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Fantasy रूपा ने बनाया अपने पति को कुक
#2
# भाग 2
जान पहचान

इस कहानी में मैं ही जिम्मी हूँ
यूँ ही तन्हा जीते जीते जिम्मी एक दिन जब जॉब से लौटकर शाम को 6 बजे रूम पर आता है तो रूम की खिड़की से जो की सामने वाले मकान का पुरा सामने का दृश्य दिखाती थी छत से लेकर नीचे तक का देखता है एक बला की साँवली सी नशीली अदाओं वाली लड़की उस मकान के जीने से बहुत ही फुर्ती में उतर के नीचे आ रही है| चूँकि चाँटे अंकल के घर के मैन गेट का दरवाजा एक 6 फीट की दीवार से लगा हुआ 5 फीट ऊँचा मॉडर्न डिजाईन वाला है जिसके सामने खाली जगह जो की आँगन है  फिर राईट वाली साईड  से गली जा रही है उनके पड़ोसी डैंडी के घर की दीवार से सट के और उसके विपरीत साईड जीना है जो की चाँटे अंकल के घर की छत पे जाने के लिए है यह जीना रूपा के रूम के सामने वाली बालकनी तक जाता है फिर उस रूम के राईट साईड से छत के बाकी पीछे वाले भाग में जाने के लिए रास्ता है| जिम्मी ने की नज़रें यक ब यक जीने से नीचे आती हुई लड़की के सुडौल भरे हुए सीने पर ठहर जाती है और वह उन दमदारदूधों को वह जीने से उतरने की फुर्ती के साथ बेहद नशीले अंदाज़ में उपर नीचे किसी भारी से हैमर के जैसे उसके छाती पर स्लो मोसन में गिरते उठते देख कर बस देखता रह जाता है| उस पल में वह एक अजीब से एहसास में खो जाता है जब उसकी जब वह जीने से उतरते हुए अंतिम उसके अंतिम पायदान पर पँहुचती है और अपनी सुर्ख काली ज़ुल्फ़ों को झटकती है तो जिम्मी का ध्यान उसके सीने से हटता है और वह उसकी ज़ुल्फ़ों की कशिश देखता रह जाता है और अगले ही पल में उसके चौड़े हल्के से कर्वी शरीर और मजबूत जाँघों जो की टाईट जींस और स्पोर्ट्स टी शर्ट में साफ़ नज़र आ रही थी को देखकर दंग रह जाता है उसके शरीर में एक अजीब सी खुशी की लहर दौड़ जाती है और मन ही मन आनंदित हो उठता है| जैसे ही रूपा तेजी से एक फुर्ती वाली अदा के साथ मैन दरवाजे से निकल कर गली में जाने लगती है जिम्मी उसकी फ़ुर्तीली चाल के साथ किसी बजते हुए तबले की चमड़े की परत के जैसे कंपन से थिरकते हुए उसके चौड़े चौड़े उपर को उठे हुए चूतड़ देखकर सर से लेकर पाँव तक वासना से भर जाता है| अब सिर्फ़ उसे एक ही चाहत होती किसी तरह इस तबले को बजाकर उससे निकलने वाली एक मदमस्त करने वाली धुन सुनने की, ऐसे ही दूर तक उसकी जींस फाड़ के बाहर आने को उतावले होते हुए उसकी मस्त फुर्ती वाली चाल पे थिरकते हुए चुतड़ों को गली के उस छोर तक जहाँ तक खिड़की से देख सकता था देखता रहता है| अनायास ही उसका एक हाथ उसकी पेंट की जिप के ऊपर उठे उभार को सहलाना शुरू कर देता है| और अपने बेकाबू हुए wild सपनों में खो जाता है| जिम्मी यूँ ही ख़यालों में गुम 5 मिनट तक अपने पेंट में उठे ज्वाला मुखी को सहलाने के बाद कपड़े निकालता है और नहाने चला जाता है| नहाते वक़्त रूपा के गोल चौड़े भारी भरकम टाईट चुतड़ों की थिरकन को याद कर अपने नंगे सुडौल मजबूत बदन को छूता है और मदमस्त होकर नहाने लगता है और सोचने लगता है क्या इतनी चौड़ी टाईट उठी हुई परफेक्ट गांड को छूने भर से जैसे लड़को का सच में ज्वालामुखी फूट पड़ता है| या फिर रॉकी ऐसे ही बकबास करता है झूट बोलता है भला छूने भर से भी किसी का ज्वालामुखी फूटता होगा कहीं ये सब सोचते सोचते साबुन लगाते लगाते उसका हाथ जब उसकी गांड पर जाता है तो वो सोचने लगता है लड़कों की गांड कितनी छोटी सी होती है और वो रूपा की गांड को याद करके बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में अपनी गांड पर साबुन लगाने लगता है एक हाथ अपने ज्वालामुखी पर ले जाता है दुसरे हाथ से अपनी गांड के छेद पर बड़े प्यार से रूपा को याद करते हुए साबुन लगाने लगता है फिर गांड से हटा के अपना हाथ अपने सीने पर ले आता है और रूपा की भरी हुई छाती को याद करके सीने पर साबुन लगाने लगता है जिससे उसका पूरा रोम रोम आनंदित हो उठता है| फिर उसे राॅकी की बात याद आती है जिसने कहा था की वीर्य को जितना रोक के रखोगे उतना दिखने में आकर्षक लगोगे जिम्मी तुरं ख़ुद को कंट्रोल करता है और जल्दी से नहाकर बाहर आता है औरखुद के नंगे जिस्म को कमरे का दरवाजा बंद करके शीशे में निहारने लगता है इतनी देर में नीचे से टिफिन वाले की आवाज़ आती है जिस से वह एकदम चौकन्ना होकर अभी आया भाई कहकर कपड़े पहनता है और नीचे टिफिन लेने चला जाता है|

