12-09-2025, 02:25 PM
(This post was last modified: 12-09-2025, 02:26 PM by Fuckuguy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरे गिगोलो बनने की कहानी
आर्यन का दिल अभी भी धड़क रहा था जब उसने फोन पर वो नोटिफिकेशन देखा। "वेलकम टू SecretDesires!" – ये शब्द उसके दिमाग में घूमते रहे। वो सोचता रहा, "क्या मैंने सही किया? क्या ये सब वैसा ही होगा जैसा राहुल ने बताया?" लेकिन अब पीछे हटने का वक्त नहीं था। अगले दिन सुबह उठा तो सबसे पहले फोन चेक किया – कोई मैसेज नहीं। ऑफिस गया, लेकिन मन काम में नहीं लगा। हर घंटे फोन देखता, सोचता कि शायद कोई रिक्वेस्ट आएगी। शाम को घर लौटा, थका-हारा बिस्तर पर गिरा। "शायद ये सब फेक है," उसने खुद से कहा। लेकिन अंदर ही अंदर एक उत्साह था – पैसों का लालच, और वो अज्ञात रोमांच जो उसे खींच रहा था।
दो दिन बीत गए। आर्यन की ज़िंदगी वैसे ही चल रही थी – सुबह मेट्रो, ऑफिस में कोडिंग, लंच में सस्ता खाना, और शाम को घर। लेकिन अब हर नोटिफिकेशन की आवाज़ पर वो चौंक जाता। तीसरे दिन, दोपहर को ऑफिस में लंच ब्रेक के दौरान फोन वाइब्रेट हुआ। वो SecretDesires ऐप का मैसेज था: "नई क्लाइंट रिक्वेस्ट! नाम: रिया। उम्र: 32। लोकेशन: दिल्ली। रिक्वायरमेंट: शाम का डिनर और इंटीमेट टाइम। पेमेंट: 10,000 रुपये पर नाइट।" आर्यन की सांस रुक गई। 10 हज़ार रुपये? एक रात के लिए? वो इतने में अपना महीने का किराया दे सकता था। लेकिन फिर डर लगा – "कौन होगी ये रिया? क्या वो सुरक्षित होगी? मैं क्या करूंगा?"
उसने प्रोफाइल चेक की। रिया की फोटो नहीं थी, बस डिस्क्रिप्शन: "एक बिज़नेसवुमन, जो व्यस्त ज़िंदगी से थक गई है। एक ऐसे साथी की तलाश जो सुन सके, साथ दे सके, और बेड पर तूफान ला सके। स्पेशल रिक्वेस्ट: साइज़ मैटर्स।" आर्यन को याद आया उसने अपनी प्रोफाइल में 10 इंच लिखा था। शायद इसी वजह से चुना गया। उसने हिचकिचाते हुए 'एक्सेप्ट' बटन दबाया। तुरंत एक चैट ओपन हुई: "हाय आर्यन, आज शाम 8 बजे? होटल ताज में मिलते हैं। रूम नंबर बाद में बताऊंगी।" आर्यन ने टाइप किया: "ओके, लेकिन पहले कुछ बातें क्लियर कर लें?" रिया का रिप्लाई आया: "बिल्कुल। मैं सेफ प्ले करती हूं। कंडोम यूज़ होगा, और पेमेंट एडवांस में आधा। बाकी बाद में।" आर्यन ने सहमति दी। अब शाम का इंतज़ार था।
घर लौटकर वो तैयार होने लगा। नहाया, अच्छे से शेव की, अपना सबसे अच्छा शर्ट-पैंट पहना – जो कॉलेज के दिनों का था, लेकिन साफ-सुथरा। आईने में खुद को देखा: "तू ये कर रहा है? एक अनजान औरत के साथ?" लेकिन पैसों की याद आई – मकान मालिक की धमकी, खाली जेब। वो निकल पड़ा। मेट्रो से उतरकर होटल ताज पहुंचा। लॉबी में बैठा इंतज़ार करने लगा। फोन पर मैसेज आया: "रूम 512। आ जाओ।" लिफ्ट में जाते वक्त उसकी हथेलियां पसीने से भीग गईं। दरवाज़ा खटखटाया।
दरवाज़ा खुला तो सामने एक खूबसूरत औरत खड़ी थी – रिया। लंबी, गोरी, काले बाल, और एक टाइट रेड ड्रेस में जो उसके कर्व्स को हाइलाइट कर रही थी। उम्र 32 की लग रही थी, लेकिन चेहरा ऐसा जैसे 25 की हो। "हाय आर्यन, आओ अंदर," उसने मुस्कुराते हुए कहा। कमरा लग्ज़री था – बड़ा बेड, मिनी बार, और शहर का व्यू। दोनों सोफे पर बैठे। रिया ने वाइन ऑफर की। "तो बताओ, तुम क्या करते हो?" उसने पूछा। आर्यन ने अपनी ज़िंदगी के बारे में बताया – इंजीनियरिंग, ऑफिस, संघर्ष। रिया सुनती रही। "मैं एक कॉर्पोरेट जॉब करती हूं। पति बाहर रहता है, बच्चे नहीं हैं। ज़िंदगी बोरिंग हो गई है। मुझे ऐसे साथी चाहिए जो मुझे स्पेशल फील कराए।" बातें चलती रहीं – डिनर ऑर्डर किया गया। रूम सर्विस आई, दोनों ने खाना खाया। रिया हंसती, छेड़ती। आर्यन को लग रहा था जैसे कोई डेट हो। लेकिन अंदर ही अंदर वो जानता था कि ये इससे ज़्यादा है।
