03-09-2025, 09:37 PM
शाम को एक राउंड चुदाई के बाद खुशबू और मयंक अलग अलग होकर बेड पर लेटें रहे । कुछ घंटे बाद खुशबू उठी अपने सारे कपड़े को उठाया और बाथरुम में जाकर एक जगह पर रख दिया और फ्रेश होकर बाहर निकली , अपने कमरे की खिड़की के पास बैठकर बाहर का दृश्य देखने लगी।
वहां से बीच का शाम का व्यू बहुत ही रोमांटिक लग रहा था , समुद्र में उठने वाले लहरें इस शाम को और भी अधिक रोमांचक शाम बना रही थी , शाम के समय कुछ कपल एन्जॉय कर रहे थे । फिर उसी नजर फार्म हाउस के पीछे साइड कॉर्नर पर एक स्विमिंग पूल पर पड़ी ।
( वह स्विमिंग पूल इसी फार्म हाउस के मालिक का था इस लिए फार्म हाउस के तीन ओर एक ऊंची दीवार से घिरा हुआ था और एक तरफ मुख्य दरवाजा था इसलिए कोई भी बाहरी व्यक्ति या जानवर अंदर ना आ सके ) , स्विमिंग पूल में नीला - नीला पानी को देखकर खुशबू का मन किया कि वह जाकर स्विमिंग पूल का मजा ल ले , तो खुशबू ने अपने सुटकेश से एक काली ब्रा और पैंटी निकालकर पहनी और उसके ऊपर पारदर्शी लंबी टी शर्ट पहनी ली और स्विमिंग पूल पर चली गई।
जब वह स्विमिंग पूल पर जा रही थीं तो उसने मयंक को आवाज लगाई । मयंक में स्विमिंग करने के लिए स्विमिंग पूल पे जा रही हूं क्या तुम्हें भी चलना है मेरे साथ , तो मयंक ने नहीं में जवाब दिया और उसे मना कर दिया । खुशबू स्विममिंग पूल जाने के लिए सेकंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर पर आई । जब वो फर्स्ट फ्लोर पर आई तो उसने फर्स्ट पर किसी महिला और पुरुष की आवाज सुनी तो उसने फार्म हाउस के मालिक को फोन किया। फार्म हाउस के मालिक ने कहा " एक कपल है कुछ दिन के लिए यह छुट्टी मनाने आये हूं है आपको उससे कोई परेशान नहीं होगी वह मेरे जान पहचान वाले हैं " इतना कहकर उसने फोन कटकर दिया खुशबू ने इससे ज्यादा सीरीयश नहीं लिया और वह स्विमिंग पूल के लिए निकल गई ।
स्विमिंग पूल ज्यादा बड़ा नहीं था, वहां छोटे छोटे चेयर भी लगे हुए थे । वहीं पर एक रेस्ट हाउस भी था ( क्योंकि जो लोग स्विमिंग करे थक जाएं वे वह रेस्टकर सकते ) ।
खुशबु जाकर पूल के किनारे बैठ गई या अपने पैरों को पानी के अंदर डाल दिया, उसे बहुत आराम महसूस हो रहा था।
कुछ मिनटों बाद खुशबू खड़ी हुई और स्विमिंग पूल में छलांग लगा दि और तैरने लगी ।
आधे घंटे स्विमिंग करने के बाद वह बाहर आई और वह पर रखे चेयर पर जा के बैठ गई और आराम करने लगी । शाम की ठंड ठंड हवा में उससे आंनद आने लगा इससे उसकी आंखों लग गई ।
थोड़ी समय बाद खुशबू को किसी ने उसके नाम से पुकारा उसकी नींद भंग हो गई। उससे लगा शायद मयंक है जब उसने अपनी आंखें खोली तो देखाकर वह शॉक होकर उसे देखती रही । वह कोई और नहीं श्री सिन्हा थे श्री सिन्हा ने उसे उसको उसके नाम से पुकारा। हालाँकि खुशबू को हैरानी हुई, लेकिन उसने कोई शिकायत नहीं थी मगर ( वह सोच रही थी यह माधर्चोद यहां तक कैसे पहुंचा )
खुशबू ने उन्हें कहा : " सर आप यहां कैसे " ? आपको इस जगह के बारे में किसे जानकारी मिली। और जब से मैं छूट्टी पर आई हुं तब से एक बार भी हमारे बीच संपर्क नहीं हुआ है।
श्री सिन्हा: आराम आराम से खुशबू इतना जल्दी जल्दी सवाल पूछोगी तो मैं तुम्हारी किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगा रही बात इस जगह को बारें में तो मुझे तुम्हारे पति मयंक से पता चली ।