अगले दिन रविवार होता सुबह जिम्मी उठकर थोड़ी फिजिकल excercise करता है पर आज वो खिड़की खोल कर शर्ट लेस होकर लोवर पहन कर excercise करता है और सोचता है काश उसे रूपा ये सब करते हुए देखे उसके बाद कॉलगेट करके नहा धोकर फ्रेश होकर नाश्ता करता है और खिड़की के पास की चेयर पर ऐसे ही शर्ट लेस बैठकर पैर बेड पे रख कर सोचता है काश रूपा के दर्शन हो जाएं तो मज़ा आ जाए और वो बैठे बैठे अपने ज्वालामुखी को हाथ से लोवर के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर देता है फिर अचानक उठता है और खिड़की हल्की सी बंद करके लोवर उतार के अपने ज्वालामुखी पर तेल लगाकर उसकी प्यार से मालिश करता है तभी उसे एहसास होता है की उसके बाल काफी बड़े हो गए हैं फिर वो रूपा के बारे में सोचता है क्या उसकी भी भट्टी पर ऐसे ही बाल होंगे या फिर वो उगते ही साफ करती होगी लेकिन उसकी गांड क्या मस्त पहाड़ के जैसी मजबूत बड़ी है क्या उसकी गहरी घाटी में भी बाल होंगे ये सोचते सोचते उसका हाथ अपनी गांड के छेपर चला जाता है और उसे एहसास होता है की मेरी घाटी तो बालों से भरी हुई है फिर उसकी भी होगी लेकिन वो अपनी इतनी बड़ी पर्वत सी गांड की इतनी गहरी घाटी को कैसे साफ करती होगी फिर वो अचानक रेजर उठाता है और अपने ज्वालामुखी और अपनी छोटी सी गोल साफ गांड के बालों को शीशे में देखकर क्लीन कर लेता है और तेल से अच्छे से मसाज करता है अपने ज्वालामुखी और अपनी गांड की फिर कपड़े पहन कर नीचे जाता है और चाँटे अंकल को नमस्ते करता है जो की सुबह सुबह अपने आँगन में बैठकर अखबार पढ़ रहे हैं|

चाँटे अंकल जिम्मी को देखते ही कहते हैं; आओ जिम्मी बेटा कभी हमारे पास भी बैठ जाया करो बुजुर्गों के पास बैठने से बहुत फायदा होता है ये तुम्हारी जेनरेशन को कौन समझाए अब देखो आजकल तो पूरा अखबार रेप छेड़खानी लूट मारपीट इन्ही सब से भरा रहता है

जिम्मी; थोड़ा सा शर्मीले अंदाज़ में हाँ अंकल कहते हुए उनके पास पड़ी चेयर पर बैठ जाता है

