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गिगोलो का मोटा लंड: आंटीयों और जवान लड़कियों की गांड मार चुदाई कहानी
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मेरे गिगोलो बनने की कहानी


आर्यन के मन में अनन्या की जगह अब गहरी हो चुकी थी। मुंबई ट्रिप के बाद दोनों मैसेजेस करते रहते – गुड मॉर्निंग, दिन की अपडेट्स, छोटी-छोटी बातें जो दोस्तों से ज़्यादा लगतीं। प्रिया की याद अब कम आती, क्योंकि अनन्या की बातें उसे आगे बढ़ने का सबक दे रही थीं – "ट्रस्ट धीरे बनता है, जल्दबाज़ी से टूट जाता है।" आर्यन ऑफिस में बेहतर परफॉर्म कर रहा था, प्रमोशन की बात चल रही थी। ऐप पर रिक्वेस्ट्स आती रहीं, लेकिन उसने डिलीट कर दिया। "अब बस अनन्या के साथ," वो सोचता। एक शाम अनन्या का मैसेज आया: "आर्यन, इस वीकेंड मिलें? कोई ट्रिप नहीं, बस एक पर्सनल डेट। मेरा घर, डिनर, बातें। पेमेंट की चिंता मत करो, ये अब फ्रेंडशिप जैसा है।" आर्यन का दिल तेज़ धड़का – पर्सनल डेट? क्या भावनाएं और गहरी होंगी? उसने हां कहा।
वीकेंड आया। आर्यन अनन्या के अपार्टमेंट पहुंचा – फूलों का बुके लेकर, क्योंकि उसे लगा ये सही होगा। अनन्या दरवाज़ा खोला – एक सिंपल ब्लू ड्रेस में, बाल खुले, मेकअप हल्का। "वाह, बुके? थैंक यू! आओ अंदर," उसने मुस्कुराते हुए कहा। घर में कैंडल्स जल रही थीं, सॉफ्ट म्यूज़िक, डिनर तैयार। दोनों सोफे पर बैठे, वाइन पी। बातें शुरू हुईं – पहले तो नॉर्मल, जैसे दिन कैसा बीता। फिर अनन्या ने गहरा टॉपिक छेड़ा: "आर्यन, तुम्हारी पास्ट गर्लफ्रेंड... क्या तुम अब भी उसे मिस करते हो?" आर्यन चुप रहा, फिर बोला, "हां, लेकिन तुम्हारी वजह से आगे बढ़ रहा हूं। तुमने सिखाया है कि ट्रस्ट टूटने के बाद भी दोबारा बन सकता है।" अनन्या की आंखें चमकीं: "मैं भी, आर्यन। मेरे एक्स ने ट्रस्ट तोड़ा, लेकिन तुम पर भरोसा हो रहा है। धीरे-धीरे, लेकिन सच्चा।"
डिनर सर्व किया – घर का बना पास्ता, सलाद। खाते वक्त बातें जारी – अनन्या ने अपने ड्रीम्स बताए: "मैं एक दिन अपनी कंपनी शुरू करना चाहती हूं, लेकिन पार्टनर चाहिए जो ट्रस्टवर्थी हो।" आर्यन ने कहा, "मैं हेल्प कर सकता हूं। मेरी आईटी स्किल्स यूज़फुल होंगी।" हंसी-मज़ाक हुआ, लेकिन अंदर भावनाएं उभर रही थीं। डिनर खत्म होने के बाद अनन्या ने म्यूज़िक चेंज किया – स्लो, रोमांटिक। "डांस?" उसने हाथ बढ़ाया। आर्यन ने पकड़ा, दोनों करीब आए। डांस करते वक्त अनन्या की सांस आर्यन के चेहरे पर लग रही थी। "आर्यन, तुम्हें पता है, मैं तुम्हें पसंद करने लगी हूं," उसने फुसफुसाया। आर्यन की आंखें मिलीं: "मैं भी, अनन्या। लेकिन ट्रस्ट..." अनन्या ने चुप कराया, होंठ उसके होंठों पर रख दिए। पहला किस – सॉफ्ट, लंबा, पैशनेट। आर्यन के हाथ उसकी कमर पर गए, अनन्या करीब खिंची।
