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Adultery भोसड़ी की भूखी कहानियाँ
#8
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भोली लड़की की जागृति

उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में, जहां हरे-भरे खेतों की लहरें हवा में नाचतीं और सुबह की पहली किरणें नदी के किनारे पर चमकतीं, जहां हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू और दूर किसी मंदिर की घंटियों की आवाज घुली रहती, वहां रहती थी एक भोली-भाली लड़की नाम रिया। रिया, 20 साल की, गांव की सबसे सादी और मासूम लड़की थी। उसका बदन अभी-अभी जवानी में कदम रखा था – गोरी चिट्टी स्किन जो दूध की तरह मुलायम और चमकदार, लंबे काले बाल जो घने और चिकने, कमर तक लहराते हुए, लेकिन वह हमेशा उन्हें चोटी में बांधकर रखती। उसके स्तन 34C के, गोल और सख्त, लेकिन वह इतनी भोली थी कि ब्रा पहनना भी भूल जाती, साड़ी या सलवार में उसके उभार हल्के से दिखते, लेकिन वह ध्यान नहीं देती। पतली कमर, छोटी सी नाभि जो पेटीकोट से झांकती, और कूल्हे जो अभी विकसित हो रहे थे, लेकिन चलते वक्त हल्का लहराते। उसकी गांड गोल और नरम, लेकिन वह कभी आईने में देखकर नहीं सोचती थी। रिया की चूत अभी वर्जिन, गुलाबी और टाइट, बालों से हल्की कवर, लेकिन उसे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था। वह सोचती भी नहीं थी, बस किताबें पढ़ती, घर का काम करती, और गांव की लड़कियों से बातें करती। उसके पिता किसान थे, मां घर संभालती, और रिया कॉलेज में पढ़ती, लेकिन गांव का कॉलेज था जहां लड़के-लड़कियां अलग बैठते। रिया को लड़कों से बात करने की आदत नहीं, वह शरमाती, नजरें झुका लेती। लेकिन उसके मन में एक अजीब सी उत्सुकता थी – रातों में कभी-कभी बदन में एक गुदगुदी होती, चूत में हल्का दर्द, लेकिन वह समझ नहीं पाती, बस सो जाती।
गांव में एक लड़का था नाम राहुल, 22 साल का, कॉलेज में रिया का सीनियर। राहुल हैंडसम था – लंबा कद, गोरा रंग, मजबूत बॉडी खेतों में काम से बनी, छोटे बाल, और मुस्कान जो लड़कियों को लुभाती। उसका लंड 8 इंच लंबा, मोटा और नसदार, जो रिया को देखकर सख्त हो जाता। राहुल गांव का बदमाश था, लड़कियों से बातें करता, लेकिन रिया जैसी भोली लड़की पर उसकी नजर थी। वह जानता था रिया सेक्स के बारे में कुछ नहीं जानती, और वह उसे फंसाना चाहता था। राहुल की योजना थी – पहले दोस्ती, फिर बातें, फिर छूना, और आखिर में चोदना। वह रिया को कॉलेज में देखता, उसके भोले चेहरे पर मुस्कुराता, लेकिन रिया नजरें झुका लेती। एक दिन, कॉलेज में, राहुल ने रिया से किताब मांगी। "रिया, तेरी नोट्स दे ना, मेरा कॉपी खो गया।" रिया शरमाते हुए बोली, "हां... ले लो।" राहुल ने किताब लेते समय उसके हाथ को छुआ, रिया की सांस रुक गई, "राहुल... क्या कर रहे हो?" राहुल मुस्कुराया, "कुछ नहीं, तेरा हाथ कितना मुलायम है।" रिया शरमा गई, लेकिन मन में एक अजीब सी खुशी हुई। अगले दिन, राहुल ने रिया को रास्ते में रोका। "रिया, साथ चलें? अकेली मत जा।" रिया ने हां कहा, रास्ते में बातें हुईं – कॉलेज की, गांव की। राहुल ने कहा, "रिया, तू बहुत भोली है, दुनिया की बातें नहीं जानती।" रिया बोली, "क्या बातें?" राहुल मुस्कुराया, "बड़ी हो गई है, लेकिन लड़कों से बात नहीं करती।" रिया शरमाई, "मुझे क्या पता..." राहुल ने धीरे-धीरे बातें बढ़ाई।
