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पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर
#42
शाम के 6:30 बज रहे थे, और नगरीया में ज्योति के घर में शादी की रौनक अपने चरम पर थी। घर की निचली मंजिल पर मेहंदी की रस्म की तैयारियां चल रही थीं। रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ियां, फूलों की मालाएं, और ढोलक की थाप हवा में गूंज रही थी। महिलाएं साड़ियों और चटकीले लहंगों में सजी थीं, और बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे थे। ज्योति की बेटी, रानी, मेहंदी लगवाने के लिए एक चारपाई पर बैठी थी, और उसके आसपास रिश्तेदार और सहेलियां हंसी-मजाक कर रही थीं। घर के बाहर पुरुष धोती-कुर्ता या कुर्ता-पायजामा में बातें कर रहे थे, और कुछ लोग शरबत और नाश्ते का आनंद ले रहे थे। हवा में समोसे, जलेबी, और फूलों की खुशबू फैली हुई थी।
पूजा शर्मा ज्योति के साथ मेहंदी की रस्म में व्यस्त थी। उसने एक साधारण लेकिन आकर्षक हरी साड़ी पहनी थी, जो गांव के माहौल में मर्यादित थी, लेकिन उसकी गोरी त्वचा और फिगर को हल्का-सा उभार रही थी। वह ज्योति के साथ रानी की मेहंदी देख रही थी, और बीच-बीच में हंसकर सहेलियों के साथ गपशप कर रही थी। उसका मन अभी भी सुबह के गंगा स्नान और नाविक रामू के साथ हुए अनुभव में उलझा था। "रामू का वो भोलापन... और उसका वो उभार," उसने मन ही मन सोचा, और उसकी सांसें थोड़ी तेज हो गईं। लेकिन वह जल्दी से अपने आप को संभालकर मेहंदी की रस्म में ध्यान देने लगी।
राहुल, जो अब तक कुछ रिश्तेदारों के साथ बातें कर रहा था, ने हल्की-सी शराब पी ली थी। उसकी आंखें नशे में चमक रही थीं, और उसका मूड शरारती हो गया था। वह घर के एक कोने में खड़ा था, जब उसकी नजर रामू पर पड़ी। रामू, वही नाविक, जो सुबह उनकी नाव चला रहा था, एक कोने में खड़ा था। वह धोती-कुर्ता में था, लेकिन उसकी सादगी और भोलापन अभी भी साफ दिख रहा था। राहुल ने मुस्कुराते हुए रामू को बुलाया और कहा, "रामू भाई, इधर आओ।" रामू थोड़ा हिचकिचाते हुए पास आया और बोला, "साहब, आप तो आज सुबह मेरी नाव में आए थे।"
तीसरी मंजिल पर बातचीत
राहुल ने रामू को इशारे से अपने साथ चलने को कहा और उसे घर की तीसरी मंजिल पर ले गया, जहां उनका कमरा था। तीसरी मंजिल पर एकांत था, और सिर्फ उनका कमरा और अटैच्ड वॉशरूम था। कमरे में हल्की-सी बल्ब की रोशनी थी, और खिड़की से गंगा की ठंडी हवा आ रही थी। राहुल ने दरवाजा हल्का-सा बंद किया और रामू से कहा, "रामू, मैं तुझे इसलिए ऊपर लाया हूं। आज सुबह नाव में जो हुआ, वो किसी को मत बताना।" उसकी आवाज में एक दोस्ताना लेकिन सख्त लहजा था। रामू ने भोलेपन से सिर हिलाया और कहा, "साहब जी, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा। जो मेरी नंगी फिल्म देखने की बात थी, वो भी सिर्फ आपको और मैडम को पता है। मैंने वो बात भी किसी को नहीं बताई।"