श्री सिन्हा : मुझे कंपनी के द्वारा चलाई जा रही " मय्या सम्मान योजना " का एक रिपोर्ट बनाकर हेड ऑफिस भेजना था तभी उस योजना का अगली फंड में अगला किस्ट का पैसा आता है मुझे उसके लिए तुम्हारी सलाह की जरूरत थी मगर तुम तो छुट्टी पर थी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था इसलिए मैंने तुम्हारी फोन पे रिंग किया फोन तो रिसीव हुआ मगर तुम्हारे पति मयंक ने फोन रिसीव किया मैंने उससे पूछा खुशबू कहा तो उसने बताया की तुम बॉथरूम गई हो । तभी मेरे दिमाग में एक शैतानी ख्याल आया क्यों ना तुम्हारी गोवा ट्रिप की सारी जानकारी ले ली जाये। ऐसे भी बहुत दिनों से मैंने तुम्हारी चुत और गांड़ नहीं मारी है इस उत्साह को मिटाने के लिए मैंने उससे बात करने के दौरान उसने मुझे तुम्हारी गोवा ट्रिप की सारी जानकारी दे दी । फिर मैंने फोन रख दिया । मैनें गूगल पर उस फॉर्म हाउस के नाम को सर्च मारा तो मुझे गूगल पर उस फॉर्म हाउस के बरे में जानकारी मिली । वहां पर फॉर्म हाउस के मालिक का भी नंबर मुझे मिला । तो मैंने उस नंबर पर फोन किया फार्म हाउस के मालिक ने मुझे रूम देने से मना कर दिया पर मुझे मैंने उससे किराया से दो गुना पैसा देने की बात कहीं तो वह राजी हो गया और उसने मुझे इस फार्म हाउस में फर्स्ट फ्लोर पर रूम किराए पे दे दिया ।
वाह दोनों आपस में बातें कर रहे थे तभी श्री सिन्हा को किसी ने " सुनिए जी " कह कर पुकारा श्री सिन्हा पीछे पलटकर देखा तो वह उनकी धर्मपत्नी मिनाक्षी थी वाह उन दोनों के करीब आई । श्री सिन्हा ने खुशबू से अपनी पत्नी का परिचय करवाया खुशबू ने उस उनकी पत्नी को ऊपर से नीचे तक देखा और मन में सोच रही थी ( तभी तो यह माधर्चोद चूत और गांड़ मारने के लिए हर समय उतावला रहता है ) कुछ सकेंड बाद उसे नमस्ते कहकर संबंधित किया।
उसकी पत्नी देखने में सुंदर नहीं थी और मोटी जैसी थी और सेक्स के मामले में बिलकुल ठंडी औरत थी । थोड़ी देर बात करने के बाद वह सब अपने अपने फ्लेर पर आ गये खुशबू अपनी सेकंड फ्लोर पे आ गई और श्री सिन्हा और उनकी पत्नी फर्स्ट फ्लोर पर ही रहे गई ।
या रात तो खुशबू ने अपने पति मयंक के साथ किसी तरह कट ली मगर आगे आने वाली हर दिन और रात उसके लिए रोमांचक और कामुकता से भरी होने वाली थी।
सुबह का समय था खुशबू और मयंक दोनों बालकनी में बैठ के कॉफी पी रहे थे और बीच का आनंद लें रहे थे तभी उनके फलोर के मेन दारवाजा पर लगे रिंग बेल बजा , मयंक उठकर दारवाजा के पास पहुंचा और खोला तो सामने श्री सिन्हा नजर आये । मयंक ने श्री सिन्हा को नमस्ते कहकर संबोधित किया और उस अंदर आने के लिए कहा फिर वह दोनों बालकनी में पहुंचे ।
खुशबू ने श्री सिन्हा को गुड मॉर्निंग कहकर के संबंधित किया । और तभी मयंक ने खुशबू से कहा की किचन में जा के एक गिलास कॉफी ले आओ । तो श्री सिन्हा ने मना कर दिया और कहा मैं सुबह - सुबह सिर्फ ताजे दूध ही पीता हूं। यह बोलकर खुशबू की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे ( उसके डबल मीनिंग बात भले मयंक नहीं समझे मगर खुशबु अच्छे से समझ पा रही थी )
श्री सिन्हा : में यह खुशबू से कुछ कहने के लिए आया था ।
उसने खुशबू से कहां मेरी पत्नी मार्केट जाना चहती है उन्हें मार्केटिंग का कोई भी ज्ञान नहीं है क्या तुम उनके साथ जा सकती हो खुशबू ?