खाना खत्म होने के बाद रिया करीब आई। "अब शो टाइम," उसने कान में फुसफुसाया। उसने आर्यन का हाथ पकड़ा और बेड की तरफ ले गई। आर्यन का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था। रिया ने अपनी ड्रेस उतारी – नीचे ब्लैक लेस वाली ब्रा और पैंटी। उसका बदन परफेक्ट था – बड़े ब्रेस्ट, पतली कमर, गोल हिप्स। आर्यन को देखकर बोली, "तुम्हारी प्रोफाइल पढ़ी। 10 इंच? शो मी।" आर्यन ने हिचकिचाते हुए अपनी पैंट उतारी। जैसे ही उसका लंड बाहर आया, रिया की आंखें चमक उठीं। "ओह गॉड, ये रियल है!" वो घुटनों पर बैठ गई, हाथ से सहलाने लगी। आर्यन का लंड और सख्त हो गया – पूरा 10 इंच, मोटा और नसों से भरा। रिया ने मुंह में लिया, चूसने लगी। आर्यन को ऐसा लगा जैसे स्वर्ग में हो। उसने कभी इतनी हॉट औरत नहीं देखी थी। रिया ने कंडोम लगाया और बोली, "अब मुझे चोदो, हार्ड।"
आर्यन ने उसे बेड पर लिटाया, उसके ब्रेस्ट चूसे, निप्पल्स काटे। रिया सिसकारियां भर रही थी। फिर उसने अपना लंड उसकी चूत में डाला – टाइट थी, लेकिन गीली। धक्के लगाने लगा, धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई। रिया चिल्ला रही थी, "हां, ऐसे ही! बड़ा है तेरा, फाड़ देगा!" वो दोनों पसीने से तर हो गए। आर्यन का स्टैमिना काम आया – 20 मिनट तक चला। आखिर में रिया झड़ गई, और आर्यन भी। दोनों थककर लेट गए। रिया ने कहा, "तुम अमेजिंग हो। अगली बार फिर मिलेंगे?" उसने पेमेंट किया – 10 हज़ार कैश। आर्यन घर लौटा, जेब में पैसे, लेकिन दिमाग में सवाल – "ये सब कितना चलेगा? क्या मैं इसमें फंस जाऊंगा?"
अगले दिन सुबह, मकान मालिक को किराया दिया। पहली बार चैन की नींद सोया। लेकिन ऐप पर नई रिक्वेस्ट्स आने लगीं।
आर्यन की पहली रात रिया के साथ बीत चुकी थी, और जेब में 10 हज़ार रुपये थे। अगले दिन सुबह उठा तो लगा जैसे कोई बोझ हल्का हो गया हो। मकान मालिक को किराया दे दिया, कुछ पैसे से groceries खरीदे, और पहली बार महीने के बीच में खुद को एक अच्छा लंच अफोर्ड किया। लेकिन दिमाग में वो रात घूम रही थी – रिया की सिसकारियां, उसका बदन, और वो पैसे। "क्या ये आदत बन जाएगी?" वो सोचता रहा। ऑफिस में काम करते वक्त भी ऐप चेक करता रहता। शाम को एक नई रिक्वेस्ट आई: "नाम: प्रिया। उम्र: 35। लोकेशन: दिल्ली। रिक्वायरमेंट: एक शाम का साथी, पार्टी में डेट के रूप में। कोई इंटीमेसी नहीं, सिर्फ कंपनी। पेमेंट: 5,000 रुपये पर इवनिंग।"
आर्यन चौंका। "सिर्फ कंपनी? सेक्स नहीं?" उसने प्रोफाइल पढ़ी। प्रिया की फोटो थी – एक एलीगेंट औरत, लंबे बाल, साड़ी में, लग रही थी जैसे कोई हाई सोसाइटी की लेडी। डिस्क्रिप्शन: "एक अमीर फैमिली से हूं, लेकिन अकेली हूं। कल एक फैमिली पार्टी है, मुझे एक डीसेंट लड़के की ज़रूरत है जो मेरे साथ जाए, बातें करे, और मुझे अकेला फील न होने दे। नो सेक्स, जस्ट कंपेनियनशिप।" आर्यन को राहत मिली। "ये आसान लग रहा है। पैसा भी ठीक है, और रिस्क कम।" उसने एक्सेप्ट किया। चैट ओपन हुई: "हाय आर्यन, कल शाम 7 बजे? मेरा ड्राइवर तुम्हें पिक करेगा। एड्रेस भेज दो।" आर्यन ने अपना एड्रेस शेयर किया। "ओके, लेकिन क्या पहनूं?" उसने पूछा। प्रिया: "फॉर्मल – शर्ट, पैंट, टाई अगर हो तो। पार्टी हाई क्लास है।"
