12-09-2025, 03:57 PM
उनके जाने के बाद मैने किताब पर नजर डाली ,किताब किसी इंग्लिश राइटर की लिखी हुई थी, उपन्यास थी ओ,नाम था stag party studio.जब मैने कुछ पन्ने पढ़े तो समझ में आ गया कि यह कामुक उपन्यास है।एक वान में कुछ नौजवान बैठे है,उन्हें रास्ते में एक पति पत्नी का जोड़ा मिलता है और उसकी कार खराब हो गई थी,को लिफ्ट देते हैं,फिर जबरन उस महिला को कई तरीके से ठुकाई करते है,एक तो उस किताब की याद और मेरी नवेली बीबी के मुंह में घुसा लन्ड मुझे असीम आनंद का बोध करा रही थी।मै बोलना नंद कर उसकी तरफ देखा,उसकी बालों के लट उसकी गालों पर बिखरे हुए थे कजरारी आंखे मुझे गुर रही थी,उसका चेहरा लाल हो चुका था,पर वोह तन्मयता से मेरे लण्ङ को चूसे जा रही थी,एक तो उस कथानक की याद और फिर ऊषा मेरी नई नवेली बीबी का यह कारनामा,मै अपने आपको रोक न सका और एक गहरे सांस के साथ मेरे लिंग ने वीर्य उसके मुंह में उगल दिया, जिसे वह मुंख खोले बिंस ही निगल गई,और अपनी जीभ को मेरे लिंग के गोलाई पर घुमाने लगी,मानो वोह कोई बिल्ली हो और मलाई के भगौना चाट रही हो,फिर उसे आराम देने के खयाल से अपने लण्ङ को उसके मुंह से निकालने की कोशिश की तो ओह झट से मेरे अंडकोषों को पकड़ कर ऐसा इशारा करी कि ओह अभी। पुरी कहानी सुने बिना ओ मेरे लण्ङ को नहीं छोड़ेगी l पहले तो मुझे गुस्सा आया फिर उसके इस समर्पण के भाव पर बहुत प्यार आया , और मै एक छोटा सा चुम्बन उसकी तरफ उछाल दी ।वोह पूर्ववत मेरे लौड़े को चूसे जा रही थी।मै भी अब जल्द से अपनी को सुनाना आरम्भ कर दिया।
मै उपन्यास में व्यस्त था की,,मीरा आई और हम दोनों को खाने के लिय बाहर चलने को कह रही थी,मैने भी किताब को अपने पैंट के जेब में रख छोटू के साथ आकर पंगत मे बैठ गया।खाने के बाद मैं ने सोचा कि अब आराम से कहीं लेट कर उपन्यास को पढ़ी जाए। जब यह बात जीजाजी से कही तो ओ अपने कमरे में ले जाकर पलंग की तरफ इशारा कर बोले,आप यहां लेट कर आराम करो,मै अभी कुछ लोगों को विदा करके आता हूं।मै उपन्यास पढ़ता जा रहा था, और मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,मेरे लण्ङ का तनाव से दर्द का अनुभव कर रहा था, मेरे ध्यान मैं मीरा की ओ बड़ी बड़ी चूंचियां और चौड़ी तरबूज़ के आकार की गांड़ ही आ रही थी।दिल कह रहा था कि जैसे उस उपन्यास की महिला पात्र जबर्दस्त तरीके से chodi जा रही है वैसे ही मीरा की ठुकाई करूं कि वोह चिल्लाने लगे।कुछ देर बाद जीजू आए और आहिस्ते से मेरे बगल में बैठ कर मुझ से हाल चाल पूछा।फिर थोड़ी देर इधर उधर की बातें होती रही। फिर उन्होंने पूछा
, रमेश जी आपकी शादी हो गई है।अरे ऐसे कैसे कहा आपने,मेरी शादी के आप मुख्य अतिथि होगे,मै ने जवाब दिया।पर एक बात है जीजाजी।क्या बात हैं