राहुल ने हंसकर रामू के कंधे पर हाथ रखा और कहा, "शाबाश, रामू। लेकिन तुझे क्या हो गया? तू तो कुछ परेशान लग रहा है।" रामू ने शरमाते हुए अपने पजामे की ओर देखा, जहां अभी भी हल्का-सा उभार दिख रहा था। उसने धीरे से कहा, "साहब जी, पता नहीं मेरे लंड को क्या हो गया है। जब से मैडम को देखा, तब से ये छोटा ही नहीं हो रहा। अब तो दर्द भी होने लगा है।" उसकी आवाज में भोलापन और परेशानी थी। राहुल ने जोर से हंसते हुए कहा, "अरे रामू, तूने हस्तमैथुन नहीं किया? सब ठीक हो जाता।" रामू ने सिर झुकाकर कहा, "साहब, वो तो मैंने कभी नहीं किया। बस फिल्मों में देखा है।"
रामू का भोलापन और राहुल की शरारत
रामू ने फिर कहा, "साहब, मैडम बहुत सुंदर हैं। हीरोइन जैसी। वो अब कहां हैं?" उसकी आंखों में एक अजीब-सी चमक थी, जैसे वह पूजा शर्मा को फिर से देखना चाहता हो। राहुल ने शरारत भरे लहजे में कहा, "क्यों, रामू? मैडम को फिर देखना है?" रामू ने शरमाते हुए सिर हिलाया, "हां, साहब। वो तो हीरोइन जैसी सुंदर हैं।" राहुल ने हंसकर कहा, "अच्छा, एक काम करते हैं। मैं मैडम को यहीं ऊपर बुलाता हूं। तुम उनसे बात कर लेना, और अपनी ये... ‘प्रॉब्लम’ भी बता देना। मैडम तुझे सब समझा देंगी।"
रामू की आंखें चौड़ी हो गईं। "साहब, सच में? मैडम आएंगी?" राहुल ने और शरारत करते हुए कहा, "बिल्कुल। और तुझे पता है, मैडम भी तुझे याद कर रही थी। वो कह रही थी कि काश नाव पर तेरा लंड देख पाती।" रामू का चेहरा लाल हो गया, और उसने अविश्वास में पूछा, "सच में, साहब? मैडम ने ऐसा कहा?" राहुल ने हंसकर कहा, "हां, रामू। वो तो कह रही थी कि अगर तू अकेले में मिलता, तो वो तुझे फिल्मों की तरह प्यार करती। तुझे जो देखना है, सब दिखाती। बल्कि तू चाहे तो हाथ भी लगा सकता है।" रामू की सांसें तेज हो गईं, और उसका पजामा फिर से तन गया। "साहब, लेकिन... अगर किसी ने देख लिया तो?" उसने भोलेपन से पूछा।
राहुल ने उसे तसल्ली दी, "चिंता मत कर, रामू। अगर कोई आएगा, तो मैं मैडम को मैसेज कर दूंगा। तुम बस हमारे कमरे के वॉशरूम में चुपके से चले जाना। अब तू कमरे में जा, मैं मैडम को बुलाता हूं।" रामू ने हिचकिचाते हुए सिर हिलाया और कमरे में चला गया। उसका मन उथल-पुथल में था। "मैडम... हीरोइन जैसी... और वो मुझे देखना चाहती हैं?" उसने सोचा। उसका भोलापन और उत्तेजना उसे बेचैन कर रहे थे। वह कमरे में खड़ा इंतजार करने लगा, और उसकी आंखें बार-बार दरवाजे की ओर जा रही थीं।
रामू का भावनात्मक मन
रामू का मन एक तूफान में था। 45 साल की उम्र में उसने कभी किसी औरत को इतने करीब से नहीं देखा था, और पूजा शर्मा की सुंदरता ने उसे बेचैन कर दिया था। सुबह नाव पर जब पूजा शर्मा ने कपड़े बदले थे, उसकी गीली कुर्ती, उसकी लाल ब्रा, और उसकी शरारती मुस्कान ने उसके मन में एक आग लगा दी थी। "मैडम ने सच में मेरे बारे में सोचा?" उसने मन ही मन सोचा। उसका भोलापन उसे रोक रहा था, लेकिन उसकी उत्तेजना उसे आगे खींच रही थी। "साहब इतने अच्छे हैं। वो मुझे मैडम से मिलवाएंगे। लेकिन... ये गलत तो नहीं?" उसने सोचा। उसका पजामा अभी भी तना हुआ था, और उसे दर्द महसूस हो रहा था। "पता नहीं ये क्या हो रहा है," उसने सोचा, लेकिन पूजा शर्मा की छवि उसके मन से हट नहीं रही थी।
राहुल की शरारत और पूजा शर्मा का इंतजार