अगले दिन शाम को तैयार हुआ। अपना बेस्ट सूट पहना – जो शादी के लिए खरीदा था, लेकिन कभी यूज़ नहीं हुआ। ड्राइवर आया, एक लग्ज़री कार में। आर्यन बैठा, दिल में घबराहट। "कैसी होगी प्रिया? क्या वो सच में सिर्फ कंपनी चाहती है?" कार एक बड़े बंगले के सामने रुकी – लाइट्स से जगमगाता, गार्डन में फाउंटेन। दरवाज़ा खुला, प्रिया बाहर आई। वो और भी खूबसूरत लग रही थी – सिल्क की साड़ी, ज्वेलरी, मेकअप परफेक्ट। "हाय आर्यन, थैंक यू आने के लिए," उसने हाथ मिलाया। आर्यन मुस्कुराया, "प्लीज़र इज ऑल माइन।"
दोनों कार में बैठे, पार्टी की तरफ निकले। रास्ते में बातें शुरू हुईं। प्रिया ने पूछा, "तुम क्या करते हो? ऐप पर क्यों हो?" आर्यन ने सच बताया – इंजीनियर हूं, पैसों की तंगी है। प्रिया हंसी, "मैं समझ सकती हूं। मैं एक बिज़नेस चलाती हूं – इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट। पति का देहांत हो गया दो साल पहले, अब अकेली हूं। फैमिली वाले हमेशा पूछते रहते हैं कि कब दोबारा शादी करोगी। इसलिए आज तुम्हें साथ लाई, ताकि वो चुप रहें।" आर्यन ने सहानुभूति दिखाई, "माफ कीजिएगा आपके लॉस के लिए। लेकिन आप स्ट्रॉन्ग लगती हैं।" बातें चलती रहीं – प्रिया ने अपनी ज़िंदगी के बारे में बताया, ट्रैवल्स, बिज़नेस ट्रिप्स। आर्यन ने अपने कॉलेज के दिनों की स्टोरी शेयर की। दोनों हंसते रहे, लगा जैसे पुराने दोस्त हों।
पार्टी पहुंचे – एक ग्रैंड हॉल, म्यूज़िक, लोग सूट-बूट में। प्रिया ने आर्यन का इंट्रोडक्शन कराया: "ये मेरा फ्रेंड आर्यन है।" रिलेटिव्स ने सवाल किए, लेकिन प्रिया ने हैंडल किया। दोनों डांस फ्लोर पर गए – स्लो डांस। प्रिया करीब आई, लेकिन सिर्फ बातें। "तुम अच्छे डांसर हो," उसने कहा। आर्यन: "कॉलेज में सीखा था।" पार्टी खत्म हुई, कार में वापस। प्रिया ने पेमेंट किया – 5 हज़ार कैश। "थैंक यू, आर्यन। अच्छा लगा तुम्हारे साथ। अगर ज़रूरत पड़ी तो फिर कॉल करूंगी?" आर्यन ने हां कहा। घर लौटा, सोचता रहा – "ये अलग था। कोई प्रेशर नहीं, सिर्फ बातें। लेकिन प्रिया... वो स्पेशल लगी।"
अगले कुछ दिनों में ऐप पर और रिक्वेस्ट्स आईं, लेकिन आर्यन का मन प्रिया पर अटका था। क्या वो फिर बुलाएगी?
आर्यन की ज़िंदगी अब थोड़ी बदलने लगी थी। प्रिया के साथ वाली शाम के बाद, उसे लगा जैसे ये गिगोलो वाली दुनिया सिर्फ सेक्स के बारे में नहीं है। कुछ क्लाइंट्स को सिर्फ कंपनी चाहिए, एक कान जो उनकी बातें सुने, एक साथी जो उन्हें अकेला महसूस न होने दे। अगले दो-तीन दिनों में ऐप पर कुछ और रिक्वेस्ट्स आईं, लेकिन आर्यन ने उन्हें इग्नोर किया। उसका मन प्रिया पर अटका था – वो एलीगेंट औरत, जो इतनी अमीर होने के बावजूद इतनी अकेली लगती थी। "क्या वो फिर मैसेज करेगी?" वो सोचता रहता। ऑफिस में काम करते वक्त भी फोन चेक करता, लेकिन कुछ नहीं।
चौथे दिन शाम को, जब वो घर लौट रहा था, ऐप पर नोटिफिकेशन आया: "प्रिया से मैसेज: हाय आर्यन, कैसा रहा तुम्हारा वीक? पार्टी के बाद फैमिली वालों ने काफी तारीफ की तुम्हारी। क्या तुम फ्री हो इस वीकेंड? मुझे एक छोटा ट्रिप प्लान करना है – दिल्ली के बाहर, एक रिसॉर्ट में। सिर्फ रिलैक्स करने के लिए, कोई प्रेशर नहीं। कंपनी चाहिए। पेमेंट: 15,000 रुपये पर डे।" आर्यन की आंखें चमक उठीं। 15 हज़ार एक दिन के? लेकिन फिर सोचा – "ट्रिप? ओवरनाइट? क्या ये सुरक्षित होगा?" उसने रिप्लाई किया: "हाय प्रिया, सुनकर अच्छा लगा। मैं फ्री हूं, लेकिन डिटेल्स बताओ? कहां जाना है, कितने दिन?" प्रिया का तुरंत जवाब: "शुक्रवार शाम से रविवार तक। जगह – जिम कॉर्बेट के पास एक रिसॉर्ट। ड्राइवर ले जाएगा। रूम अलग-अलग होंगे, चिंता मत करो। बस बातें, घूमना, और रिलैक्स।"