, बताइए, जीजाजी ने पूछा।मै थोड़े हिचकिचाहट के साथ बोला, जीजाजी,मेरी कोई महिला मित्र नहीं है,और डरता हूं कि जिससे मेरी विवाह हो ओ। मुझे अपरिपक्व समझे।इसी लिए मै टालमटोल कर रहा हूं। धत्तेरी की बस इतनी सी बात,अरे आपको तो आपकी बहन मीरा ही एक रात में पूर्ण पुरुष बना देगी।आप मजाक कर रहे हैं और इधर मेरी धड़कन ही बढ़ जाती है शादी के नाम से। इसपर जीजू बड़ी गंभीरता से मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले,मै मजाक तो कभी करता ही नहीं हूं।मै जो कह रहा हूं ओ संभव है अगर आप चाहे तो।मै तो चाहता हूं पर ये क्योंकर संभव है,अगर मीरा बुरा मान गई तो मैने कहा।फिर जीजू हंसने लगे और कहने लगे,अरे कुछ नहीं होता है,बस आप दिल से हां कहिए और फिर अब मुझ पर छोड़ दीजिए।हां मै ओह तरकीब आपको समझाता हूं।फिर धीमी आवाज में सुनता रहा और फिर वैसे ही करने का वादा किया।जाने से पहले उन्होंने मेरे हाथ में एक कंडोम का पैकेट दिया,और मुस्काए चेहरे से कहा,मुझे उम्मीद है जाने से पहले यह सब समाप्त हो जाएगा वरना फाइन देनी होगी।
इतनी। कहानी बोल के मैने ,मेरे लण्ङ को अपने मुंह में भरे और चाटती रण्डी बीबी ऊषा की ओर देखा।मुझे अपनी ओर देखते हुए उसने अपनी एक हाथ की दो उंगलियों को गोल।बना कर दूसरे हाथ की बीच की उंगली से उस गोले में बाहर भीतर करने लगी।मै समझ गाया कि ओ क्या पूछ रही थी।मै ऊंची आवाज में उस से कहा,बस घबराओ मत अब जल्द ही कहानी के उस हिस्से पर पहुंच रहा हूं जब मैं अपनी बहन मीरा की बु र और गांड़ कि चू दा ई करूंगा। कहानी मेरी बहन मीरा की होगी,और मलाई फेंकेगी तुम ऊषा बू र चो दी मेरी छीनाल बीबी।वो मेरे लन्ड को और जोर से चूसने लगी।
अब मै ने कहानी आगे बढ़ाना चालू किया।
फिर मै जीजाजी का बिस्तर छोड़ छत से नीचे आया।सम्पूर्ण घर खाली हो गया था कुछ छिटपुट लोग इधर उधर टहल रहे थे।देखा कि छोटू एक कमरे में सो रहा था। जीजाजी किसी से बाते कर रहे थे।मुझे देखकर उन्होंने इशारे से मुझे बुलाया और पास बैठने का इशारा किया।मै भी वहां बैठ कर उनकी बाते सुनने लगा।
मै उपन्यास में व्यस्त था की,,मीरा आई और हम दोनों को खाने के लिय बाहर चलने को कह रही थी,मैने भी किताब को अपने पैंट के जेब में रख छोटू के साथ आकर पंगत मे बैठ गया।खाने के बाद मैं ने सोचा कि अब आराम से कहीं लेट कर उपन्यास को पढ़ी जाए। जब यह बात जीजाजी से कही तो ओ अपने कमरे में ले जाकर पलंग की तरफ इशारा कर बोले,आप यहां लेट कर आराम करो,मै अभी कुछ लोगों को विदा करके आता हूं।