राहुल नीचे गया और पूजा शर्मा को मेहंदी की रस्म के बीच से बुलाया। "पूजा, जरा ऊपर चलो। कुछ जरूरी बात है," उसने फुसफुसाया। पूजा शर्मा ने ज्योति की ओर देखा और कहा, "ज्योति, मैं बस अभी आती हूं।" उसने अपनी साड़ी ठीक की और राहुल के साथ तीसरी मंजिल की ओर चल पड़ी। उसका मन उत्सुक था। "जी, क्या बात है?" उसने पूछा। राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, तेरा वो रामू ऊपर इंतजार कर रहा है। बेचारा कह रहा था कि जब से उसने तुझे नाव पर देखा, तब से उसे... प्रॉब्लम हो गई है।" पूजा शर्मा का चेहरा लाल हो गया। "जी, ये क्या? वो रामू? अब क्या करें?" उसने शरमाते हुए पूछा। राहुल ने कहा, "बस थोड़ा मस्ती कर लेते हैं। वो भोला है, और तुझे हीरोइन समझता है।" पूजा शर्मा का मन फिर से उस रोमांच में खो गया, लेकिन उसने कहा, "जी, मर्यादा रखना।" राहुल ने हंसकर कहा, "चिंता मत कर, मेरी हॉट वाइफ। मैं सब संभाल लूंगा।"
विस्तृत सीन: पूजा शर्मा और रामू की मुलाकात की तैयारी (मर्यादित रूप में):
शाम के 7:00 बज रहे थे, और ज्योति के घर में मेहंदी की रस्म की रौनक अपने चरम पर थी। निचली मंजिल पर ढोलक की थाप और महिलाओं की हंसी-मजाक की आवाजें गूंज रही थीं। रंग-बिरंगे बल्बों की रोशनी, फूलों की मालाएं, और समोसों-जलेबी की खुशबू हवा में फैली थी। पूजा शर्मा अभी-अभी ज्योति के साथ रानी की मेहंदी की रस्म में व्यस्त थी, लेकिन राहुल ने उसे एकांत में बुलाकर तीसरी मंजिल पर चलने को कहा। पूजा शर्मा ने अपनी हरी साड़ी को ठीक किया, जो उसकी गोरी त्वचा और फिगर को हल्का-सा उभार रही थी। उसका मन सुबह के गंगा स्नान और नाविक रामू के भोलेपन की यादों में खोया था। राहुल की शरारती मुस्कान उसे बता रही थी कि कुछ नया रोमांच होने वाला है।
वे दोनों सीढ़ियां चढ़ते हुए तीसरी मंजिल की ओर बढ़े। घर की तीसरी मंजिल पर एकांत था, सिर्फ उनका कमरा और अटैच्ड वॉशरूम था। खिड़की से गंगा की ठंडी हवा आ रही थी, और कमरे में हल्की-सी बल्ब की रोशनी थी। पूजा शर्मा का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "जी, क्या बात है? इतनी जल्दी क्यों बुलाया?" उसने हल्की घबराहट के साथ पूछा। राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और फुसफुसाते हुए कहा, "पूजा, रामू ऊपर कमरे में तेरा इंतजार कर रहा है। बेचारा कह रहा था कि जब से उसने तुझे नाव पर देखा, तब से उसे... प्रॉब्लम हो गई है।"
पूजा शर्मा का द्वंद्व और राहुल की समझ
पूजा शर्मा की आंखें चौड़ी हो गईं। "जी, प्रॉब्लम? कैसी प्रॉब्लम?" उसने शरमाते हुए पूछा, हालांकि उसे अंदाजा था कि राहुल क्या कहना चाहते हैं। राहुल ने शरारत भरे लहजे में कहा, "वही प्रॉब्लम, पूजा। उसका लंड छोटा ही नहीं हो रहा। तू खुद उससे पूछ लेना, और... देख भी लेना।" पूजा शर्मा का चेहरा शरम से लाल हो गया। उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और घबराते हुए कहा, "जी, ये क्या कह रहे हो? अगर कोई ऊपर आ गया तो? बदनामी हो जाएगी। मैं अकेले नहीं जा रही।" उसकी आवाज में डर था, लेकिन साथ ही एक हल्की-सी उत्तेजना भी। वह जानती थी कि राहुल का यह शरारती विचार उसे एक नए रोमांच की ओर ले जा रहा है, लेकिन गांव की मर्यादा और बदनामी का डर उसे रोक रहा था।
