13-09-2025, 11:26 PM
पहले तो वो यह समझ ही आ सकी कि उसके साथ ये क्या हो गया,पहले ओह मेरी तरफ देखी और फिर जीजू को गुस्से से देखती हुई बोली ये कैसे हुआ,अरे मै क्या जानु,ये पानी पीने के लिए आया था,उसी समय तुम इसे बुलाई और बोली रमेश भाई मेरी गांड़ में अपना लण्ङ दो,इसके पहले की मै कुछ समझता इसने अपने लौड़े को तुम्हारी गांड़ में घुसेड़ दिया।मुझे भी मजा आने लगा ,और भी मजा आया जब तुम गांड़ उछाल उछाल के अपने भाई के लौड़े को अपने गांड़ में ले रही थी। विश्वाश न हो तो सुनो,कह के जीजू ने टेपरिकॉर्डर चला दिया जिसमे उनकी साफ आवाज सुनाई दे रही थी,हा रमेश भाई,मेरे भइया और जोर से पेलो,फार डालो मेरी गांड़,फिर रिकॉर्डर बंद कर बोले अब कह दो यह भी झूठी है।मीरा कुछ बोल नहीं पाई,वह शर्मा के अपनी मुंह को जीजाजी के छाती पर रख सुबकने लगी,अरे ये कैसी पाप हो गई मुझ से। जीजा जी ने मीरा की पीठ सहलाते हुए बोले,कैसी पागल हो,अरे पाप पुण्य कुछ नहीं होता,कभी धार्मिक किताब कहानी पढ़ो तो जानोगी।अभी हमलोगो के मौज मस्ती के दिन है,सब भूल के रमेश जी के लौड़े का मजा लो,खुद भी मस्त हो कर अपनी गांड़ उछाल के रमेशजी को मजा दो और खुद भी लो और मुझे भी तुम्हारे बूर में अपना रस डालना है,कहते हुए जीजू ने मीरा की कहीं गुदगुदी की तो ओह हल्के से अपनी गांड़ उछाली,मानो यह संकेत दे रही हो कि मै फिर से अपने काम को चालू करु।लेकिन मै ने भी थोड़ी बदमाशी की,एक झटके से अपने लौड़े को उसकी गांड़ से निकाल कर पास रखे तौलिए से पोछा और फिर उसी तौलिए से उसकी गांड़ कि छेद में डाल उसे साफ किया,इस बीच मीरा अपनी चुतर कई बार मटका चुकी थी हालांकि अब ओ कुछ बोल नहीं रही थी,पर उसके व्यबहार से पता चल रहा था कि अब वो हालात से समझौता कर ली थी ,और मजे से मजा लेने के लिये तैयार थी,।फिर मै ने अपने लण्ङ के सुपारी को मीरा के गांड़ के मुहाने पर रख एक जोरदार झटके से अपने पूरे लण्ङ को मीरा के गांड़ में ठूंस दिया,ओह माई रे कह कर आह उई उफ्फ करने लगी साथ ही गांड़ उछालना भी चालू था।
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