किस गहरा होता गया, जैसे सालों का अकेलापन एक पल में पिघल रहा हो। अनन्या के होंठ नरम, गर्म, और वो जीभ से आर्यन की जीभ को छू रही थी, एक-दूसरे की सांसें मिल रही थीं। आर्यन के हाथ अनन्या की पीठ पर फिसले, ड्रेस की ज़िप को छुआ। "आर्यन, मैं तैयार हूं... अगर तुम हो," अनन्या ने कान में फुसफुसाया, उसकी आवाज़ में एक कांपन। आर्यन ने उसे गोद में उठाया, बेडरूम की तरफ ले गया। कमरा डिम लाइट्स से भरा, बेड पर सॉफ्ट शीट्स। अनन्या को धीरे से लिटाया, उसके ऊपर झुका। "तुम खूबसूरत हो, अनन्या। मैं ट्रस्ट करता हूं," आर्यन ने कहा, उसकी आंखों में देखते हुए। अनन्या ने आर्यन की शर्ट के बटन खोले, उसके चेस्ट पर हाथ फेरा – "तुम्हारा बदन... इतना मजबूत, लेकिन दिल इतना नरम।" आर्यन ने अनन्या की ड्रेस उतारी, नीचे ब्लैक लेस ब्रा और पैंटी – उसका बदन गोरा, कर्वी, ब्रेस्ट भरे हुए, कमर पतली, हिप्स गोल। आर्यन की सांस रुक गई: "तुम परफेक्ट हो।"
आर्यन ने ब्रा का हुक खोला, ब्रेस्ट आज़ाद – निप्पल्स पिंक, हार्ड। उसने एक ब्रेस्ट पर मुंह रखा, चूसा धीरे से, जीभ से सर्कल बनाते हुए। अनन्या की कमर उछली, सिसकारी भरी: "ओह आर्यन... हां... ऐसे ही... तुम्हारा मुंह... इतना गर्म..." उसके हाथ आर्यन के बालों में उलझे, दबाया। आर्यन ने दूसरे ब्रेस्ट पर स्विच किया, निप्पल को हल्का काटा, चूसा, सहलाया। अनन्या की सांसें तेज़, "आर्यन... मुझे प्यार करो... ट्रस्ट के साथ... आह..." आर्यन नीचे गया, पैंटी पर किस किया, धीरे से उतारी। अनन्या की चूत – शेव्ड, गुलाबी, गीली। आर्यन ने जीभ फेरी – क्लिट पर, ऊपर-नीचे। अनन्या चिल्लाई: "ओह गॉड... तेरी जीभ... मुझे पागल कर रही है... चाटो और... हां..." आर्यन ने जीभ अंदर डाली, चूसा, उंगली से सहलाया। अनन्या की बॉडी कांप रही थी, जूस बह रहा था, "आर्यन... मैं... झड़ रही हूं... आह..." वो झड़ गई, बॉडी थरथराई, लेकिन आर्यन नहीं रुका – और चाटता रहा, उसे और पैशनेट बनाते हुए।
अनन्या ने आर्यन को ऊपर खींचा, उसकी पैंट उतारी। लंड बाहर आया – 10 इंच, मोटा, सख्त, नसें फूली हुईं। अनन्या की आंखें फैल गईं: "ओह माय... इतना बड़ा? लेकिन मैं ट्रस्ट करती हूं... तुम्हारा है, मेरा है।" उसने हाथ से पकड़ा, सहलाया – ऊपर-नीचे, टिप पर उंगली फेरी, प्रीकम लगाया। फिर मुंह में लिया – धीरे से टिप चूसा, फिर आधा अंदर, जीभ से लपेटा। आर्यन की सिसकारी: "अनन्या... तुम्हारा मुंह... स्वर्ग है... हां..." अनन्या ने गला तक लिया, चूसा पैशन से, आंखें आर्यन से मिलाकर। "तुम्हारा लंड... इतना ताकतवर... मुझे चाहिए," उसने कहा, चूसते हुए। आर्यन ने उसे रोका, कंडोम लगाया। अनन्या बेड पर लेटी, पैर फैलाए। आर्यन ऊपर आया, लंड चूत पर रगड़ा – टिप से क्लिट को छुआ। अनन्या तड़पी: "डालो न... प्लीज़... तुम्हारा बड़ा लंड... मुझे पूरा चाहिए।" आर्यन ने धीरे से अंदर डाला – पहले टिप, फिर आधा। अनन्या की आंखें बंद: "आह... इतना बड़ा... भर रहा है मुझे... धीरे... लेकिन गहरा..." आर्यन ने पूरा अंदर किया, अनन्या चिल्लाई: "ओह आर्यन... तुम्हारा 10 इंच... मेरी चूत में... परफेक्ट है... चोदो मुझे..."