राहुल ने पूजा शर्मा के कंधों पर हाथ रखा और प्यार से समझाते हुए कहा, "पूजा, चिंता मत कर। मैं नीचे जा रहा हूं। अगर कोई ऊपर आने वाला होगा, तो मैं तुझे फोन पर बता दूंगा। तू बस रामू के साथ थोड़ा एंजॉय कर। वो भोला है, और तुझे हीरोइन समझता है।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, लेकिन मैं आपके बिना अकेले कैसे मिलूं? अगर कुछ उल्टा-सीधा हो गया तो? अगर उसने जबरदस्ती कर दी, या... मेरे से ही कंट्रोल न हुआ तो?" उसकी आंखों में शरम और डर का मिश्रण था, लेकिन उसका मन उस अनजाने रोमांच की ओर खींच रहा था।
राहुल ने पूजा शर्मा का चेहरा अपने हाथों में लिया और गहरी सांस लेते हुए कहा, "पूजा, मेरी हॉट वाइफ। तू बस इस पल को जी ले। जो हो रहा है, मेरी मर्जी से हो रहा है। तुझे मस्ती करने का मौका दे रहा हूं, लेकिन सावधानी से। हमारी इज्जत बनी रहनी चाहिए। मैं नीचे सब संभाल लूंगा।" उसकी आवाज में प्यार और विश्वास था। पूजा शर्मा का मन थोड़ा शांत हुआ। उसने सोचा, "राहुल सही कह रहे हैं। अगर वो चाहते हैं, तो इसमें गलत क्या है? और मुझे भी तो इस रोमांच में मजा आ रहा है।" उसने गहरी सांस ली और कहा, "जी, आप सच में समझदार हो। इसलिए तो आपको अकेले भेज रहा हूं, ताकि मैं नीचे आने वालों का ध्यान रख सकूं। तुम बिना शरम के रामू के साथ मस्ती कर सको। मेरे सामने तो तू इतना खुल नहीं पाएगी।"
पूजा शर्मा की आंखें नम हो गईं। उसने राहुल को गले लगाया और धीरे से कहा, "आई लव यू, जी।" राहुल ने उसके माथे को चूमा और कहा, "आई लव यू टू, पूजा। जा, रामू इंतजार कर रहा है।" वह मुस्कुराते हुए सीढ़ियों की ओर बढ़ गया, और पूजा शर्मा ने कमरे के दरवाजे की ओर कदम बढ़ाए। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "क्या होने वाला है?" उसने सोचा। उसका मन शरम, डर, और उत्तेजना के तूफान में डूबा था।
पूजा शर्मा का कमरे में प्रवेश
रामू की शरम और बातचीत
पूजा शर्मा ने दरवाजा हल्का-सा बंद किया और कमरे में कुछ कदम आगे बढ़ी। उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और मुस्कुराते हुए कहा, "रामू भाई, साहब ने बताया कि तुम मुझसे मिलना चाहते हो। क्या बात है?" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन वह जानबूझकर धीरे और नरम स्वर में बोल रही थी, जैसे रामू को और बेचैन करना चाहती हो। रामू ने सिर झुकाकर अपने पजामे को ठीक किया और शरमाते हुए कहा, "मैडम, आप... आप बहुत सुंदर हो। हीरोइन जैसी। मैंने आज सुबह नाव पर आपको देखा, और... तब से मेरे मन में बस आप ही हो।" उसकी आवाज कांप रही थी, और वह बार-बार अपनी नजरें इधर-उधर घुमा रहा था।
पूजा शर्मा ने हल्की-सी हंसी के साथ कहा, "रामू भाई, तुम तो बहुत भोले हो। साहब ने बताया कि तुम्हें कोई... प्रॉब्लम हो रही है?" उसने जानबूझकर सवाल को हल्का रखा, लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी। रामू का चेहरा और लाल हो गया। उसने सिर झुकाकर कहा, "मैडम, वो... साहब ने बताया होगा। जब से आपको देखा, तब से मेरा... ये छोटा ही नहीं हो रहा।" उसने अपने पजामे की ओर इशारा किया, जहां हल्का-सा उभार अभी भी दिख रहा था। "अब तो दर्द भी हो रहा है," उसने भोलेपन से कहा। पूजा शर्मा का मन एक पल के लिए ठिठक गया। "ये इतना सीधा है," उसने सोचा। उसका मन शरम और उत्तेजना के बीच झूल रहा था। उसने सोचा, "राहुल चाहते हैं कि मैं इस पल को जिऊं। लेकिन मर्यादा...?"