खुशबू: ठीक है। कब जाना है?
श्री सिन्हा - दोपहर को ?
श्री सिन्हा अपने यह कहकर वो चले गये।
…..................................................................
दोपहर को खुशबू का फोन बजा श्री सिन्हा के द्वारा उस कॉल किया था और उसने कहा की वह तैयार हो के नीचे आये ।
थोड़ी देर में खुशबू तैयार होके नीचे आई । श्री सिन्हा की पत्नी और खुशबू दोनों मार्केट के लिए निकल गई ।
उन दोनों को मार्केट से फार्म हाउस आते-आते बहुत देर हो चुकी थी । मार्केट से आने के बाद वो अपने अपने फ्लोर पे चली गई । खुशबू जब अपनी कमरे में घुस तो उसे वह श्री सिन्हा शराब पीते नज़र आये । श्री सिन्हा ने मयंक को इतनी शराब पीला दी कि मयंक वहीं जमीन पर टल्ली होकर पड़ा हुआ था। खुशबू यह नजारा देखकर दंग रह गई। खुशबू को अब सब मामलों को समझ चुकी थी ( श्री सिन्हा द्वारा उसे अपनी पत्नी के साथ मार्केट भेजना और मयंक को शराब पीला कर टल्ली कर देना यह सब श्री सिन्हा की बनावट योजना थी जो खुशबू नहीं समझ सकी ) श्री सिन्हा खड़े होकर खुशबू को अपनी ओर खींच लिया उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहा :
श्री सिन्हा : आज रात तुम खुद को तैयार रखना आज रात भर में तुम्हारी जम के चुदाई करने वाला हुं।
खुशबू उसके बाहों से अलग होकर कहा: मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करनी वाली।
श्री सिन्हा के द्वारा उस एक तस्वीर दिखाई गई जिसमें खुशबू डेबिट और चार्ल्स के साथ चुदाई कर रही थी तस्वीर दिखाकर श्री सिन्हा ने कहा अब एक अच्छी पत्नी बनकर मेरी इंतजार करना। उसके कमरे चले गये।
वहां से बीच का शाम का व्यू बहुत ही रोमांटिक लग रहा था , समुद्र में उठने वाले लहरें इस शाम को और भी अधिक रोमांचक शाम बना रही थी , शाम के समय कुछ कपल एन्जॉय कर रहे थे । फिर उसी नजर फार्म हाउस के पीछे साइड कॉर्नर पर एक स्विमिंग पूल पर पड़ी ।
( वह स्विमिंग पूल इसी फार्म हाउस के मालिक का था इस लिए फार्म हाउस के तीन ओर एक ऊंची दीवार से घिरा हुआ था और एक तरफ मुख्य दरवाजा था इसलिए कोई भी बाहरी व्यक्ति या जानवर अंदर ना आ सके ) , स्विमिंग पूल में नीला - नीला पानी को देखकर खुशबू का मन किया कि वह जाकर स्विमिंग पूल का मजा ल ले , तो खुशबू ने अपने सुटकेश से एक काली ब्रा और पैंटी निकालकर पहनी और उसके ऊपर पारदर्शी लंबी टी शर्ट पहनी ली और स्विमिंग पूल पर चली गई।
जब वह स्विमिंग पूल पर जा रही थीं तो उसने मयंक को आवाज लगाई । मयंक में स्विमिंग करने के लिए स्विमिंग पूल पे जा रही हूं क्या तुम्हें भी चलना है मेरे साथ , तो मयंक ने नहीं में जवाब दिया और उसे मना कर दिया । खुशबू स्विममिंग पूल जाने के लिए सेकंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर पर आई । जब वो फर्स्ट फ्लोर पर आई तो उसने फर्स्ट पर किसी महिला और पुरुष की आवाज सुनी तो उसने फार्म हाउस के मालिक को फोन किया। फार्म हाउस के मालिक ने कहा " एक कपल है कुछ दिन के लिए यह छुट्टी मनाने आये हूं है आपको उससे कोई परेशान नहीं होगी वह मेरे जान पहचान वाले हैं " इतना कहकर उसने फोन कटकर दिया खुशबू ने इससे ज्यादा सीरीयश नहीं लिया और वह स्विमिंग पूल के लिए निकल गई ।
