकिन आंखें आर्यन के बदन पर रुकीं – कल की याद में उसकी चूत फिर गीली हो गई। "हां, मां," आर्यन बोला, लेकिन नजर मां की गांड पर। मां चाय लेकर आई, झुककर सर्व की – साड़ी का पल्लू सरका, चूचों की झलक। आर्यन का लंड खड़ा हो गया, लेकिन छुपाया। मां की नजर उसकी पैंट पर पड़ी, आंखें फैलीं – "ये... इतना उभरा हुआ?" लेकिन वो चुप रही, मन में आग लग गई। "बेटा, आज क्या करेगा?" वो पूछी, लेकिन आवाज कांप रही थी। आर्यन: "मां, घर पर हूं। तुम्हारे साथ समय बिताऊंगा।" मां मुस्कुराई, लेकिन चूत गीली हो रही थी – "मेरा बेटा... इतना बड़ा लंड... कल नर्मिला को चोद रहा था... madarchod... मुझे भी चाहिए?" वो खुद से लड़ी, लेकिन कुछ नहीं कहा।
दिन बीता, शाम हुई – मां नहाने गई, बाथरूम का दरवाजा हल्का खुला। आर्यन बाहर से गुजरा, झांका – मां नंगी, पानी से भीगी, चूचे बड़े, निप्पल्स हार्ड, चूत पर बाल, गांड गोल। मां साबुन लगा रही थी, चूत पर हाथ फेर रही, सिसकारी भरी: "ओह... आर्यन का लंड... इतना बड़ा... मेरी चूत में... आह..." वो उंगली डाल रही थी, मांबेटे की याद में। आर्यन देखता रहा, लंड खड़ा हो गया – "मां... मुझे भी चाहती है?" लेकिन वो चला गया, कुछ नहीं कहा। रात हुई, दोनों एक कमरे में सोए – गांव की आदत, एक बेड। मां की सांस तेज, आर्यन की भी। मां करवट बदली, उसकी गांड आर्यन के लंड से छू गई – लंड खड़ा, मां की साड़ी में दबा। मां की सिसकारी निकली: "ओह... बेटा..." लेकिन वो चुप रही, लेकिन चूत गीली। आर्यन ने धीरे से हाथ रखा मां की कमर पर: "मां, नींद नहीं आ रही?" मां की आवाज कांपती: "नहीं, बेटा। तुम्हारी याद..." आर्यन करीब आया, लंड मां की गांड पर दबा: "मां, मैं हूं न।" मां तड़पी, लेकिन कुछ नहीं कहा – "ये मेरा बेटा है, लेकिन... उसका लंड... इतना बड़ा..." वो चुप रही, लेकिन नजरिया बदल चुका था। आर्यन भी चुप रहा, लेकिन खेल शुरू हो चुका था।

आर्यन की रातें अब गांव की शांत रातों में बीत रही थीं, लेकिन उसका मन पूरी तरह बदल चुका था। कल की वो झलक – मां का हाथ अपनी चूत पर, वो सिसकारियां – उसके दिमाग में बार-बार घूम रही थीं। "मां भी एक औरत है, उसकी भूख है। सर्पंच जैसे हरामी ने उसे चोद-चोद कर उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया है, लेकिन अब मैं... मैं अपनी मां की भूख मिटाऊंगा। उसके 'इलाज' के लिए मेरा 10 इंच का लंड ही काफी है," वो सोचता रहा, बिस्तर पर लेटे-लेटे, लंड खड़ा होकर तंबू बना रहा था। सुबह उठा, मां रसोई में काम कर रही थी – साड़ी में, पसीने से भीगी, चूचे उभरे हुए, गांड मटकती हुई। "बेटा, चाय?" वो बोली, लेकिन आंखें आर्यन के पैंट पर रुकीं – जहां लंड का उभार साफ दिख रहा था। आर्यन मुस्कुराया: "हां, मां। लेकिन पहले... तुम्हारी तबीयत कैसी है? रात को नींद आई?" मां की सांस तेज हुई, चूत फिर गीली होने लगी: "बेटा... नींद नहीं आई। मन बेचैन था।" आर्यन करीब आया, मां की कमर पकड़ी: "मां, मैं हूं न। तुम्हारी हर तकलीफ मिटा दूंगा।" मां की आंखें नीचे, लेकिन बॉडी कांप रही थी – "बेटा... ये... क्या कर रहा है?" लेकिन वो हटी नहीं, बल्कि और करीब आ गई, उसके चूचे आर्यन के सीने से छू रहे थे।
आर्यन ने धीरे से मां की साड़ी का पल्लू सरकाया, गर्दन पर किस किया – नरम, गर्म: "मां, तुम्हारी तबीयत ठीक करने का तरीका मुझे पता है। तुम्हारी ये भूख... मैं मिटाऊंगा।" मां की सिसकारी निकली: "ओह... बेटा... ये गलत है... लेकिन... तुम्हारा स्पर्श... इतना गर्म..." आर्यन ने ब्लाउज खोला, मां के बड़े चूचे बाहर – निप्पल्स हार्ड, जैसे लंड की भूखी। वो चूसने लगा – तेज, काटते हुए: "आह... आर्यन... चूस... अपनी मां के चूचे... madarchod... काट... दर्द दे..." मां तड़पी, उसके लंड को सहलाने लगी। आर्यन ने साड़ी उतारी, चूत में उंगली डाली – गीली, गर्म: "मां, तेरी चूत... रसीली है... सर्पंच ने चोदा है, लेकिन मेरा लंड... तुझे ठीक करेगा।" मां की सांस तेज: "हां... बेटा... चोद... अपनी मां की चूत... madarchod... तेरी मां रंडी है... चोद..." आर्यन ने लंड निकाला, मां के मुंह में ठूंस दिया: "चूस... मां... तेरे बेटे का लंड... 10 इंच... गला तक..." मां चूसने लगी – लार बहाकर, जैसे भूखी शेरनी। "ओह... बेटा... इतना बड़ा... तेरे पापा का आधा था..." वो चूसती रही, फिर आर्यन ने बेड पर पटका, चूत में घुसेड़ा – तेज धक्का: "आह... मां... तेरी चूत... टाइट है..." मां चिल्लाई: "हां... चोद... madarchod... तेरी मां की चूत फाड़... तेज..." धक्के लगे – हार्ड, गहरा, मां की गांड थप-थप कर रही थी, चूचे उछल रहे। "बहनचोद... और तेज... मुझे रंडी बना दे..." मां झड़ी, लेकिन आर्यन नहीं रुका – गांड में डाला: "मां, तेरी गांड... फाड़ूंगा..." मां: "ओह... madarchod... गांड फट रही... लेकिन चोद... कम इनसाइड..." आर्यन ने कम झाड़ा, मां थककर लेट गई: "बेटा... तू कमाल है... रोज चोदना।" आर्यन मुस्कुराया: "हां, मां। तेरी भूख मिटा दूंगा।"
आर्यन ने फैसला किया – गांव में रहूंगा, और गांव की हर औरत को चोदूंगा जो सर्पंच चोदता है। "वो हरामी ने मेरी मां को चोदा, अब मैं उसकी हर रंडी को चोद-चोद कर अपनी बना लूंगा, ताकि वो सर्पंच को छोड़ दें।" 
Fuckuguy
albertprince547;
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RE: गिगोलो का मोटा लंड: आंटीयों और जवान लड़कियों की गांड मार चुदाई कहानी - by Fuckuguy - 16-09-2025, 02:07 AM



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