12-09-2025, 05:27 PM
ओ लोग किसी ईट के भट्ठे के विषय में बाते कर रहे थे उनके दोस्तने पहले मुझे देखा और पूछा सिन्हा इनका परिचय तो करवाएं।जीजा जी मेरी तरफ देख कर वो बोले, इनकी क्या तारीफ करूं जिसने ससुराल बनाया, बीबी दी,शाली दी,और शालों की महफ़िल दी।उस दोस्त ने उन्हें एक मीठी झिड़की दी,सिन्हा क्यों शायरी का भट्ठा बैठा रहे हो,सीधे बोलो न कि मीरा भाभो के भाई है। अच्छा वो इंतजार कर रही होगी मै।चलता हूं।ठीक है जाइए आपकी तो ब हा र है कस के डुबकी लगाई जाएगी आपकी तरफ से।ओ हंसते हुए चले गए।मैने जीजू से पूछा ए डुबकी लगाने वाली क्या। बात हो गई।तो वोह मुस्कुराते हुए कहा,वे सी ही जो मै नेआपके लिए योजना बनाई है।फिर उन्होंने चाय के लिये पूछा तो मै ने हां कर दी।छोटू भी वहां आ गया,उसके हाथों में भी चाय का प्याला था,जिसे वह चुस्की ले कर पीए जा रहा था,अब जीजाजी उसको देख कर बोले,सुना है छोटूजी की मुहल्ले की सभी तितलियों का रस चख चुके हैं। लेकिन वोह छोटू था जिससे कोई मुंह नहीं लगाता था,उसने कहा क्या बताए जीजाजी,मेरे मुहल्ले में एक तितली थी जिसे आप ले आए।अब तो कोई नहीं है।अच्छा तो आप को इस तितली का रस चूसने को नहीं मिला।कमाल करते हैं भाई साहब उस समय तो मै मा की लोरी सुनके सोता था। फिर जीजाजी ने धीरे से पूछा,अबअगर चूसने को मिले तो चुस्की लगाएंगे। बेचारा छोटू शर्मा केदार उधर झांकने लगा।आज मिले हैं शेर को सबा शेर।फिर अंधेरा छाने लगा,पर मुझे एक ही कामना थी,कि किसी भी तरह जीजाजी का प्लान सफल हो जाए तो मेरी पुरानी फंतासी पूरी हो जाय।मै। बड़ी उठ कंठ से उस घड़ी का इंतजार कर रहा था।करीब रात के आठ बजे अंतिम मेहमान ने बिदा ली।तब जीजाजी ने कहा पहले रमेशजी और छोटू जी को खिला दो मै इनको सपने का प्रबन्ध नीचे रूम।में किया है,बीच वाले में छोटूजी और।किनारे वाले में रमेशजी।मीरा अपने पति को बारे प्यार से निहारती हुई बोली,आप और गलत ए तो हो ही नहीं सकता।फिर मै मीरा से बोला,हां मीरा भूख भी तेज लगी है और नींद से बुरा हाल है।झट से मीरा दो थाल सजा के ले आई। चिकन ,आलू मटर की सब्जी और पूरी ,खाना खत्म करके जब मुझे ले कर मेरे कमरों में आए और यह कह के कि छोटू जी को रूम में सुलाने जा रहा हूं।जब वो चले गए तो मै आज होने वाली खुराफात के बारे में सोचने लगा।पर थोड़ी देर में आकर ओह।मुझ से बोले,मै मीरा का ध्यान बांटते हैंटम।जाकर। पूर्णनिर्धारित जगह पर छिप जाना। भी तरह से छिपाए रखना।मै ऐसी परिस्थितियों पैदा करने की।कोशिश करूंगा कि ओह धीरे या जोर से तुम्हे बुलाए,लेकिन कोई आवाज नहीं।फिर कुछ देर इंतजार करना,और फिर मै जो कहूं वो करना बे झिझक। अगर झिझके तो फिर जिंदगी भर