14-09-2025, 04:07 AM
(This post was last modified: 14-09-2025, 04:52 AM by ushaxyz. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
यहां तक कि कहानी सुना कर मै ने अपनी बीबी ऊषा की ओर आंखे उठाई जो मेरे लण्ङ से निकले वीर्य को दो दो बार निगल कर शांत बैठी थी ,मै जब उसकीओर देखा तो लगा जैसे ओह कुछ कहना चाहती हो,तो मै ने पूछ लिया कि कहो तो आज इतने पर ही बंद कर देता हूं,नहीं नहीं इस घटना की पूरी बाते मै तो आज ही सुनूंगी,चाहे जो हो जाए,मै तो जनन चाह रही थी कि अभी पीने लायक कोई ठंडा या गर्म कुछ मिल जाएगा क्या।अरे तुम कैसी बात करती हो, ठंडी कोका कोला, होगा वैसे व्हिस्की की बॉटल आलमारी में है,चाहो तो ओ भी ले सकती हो।वो तुरत बिछाबन से उठ कर व्हिस्की की बॉटल निकलने लगी तो साथ में एक कोका कोला का छोटा वाला बॉटल में साथ में रखा हुआ मिला,वो दोनों साथ ले कर आई।मै ने पूछा कभी व्हिस्की ली हो,जी एक बार ली थी उसी के ढक्कन से चार ढक्कन,फिर बाद में नहीं ली।चलो कोई बात नहीं,रूम में परे दूध वाले खाली ग्लासों को हल्के से पानी से धो कर दोनों ग्लास में पहले40मेल और 80मिली डाला और फिर आधी आधी कोका कोला दोनों में बराबर डालके कम व्हिस्की वाली उसे दो।लो पि लो,वो एक ही झटके में ग्लास खाली करके टेबल पर रख के इस बार एक दम से सेट के सो गई ,एक हाथ मेरी कमर पर रखते हुए,उसके ब्लाऊज के सभी बटन खुले थे,और उसकी रंगीन ब्रा और उस मेंस झांकती गोल गोल स्तन साफ दिख रहे थे। मै ने एक बार और फिर उस से पूछा,नींद आ रही हो चलो सोया जाए। लेकिन वो एक हाथ पुनः मेरे लण्ङ को पकड़ती और दूसरे को मेरे बालों में फेरती बोली जब आपकी बहनआपसे ही चूद रही हो तो मुझे नींद कैसे आएगी।आगे की घटनाओं को सुने बिना तो न मुझे चैन मिलेगी और न शांति, इसलिए मुझे विस्तार से सुनाइए , बशर्ते कि अगर मुझे मेरी अपनी कौमार्य शादी के पूर्व ही किसी अन्य के हाथों गंवाने आपराध को दिल से माफ किया हो तो,मै उसकी बातों को सुनकर उसकी आँखों में झांका।जो मेरी समझ थी,मै ने उसकी आंखे एक विश्वास दिखाईं दे रही थी।पहले मै ने एक चुम्बन उसके माथे पर और दूसरी।उसके होंठों का लेकर आगे कहना शुरू किया।
हालांकि मुझे नींद नहीं आ रही थीं,और दूसरी तरफ मीरा की हर सांसों के साथ उठतो बैठती चूंचियों का ओ जलवा।, जीजू को शायद मेरी हालात का अनुमान हो गया था बोले क्या सो गए रमेश जी। मै ने जवाब दिए,नींद ही नहीं आ रही जीजू। जीजू बोले होता है रमेश जी,एक मस्तऔरत अपनी
चूंचियों
हालांकि मुझे नींद नहीं आ रही थीं,और दूसरी तरफ मीरा की हर सांसों के साथ उठतो बैठती चूंचियों का ओ जलवा।, जीजू को शायद मेरी हालात का अनुमान हो गया था बोले क्या सो गए रमेश जी। मै ने जवाब दिए,नींद ही नहीं आ रही जीजू। जीजू बोले होता है रमेश जी,एक मस्तऔरत अपनी
चूंचियों


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)