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पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर
#39
नगरीया में सुबह का माहौल शांत और पवित्र था। सूरज अभी-अभी उग रहा था, और गंगा के किनारे की हल्की ठंडी हवा ज्योति के घर की तीसरी मंजिल तक पहुंच रही थी। सुबह के 6:00 बजे थे, और पूजा शर्मा की आंखें धीरे-धीरे खुलीं। कमरे में चांदनी की जगह अब सूरज की किरणें खिड़की से आ रही थीं, जो गुलाबी चादरों पर पड़ रही थीं। पूजा शर्मा ने बेड पर पलटकर देखा – राहुल अभी गहरी नींद में थे, उनके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान थी, शायद कल रात की उस तीव्र फैंटसी के सपने में खोए हुए। पूजा शर्मा का मन भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि में उलझा था, लेकिन सुबह की ताजगी ने उसे एक नया उत्साह दिया। उसने धीरे से बेड से उठकर खिड़की खोली। बाहर गंगा की लहरों की हल्की-सी आवाज और दूर से मंदिर की घंटियों का स्वर सुनाई दे रहा था। "कितना शांत है ये माहौल," उसने मन ही मन सोचा।

पूजा शर्मा ने अपने सूटकेस से एक साधारण हल्की नीली सलवार-कुर्ती निकाली, जो गांव के माहौल के लिए मर्यादित थी। उसने नहाने के लिए अटैच्ड वॉशरूम में प्रवेश किया। गर्म पानी की बाल्टी और देसी साबुन की खुशबू ने उसे तरोताजा कर दिया। नहाते समय उसका मन फिर से कल के अनुभवों की ओर भटक गया – ट्रक ड्राइवर की नजरें, उसका बड़ा लिंग, और रात की वह फैंटसी। "क्या मैं सच में बदल रही हूं?" उसने सोचा, लेकिन फिर अपने आप को झटका और मर्यादा की याद दिलाई। नहाकर उसने सलवार-कुर्ती पहनी, बालों को गीले ही जूड़े में बांधा, और माथे पर एक छोटी-सी बिंदी लगाई। उसने हल्का मेकअप किया – गुलाबी लिपस्टिक और काजल – जो उसे सादगी के साथ आकर्षक बना रहा था।

मंदिर में पूजा

पूजा शर्मा ने राहुल को अभी सोने दिया और धीरे से कमरे से निकलकर नीचे आई। ज्योति पहले से जाग चुकी थी और किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी। "पूजा, इतनी सुबह उठ गई?" ज्योति ने मुस्कुराते हुए पूछा। पूजा शर्मा ने कहा, "हां, ज्योति। नींद खुल गई। सोचा, पास के मंदिर में पूजा कर आऊं।" ज्योति ने सिर हिलाया, "अच्छा है। मंदिर पास में ही है, गंगा के किनारे। थोड़ा पैदल चलकर चली जाओ। वहां बहुत शांति है।" पूजा शर्मा ने एक छोटा-सा पूजा का थाल लिया – फूल, अगरबत्ती, और एक दीया – और मंदिर की ओर चल पड़ी।

मंदिर नगरीया के किनारे पर था, गंगा के ठीक पास। रास्ते में कुछ स्थानीय लोग दिखे – ज्यादातर धोती-कुर्ता में पुरुष और साड़ी में महिलाएं। पूजा शर्मा ने देखा कि गांव का माहौल सादा और पारंपरिक था। मंदिर एक छोटा-सा पत्थर का ढांचा था, जिसमें शिवलिंग और नंदी की मूर्ति थी। पुजारी, एक बुजुर्ग व्यक्ति, ने पूजा शर्मा का स्वागत किया। "बेटी, कहां से आई हो?" उसने पूछा। पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "जी, कांगड़ा से। शादी में आई हूं।" उसने पूजा की, माथा टेका, और गंगा की ओर देखा। नदी का पानी सूरज की किरणों में चमक रहा था, और कुछ लोग सुबह-सुबह स्नान कर रहे थे। पूजा शर्मा ने गंगा को प्रणाम किया और मन ही मन प्रार्थना की, "हे मां गंगा, मेरे मन को शांति दो।" लेकिन उसका मन फिर से उस ट्रक ड्राइवर की छवि में खो गया। "क्या मैं गलत कर रही हूं?" उसने सोचा, लेकिन फिर मन को शांत किया और वापस ज्योति के घर की ओर चल पड़ी।

