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Adultery पति पत्नी एवं पत्नी के भाइयों के कामुक संबंधित कथा।
#19
अब मै  हर तरह से आपलोगों से चोद वा ऊंगी,सच कहती हूं इतना कह के वो मेरी तरफ देखती हुई  वो जीजू के तरफ भी देख लेती।जीजू कुछ न बोल के उसी तरह उदासीनता से कहीं दूर देखे जा रहे थे। आखिर में मैने जीजाजी के कंधे को थ प थ पा ये हुए कहा ,छोड़िए जीजू मीरा तो स्वयं कह रही है,उसे मुझसे चो द वा ने की,जो हुआ उसपर पानी डालिए,चलिए मीरा को माफ कर दिजिए, ये सब एक गलतफहमी के कारण हुआ।पर मेरे दिमाग में जीजू के शातिराना  चाल की दाद निकल रही थी।छोड़ो न रमेश जी क्या रखा है इस बेमतलब की बातों में।यह मेरा दुर्भाग्य है कि मुझे मेरी प्राणों से प्रिय पत्नी भी गलत समझती है,ओ कभी भी खुल के मेरा साथ नहीं देगी।अरे हम तो चाहते हैं कि जब तक जवानी है खुलकर मै भी खेलूं और ओह भी,दस,बारह वर्ष के बाद तो यह सब खुद ही बंद हो जाएगा,तो बाकी की जिन्दगी इसी पल को याद करते हुए एक दूसरे को चिढ़ाते हुए मजाक करते हुए इस दुनिया से एक एक कर विदा ले लेंगे।ए दिल की बात थी और सच्चे दिल की आवाज जो मै भी सुन रहा था और मीरा भी।जीजा फिर बोले,हम बिना किसी को छानी पहुंचाए बगैर अगर स्वयं आपस में या इसी तरह के सोच वाले के साथ जीवन बिताना पसंद करते हैं तो किसी को क्या ऐतराज।ये मेरी पत्नी है,जिंदगी भर इसकी जिम्मेदारी है,मै सिर्फ इतना चाहता हूं कि ये जो नहीं करना चाहती है ना करे,न मेरे दबाव में और न किसी दूसरे के दबाव में।मुझे बस इसकी खुशी चहिए। हां  हां बस इन्हें मेरी खुशी चाहिए,अरे मै तो इसलिए झिझक रही थी कि कहीं ये मुझे दूसचरित्र न समझे, चलिए अभी।बताती हूं कि मै क्या चाहती हूं और क्या कर सकती हूं,मीरा ये कह के मेरे पजामे की गांठ खोल देती है और फिर जीजू के ,हम दोनो पूरे नंगे हो गए और मीरा जीजू।को लगभग डांटते हुए बोली,बहुत भाषण दे लिए,जब मै नंगी अपने चूंचियों को निकले हुए आप दोनों।की।मर्दानगी कहा चली गई थी,एक बार फिर मुझे अपने बीच रख कर रगड़ देते  तब पता चलता की मै कैसी औरत हूं,अरे मै तोआपके।कहने पर मै अपनी दोनों टांगें खोल कर किसी के भी,चाहे ओ एक हों या एक दर्जन मै नंगी हो जाऊंगी  मेरी सिर्फ एक शर्त है कि ये वहां मौज़ोय रहे।हो गया मेरे चोदूं,चलिए बिछावन पर बैठिए और देखिए यह kutti आप दोनों के लण्ङ को कैसे मजा देती है।मीरा हम दोनो के लण्ङ पकड़ कर लगभग खींचती हुई बिछावन के ऊपर बैठा देती है फिर ओह घुटनों के बल जमीन पर बैठ कर जीजू के लण्ङ को चुस्ती है और फिर मेरे लण्ङ को ले कर,मेरे लण्ङ को मुंह में रखे हुए ही ओह मुंह फैलाकर जीजू के लण्ङ को भी अपने मुंह में डाल के दोनों को एक साथ ही चूसती जा रही थी।उसकी आँखें कभी मुझे और कभी जीजू के चेहरे पर जम जा रही थी,मानो पूछ रही हो कैसी चूस रही हूं।
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RE: पति पत्नी एवं पत्नी के भाइयों के कामुक संबंधित कथा। - by ushaxyz - 14-09-2025, 07:21 PM



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