12-09-2025, 10:43 AM
(This post was last modified: 14-09-2025, 12:03 PM by Fuckuguy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मेरे गिगोलो बनने की कहानी
आर्यन एक 28 साल का लड़का था, जो दिल्ली की भीड़भाड़ वाली गलियों में रहता था। पढ़ा-लिखा था वो – इंजीनियरिंग की डिग्री थी उसके पास, लेकिन नौकरी मिली थी एक छोटी-सी आईटी कंपनी में, जहां सारा दिन कंप्यूटर के सामने बैठकर कोडिंग करता रहता। दिखने में वो औसत था – न ज्यादा हैंडसम, न ज्यादा बदसूरत। कद 5 फुट 10 इंच, साधारण चेहरा, हल्की-सी दाढ़ी और चश्मा लगाकर चलता। लेकिन उसके पास एक ऐसी चीज़ थी जो उसे बाकियों से अलग करती थी – उसका लंड 10 इंच का था, मोटा और ताकतवर, जो कभी-कभी उसे खुद पर गर्व महसूस कराता, लेकिन ज़्यादातर वक्त वो इसे छुपाकर रखता क्योंकि ज़िंदगी में पैसे कमाने से ज़्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं लगता था।
आर्यन की ज़िंदगी संघर्ष से भरी थी। सुबह 6 बजे उठता, मेट्रो पकड़कर ऑफिस जाता, रात 10 बजे लौटता। महीने के आखिर में सैलरी आती – मुश्किल से 30 हज़ार रुपये। किराया, खाना, बिजली का बिल – सब कुछ मिलाकर कुछ बचता ही नहीं। वो हमेशा सोचता, "कितनी मेहनत करता हूं, लेकिन पैसा कहां है? क्या ज़िंदगी यूं ही कटती रहेगी?" उसके सपने बड़े थे – अपनी मां को गांव से दिल्ली बुलाना, एक अच्छा घर खरीदना, लेकिन हकीकत में वो एक छोटे से कमरे में रहता था, जहां दीवारें फटी हुई थीं और छत से पानी टपकता था।
एक दिन शाम को, ऑफिस से लौटते वक्त उसका दोस्त राहुल मिला। राहुल कॉलेज का दोस्त था, जो अब एक मार्केटिंग जॉब करता था और हमेशा नए-नए आइडियाज़ के साथ घूमता रहता। दोनों एक चाय की दुकान पर बैठे। बातों-बातों में राहुल ने कहा, "यार आर्यन, तू इतनी मेहनत करता है, लेकिन पैसा नहीं कमा पा रहा। मैंने सुना है एक साइट है – 'SecretDesires.com'। वहां लड़कियां गिगोलो हायर करती हैं। मतलब, जो लड़के उनकी सेक्सुअल ज़रूरतें पूरी करें, साथ में जो वो कहें वो करें – डिनर पर ले जाना, बातें करना, सब कुछ। और बदले में अच्छे पैसे देती हैं। कुछ लड़के तो महीने में लाखों कमा लेते हैं!"
आर्यन हंस पड़ा। "क्या बकवास कर रहा है राहुल? मैं ऐसा थोड़ी करूंगा। मैं पढ़ा-लिखा हूं, नौकरी करता हूं। ये सब वैश्यावृत्ति जैसा है।" राहुल ने कंधा झटकाया, "अरे यार, बस मज़ाक में बता रहा हूं। लेकिन सोच, अगर पैसा चाहिए तो ऑप्शन है।" आर्यन ने उस बात को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। वो घर लौटा, थका-हारा सो गया। लेकिन कहीं न कहीं वो शब्द उसके दिमाग में घूमते रहे – 'अच्छे पैसे'।
अगले कुछ दिनों में चीज़ें और खराब हो गईं। कंपनी में बॉस ने कहा कि सैलरी लेट आएगी, क्योंकि क्लाइंट ने पेमेंट नहीं किया। आर्यन के पास किराए के पैसे नहीं थे। उसका मकान मालिक, एक गुस्सैल बूढ़ा आदमी, दरवाज़े पर आ धमका। "आर्यन, इस महीने का किराया कब देगा? पिछले महीने का भी बाकी है। अगर कल तक नहीं दिया तो कमरा खाली करवा दूंगा। बाहर फेंक दूंगा तेरे सामान को!" आर्यन ने गिड़गिड़ाया, "अंकल, बस दो-तीन दिन की मोहलत दे दो। सैलरी आ रही है।" लेकिन मकान मालिक ने सुना नहीं। वो चला गया, लेकिन उसकी धमकी आर्यन के सीने में चुभती रही। रात भर वो सो नहीं पाया। बैंक बैलेंस चेक किया – सिर्फ 500 रुपये बचे थे। खाना भी मुश्किल से खरीद पा रहा था।
सुबह उठा तो दिमाग घूम रहा था। वो ऑफिस गया, लेकिन काम में मन नहीं लगा। लंच ब्रेक में फोन निकाला और सर्च किया – 'SecretDesires.com'। साइट खुली। ये एक प्राइवेट ऐप जैसी वेबसाइट थी, जहां रजिस्ट्रेशन के लिए डिटेल्स मांगी जा रही थीं। "क्या करूं?" वो सोचता रहा। दिल नहीं मान रहा था, लेकिन पैसे की तंगी उसे मजबूर कर रही थी। "बस ट्राई करके देखता हूं। अगर नहीं चला तो छोड़ दूंगा।" उसने रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा – नाम, उम्र, फोटो, और एक स्पेशल सेक्शन जहां 'स्पेशल क्वालिटी' लिखनी थी। आर्यन ने हिचकिचाते हुए लिखा – "10 इंच का साइज़, स्टैमिना हाई।" सबमिट बटन दबाया। अब इंतज़ार था।
शाम को घर लौटा तो फोन पर एक नोटिफिकेशन आया – "वेलकम टू SecretDesires! आपका प्रोफाइल अप्रूव हो गया है। क्लाइंट्स से रिक्वेस्ट आने लगेंगी।" आर्यन का दिल धड़क रहा था। क्या ये सही फैसला था? या ज़िंदगी का सबसे बड़ा गलत कदम? वो नहीं जानता था, लेकिन खेल शुरू हो चुका था। गिगोलो की दुनिया में उसका पहला कदम पड़ चुका था, और आगे क्या होगा, ये वक्त ही बताएगा।
Fuckuguy
albertprince547;
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