12-09-2025, 09:01 AM
चले जाओ,फुर्सत थी तो मै ही चल आया।कोई बात ,चलो चलते हैं। कह कर जैसे ही दो कदम बढ़े होंगे कि मीरा किसी काम से बाहर आई, वोही,बड़ी बड़ी चूंचिय,बड़ी तरबूज़ जैसी निकली हुईं गांड़,देख कर तो मेरे पैंट के भीतर वैसी ही हलचल होने लगीं, जैसे कि पहले होने लगती थी।मीरा किसी बुजुर्ग महिला से बात कर रही थी।बात करते करते उसकी नजर हम पर परी,तो वोह कुछ देर तक मुझे देखती रही,फिर लगभग दौड़ते हुए आकर मुझसे चिपट सी गई,बोली ओह रमेश भाई, कैसे याद आई बहन की,इस बीच बाइक की आवाज सुन के एक व्यक्ति बाहर आए,जो मीरा से बोले कौन है ये,और ये कह कर वो भी पास चले आए,और उत्सुकता से मेरी ओर देखने लगे।मीरा बोली अरे यह मेरी मामी का लड़का रमेश।है,और यह छोटू है, वैसे इसे तो पहचानते ही होंगे।अरे इन्हें तो मै कई बार देख चुका हूं।


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