नाश्ता और गंगा स्नान की योजना

वापस लौटकर पूजा शर्मा ने देखा कि राहुल अब जाग चुके थे। वह नीली शर्ट और पैंट में तैयार थे, और ज्योति के साथ नीचे बैठे चाय पी रहे थे। पूजा शर्मा को देखकर राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "पूजा, इतनी सुबह कहां चली गई थी?" पूजा शर्मा ने जवाब दिया, "जी, पास के मंदिर में पूजा करने। बहुत शांति मिली।" ज्योति ने नाश्ता परोसा – गरम-गरम परांठे, दही, अचार, और चाय। नाश्ते की मेज पर बैठकर पूजा शर्मा ने गंगा की सुंदरता का जिक्र किया। "ज्योति, मंदिर के पास गंगा कितनी सुंदर लग रही थी। पानी में सूरज की किरणें चमक रही थीं।" ज्योति ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, पूजा। गंगा यहां की शान है। तुम लोग आज स्नान करने चले जाओ। वहां नाव भी हैं, और पानी ज्यादा गहरा नहीं है। बहुत शांति मिलेगी।"

राहुल ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा, "हां, अच्छा विचार है। पूजा, कार से चलते हैं। गंगा स्नान करके ताजगी मिलेगी।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "जी, ठीक है। लेकिन मैं सलवार-कुर्ती ही पहनूंगी।" उसने हल्के से हंसते हुए कहा, जैसे चंडीगढ़ के उन आकर्षक कपड़ों की बात को टाल रही हो। ज्योति ने कहा, "वहां स्नान करने वाली जगह साफ है। बस सावधानी रखना। कुछ लोग नाव पर घूमते हैं, कुछ स्नान करते हैं। सुबह का समय सबसे अच्छा है।" नाश्ता खत्म करने के बाद, पूजा शर्मा और राहुल ने अपने कपड़े तैयार किए। पूजा शर्मा ने एक साधारण गुलाबी सलवार-कुर्ती चुनी, और राहुल ने कुर्ता-पायजामा। "जी, गांव के हिसाब से यही ठीक है," पूजा शर्मा ने कहा। राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, गांव में सादगी, लेकिन रात में हॉट वाइफ।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए उसका कंधा थपथपाया और कहा, "जी, बस चुप करो।"

वे कार में सवार हुए और गंगा के किनारे की ओर चल पड़े। रास्ते में पूजा शर्मा का मन फिर से उस ट्रक ड्राइवर की छवि में खो गया। "क्या गंगा स्नान मेरे मन को शांत करेगा?" उसने सोचा। लेकिन राहुल की शरारती मुस्कान उसे बता रही थी कि यह सफर और रोमांचक होने वाला था।

कहानी जारी है...
सुबह के 9:00 बज रहे थे, और गंगा का किनारा सूरज की सुनहरी किरणों में चमक रहा था। नगरीया का यह घाट छोटा लेकिन जीवंत था। गंगा का साफ पानी लहरा रहा था, और किनारे पर कुछ लोग स्नान कर रहे थे, जबकि कुछ स्थानीय नाविक अपनी नावों को सैलानियों के लिए तैयार कर रहे थे। हवा में गंगा की नमी, अगरबत्ती की खुशबू, और पास के मंदिर से आती घंटियों की आवाज एक पवित्र माहौल बना रही थी। पूजा शर्मा और राहुल घाट पर खड़े थे, उनके हाथ में एक छोटा बैग था जिसमें तौलिया और कुछ कपड़े थे। पूजा शर्मा ने गुलाबी सलवार-कुर्ती पहनी थी, जो गांव के माहौल के लिए मर्यादित थी। उसका दुपट्टा कंधों पर लटका हुआ था, और बालों को साधारण जूड़े में बांधा था। राहुल ने सफेद कुर्ता-पायजामा पहना था, जो उन्हें देसी और सादा लुक दे रहा था। पूजा शर्मा का मन अभी भी उस द्वंद्व में था – एक तरफ मर्यादा और पवित्रता, दूसरी तरफ पिछले दिन के रोमांच और रात की तीव्र फैंटसी।