एक हफ्ते बाद, राहुल ने रिया को नदी किनारे बुलाया। "रिया, वहां चलें, ठंडी हवा लगेगी।" रिया गई, नदी का पानी चमक रहा था, हवा ठंडी। राहुल ने रिया का हाथ पकड़ा, "रिया, तू मुझे अच्छी लगती है।" रिया का दिल धड़का, "राहुल... ये क्या?" राहुल ने कहा, "रिया, लड़का-लड़की में दोस्ती होती है, स्पर्श होता है।" वह रिया के गाल पर हाथ फेरा, रिया की सांस तेज हो गई। "राहुल... ये गलत है..." लेकिन वह रुकी नहीं। राहुल ने रिया को चूमा, होंठों पर होंठ रख दिए। रिया की आंखें बंद हो गईं, वह जवाब देने लगी। राहुल की जीभ रिया के मुंह में गई, खेलने लगी। रिया की चूत गीली हो गई, "आह... राहुल... ये क्या है?" राहुल बोला, "ये प्यार है, रिया।" राहुल का हाथ रिया के स्तनों पर गया, ब्लाउज के ऊपर से दबाया। रिया कराही, "आह... मत करो... लेकिन अच्छा लग रहा है।" राहुल ने ब्लाउज का हुक खोला, ब्रा उतारी, रिया के स्तन बाहर आ गए – गोल, गुलाबी निप्पल्स सख्त। "रिया, क्या माल है," राहुल बोला, एक स्तन मुंह में ले लिया, चूसने लगा, जीभ से निप्पल चाटता, हल्का काटता। रिया तड़प उठी, "आह... राहुल... ये क्या कर रहे हो... मेरी चूत में गुदगुदी हो रही है।" राहुल ने कहा, "रिया, ये सेक्स है, मजा आता है।" राहुल की उंगलियां रिया की साड़ी में गईं, पेटीकोट के अंदर, चूत पर रब की। रिया चीखी, "आह... वहां मत छुओ... लेकिन रुको मत..." राहुल ने उंगलियां अंदर डालीं, रिया की चूत टाइट थी, लेकिन गीली। "रिया, तेरी चूत कितनी टाइट," वह बोला, अंदर-बाहर किया। रिया का पानी निकलने लगा, "राहुल... मैं... आह..." वह झड़ गई, पहली बार। "ये क्या हुआ?" रिया बोली। राहुल मुस्कुराया, "ये ऑर्गैज्म है, मजा आया न?" रिया शरमाई, "हां... लेकिन और करो।"
राहुल ने अपना पैंट उतारा, लंड बाहर – 8 इंच लंबा, मोटा, नसदार। रिया की आंखें चौड़ी, "ये क्या है?" राहुल बोला, "ये लंड है, इससे चुदाई होती है। छू।" रिया ने हाथ में लिया, सहलाया, "आह... कितना गर्म, सख्त।" राहुल ने कहा, "चूस रिया।" रिया ने मुंह में लिया, चूसने लगी, जीभ से चाटती। राहुल कराहा, "आह... रिया... अच्छा चूस रही है।" रिया ने गैगिंग लेकिन जारी रखा। राहुल ने पूजा को लिटाया, पैर फैलाए। "रिया, अब लंड लो चूत में।" रिया डरी, "दर्द होगा?" राहुल ने रगड़ा, धीरे डाला। रिया चीखी, "आह... दर्द... निकालो..." लेकिन राहुल ने धीरे धक्के मारे, दर्द मजा में बदला। "रिया, मजा आ रहा?" रिया कराही, "हां... चोदो... और तेज..." राहुल ने स्पीड बढ़ाई, रिया के स्तन उछलते, वह झड़ गई। राहुल ने बाहर निकाला, रिया के मुंह में झाड़ दिया। रिया ने वीर्य निगला, "ये क्या है?" राहुल बोला, "वीर्य, प्यार का रस।"
फिर दोनों की मस्ती जारी रही। राहुल ने रिया को सब सिखाया – ओरल, एनल, पोजिशंस। रिया अब भोली नहीं, एक कामुक लड़की थी। लेकिन गांव में राज खुला, लेकिन रिया खुश, राहुल के लंड की प्यासी। उनकी चुदाई जारी रही, कभी नदी में, कभी जंगल में। रिया की जागृति पूरी हो गई थी, इच्छाओं की दुनिया में खोई हुई।
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RE: भोसड़ी की भूखी कहानियाँ - by Fuckuguy - 11-09-2025, 05:46 PM



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