12-09-2025, 01:15 PM
मीरा के जाने के कुछ देर बाद जीजा आए और आलमीरा से एक किताब निकाल कर मुझे दी,और कहा, भाई रमेश जी यह भीड़ थोड़ी ही देर में अर्थात शाम के पांच छः बजे तक ही है। उसके बाद हमलोग बाते करेंगे, देखिए अगर आज ही जाने की सोच रहे हैं तो,उस विचार को त्याग दिजिए,और आप छोटूजी,आप भी बाद में ही जाएंगे,फिर छोटू से पूछा कि आपको भी किसी चीज की जरूरत हो तो कह दीजिए।भाई साहब,अगर कोई फोटो वाली किताब हो तो वही दे दीजिए,।इस आलमारी के निचले।खाने में बहुत है,आप स्वयं चुन लीजिए।आपका ही घर है,कोई संकोच न करें, और कह कर ओ वहां से चले गए।