नाव की सैर
राहुल ने घाट पर खड़े एक नाविक की ओर देखा, जो 40-45 साल का था, सांवला, और धोती-कुर्ता में। नाविक ने मुस्कुराते हुए कहा, "साहब, नाव में सैर करोगे? गंगा मां की गोद में शांति मिलेगी।" राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "चल, पूजा। नाव पर चलते हैं। स्नान भी करेंगे, और थोड़ा घूम लेंगे।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "जी, ठीक है। लेकिन पानी गहरा तो नहीं है ना?" नाविक ने हंसकर कहा, "मैडम, चिंता मत करो। पानी गहरा नहीं है, और मैं नाव धीरे-धीरे चलाऊंगा।" पूजा शर्मा ने हल्की-सी मुस्कान दी और राहुल के साथ नाव में सवार हो गई।

नाव छोटी थी, लकड़ी की, और उस पर रंग-बिरंगे फूलों की माला सजी थी। नाविक ने चप्पू चलाना शुरू किया, और नाव धीरे-धीरे गंगा के बीच की ओर बढ़ने लगी। पानी की लहरें नाव से टकरा रही थीं, और ठंडी हवा पूजा शर्मा के चेहरे को छू रही थी। पूजा शर्मा ने गंगा के पानी को हाथ से छुआ और प्रणाम किया, "मां गंगा, मन को शांति दो।" उसका मन अभी भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि और रात की फैंटसी में उलझा था, लेकिन गंगा की शांति उसे सुकून दे रही थी। राहुल ने नाविक से पूछा, "भाई, कोई ऐसी जगह है जहां भीड़ कम हो और स्नान कर सकें?" नाविक ने दूर की ओर इशारा किया, जहां गंगा के बीच में एक छोटी-सी रेतीली जमीन दिख रही थी – एक छोटा-सा टापू, जहां पानी उथला था। "साहब, वहां चले जाओ। वहां भीड़ नहीं है, और पानी भी कम गहरा है। स्नान के लिए अच्छी जगह है।"

राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "पूजा, उस टापू पर चलते हैं। वहां एकांत है, स्नान करेंगे।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, ठीक है। लेकिन सावधानी रखना।" उसका मन फिर से द्वंद्व में था – एक तरफ वह गंगा स्नान की पवित्रता चाहती थी, दूसरी तरफ राहुल की शरारती मुस्कान उसे किसी नए रोमांच की ओर खींच रही थी। नाविक ने नाव को उस टापू की ओर मोड़ा, और कुछ ही मिनटों में वे वहां पहुंच गए। टापू छोटा था, रेत और छोटे-छोटे पत्थरों से भरा, और चारों ओर गंगा का पानी हल्के-हल्के लहरा रहा था। आसपास कोई नहीं था, सिर्फ दूर से कुछ नावें दिख रही थीं।

टापू पर पहुंच और स्नान की शुरुआत
नाविक ने नाव को टापू के किनारे लाकर एक रस्सी से बांध दिया। टापू छोटा था, रेत और छोटे-छोटे पत्थरों से भरा, और चारों ओर गंगा का उथला पानी इसे घेरे हुए था। आसपास कोई भीड़ नहीं थी, सिर्फ दूर से कुछ अन्य नावें और घाट पर स्नान करते लोग दिख रहे थे। नाविक ने मुस्कुराते हुए कहा, "साहब, मैडम, आप स्नान कर लो। मैं यहीं नाव में रुकता हूं। बस इतना ध्यान रखना, नाव के पास ही नहाना। थोड़ा आगे पानी गहरा हो जाता है।" राहुल ने सिर हिलाया और कहा, "ठीक है, भाई।" पूजा शर्मा ने अपनी सलवार-कुर्ती को स्नान के लिए तैयार किया। उसने दुपट्टा उतारकर नाव पर रख दिया, क्योंकि पानी में स्नान करते समय वह बाधा बन सकता था। बिना दुपट्टे के उसकी गुलाबी कुर्ती उसके फिगर को हल्का-सा उभार रही थी, खासकर जब वह गीली होने वाली थी। राहुल ने भी अपना कुर्ता उतार दिया और सिर्फ पायजामा और बनियान में रह गया, जो स्नान के लिए उपयुक्त था।

पूजा शर्मा ने पानी की ओर कदम बढ़ाए। गंगा का ठंडा पानी उसके पैरों को छू रहा था, और उसने दोनों हाथों से पानी लेकर अपने चेहरे पर छिड़का। "जी, कितना ताजगी भरा है ये पानी," उसने राहुल से कहा। राहुल ने हंसकर जवाब दिया, "हां, पूजा। गंगा मां की गोद में शांति ही शांति है।" लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी, जैसे वह इस एकांत में कुछ और रोमांच की तलाश में हो।