धक्के शुरू हुए – धीरे-धीरे, लेकिन पैशनेट। हर धक्के में आर्यन गहरा जाता, अनन्या की कमर मिलाती। चूत टाइट, गर्म, गीली – चप-चप की आवाज़, पसीना बह रहा था। अनन्या के ब्रेस्ट उछल रहे थे, आर्यन ने पकड़े, मसले, निप्पल्स चूसे। "हां... चोदो... और तेज़... ट्रस्ट है... प्यार है... आह..." अनन्या सिसकारियां भर रही थी, नाखून आर्यन की पीठ पर गड़ाए। पोज़िशन बदली – अनन्या ऊपर आई, लंड पर बैठी, राइड करने लगी। ऊपर-नीचे, स्पीड बढ़ाती, उसके ब्रेस्ट आर्यन के मुंह के पास। "चूसो... मेरे ब्रेस्ट... आर्यन... तुम्हारा लंड... मुझे भर रहा है... ओह..." आर्यन ने नीचे से धक्के लगाए, हाथ उसकी गांड पर, दबाया। सेक्स लंबा चला – 40 मिनट, पोज़िशन बदलते, डॉगी में, साइड में। अनन्या दो बार झड़ी, बॉडी कांपती, लेकिन जारी रही। आखिर में आर्यन ने कहा, "अनन्या... मैं... आ रहा हूं..." दोनों साथ झड़े – अनन्या की चूत कस रही थी, आर्यन का लंड झटके मार रहा था। थककर लेट गए, पसीने से तर, एक-दूसरे की बाहों में, सांसें मिलाकर। "ये ट्रस्ट की शुरुआत है... और प्यार की," अनन्या ने फुसफुसाया, आर्यन के चेस्ट पर सिर रखकर।
सुबह उठे, ब्रेकफास्ट साथ। अनन्या ने कहा, "आर्यन, ये अमेजिंग था। लेकिन धीरे-धीरे। अगली बार फिर मिलें?" आर्यन ने हां कहा, लेकिन दिल में खुशी थी – "अनन्या मुझे सिखा रही है कि सच्चा प्यार ट्रस्ट से शुरू होता है।" घर लौटकर लगा जैसे ज़िंदगी बदल रही है।

आर्यन की ज़िंदगी अब अनन्या के इर्द-गिर्द घूमने लगी थी। उस रात की अंतरंग पल के बाद दोनों के बीच एक अनकहा बॉन्ड बन गया था – ट्रस्ट का, प्यार का। अनन्या के मैसेजेस अब और पर्सनल हो गए थे: "आर्यन, आज तुम्हारी याद आई काम के बीच," या "रात को सोने से पहले तुम्हारा चेहरा याद आता है।" आर्यन भी रिस्पॉन्ड करता, लेकिन दिल में एक डर था – "क्या ये भी प्रिया जैसा खत्म हो जाएगा?" ऑफिस में प्रमोशन मिल गया, सैलरी बढ़ी, लेकिन अनन्या की वजह से वो ऐप से दूर रहा। "वो मुझे सिखा रही है कि सच्चा रिश्ता ट्रस्ट पर टिका होता है," वो सोचता। कुछ दिनों बाद अनन्या का कॉल आया: "आर्यन, इस वीकेंड मिलें? मेरे पास एक सरप्राइज़ है। मेरा घर, शाम 7 बजे। ड्रेस कैजुअल।" आर्यन उत्सुक हो गया – सरप्राइज़? क्या ट्रस्ट का टेस्ट होगा?