चाँटे अंकल; जिम्मी तुम शरीर का बहुत ध्यान रखते हो अपने एकदम फिट लगते हो ये कहते हुए आहिस्ता से जिम्मी के कन्धे पे हाथ रख देते हैं

जिम्मी; जिम्मी नज़रें नीचे झुकाकर थोड़ा सा अपनी तारीफ सुनके और सभ्य बनने की कोशिश करते हुए हल्की सी इस्मायिल के साथ नीचे मुँह करके कहता है नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं है बस थोड़ा ध्यान रखता हूँ जिम्मी के तन बदन में एक अजीब सी बेचैनी होने लगती है वह मन ही मन सोचने लगता है काश रूपा नीचे आये और उसके मस्त मजबूत कर्वी जिस्म के दर्शन हो जाएँ किसी तरह तो दिन बन जाए

चाँटे अंकल; भाई आजकल ये हो क्या गया है इस जेनरेशन को, जिम्मी को एक न्यूज दिखाते हुए कहते हैं देखो ये साला लौंडा अपना जेंडर चेंज करा के लौंडिया बन गया यह बात सुनकर प्रोफेसर चाँटे की पत्नी के दोस्त पड़ोस में रहने वाले जो की एक प्रोपर्टी डीलर थे जिनको सब डैंडी साहब कहते थे आ जाते है|

डैंडी साहब; मस्ती भरे और रौबदार अंदाज़ में अरे चाँटे क्या दिखा रहा है लड़के को मुझे भी दिखा कौनसी न्यूज आ गई ऐसी जो इतना आग बबूला हुआ जा रह है| चूँकि चाँटे और डैंडी काफी क्लोज फ्रेंड थे तो वो ऐसे ही बात करते थे|

चाँटे अंकल; ये देख न यार आजकल के लौंडे लड़के से लड़की बन रहे हैं आखिर ये हो क्या गया है इन लोग को मैं चुपचाप बैठा उनकी बात-चीत सुन रहा हूँ|

डैंडी; चाँटे ये जेनरेशन बहुत बड़ी गांडू है इन चूतियों को कोई कुछ नहीं समझा सकता और तू मान न मान इसको साला पक्का गांडू होगा जिसने जेंडर बदला है ऐसा गंडूवा अगर मुझे मिल जाए कहीं तो साले की सारी गांड-मस्ती निकाल दूँ एक ही बार में जिंदगी में फिर कभी लौंडिया बनने की न सोचेगा

चाँटे अंकल; डैंडी साहब आपको झेल नहीं पायेगी आज की जेनरेशन आप कहाँ 6 फीट 11 इंच के इतने लंबे चौड़े मजबूत पहलवान ऊपर से आपका 9 इंच का छोटा पहलवान मर जायेगा बेचारा लौंडिया तो तब बनेगा जब जिंदा बचेगा तुमसे मिल के ये कह कर दोनों जोर जोर् से हँसने लगे|

तभी सुबह सुबह स्लिम फिट जिम सूट मैं आती हुई रूपा दिखी सड़क से जो सुबह सुबह पार्क जाया करती थी excercise करने क्या बला की खूबसूरत लग रही थी एकदम कामदेवी मैं तो जैसे देखता ही रह गया तभी चाँटे अंकल ने डैंडी साहब से कहा अब कोई फालतू बात नहीं बिटिया रानी आ गयी है बहुत भली लड़की है और फिर तभी रूपा दोनों अंकल को नमस्ते करते हुए जीने से ऊपर जाने लगती है मैं तो उसकी चौंडी सी उठी हुई टाइट गांड देखकर पागल हुआ जा रहा था और जो उसकी गांड की गहरी दरार में टाईट स्लिम फिट लेगी अंदर बाहर हो रही थी उसके जीना चढ़ते वक्त उसने तो मेरे ज्वालामुखी में हलचल ही मचा दी, तभी डैंडी साहब की डिवोर्सी बेटी चाय लेकर आती है जो की तब्बू हिरोईन के जैसकद काठी फिगर वाली महिला रंग एकदम गौरा तब्बू के जैसे चौड़े कंधे लंबे बाल चाय की केटल और कप रख कर प्रोफेसर चाँटें को रौबदार आवाज़ में हीदायत देकर अंकल पी कभी इतनखो जाओ आप लोग बातों में की चाय ही ठंडी हो जाए