फोटो सेशन का विचार
राहुल ने अपने iPhone को नाव पर रखते हुए पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "पूजा, क्यों ना स्नान करते हुए कुछ फोटो ले लें? इस खूबसूरत जगह की यादें रहेंगी।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, लेकिन मोबाइल गीला हो जाएगा।" राहुल ने नाविक की ओर देखा और कहा, "भाई, तुम हमारी फोटो खींच दोगे? बस यहीं, यादों के लिए।" नाविक ने सिर खुजाते हुए मुस्कुराया, "साहब, मैं तो नाव चलाता हूं, लेकिन अगर आप सिखा दो, तो खींच दूंगा।" राहुल ने उसे iPhone थमाया और कैमरा ऑन करने का तरीका समझाया। "बस ये बटन दबाना, और फोटो लेते रहना," उसने कहा। नाविक ने सिर हिलाया, "ठीक है, साहब। मैं खींच लूंगा।"

पूजा शर्मा ने थोड़ा असहज होकर कहा, "जी, फोटो ठीक है, लेकिन सावधानी से।" उसने अपनी कुर्ती को ठीक किया, लेकिन बिना दुपट्टे के वह थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रही थी। नाविक ने नाव को टापू के पास स्थिर रखा और फोटो लेने की तैयारी की। राहुल ने कहा, "पूजा, कुछ फोटो नेचुरल भी लें। तुम बस स्नान करती रहो, वो रैंडमली ले लेगा।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, लेकिन उसका मन थोड़ा बेचैन था। "क्या नाविक मुझे ऐसे देखेगा?" उसने सोचा, लेकिन फिर राहुल की शरारती मुस्कान ने उसे हल्का-सा रोमांच दिया।

नाविक का मन और उसका गुप्त कार्य
नाविक, जिसका नाम रामू था, नाव के किनारे बैठा था और iPhone को संभाल रहा था। उसने पहले कुछ फोटो खींचे – पूजा शर्मा और राहुल पानी में डुबकी लगाते हुए, हंसते हुए, और एक-दूसरे पर पानी के छींटे मारते हुए। पूजा शर्मा की गुलाबी कुर्ती अब गीली हो चुकी थी, और वह उसके शरीर से चिपक रही थी, जिससे उसके फिगर की हल्की-सी आउटलाइन दिख रही थी। बिना दुपट्टे के उसके स्तन और कमर की बनावट हल्की-सी उभर रही थी, जो गांव के माहौल में असामान्य थी। रामू की आंखें बार-बार पूजा शर्मा की ओर जा रही थीं। "ये मैडम तो शहर वाली है," उसने मन ही मन सोचा। "इतनी सुंदर, इतनी गोरी... और ये कपड़े, गांव में तो कोई ऐसा नहीं पहनता।" उसका मन थोड़ा विचलित हो रहा था, लेकिन वह मर्यादा में रहा।

रामू ने फोटो खींचते समय चुपके से iPhone का वीडियो मोड ऑन कर दिया, जिसका पूजा शर्मा और राहुल को कोई अंदाजा नहीं था। उसने कैमरे को जूम करके पूजा शर्मा पर फोकस किया, खासकर जब वह पानी में डुबकी लगा रही थी या राहुल के साथ हंस रही थी। "ये तो हीरोइन जैसी है," उसने सोचा। "ऐसी मैडम को तो मैंने पहले कभी नहीं देखा।" उसकी उंगलियां iPhone पर स्थिर थीं, लेकिन उसका मन पूजा शर्मा की गीली कुर्ती और उसकी हंसी में खोया था। वह जानता था कि यह गलत है, लेकिन इस एकांत में उसका मन थोड़ा ललचा रहा था। फिर भी, उसने कोई हरकत नहीं की और सिर्फ वीडियो और फोटो लेता रहा।