आर्यन ने हां कर दी। अंदर ही अंदर उत्साह था – पहली बार दिल्ली से बाहर, एक लग्ज़री ट्रिप, और वो भी पैसे कमाते हुए। लेकिन वो जानता था कि ये प्रोफेशनल है, न कि कोई रोमांटिक गेटअवे। शुक्रवार शाम को तैयार हुआ – कैजुअल क्लोथ्स, एक छोटा बैग। ड्राइवर आया, कार स्टार्ट हुई। रास्ते में प्रिया कॉल पर आई: "आर्यन, मैं पहले से रिसॉर्ट पहुंच गई हूं। तुम्हें पिक करने के लिए ड्राइवर है। सफर कैसा चल रहा?" दोनों ने बात की – मौसम, ट्रैफिक, छोटी-मोटी चीज़ें। आर्यन को लगा जैसे कोई दोस्त हो। रिसॉर्ट पहुंचा तो रात हो चुकी थी। प्रिया लॉबी में इंतज़ार कर रही थी – जींस और टॉप में, कैजुअल लुक में भी स्टाइलिश। "वेलकम! थक गए होगे, चलो डिनर करें।"
दोनों रेस्टोरेंट में बैठे। कैंडल लाइट, सॉफ्ट म्यूज़िक। प्रिया ने वाइन ऑर्डर की। "तो बताओ, तुम्हारी ज़िंदगी कैसी है? फैमिली, फ्रेंड्स?" आर्यन ने बताया – गांव में मां है, पिता का देहांत हो चुका, दोस्त कम हैं क्योंकि काम में बिज़ी। प्रिया सुनती रही, आंखों में सहानुभूति। "मैं भी अकेली हूं। पति के जाने के बाद बिज़नेस संभाल रही हूं, लेकिन रातें लंबी लगती हैं। कभी-कभी बस कोई चाहिए जो बिना जज किए सुने।" बातें गहरी होने लगीं – प्रिया ने अपने बचपन के बारे में बताया, कैसे अमीर फैमिली में पली, लेकिन इमोशंस हमेशा दबाए। आर्यन ने अपनी स्ट्रगल शेयर की – इंजीनियरिंग की पढ़ाई, दिल्ली आना, पैसों की तंगी। दोनों हंसते, कभी गंभीर हो जाते। डिनर खत्म हुआ, लेकिन बातें नहीं। बालकनी में जाकर बैठे, स्टार्स देखते हुए चाय पी। प्रिया ने कहा, "तुम अलग हो, आर्यन। ज़्यादातर लड़के सिर्फ बॉडी देखते हैं, लेकिन तुम सुनते हो।" आर्यन मुस्कुराया, लेकिन कुछ नहीं कहा। रात को दोनों अपने-अपने रूम में चले गए। कोई इंटीमेसी नहीं, सिर्फ बातें।
सुबह उठे तो ब्रेकफास्ट साथ किया। प्रिया ने प्लान बताया: "आज जंगल सफारी करेंगे।" दोनों कार में निकले, जिम कॉर्बेट के जंगल में। रास्ते में वाइल्डलाइफ देखी – हिरण, पक्षी। प्रिया एक्साइटेड थी, फोटोज़ क्लिक करती। आर्यन ने भी एन्जॉय किया – पहली बार ऐसी जगह। सफारी के दौरान बातें जारी रहीं – प्रिया ने अपने बिज़नेस के चैलेंजेस बताए, आर्यन ने अपनी जॉब की फ्रस्ट्रेशन। शाम को रिसॉर्ट वापस, स्विमिंग पूल साइड बैठे। प्रिया ने बिकिनी पहनी, लेकिन आर्यन ने नज़रें नहीं घुमाई। "तुम्हें पता है, मैंने ऐप यूज़ किया क्योंकि रियल लाइफ में ट्रस्ट नहीं होता। लेकिन तुम पर ट्रस्ट हो रहा है," प्रिया ने कहा। आर्यन ने पूछा, "क्या कभी दोबारा शादी का सोचा?" प्रिया चुप रही, फिर बोली, "शायद नहीं। लेकिन एक अच्छा साथी... हां।" रात को फिर डिनर, बातें, और गुडनाइट।
रविवार सुबह, वापसी से पहले एक छोटा वॉक। प्रिया ने पेमेंट किया – 30 हज़ार (दो दिनों का)। "थैंक यू, आर्यन। ये वीकेंड स्पेशल था। जल्दी फिर मिलते हैं?" आर्यन ने हां कहा। घर लौटते वक्त सोचता रहा – "ये सिर्फ जॉब है, या कुछ और?" लेकिन ऐप पर नई रिक्वेस्ट्स इंतज़ार कर रही थीं।
आर्यन की ज़िंदगी में अब एक रूटीन सा बनने लगा था। सुबह ऑफिस, शाम को ऐप चेक करना, और बीच-बीच में आने वाली रिक्वेस्ट्स। प्रिया के साथ वाला वीकेंड ट्रिप उसे याद आता रहता – वो बातें, हंसी, और वो अहसास कि कोई उसे सिर्फ बॉडी के लिए नहीं, बल्कि कंपनी के लिए चाहता है। पैसे भी अच्छे आ रहे थे – अब वो किराया समय पर दे पाता, मां को गांव कुछ पैसे भेजता, और खुद के लिए छोटी-मोटी लग्ज़री अफोर्ड कर पाता। लेकिन रातें अभी भी अकेली थीं। "क्या ये सब हमेशा चलेगा?" वो सोचता। ऐप पर नई क्लाइंट्स की रिक्वेस्ट्स आ रही थीं – कोई डिनर डेट चाहती, कोई सिर्फ बातें। लेकिन आर्यन का मन प्रिया पर अटका था। क्या वो फिर मैसेज करेगी?