स्विमिंग पूल ज्यादा बड़ा नहीं था, वहां छोटे छोटे चेयर भी लगे हुए थे । वहीं पर एक रेस्ट हाउस भी था ( क्योंकि जो लोग स्विमिंग करे थक जाएं वे वह रेस्टकर सकते ) ।
खुशबु जाकर पूल के किनारे बैठ गई या अपने पैरों को पानी के अंदर डाल दिया, उसे बहुत आराम महसूस हो रहा था।
कुछ मिनटों बाद खुशबू खड़ी हुई और स्विमिंग पूल में छलांग लगा दि और तैरने लगी ।
आधे घंटे स्विमिंग करने के बाद वह बाहर आई और वह पर रखे चेयर पर जा के बैठ गई और आराम करने लगी । शाम की ठंड ठंड हवा में उससे आंनद आने लगा इससे उसकी आंखों लग गई ।
थोड़ी समय बाद खुशबू को किसी ने उसके नाम से पुकारा उसकी नींद भंग हो गई। उससे लगा शायद मयंक है जब उसने अपनी आंखें खोली तो देखाकर वह शॉक होकर उसे देखती रही । वह कोई और नहीं श्री सिन्हा थे श्री सिन्हा ने उसे उसको उसके नाम से पुकारा। हालाँकि खुशबू को हैरानी हुई, लेकिन उसने कोई शिकायत नहीं थी मगर ( वह सोच रही थी यह माधर्चोद यहां तक कैसे पहुंचा )
खुशबू ने उन्हें कहा : " सर आप यहां कैसे " ? आपको इस जगह के बारे में किसे जानकारी मिली। और जब से मैं छूट्टी पर आई हुं तब से एक बार भी हमारे बीच संपर्क नहीं हुआ है।
श्री सिन्हा: आराम आराम से खुशबू इतना जल्दी जल्दी सवाल पूछोगी तो मैं तुम्हारी किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगा रही बात इस जगह को बारें में तो मुझे तुम्हारे पति मयंक से पता चली ।
श्री सिन्हा : मुझे कंपनी के द्वारा चलाई जा रही " मय्या सम्मान योजना " का एक रिपोर्ट बनाकर हेड ऑफिस भेजना था तभी उस योजना का अगली फंड में अगला किस्ट का पैसा आता है मुझे उसके लिए तुम्हारी सलाह की जरूरत थी मगर तुम तो छुट्टी पर थी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था इसलिए मैंने तुम्हारी फोन पे रिंग किया फोन तो रिसीव हुआ मगर तुम्हारे पति मयंक ने फोन रिसीव किया मैंने उससे पूछा खुशबू कहा तो उसने बताया की तुम बॉथरूम गई हो । तभी मेरे दिमाग में एक शैतानी ख्याल आया क्यों ना तुम्हारी गोवा ट्रिप की सारी जानकारी ले ली जाये। ऐसे भी बहुत दिनों से मैंने तुम्हारी चुत और गांड़ नहीं मारी है इस उत्साह को मिटाने के लिए मैंने उससे बात करने के दौरान उसने मुझे तुम्हारी गोवा ट्रिप की सारी जानकारी दे दी । फिर मैंने फोन रख दिया । मैनें गूगल पर उस फॉर्म हाउस के नाम को सर्च मारा तो मुझे गूगल पर उस फॉर्म हाउस के बरे में जानकारी मिली । वहां पर फॉर्म हाउस के मालिक का भी नंबर मुझे मिला । तो मैंने उस नंबर पर फोन किया फार्म हाउस के मालिक ने मुझे रूम देने से मना कर दिया पर मुझे मैंने उससे किराया से दो गुना पैसा देने की बात कहीं तो वह राजी हो गया और उसने मुझे इस फार्म हाउस में फर्स्ट फ्लोर पर रूम किराए पे दे दिया ।
वाह दोनों आपस में बातें कर रहे थे तभी श्री सिन्हा को किसी ने " सुनिए जी " कह कर पुकारा श्री सिन्हा पीछे पलटकर देखा तो वह उनकी धर्मपत्नी मिनाक्षी थी वाह उन दोनों के करीब आई । श्री सिन्हा ने खुशबू से अपनी पत्नी का परिचय करवाया खुशबू ने उस उनकी पत्नी को ऊपर से नीचे तक देखा और मन में सोच रही थी ( तभी तो यह माधर्चोद चूत और गांड़ मारने के लिए हर समय उतावला रहता है ) कुछ सकेंड बाद उसे नमस्ते कहकर संबंधित किया।