आसपास के लोग और उनका पहनावा
टापू से थोड़ा दूर, गंगा के किनारे कुछ परिवार स्नान कर रहे थे। दो-तीन महिलाएं साड़ी में थीं, जो गीली होने की वजह से उनके शरीर से चिपक रही थीं। उनकी साड़ियां पारंपरिक थीं – लाल, हरी, और पीली – और वे अपने बच्चों के साथ हंस-खेल रही थीं। पुरुष गमछे या धोती में स्नान कर रहे थे, और कुछ बच्चे पानी में छप-छप कर रहे थे। पूजा शर्मा ने उन्हें देखा और सोचा, "यहां का माहौल कितना सादा है। मेरी गीली कुर्ती भी शायद ज्यादा आकर्षक लग रही होगी।" उसने अपनी कुर्ती को थोड़ा ठीक किया, लेकिन पानी में बार-बार डुबकी लगाने से वह और चिपक रही थी।

राहुल ने पूजा शर्मा का हाथ पकड़ा और उसे पानी में थोड़ा और खींचा। "पूजा, थोड़ा और मस्ती कर लें," उसने शरारत भरे लहजे में कहा। पूजा शर्मा ने हंसकर पानी का छींटा मारा, "जी, बस इतना ही। कोई देख लेगा।" लेकिन उसकी हंसी और शरारत रामू की नजरों में थी। रामू ने सोचा, "ये साहब भी कितने बिंदास हैं। मैडम को ऐसे हंसने दे रहे हैं।" उसने वीडियो में पूजा शर्मा की हंसी और राहुल के साथ उनकी शरारत को कैद कर लिया।

पूजा शर्मा और राहुल की पानी में शरारत
पूजा शर्मा और राहुल पानी में एक-दूसरे पर छींटे मार रहे थे। पूजा शर्मा ने एक बार जोर से डुबकी लगाई, और जब वह बाहर आई, तो उसकी गीली कुर्ती उसके स्तनों और कमर को उभार रही थी। राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, तू तो गंगा में भी हॉट वाइफ लग रही है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, चुप रहो। मां गंगा के सामने ये सब?" लेकिन उसकी आंखों में शरारत थी। उसने राहुल पर और पानी फेंका, और दोनों हंसने लगे। राहुल ने उसे कमर से पकड़कर पानी में थोड़ा और खींचा, और पूजा शर्मा ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, "जी, छोड़ो ना। नाविक देख रहा होगा।" राहुल ने फुसफुसाया, "देखने दे। ये भी तो एक एक्सपेरिमेंट है।"

रामू ने ये सब देखा और मन ही मन सोचा, "ये शहर वाले कितने बिंदास होते हैं। मैडम की हंसी और साहब की शरारत... ये तो गंगा में भी मस्ती कर रहे हैं।" उसने चुपके से वीडियो को जूम करके पूजा शर्मा की गीली कुर्ती और उनकी शरारत को रिकॉर्ड किया। पूजा शर्मा और राहुल को इसका कोई अंदाजा नहीं था।

फोटो और स्नान का अंत
करीब 20 मिनट स्नान करने के बाद, पूजा शर्मा और राहुल टापू की रेत पर वापस आए। पूजा शर्मा ने अपनी गीली कुर्ती को निचोड़ा और बालों को तौलिये से पोंछा। राहुल ने रामू से iPhone लिया और फोटो चेक की। "वाह, रामू भाई। अच्छी फोटो खींची हैं," उसने कहा। रामू ने मुस्कुराते हुए कहा, "साहब, बस कोशिश की। मैडम और आप बहुत अच्छे लग रहे हो।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "शुक्रिया, भाई जी।" लेकिन उसे नहीं पता था कि रामू ने वीडियो भी लिया था।

रामू का सुझाव और पूजा शर्मा की हिचक
नाव में सवार होने के बाद, रामू ने पूजा शर्मा की ओर देखा और सादगी भरे लहजे में कहा, "मैडम, आप गीले कपड़ों में बीमार पड़ जाओगी। कपड़े बदल लो।" उसकी आवाज में एक भोलापन था, लेकिन उसकी आंखें बार-बार पूजा शर्मा की गीली कुर्ती पर टिक रही थीं। पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा और फुसफुसाते हुए कहा, "जी, ये ठीक कह रहा है। गीले कपड़ों में ठंड लग सकती है। लेकिन नाव पर कपड़े बदलने की कोई जगह तो है नहीं।" उसकी आवाज में हिचक थी, लेकिन साथ ही एक हल्की-सी उत्सुकता भी। राहुल ने रामू की ओर देखा, और अचानक उसकी नजर रामू के पजामे पर गई, जहां एक हल्का-सा उभार दिख रहा था। रामू की आंखें पूजा शर्मा की गीली कुर्ती और उसके उभरे हुए फिगर पर टिकी थीं, और उसका यह उभार इस बात का सबूत था कि वह पूजा शर्मा को देखकर उत्तेजित हो रहा था।