एक हफ्ता बीत गया। आर्यन ऑफिस से लौट रहा था जब ऐप पर मैसेज आया: "प्रिया: हाय आर्यन, उम्मीद है तुम ठीक हो। पिछले वीकेंड की यादें अभी भी ताज़ा हैं। क्या तुम फ्री हो अगले गुरुवार? मुझे एक बिज़नेस इवेंट में जाना है – कॉर्पोरेट गाला। मुझे एक बॉयफ्रेंड जैसे साथी की ज़रूरत है। सिर्फ कंपनी, बातें, और नेटवर्किंग। कोई इंटीमेसी नहीं। पेमेंट: 8,000 रुपये पर इवनिंग।" आर्यन मुस्कुराया। "फिर से प्रिया।" उसने तुरंत रिप्लाई किया: "हाय प्रिया, हां फ्री हूं। डिटेल्स बताओ?" प्रिया: "गुरुवार शाम 7 बजे। मैं तुम्हें पिक करूंगी। ड्रेस कोड: फॉर्मल सूट। इवेंट में मेरे बीएफ बनकर रहना, हाथ पकड़ना, मुस्कुराना – बस इतना।"
आर्यन उत्साहित था। गुरुवार को तैयार हुआ – सूट, टाई, अच्छे से परफ्यूम लगाया। प्रिया की कार आई, वो खुद ड्राइव कर रही थी। "हाय हैंडसम," उसने कहा, दरवाज़ा खोलते हुए। आर्यन बैठा, दोनों ने बात शुरू की। "इवेंट कैसा है?" आर्यन ने पूछा। प्रिया: "बिज़नेस लीडर्स का गेट-टुगेदर। डील्स होती हैं, नेटवर्किंग। लेकिन मैं अकेली जाती हूं तो लोग अजीब सवाल करते हैं। आज तुम हो, तो आसान होगा।" रास्ते में बातें चलती रहीं – प्रिया ने अपने बिज़नेस के नए प्रोजेक्ट्स बताए, आर्यन ने अपनी जॉब की छोटी-मोटी स्टोरी शेयर की। "तुम्हें पता है, तुम्हारे साथ रहना आसान लगता है। कोई ड्रामा नहीं," प्रिया ने कहा। आर्यन: "तुम भी स्पेशल हो। सुनती हो, समझती हो।"
इवेंट पहुंचे – एक 5-स्टार होटल का बॉलरूम, चमचमाती लाइट्स, लोग सूट-बूट में। प्रिया ने आर्यन का हाथ पकड़ा, इंट्रोडक्शन कराया: "ये मेरा बॉयफ्रेंड आर्यन है। आईटी में है।" लोग मिले, बातें हुईं। आर्यन ने प्रिया की मदद की – बिज़नेस टॉपिक्स पर कमेंट्स दिए, जो उसे पता थे। प्रिया इंप्रेस हुई: "तुम अच्छे हो इसमें।" बीच में ब्रेक हुआ, दोनों बार पर गए। वाइन पीते हुए प्रिया ने कहा, "आर्यन, तुम्हारी ज़िंदगी में कोई स्पेशल है? गर्लफ्रेंड?" आर्यन हंसा, "नहीं। काम में बिज़ी हूं। और ये ऐप... बस पैसों के लिए।" प्रिया चुप रही, फिर बोली, "मैं भी अकेली हूं। लेकिन कभी-कभी सोचती हूं, क्या कोई रियल कनेक्शन मिल सकता है?" उनकी आंखें मिलीं, एक पल के लिए कुछ महसूस हुआ – जैसे भावनाएं उभर रही हों। लेकिन आर्यन ने खुद को रोका: "ये जॉब है, कुछ और नहीं।"
इवेंट खत्म हुआ, कार में वापस। प्रिया ने कहा, "थैंक यू। तुमने शाम परफेक्ट बना दी।" पेमेंट किया – 8 हज़ार। लेकिन जाते वक्त प्रिया ने हाथ पकड़ा: "आर्यन, क्या हम बिना ऐप के मिल सकते हैं? सिर्फ कॉफी?" आर्यन चौंका। "प्रिया, मैं... ये प्रोफेशनल है।" प्रिया मुस्कुराई, "सोच लो। नंबर सेव है।" आर्यन घर लौटा, दिमाग में उथल-पुथल। क्या प्रिया को पसंद करने लगा था? या ये सिर्फ इल्यूजन?
अगले दिन ऐप पर एक नई रिक्वेस्ट आई, लेकिन आर्यन का मन प्रिया पर था। क्या वो कॉल करे?
आर्यन घर लौटा तो रात भर नींद नहीं आई। प्रिया का वो आखिरी सेंटेंस उसके कानों में गूंजता रहा – "क्या हम बिना ऐप के मिल सकते हैं? सिर्फ कॉफी?" वो सोचता रहा, "ये सही होगा? मैं एक गिगोलो हूं, और वो क्लाइंट। लेकिन... वो अलग लगती है। कोई प्रेशर नहीं, सिर्फ बातें। क्या ये प्यार की शुरुआत है, या सिर्फ इल्यूजन?" अगले दिन सुबह उठा, फोन हाथ में लिया। प्रिया का नंबर सेव था। मैसेज टाइप किया: "हाय प्रिया, अगर ऑफर अभी भी वैलिड है, तो कॉफी कब?" भेजने से पहले हिचकिचाया, लेकिन फिर सेंड कर दिया। दिल धड़क रहा था। क्या वो रिप्लाई करेगी?