वीकेंड आया। आर्यन अनन्या के अपार्टमेंट पहुंचा, हाथ में चॉकलेट्स। दरवाज़ा खुला तो अनन्या सामने – एक रेड ड्रेस में, जो उसके कर्व्स को हाइलाइट कर रही थी, बाल वेवी, लिपस्टिक ब्राइट। "हाय लव, आओ," उसने हग किया, किस किया। घर में डेकोरेशन – कैंडल्स, फूल, टेबल पर स्पेशल डिनर। "ये सरप्राइज़?" आर्यन ने पूछा। अनन्या हंसी: "अभी नहीं, पहले बैठो।" दोनों सोफे पर, वाइन पीते बातें। अनन्या ने कहा, "आर्यन, हमारा ट्रस्ट अब मजबूत हो गया है। मैं तुम्हें कुछ बताना चाहती हूं – मेरा सरप्राइज़। मैंने अपनी कंपनी में तुम्हारे लिए एक जॉब ऑफर तैयार किया है। पार्टनर जैसे, आईटी हेड। सैलरी अच्छी, और साथ काम करेंगे।" आर्यन चौंका: "अनन्या, ये... बहुत बड़ा है। लेकिन क्या मैं इसके लायक हूं?" अनन्या ने हाथ पकड़ा: "ट्रस्ट करो। तुम स्मार्ट हो, और मैं तुम पर भरोसा करती हूं। ये टेस्ट है – क्या तुम मेरा साथ दोगे?"
आर्यन सोचता रहा – ये बड़ा कदम था। "हां, मैं ट्रस्ट करता हूं। थैंक यू," उसने कहा। अनन्या खुश हो गई, करीब आई। "अब असली सरप्राइज़," उसने फुसफुसाया, और किस शुरू किया। किस पैशनेट – अनन्या के होंठ आर्यन के होंठों पर दबे, जीभ मिलीं। आर्यन के हाथ उसकी ड्रेस पर, ज़िप खोली। ड्रेस गिरी – नीचे रेड लेस ब्रा और पैंटी, बदन चमक रहा था। अनन्या ने आर्यन की शर्ट उतारी, चेस्ट पर किस किया: "तुम्हारा बदन... मुझे पागल करता है।" दोनों बेडरूम में गए। अनन्या बेड पर लेटी, आर्यन ऊपर। ब्रा उतारी, ब्रेस्ट चूसे – निप्पल्स पर जीभ फेरी, काटा हल्का। अनन्या सिसकारी: "ओह आर्यन... हां... ट्रस्ट है... प्यार है..." आर्यन नीचे गया, पैंटी उतारी, चूत पर मुंह रखा – चाटा, चूसा। अनन्या तड़पी: "आह... तेरी जीभ... मुझे झड़वा देगी..." वो झड़ गई, लेकिन आर्यन नहीं रुका।
अनन्या ने आर्यन को लिटाया, पैंट उतारी। लंड 10 इंच का, सख्त। "ये मेरा सरप्राइज़ है... तुम्हारा," उसने सहलाया, मुंह में लिया – गहरा, पैशन से। आर्यन सिसकारियां भर रहा था। फिर अनन्या ऊपर चढ़ी, लंड अंदर लिया: "आह... इतना बड़ा... भर देता है..." राइड की, धक्के लगाए। दोनों थककर लेटे। "ये ट्रस्ट का टेस्ट पास हुआ," अनन्या ने कहा। आर्यन खुश था – "तुमने मुझे सिखाया कि ट्रस्ट से सब मुमकिन है।"