मै उपन्यास पढ़ता जा रहा था, और मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,मेरे लण्ङ का तनाव से दर्द का अनुभव कर रहा था, मेरे ध्यान मैं मीरा की ओ बड़ी बड़ी चूंचियां और चौड़ी तरबूज़ के आकार की गांड़ ही आ रही थी।दिल कह रहा था कि जैसे उस उपन्यास की महिला पात्र जबर्दस्त तरीके से chodi जा रही है वैसे ही मीरा की ठुकाई करूं कि वोह चिल्लाने लगे।कुछ देर बाद जीजू आए और आहिस्ते से मेरे बगल में बैठ कर मुझ से हाल चाल पूछा।फिर थोड़ी देर इधर उधर की बातें होती रही। फिर उन्होंने पूछा
, रमेश जी आपकी शादी हो गई है।अरे ऐसे कैसे कहा आपने,मेरी शादी के आप मुख्य अतिथि होगे,मै ने जवाब दिया।पर एक बात है जीजाजी।क्या बात हैं
, बताइए, जीजाजी ने पूछा।मै थोड़े हिचकिचाहट के साथ बोला, जीजाजी,मेरी कोई महिला मित्र नहीं है,और डरता हूं कि जिससे मेरी विवाह हो ओ। मुझे अपरिपक्व समझे।इसी लिए मै टालमटोल कर रहा हूं। धत्तेरी की बस इतनी सी बात,अरे आपको तो आपकी बहन मीरा ही एक रात में पूर्ण पुरुष बना देगी।आप मजाक कर रहे हैं और इधर मेरी धड़कन ही बढ़ जाती है शादी के नाम से। इसपर जीजू बड़ी गंभीरता से मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोले,मै मजाक तो कभी करता ही नहीं हूं।मै जो कह रहा हूं ओ संभव है अगर आप चाहे तो।मै तो चाहता हूं पर ये क्योंकर संभव है,अगर मीरा बुरा मान गई तो मैने कहा।फिर जीजू हंसने लगे और कहने लगे,अरे कुछ नहीं होता है,बस आप दिल से हां कहिए और फिर अब मुझ पर छोड़ दीजिए।हां मै ओह तरकीब आपको समझाता हूं।फिर धीमी आवाज में सुनता रहा और फिर वैसे ही करने का वादा किया।जाने से पहले उन्होंने मेरे हाथ में एक कंडोम का पैकेट दिया,और मुस्काए चेहरे से कहा,मुझे उम्मीद है जाने से पहले यह सब समाप्त हो जाएगा वरना फाइन देनी होगी।
इतनी। कहानी बोल के मैने ,मेरे लण्ङ को अपने मुंह में भरे और चाटती रण्डी बीबी ऊषा की ओर देखा।मुझे अपनी ओर देखते हुए उसने अपनी एक हाथ की दो उंगलियों को गोल।बना कर दूसरे हाथ की बीच की उंगली से उस गोले में बाहर भीतर करने लगी।मै समझ गाया कि ओ क्या पूछ रही थी।मै ऊंची आवाज में उस से कहा,बस घबराओ मत अब जल्द ही कहानी के उस हिस्से पर पहुंच रहा हूं जब मैं अपनी बहन मीरा की बु र और गांड़ कि चू दा ई करूंगा। कहानी मेरी बहन मीरा की होगी,और मलाई फेंकेगी तुम ऊषा बू र चो दी मेरी छीनाल बीबी।वो मेरे लन्ड को और जोर से चूसने लगी।
अब मै ने कहानी आगे बढ़ाना चालू किया।
फिर मै जीजाजी का बिस्तर छोड़ छत से नीचे आया।सम्पूर्ण घर खाली हो गया था कुछ छिटपुट लोग इधर उधर टहल रहे थे।देखा कि छोटू एक कमरे में सो रहा था। जीजाजी किसी से बाते कर रहे थे।मुझे देखकर उन्होंने इशारे से मुझे बुलाया और पास बैठने का इशारा किया।मै भी वहां बैठ कर उनकी बाते सुनने लगा।