कुछ घंटों बाद मैसेज आया: "हाय आर्यन! हां, क्यों नहीं। आज शाम 6 बजे? स्टारबक्स, साकेत मॉल में। कोई ऐप नहीं, सिर्फ हम।" आर्यन मुस्कुराया। "ये नॉर्मल डेट जैसा लग रहा है।" ऑफिस से जल्दी निकला, घर जाकर फ्रेश हुआ – कैजुअल शर्ट, जींस, हल्का परफ्यूम। मॉल पहुंचा, स्टारबक्स में इंतज़ार करने लगा। प्रिया आई – सिम्पल ड्रेस में, बाल खुले, कोई हेवी मेकअप नहीं। वो और भी नेचुरल लग रही थी। "हाय! सॉरी, थोड़ी लेट हो गई," उसने कहा, बैठते हुए। आर्यन: "नो प्रॉब्लम। क्या लोगी? मैं लाता हूं।" प्रिया: "कैपुचिनो, शुगर फ्री।"
कॉफी लेकर आए, दोनों बैठे। बातें शुरू हुईं – पहले तो मौसम, ट्रैफिक जैसी साधारण चीज़ें। फिर प्रिया ने पूछा, "तो बताओ, ऐप पर कितने समय से हो? कितनी क्लाइंट्स?" आर्यन हिचकिचाया, लेकिन सच बताया: "बस कुछ हफ्ते। पैसों की वजह से। तुम दूसरी क्लाइंट हो। पहली थी रिया, लेकिन वो सिर्फ एक रात की थी।" प्रिया ने आंखें बड़ी कीं, "ओह, तो नया-नया है। लेकिन तुम अलग हो। ज़्यादातर लड़के सिर्फ... तुम जानते हो। लेकिन तुम सुनते हो।" आर्यन ने पूछा, "तुमने ऐप क्यों यूज़ किया? अमीर हो, ब्यूटीफुल हो, कोई भी मिल सकता है।" प्रिया चुप रही एक पल, फिर बोली, "ट्रस्ट इश्यू। पति के जाने के बाद, लोग सिर्फ पैसों के लिए आते हैं। ऐप पर कम से कम क्लियर होता है – पैसे दो, सर्विस लो। कोई इमोशंस नहीं। लेकिन तुम्हारे साथ... इमोशंस आ रहे हैं।"
बातें गहरी होने लगीं। प्रिया ने अपने पति के बारे में बताया – कैसे शादी अरेंज्ड थी, प्यार नहीं था, लेकिन आदत हो गई थी। देहांत के बाद डिप्रेशन, बिज़नेस संभालना। आर्यन ने अपनी स्टोरी शेयर की – गांव से दिल्ली आना, मां की बीमारी, पैसों की तंगी जो उसे ऐप तक ले आई। "तुम्हारी तरह मैं भी अकेला हूं," आर्यन ने कहा। प्रिया का हाथ उसके हाथ पर आ गया: "शायद हम दोनों एक-दूसरे को कंप्लीट कर सकते हैं।" उनकी आंखें मिलीं, एक साइलेंस छा गया। कॉफी खत्म हो गई, लेकिन दोनों उठना नहीं चाहते थे। बाहर निकले, मॉल में घूमे – विंडो शॉपिंग, आइसक्रीम खाई। प्रिया हंसती, आर्यन छेड़ता। लगा जैसे रियल कपल हों।
शाम ढल गई। प्रिया ने कहा, "आर्यन, ये अच्छा लगा। कोई पेमेंट नहीं आज। अगली बार डिनर?" आर्यन ने हां कहा, लेकिन अंदर डर था – "क्या ये सही दिशा में जा रहा है? अगर वो मेरे बारे में सब जान गई तो?" कार में ड्रॉप करते वक्त प्रिया ने गाल पर किस किया – हल्का सा, फ्रेंडली। "गुडनाइट।" आर्यन घर लौटा, खुश लेकिन कन्फ्यूज्ड। ऐप पर नई रिक्वेस्ट्स थीं, लेकिन उसने इग्नोर किया। क्या प्रिया से प्यार हो रहा था?
अगले कुछ दिनों में दोनों मैसेजेस करते रहे – गुड मॉर्निंग, गुड नाइट, छोटी-मोटी बातें। लेकिन आर्यन जानता था कि ये सब कितना फ्रेजाइल है।
आर्यन के दिन अब प्रिया के मैसेजेस से शुरू होते थे। गुड मॉर्निंग की एक स्माइल, दिन की छोटी-मोटी अपडेट्स, और शाम को गुड नाइट। कॉफी डेट के बाद दोनों के बीच एक अनकहा बॉन्ड बनने लगा था – जैसे दो अकेले लोग एक-दूसरे में सुकून ढूंढ रहे हों। आर्यन ऑफिस में काम करता, लेकिन मन कहीं और होता। "क्या ये प्यार है? या बस एक क्लाइंट से दोस्ती?" वो खुद से सवाल करता। ऐप पर नई रिक्वेस्ट्स आ रही थीं – एक लड़की डेट पर जाना चाहती थी, दूसरी सिर्फ बातें करने के लिए। लेकिन आर्यन ने उन्हें इग्नोर कर दिया। प्रिया अलग थी। वो रियल लगती थी।
दो दिन बाद प्रिया का मैसेज आया: "आर्यन, क्या आज शाम फ्री हो? डिनर पर चलें? कोई फैंसी जगह नहीं, बस एक क्वाइट रेस्टोरेंट जहां हम बातें कर सकें।" आर्यन का दिल तेज़ धड़का। "हां, बिल्कुल। कहां मिलें?" प्रिया: "मैं पिक करूंगी, 8 बजे।" शाम को तैयार हुआ – सिम्पल शर्ट, जींस, लेकिन अच्छे से। प्रिया आई, अपनी कार में। वो एक ब्लैक ड्रेस में थी – सिंपल लेकिन सेक्सी, जो उसके कर्व्स को हल्का-सा हाइलाइट कर रही थी। "हाय! तैयार हो?" उसने मुस्कुराते हुए कहा। दोनों निकले। रेस्टोरेंट एक छोटा इटालियन प्लेस था – डिम लाइट्स, सॉफ्ट म्यूज़िक, प्राइवेट टेबल।