राहुल ने पूजा शर्मा को इशारे से रामू की ओर देखने को कहा। पूजा शर्मा की नजर भी रामू के पजामे के उस उभार पर पड़ी, और उसका चेहरा शरम से लाल हो गया। "जी, ये... क्या है?" उसने फुसफुसाते हुए राहुल से पूछा। राहुल ने हल्के से हंसकर कहा, "पूजा, तूने इसे बेचैन कर दिया। देख, उसका टेंट बना है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए नजरें नीची कीं, लेकिन उसका मन एक नए रोमांच से भर गया। रामू ने, जैसे कुछ हुआ ही न हो, अपने पजामे को हल्के से ठीक किया और फिर से कहा, "मैडम, जल्दी कपड़े बदल लो। नहीं तो ठंड लग जाएगी।" उसकी आवाज में अब भी वही भोलापन था, जिससे पूजा शर्मा और राहुल को एहसास हुआ कि रामू एक सीधा-सादा, भोला इंसान है।

नाव को एकांत में ले जाना
पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा और धीरे से कहा, "जी, अगर कपड़े बदलने हैं, तो नाव को थोड़ा और एकांत में ले जाएं। यहां कोई और न देख ले।" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन उसकी आंखों में एक शरारत भी। राहुल ने मुस्कुराते हुए रामू से कहा, "रामू भाई, नाव को थोड़ा और बीच पानी में ले जाओ, जहां कोई न हो।" रामू ने तुरंत सिर हिलाया और चप्पू चलाने लगा। "ठीक है, साहब। मैं नाव को गहराई में ले जाता हूं।" उसने नाव को गंगा के बीच की ओर ले जाकर रोका, जहां चारों ओर सिर्फ पानी और हल्की लहरें थीं। दूर से घाट और टापू अब धुंधले दिख रहे थे, और कोई दूसरी नाव पास नहीं थी। रामू ने भोलेपन से कहा, "साहब, मैडम, अब कपड़े बदल लो। यहां कोई नहीं आएगा।"

पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा, जैसे उनकी मंजूरी मांग रही हो। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "जी, क्या मैं...?" उसने हिचकिचाते हुए पूछा। राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और फुसफुसाया, "बदल लो, पूजा। रामू भोला है, और मैं हूं ना। थोड़ा मस्ती कर लेते हैं।" पूजा शर्मा का मन भी इस नए रोमांच के लिए तैयार था, लेकिन वह राहुल की मंजूरी चाहती थी। उसने सिर हिलाया और धीरे से कहा, "ठीक है, जी।"

कपड़े बदलने का सीन और रामू की प्रतिक्रिया
पूजा शर्मा ने अपने सूटकेस से एक साधारण नीली सलवार-कुर्ती निकाली, जो स्नान के बाद पहनने के लिए रखी थी। वह नाव के एक कोने में खड़ी हुई और धीरे-धीरे अपनी गीली कुर्ती उतारने लगी। उसने रामू की ओर देखा और हल्की-सी मुस्कान दी, जैसे उसे इस बात का मजा आ रहा हो कि वह एक अनजान मर्द की नजरों के सामने कपड़े बदल रही है। रामू की आंखें चौड़ी हो गईं। उसने iPhone को अब भी पकड़ा हुआ था, और उसने चुपके से वीडियो मोड ऑन रखा था, जिसका पूजा शर्मा और राहुल को कोई अंदाजा नहीं था। पूजा शर्मा ने अपनी गीली कुर्ती उतारी, और उसकी लाल लेस वाली ब्रा अब साफ दिख रही थी। उसका गोरा बदन सूरज की किरणों में चमक रहा था, और रामू की सांसें तेज हो गईं। "ये मैडम... हीरोइन से कम नहीं," उसने मन ही मन सोचा। उसका पजामा अब और तन गया, लेकिन वह भोलेपन से नजरें हटाने की कोशिश कर रहा था।