पूजा शर्मा ने गहरी सांस ली और कहा, "रामू भाई, तुमने साहब से क्या-क्या बात की? कुछ और भी बताया?" उसने मुस्कुराते हुए पूछा, जैसे बात को हल्का करना चाहती हो। रामू ने और शरमाते हुए कहा, "मैडम, साहब ने कहा कि आप मुझे... बहुत पसंद करती हो। बोले कि आपने कहा कि काश नाव पर मेरा... वो देख पाती।" उसकी आवाज लगभग फुसफुसाहट में बदल गई थी। पूजा शर्मा का चेहरा लाल हो गया। "राहुल ने इसे क्या-क्या बता दिया?" उसने मन ही मन सोचा। लेकिन उसने हंसकर कहा, "रामू भाई, साहब तो मजाक करते हैं। लेकिन तुम सच में बहुत भोले हो।"
रामू की हिम्मत और राहुल का जिक्र
रामू ने थोड़ी हिम्मत जुटाई और कहा, "मैडम, साहब ने ये भी कहा कि... मैं आपको छू भी सकता हूं। बोले कि आप मुझे... फिल्मों की तरह प्यार करेंगी। और जो देखना चाहता हूं, वो सब दिखाएंगी।" उसकी आंखें अब पूजा शर्मा के चेहरे पर टिकी थीं, और उसका भोलापन अब भी साफ झलक रहा था। पूजा शर्मा का दिल जोर से धड़का। उसने सोचा, "राहुल ने इसे इतना कुछ बता दिया? लेकिन ये इतना सीधा है... इसे तो कुछ समझ ही नहीं।" उसका मन उत्तेजना और डर के बीच झूल रहा था। उसने अपनी साड़ी का पल्लू फिर से ठीक किया और कहा, "रामू भाई, साहब ने तुम्हें बहुत उकसाया है। लेकिन तुम्हें सच में ऐसा लगता है?"
रामू ने सिर हिलाया और कहा, "मैडम, मैंने तो कभी किसी औरत को इतने करीब से नहीं देखा। आप... सच में हीरोइन जैसी हो। मेरे मन में बस आपकी बात आ रही है।" उसकी आवाज में एक अजीब-सी मासूमियत थी, जो पूजा शर्मा को और बेचैन कर रही थी। उसने सोचा, "ये इतना भोला है, और राहुल चाहते हैं कि मैं इस पल को जिऊं। लेकिन अगर कुछ गलत हुआ तो?" उसने गहरी सांस ली और कहा, "रामू भाई, तुम्हारी प्रॉब्लम... मैं समझ रही हूं। लेकिन ये सब गलत तो नहीं, ना?" उसकी आवाज में हल्का-सा डर था, लेकिन उसकी आंखों में शरारत भी थी।
पूजा शर्मा का भावनात्मक द्वंद्व
पूजा शर्मा का मन एक तूफान में था। एक तरफ, वह राहुल की मर्जी को पूरा करना चाहती थी। "वो चाहते हैं कि मैं रामू के साथ मस्ती करूं। ये सब उनकी खुशी के लिए है," उसने सोचा। दूसरी तरफ, गांव की मर्यादा और बदनामी का डर उसे रोक रहा था। "अगर किसी ने देख लिया तो? हमारी इज्जत का क्या होगा?" उसने मन ही मन सोचा। लेकिन रामू का भोलापन और उसकी उत्तेजना उसे एक अजीब-सी शक्ति दे रही थी। "पहली बार कोई मुझे इतने भोलेपन से चाह रहा है," उसने सोचा। उसका मन उस ट्रक ड्राइवर की फैंटसी और सुबह के नाव के अनुभव में खो गया। "राहुल नीचे हैं, और वो सब संभाल लेंगे। मुझे बस इस पल को जीना है," उसने खुद को समझाया।
पूजा शर्मा ने रामू की ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा, "रामू भाई, तुम सच में बहुत सीधे हो। साहब ने तुम्हें बहुत कुछ बता दिया, है ना?" रामू ने सिर हिलाया और कहा, "हां, मैडम। लेकिन मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा। बस... आपसे मिलना था।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसकर कहा, "ठीक है, रामू भाई। लेकिन सावधानी रखनी होगी। कोई ऊपर नहीं आना चाहिए।" उसने अपने फोन को चेक किया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि राहुल का कोई मैसेज नहीं आया।
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RE: पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर - by poojarahulhimachal - 02-09-2025, 07:31 PM



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