बैठे, मेन्यू देखा। प्रिया ने वाइन ऑर्डर की, आर्यन ने पास्ता। बातें शुरू हुईं – पहले तो लाइट, जैसे दिन कैसा बीता, वेदर। फिर प्रिया ने गहरा टॉपिक छेड़ा: "आर्यन, तुम्हारी कोई पास्ट रिलेशनशिप? कभी किसी से प्यार हुआ?" आर्यन चुप रहा एक पल, फिर बोला, "कॉलेज में एक लड़की थी। लेकिन ब्रेकअप हो गया। वो अमीर फैमिली से थी, मैं स्ट्रगलर। नहीं चला। उसके बाद... बस काम।" प्रिया ने हाथ पकड़ा: "मैं समझ सकती हूं। मेरा पति... वो अच्छा था, लेकिन प्यार नहीं था। अब लगता है, ज़िंदगी में एक मौका और चाहिए।" उनकी आंखें मिलीं, वाइन का असर होने लगा। डिनर आया, लेकिन खाते वक्त भी बातें चलती रहीं – ड्रीम्स, फ्यूचर प्लान्स। प्रिया ने बताया कैसे वो अपना बिज़नेस बड़ा करना चाहती है, आर्यन ने कहा कैसे वो एक दिन अपनी कंपनी शुरू करेगा।
डिनर खत्म हुआ, लेकिन दोनों उठना नहीं चाहते थे। प्रिया ने कहा, "चलो, बाहर घूमें?" रेस्टोरेंट के पास एक पार्क था, रात का वक्त, लाइट्स जल रही थीं। दोनों वॉक करने लगे, हाथ में हाथ। हवा ठंडी थी, प्रिया करीब आई। "आर्यन, तुम्हें पता है, तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है। कोई जजमेंट नहीं, सिर्फ कम्फर्ट।" आर्यन ने मुस्कुराया, "तुम भी... तुम स्पेशल हो।" एक बेंच पर बैठे, स्टार्स देखते हुए। प्रिया का सिर उसके कंधे पर आ गया। आर्यन का दिल तेज़ चल रहा था। धीरे से उसने प्रिया का चेहरा अपनी तरफ किया, आंखें बंद हो गईं। पहला किस – सॉफ्ट, लंबा। प्रिया ने रिस्पॉन्ड किया, उसके होंठों पर अपने होंठ दबाए। किस गहरा होता गया, हाथ एक-दूसरे के बदन पर घूमने लगे। प्रिया की सांस तेज़, आर्यन का भी। लेकिन वो रुके, क्योंकि जगह पब्लिक थी।
कार में वापस बैठे। प्रिया ने कहा, "मेरा घर पास है। चलें?" आर्यन ने हां में सिर हिलाया। घर पहुंचे – एक बड़ा अपार्टमेंट, लग्ज़री लेकिन होमली। अंदर गए, लिविंग रूम में बैठे। प्रिया ने म्यूज़िक ऑन किया, लाइट्स डिम। फिर से किस शुरू हुआ। इस बार और पैशनेट। आर्यन के हाथ प्रिया की ड्रेस पर गए, ज़िप खोली। ड्रेस नीचे गिरी – नीचे रेड लेस ब्रा और पैंटी। प्रिया का बदन – परफेक्ट, सॉफ्ट स्किन, बड़े ब्रेस्ट। उसने आर्यन की शर्ट उतारी, चेस्ट पर किस किया। "आर्यन, मैं तुम्हें चाहती हूं," उसने फुसफुसाया। आर्यन ने उसे गोद में उठाया, बेडरूम में ले गया। बेड पर लिटाया, ब्रा उतारी। उसके ब्रेस्ट चूसे, निप्पल्स पर जीभ फेरी। प्रिया सिसकारियां भर रही थी, "ओह आर्यन... हां..." उसके हाथ आर्यन की पैंट पर गए, ज़िप खोली। जैसे ही लंड बाहर आया, प्रिया चौंकी: "ओह माय गॉड... 10 इंच? इतना बड़ा?" उसने हाथ से सहलाया, मुंह में लिया। आर्यन को स्वर्ग लग रहा था। लेकिन वो धीरे करना चाहता था। प्रिया को चूमा, नीचे गया, उसकी पैंटी उतारी। चूत पर जीभ फेरी – गीली, टाइट। प्रिया चिल्लाई, "आर्यन... प्लीज़, अब डालो।"
आर्यन ने कंडोम लगाया, धीरे से अंदर डाला। प्रिया की आंखें बंद, "आह... बड़ा है तेरा... धीरे..." धक्के लगाने लगा, स्पीड बढ़ाई। दोनों पसीने से तर, सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं। प्रिया झड़ गई, फिर आर्यन। थककर लेट गए, एक-दूसरे की बाहों में। प्रिया ने कहा, "ये अमेजिंग था। लेकिन ये सिर्फ सेक्स नहीं, कुछ और है।" आर्यन ने किस किया, "हां, कुछ और।"
सुबह उठे, ब्रेकफास्ट साथ किया। लेकिन आर्यन के दिमाग में सवाल – "क्या ये लास्ट होगा? या शुरुआत?" प्रिया ने कहा, "फिर मिलेंगे।" लेकिन ऐप पर एक नई रिक्वेस्ट इंतज़ार कर रही थी – एक नई क्लाइंट।