उसकी पत्नी देखने में सुंदर नहीं थी और मोटी जैसी थी और सेक्स के मामले में बिलकुल ठंडी औरत थी । थोड़ी देर बात करने के बाद वह सब अपने अपने फ्लेर पर आ गये खुशबू अपनी सेकंड फ्लोर पे आ गई और श्री सिन्हा और उनकी पत्नी फर्स्ट फ्लोर पर ही रहे गई ।
या रात तो खुशबू ने अपने पति मयंक के साथ किसी तरह कट ली मगर आगे आने वाली हर दिन और रात उसके लिए रोमांचक और कामुकता से भरी होने वाली थी।
सुबह का समय था खुशबू और मयंक दोनों बालकनी में बैठ के कॉफी पी रहे थे और बीच का आनंद लें रहे थे तभी उनके फलोर के मेन दारवाजा पर लगे रिंग बेल बजा , मयंक उठकर दारवाजा के पास पहुंचा और खोला तो सामने श्री सिन्हा नजर आये । मयंक ने श्री सिन्हा को नमस्ते कहकर संबोधित किया और उस अंदर आने के लिए कहा फिर वह दोनों बालकनी में पहुंचे ।
खुशबू ने श्री सिन्हा को गुड मॉर्निंग कहकर के संबंधित किया । और तभी मयंक ने खुशबू से कहा की किचन में जा के एक गिलास कॉफी ले आओ । तो श्री सिन्हा ने मना कर दिया और कहा मैं सुबह - सुबह सिर्फ ताजे दूध ही पीता हूं। यह बोलकर खुशबू की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे ( उसके डबल मीनिंग बात भले मयंक नहीं समझे मगर खुशबु अच्छे से समझ पा रही थी )
श्री सिन्हा : में यह खुशबू से कुछ कहने के लिए आया था ।
उसने खुशबू से कहां मेरी पत्नी मार्केट जाना चहती है उन्हें मार्केटिंग का कोई भी ज्ञान नहीं है क्या तुम उनके साथ जा सकती हो खुशबू ?
खुशबू: ठीक है। कब जाना है?
श्री सिन्हा - दोपहर को ?
श्री सिन्हा अपने यह कहकर वो चले गये।
…..................................................................
दोपहर को खुशबू का फोन बजा श्री सिन्हा के द्वारा उस कॉल किया था और उसने कहा की वह तैयार हो के नीचे आये ।
थोड़ी देर में खुशबू तैयार होके नीचे आई । श्री सिन्हा की पत्नी और खुशबू दोनों मार्केट के लिए निकल गई ।
उन दोनों को मार्केट से फार्म हाउस आते-आते बहुत देर हो चुकी थी । मार्केट से आने के बाद वो अपने अपने फ्लोर पे चली गई । खुशबू जब अपनी कमरे में घुस तो उसे वह श्री सिन्हा शराब पीते नज़र आये । श्री सिन्हा ने मयंक को इतनी शराब पीला दी कि मयंक वहीं जमीन पर टल्ली होकर पड़ा हुआ था। खुशबू यह नजारा देखकर दंग रह गई। खुशबू को अब सब मामलों को समझ चुकी थी ( श्री सिन्हा द्वारा उसे अपनी पत्नी के साथ मार्केट भेजना और मयंक को शराब पीला कर टल्ली कर देना यह सब श्री सिन्हा की बनावट योजना थी जो खुशबू नहीं समझ सकी ) श्री सिन्हा खड़े होकर खुशबू को अपनी ओर खींच लिया उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहा :
श्री सिन्हा : आज रात तुम खुद को तैयार रखना आज रात भर में तुम्हारी जम के चुदाई करने वाला हुं।
खुशबू उसके बाहों से अलग होकर कहा: मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करनी वाली।
श्री सिन्हा के द्वारा उस एक तस्वीर दिखाई गई जिसमें खुशबू डेबिट और चार्ल्स के साथ चुदाई कर रही थी तस्वीर दिखाकर श्री सिन्हा ने कहा अब एक अच्छी पत्नी बनकर मेरी इंतजार करना। उसके कमरे चले गये।


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