चाँटे; ठीक है कामिनी तेरे हाथ की चाय तो वैसे भी अमृत है तेरे नाम में ही जैसे तेरी बातों में है कोई पागल ही होगा जो तेरी चाय न पियेगा

कामिनी; हाँ हाँ ठीक है पापा से और आप से तो बातें बनबा लो बस सारे दिन बिठा के

डैंडी साहब; सुन अपनी माँ से कहना मेरे कपड़ों पर प्रेस कर दे आज मुझे एक साईट पर जाना है एक क्लाइंट को घर दिखाने जाना है

कामिनी; ठीक है पापा

डैंडी साहब; जिम्मी के कंधे पे हाथ रखकर और जिम्मी बहुत चिकना हो कर घूम रहा है आज तू भी जेंडर चेंज करने के फिराक में है क्या

जिम्मी; नहीं अंकल कैसी बातें कर रहे हैं आप

डैंडी साहब; जिम्मी की कमर पे हाथ फिराते हुए थोड़ा नीचे ले जाते हैं मुझे अजीब सी फीलिंग हुई फिर वो हटा लेते हैं उसके बाद चाँटे अंकल से कहते है ठीक हैं चाँटे मिलते हैं शाम को और चले जाते हैं|

मैं(जिम्मी) भी चाँटें अंकल को यह बोलकर चला आता हूँ की मुझे कपड़े धोने हैं वैसे डैंडी साहब मुझे अक्सर छेड़ते रहते थे लेकिन उनके इरादे मुझे नेक नहीं लगते थे ऊपर से उनको सब अफ्रीकन अफ्रीकन बोलते थे जब की वो गेँहुआ रंग के थे|


दोपहर के वक्त तक सारा काम निपटा के खाना खा के में लेता ही था की गली में शोर शराबा होने लगा मैंने खिड़की खोल कर देखा तो गली में भीड़ लगी थी उस भीड़ में मुझे रूपा भी दिखी तो मैं उतर के नीचे चला गया तो देखा की हमारे ही मकान के नीचे वाले फ्लोर पर रहने वाले एक कपल के बच्चे का साइकिल से गिर कर सर फूट गया मुझे मौका मिला तो मैं चाँटे अंकल के पास गया जो अपने घर के गेट पे खड़े थे मैंने कहा अंकल इसको ये लोग हॉस्पिटल क्यों नहीं ले जा रहे किसका वेट कर रहे हैं तभी चाँटे के बगल में खड़ी रूपा ने मुझसे कहा आप ले जाओ इनके पति हैं नहीं और इन भावी को बाईक चलानी आती नहीं तो कैसे लेके जाएं तो मैंने झट से बाइक निकाली और चीची (चोटिल बच्चा) को बिठाया उसकी मम्मी (करुणा) को पीछे बिठाया लेके हॉस्पिटल गया पट्टी करा के लाया वहाँ करुणा भावी के पास पैसे भी नहीं थे इतने तो मैंने ऑनलाइन कर दिया और कहा भावी जी कोई बात नहीं बाद में दे देना उन्होंने कहा ठीक है भाईया आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने हमारी मदद की|

जैसे ही मैं लौट के आया रूपा रूम से नीचे आई और बच्चे को देखा और कहा भावी जी सब ठीक हो जायेगा परेशान न हो अब इसे कुछ दिन खेलने मत देना

करुणा भावी; हाँ रूपा ये बहुत शैतान है सुनता ही नहीं मेरी दुखी करके फेंक दिया है इसने
रूपा; कोई बात नहीं भावी जी बच्चे होते ही हैं शैतान

मैं; आप क्या यहाँ पर किराये पर रहती हो
रूपा; हाँ वैसे आपका बहुत बहुत थैंक्स आपने भावी जी की इतनी मदद की

मैं; थैंक्स तो मुझे आपको बोलना चाहिए आप ही ने मुझे आयडिया दिया
रूपा; आप अभी अभी शिफ्ट हुए हो यहाँ पहले कभी देखा नहीं आपको

मैं; जी, वैसे आपका नाम क्या है?
रूपा; मेरा नाम रूपा है और आपका?

मैं; मेरा नाम जिम्मी है
रूपा; ठीक है बाय

मैं; ओके बाय
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RE: रूपा ने बनाया अपने पति को कुक - by Jimmylaamba - 14-09-2025, 01:50 AM



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