आर्यन और प्रिया की वो रात एक टर्निंग पॉइंट थी। सुबह उठे तो दोनों के चेहरे पर एक अलग सी चमक थी – जैसे सालों का अकेलापन एक रात में कम हो गया हो। प्रिया ने ब्रेकफास्ट बनाया – ऑमलेट, टोस्ट, कॉफी। टेबल पर बैठे, हाथ में हाथ डाले। "आर्यन, कल रात... वो सिर्फ सेक्स नहीं था। मैं तुम्हें फील कर रही हूं," प्रिया ने कहा, आंखों में एक गहराई। आर्यन ने उसका हाथ चूमा: "मैं भी, प्रिया। लेकिन... मेरा बैकग्राउंड, ये ऐप वाली ज़िंदगी। क्या तुम्हें मंज़ूर है?" प्रिया मुस्कुराई, "पास्ट पास्ट है। फ्यूचर हम बनाएंगे। लेकिन धीरे-धीरे, कोई जल्दबाज़ी नहीं।" दोनों ने प्लान बनाया – अगले हफ्ते एक छोटा ट्रिप, या बस वीकेंड साथ बिताना। आर्यन घर लौटा, लेकिन दिल प्रिया के पास छूट गया। अब मैसेजेस और बढ़ गए – आई मिस यू, क्या कर रही हो, छोटी-छोटी बातें जो कपल्स करते हैं।
अगले कुछ दिनों में दोनों मिलते रहे। एक शाम प्रिया के घर पर मूवी नाइट – पॉपकॉर्न, कडलिंग, और फिर से वो अंतरंग पल। प्रिया का बदन आर्यन को अब जाना-पहचाना लगता। वो उसके ब्रेस्ट को सहलाता, चूत को चाटता, और अपना 10 इंच का लंड धीरे-धीरे अंदर डालता। प्रिया की सिसकारियां – "आर्यन... तुम्हारा इतना बड़ा... मुझे पागल कर देता है।" लेकिन अब सेक्स के साथ इमोशंस थे – आई लव यू कहने की कगार पर। आर्यन की जॉब अभी भी चल रही थी, लेकिन वो ऐप को इग्नोर कर रहा था। "प्रिया के साथ सब सेटल हो जाए, तो ऐप डिलीट कर दूंगा," वो सोचता। प्रिया ने उसे अपने बिज़नेस में हेल्प करने की ऑफर की – "तुम आईटी वाले हो, मेरी कंपनी में जॉइन कर लो। सैलरी अच्छी दूंगी।" आर्यन सोचता रहा, लेकिन अभी हां नहीं कहा।
लेकिन ज़िंदगी इतनी आसान नहीं होती। एक शाम, जब आर्यन ऑफिस से लौट रहा था, ऐप पर एक नोटिफिकेशन आया। उसने इग्नोर करने की कोशिश की, लेकिन जेब में पैसे कम थे – प्रिया के साथ घूमने-फिरने में कुछ खर्च हो गए थे। मैसेज खोला: "नाम: माया। उम्र: 28। लोकेशन: दिल्ली। रिक्वायरमेंट: एक शाम का साथी, लेकिन स्पेशल – डॉमिनेंट टाइप। मैं कंट्रोल में रहूंगी। पेमेंट: 12,000 रुपये पर सेशन।" आर्यन चौंका। प्रोफाइल चेक की – माया की फोटो थी, एक हॉट लड़की, शॉर्ट ड्रेस में, आंखों में एक शरारत। डिस्क्रिप्शन: "मैं एक मॉडल हूं, लेकिन मुझे ऐसे लड़के पसंद जो मेरे कहे मुताबिक चलें। स्लेव जैसे, लेकिन सेक्सी। स्पेशल क्वालिटी देखी तुम्हारी – 10 इंच। यूज़ करूंगी।" आर्यन को लगा ये अलग है – कोई डॉमिनेशन? लेकिन पैसे की ज़रूरत थी, और प्रिया को पता नहीं चलेगा। "बस एक बार, फिर ऐप छोड़ दूंगा," उसने खुद से कहा। एक्सेप्ट किया।
चैट ओपन हुई: "हाय स्लेव, कल शाम 7 बजे मेरे फ्लैट पर। एड्रेस भेज रही हूं। रूल्स: मेरे कहे मुताबिक चलोगे, कोई ना-नुकुर नहीं।" आर्यन ने ओके कहा, लेकिन दिल में घबराहट। अगले दिन शाम को तैयार हुआ, प्रिया को मैसेज किया कि दोस्त से मिलने जा रहा हूं। माया का फ्लैट एक पॉश एरिया में था – मॉडर्न, बड़ा। दरवाज़ा खुला, माया खड़ी थी – लेदर टॉप और शॉर्ट्स में, हाई हील्स, चाबुक हाथ में। "आओ स्लेव, अंदर," उसने आदेश दिया। आर्यन अंदर गया, कमरा डिम लाइट वाला, बेड पर रस्सियां, टॉयज। माया ने कहा, "कपड़े उतारो।" आर्यन ने हिचकिचाते हुए उतारे। जैसे ही लंड बाहर आया, माया हंसी: "वाह, 10 इंच। अब घुटनों पर बैठो।"
आर्यन बैठा। माया उसके करीब आई, चाबुक से हल्का मारा। "तुम मेरे स्लेव हो। जो कहूंगी, करोगे।" उसने अपना टॉप उतारा – बड़े ब्रेस्ट, पियरस्ड निप्पल्स। आर्यन का लंड सख्त हो गया। माया ने उसे रस्सी से बांधा, फिर मुंह में अपना ब्रेस्ट डाला: "चूसो।" आर्यन ने चूसा। फिर माया नीचे बैठी, लंड को सहलाया, लेकिन चाबुक से मारा: "बिना परमिशन झड़ना नहीं।" वो ऊपर चढ़ी, लंड पर बैठी – राइड करने लगी। "आह... बड़ा है तेरा... लेकिन मैं कंट्रोल में हूं।" सेशन चला – माया उसे बीज़्ज़त करती, "तू सिर्फ एक टूल है," कहती, लेकिन सेक्स वाइल्ड था। आखिर में दोनों झड़े। माया ने पेमेंट किया: "गुड स्लेव। अगली बार फिर।"
आर्यन घर लौटा, बॉडी पर निशान, लेकिन जेब में पैसे। लेकिन गिल्ट फील हो रहा था – प्रिया के साथ चीटिंग जैसा। क्या वो जारी रखेगा? या प्रिया को बता देगा? ऐप पर माया का मैसेज आया: "नेक्स्ट सेशन कब?"