आर्यन का दिल अब पूरी तरह अनन्या के साथ जुड़ चुका था। जॉब ऑफर की बात ने उसे एक नई उम्मीद दी – एक पार्टनरशिप, जहां ट्रस्ट और प्यार साथ चलें। अनन्या के साथ वो रातें अब सिर्फ अंतरंग नहीं, बल्कि भावनाओं से भरी होतीं। आर्यन ने ऑफिस में रिजाइन लेटर तैयार कर लिया, अनन्या की कंपनी जॉइन करने के लिए। "वो मुझे सिखा रही है कि ट्रस्ट से ज़िंदगी बदल सकती है," वो सोचता। एक शाम अनन्या का मैसेज आया: "आर्यन, कल शाम मिलें? मेरा घर। एक और सरप्राइज़, लेकिन इस बार स्पेशल। तैयार रहना।" आर्यन उत्साहित हो गया – क्या प्रपोज़ल? या कुछ और? उसने हां कहा, और तैयार होने लगा।
अगली शाम अनन्या के अपार्टमेंट पहुंचा। दरवाज़ा खुला तो अनन्या सामने – एक ब्लैक ड्रेस में, सेक्सी लेकिन एलीगेंट। "आओ, मेरा लव," उसने हग किया, लेकिन आज उसकी मुस्कान में कुछ अलग था। घर में डिम लाइट्स, टेबल पर डिनर, लेकिन एक एक्स्ट्रा कुर्सी। "सरप्राइज़?" आर्यन ने पूछा। अनन्या हंसी: "हां, लेकिन पहले बैठो।" दोनों बैठे, बातें शुरू। अनन्या ने कहा, "आर्यन, हमारा ट्रस्ट अब परफेक्ट है। मैंने तुम्हें सबक दिया कि ट्रस्ट कैसे बनता है। लेकिन अब रियल टेस्ट।" तभी दरवाज़ा खटखटाया। अनन्या ने खोला – एक आदमी अंदर आया, हैंडसम, सूट में। "ये मेरा एक्स हसबैंड, विक्रम है," अनन्या ने इंट्रोड्यूस किया। आर्यन चौंका: "एक्स? लेकिन तुमने कहा था डिवोर्स..."
अनन्या बैठी, विक्रम भी। "आर्यन, ये सरप्राइज़ है – या कहो, टेस्ट। विक्रम और मैं कभी अलग नहीं हुए। ये सब एक गेम था। मैंने ऐप यूज़ किया ताकि ऐसे लड़के मिलें जो ट्रस्ट बिल्ड करें, और फिर हम दोनों मिलकर एन्जॉय करें। विक्रम को वॉच करना पसंद है। तुम्हारी 10 इंच वाली बात पढ़ी, सोचा ट्राई करें।" आर्यन का दिल बैठ गया: "क्या? ये झूठ था? ट्रस्ट, प्यार... सब?" विक्रम हंसा: "यार, अच्छा खेला तूने। अब अगर चाहे तो जॉइन कर, या निकल।" अनन्या करीब आई: "आर्यन, ये बुरी दुनिया है। ट्रस्ट मत करना इतनी जल्दी। ये सबक है – दर्द भरा, लेकिन ज़रूरी।" आर्यन उठा, आंखों में आंसू: "तुमने मुझे इस्तेमाल किया? मैंने तुम पर भरोसा किया..." वो बाहर निकला, दिल टूटा हुआ। अनन्या का मैसेज आया: "सॉरी, लेकिन ये रियलिटी है। पैसा ट्रांसफर कर रही हूं।"
आर्यन घर लौटा, रोता रहा। ट्रस्ट का सबक मिला, लेकिन दर्द के साथ। ऐप फिर ओपन किया – नई क्लाइंट्स इंतज़ार कर रही थीं। खेल जारी था, लेकिन अब और सतर्क होकर।
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RE: मेरे गिगोलो बनने की कहानी - by Fuckuguy - 12-09-2025, 03:33 PM



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