पूजा शर्मा ने अपनी गीली सलवार भी उतारी, और अब वह सिर्फ ब्रा और थॉन्ग पैंटी में थी। उसने रामू की ओर फिर से देखा और मुस्कुराई, जैसे जानबूझकर उसे छेड़ रही हो। राहुल ने यह सब देखा और हंसते हुए रामू से कहा, "क्या बात है, रामू भाई? पहले कभी ऐसी नंगी औरत देखी है?" रामू ने शरमाते हुए सिर नीचे किया और कहा, "साहब, मेरी तो शादी भी नहीं हुई। मेरे परिवार में कोई नहीं। बस, एक-दो बार फिल्मों में नंगी औरतें देखी हैं। लेकिन सामने से... कभी नहीं।" उसकी आवाज में भोलापन था, लेकिन उसकी आंखें पूजा शर्मा के शरीर पर टिकी थीं। "मैडम तो हीरोइन जैसी सुंदर हैं," उसने धीरे से कहा।

पूजा शर्मा को यह सुनकर आश्चर्य हुआ। "क्या? इसने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा?" उसने मन ही मन सोचा। उसका मन एक अजीब-से रोमांच से भर गया। उसने रामू से पूछा, "रामू भाई, तुमने कभी किसी को... चोदा है?" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन वह जानबूझकर यह सवाल पूछ रही थी। रामू ने और शरमाते हुए कहा, "नहीं, मैडम। चुदाई तो बस फिल्मों में देखी है।" उसकी सादगी और भोलापन पूजा शर्मा को और उत्तेजित कर रहा था। उसने धीरे-धीरे अपनी नई कुर्ती पहनी, और फिर सलवार। हर कपड़े को पहनते समय वह रामू की ओर देखकर हल्की-सी मुस्कान दे रही थी, जैसे उसे इस बात का मजा आ रहा हो कि वह रामू की जिंदगी का पहला ऐसा अनुभव बन रही है।

रामू का भावनात्मक मन
रामू का मन उथल-पुथल में था। उसने अपने 45 साल के जीवन में कभी किसी औरत को इतने करीब से, इतने खुले रूप में नहीं देखा था। पूजा शर्मा का गोरा बदन, उसकी लाल ब्रा, और उसकी शरारती मुस्कान उसे बेचैन कर रही थी। "ये मैडम... इतनी सुंदर, इतनी बिंदास," उसने सोचा। "साहब भी कितने खुले विचारों वाले हैं। मुझे तो अपनी फोटो खींचने को कहा, और अब ये..." उसने चुपके से वीडियो रिकॉर्ड करता रहा, लेकिन उसका मन अपराधबोध से भी भरा था। "मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं? लेकिन ये मौका फिर कहां मिलेगा?" उसने सोचा। उसकी उंगलियां iPhone पर कांप रही थीं, और वह बार-बार पूजा शर्मा की ओर देख रहा था। पूजा शर्मा के कपड़े बदलने का दृश्य उसके लिए एक सपने जैसा था, और वह इसे हमेशा याद रखना चाहता था।

पूजा शर्मा और राहुल की शरारत
पूजा शर्मा ने कपड़े बदल लिए, लेकिन उसकी शरारत खत्म नहीं हुई थी। उसने राहुल की ओर देखा और कहा, "जी, अब ठीक है? ठंड नहीं लगेगी।" राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, तूने तो रामू को पागल कर दिया। देख, उसका टेंट अभी भी है।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसते हुए कहा, "जी, बस चुप रहो। वो बेचारा भोला है।" लेकिन उसका मन इस रोमांच से भरा था। वह जानती थी कि रामू ने उसे इस तरह देखा है, और यह बात उसे एक अजीब-सी उत्तेजना दे रही थी। राहुल ने रामू से कहा, "रामू भाई, फोटो और वीडियो अच्छे आए?" रामू ने शरमाते हुए कहा, "हां, साहब। बहुत अच्छे आए।" उसने वीडियो की बात छिपा ली, और iPhone वापस दे दिया।

पूजा शर्मा और राहुल नाव में बैठ गए, और रामू ने नाव को घाट की ओर मोड़ लिया। पूजा शर्मा का मन अब भी उस अनुभव में खोया था। "पहली बार किसी अनजान मर्द ने मुझे इस तरह देखा," उसने सोचा। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, लेकिन राहुल की मौजूदगी उसे सुकून दे रही थी। "ये सब उनकी मर्जी से हो रहा है," उसने खुद को तसल्ली दी। राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और कहा, "पूजा, ये गंगा स्नान और ये मस्ती... याद रहेगी।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, जी। लेकिन अब मंदिर चलते हैं।"
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RE: पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर - by poojarahulhimachal - 01-09-2025, 07:10 PM



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