31-08-2025, 08:53 PM
झाड़ियों में अनपेक्षित मुलाकात
पूजा शर्मा हिम्मत जुटाकर दुकान से थोड़ा दूर, रोड साइड की झाड़ियों की ओर चली गई। चांदनी की हल्की रोशनी में रास्ता दिख रहा था, लेकिन आसपास का सन्नाटा उसे डरा रहा था। उसने एक घनी झाड़ी के पीछे जगह चुनी, जहां कोई नहीं देख सकता था। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "बस जल्दी कर लूं," उसने मन ही मन सोचा। उसने अपने सफेद ट्राउजर और थॉन्ग पैंटी को नीचे सरकाया और सुसू करने के लिए बैठ गई। ठंडी हवा उसके नंगे कूल्हों पर लग रही थी, और उसका शरीर कांप रहा था। वह जल्दी-जल्दी काम निपटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तभी एक ट्रक की तेज आवाज ने उसे चौंका दिया।
एक बड़ा लाल ट्रक ठीक पास में रुक गया। उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "हॉर्न प्लीज!"। ट्रक से एक हट्टा-कट्टा ड्राइवर उतरा – 35-40 साल का, सांवला, दाढ़ी वाला, और मजबूत कद का। उसने अपनी नीली पजामा नीचे सरकाई और सुसू करने लगा। पूजा शर्मा ने घबरा कर उसकी ओर देखा, और उसी पल ड्राइवर की नजर उस पर पड़ गई। दोनों की आंखें एक-दूसरे से मिलीं। पूजा शर्मा की सांसें रुक गईं। वह सुसू करते हुए ड्राइवर को देख रही थी, और ड्राइवर उसे। पूजा शर्मा की जिंदगी में यह पहला मौका था जब उसने अपने पति राहुल के अलावा किसी और पुरुष का लिंग नंगी आंखों से देखा था। ड्राइवर का लिंग बड़ा और मोटा था, भले ही वह उत्तेजित नहीं था। पूजा शर्मा को लगा कि यह राहुल के लिंग से कहीं बड़ा था। उसका मन रोमांच और डर के मिश्रण से भर गया। "ये क्या हो रहा है?" उसने सोचा। उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया, लेकिन उसकी आंखें ड्राइवर के लिंग पर टिकी रहीं।
ड्राइवर ने उसे देखकर हल्की-सी मुस्कान दी, फिर अपने लिंग को हल्के से हिलाया और पजामा बांध लिया। उसने पूजा शर्मा की ओर देखकर एक शरारती अंदाज में सिर हिलाया और हंसते हुए अपने ट्रक की ओर चला गया। पूजा शर्मा का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। वह जल्दी-जल्दी सुसू खत्म करके ट्राउजर और पैंटी ठीक की और कार की ओर भागी। उसका चेहरा लाल था, और सांसें तेज। "ये क्या था? उसने मुझे देख लिया... और मैंने उसे..." वह मन ही मन सोच रही थी। उसका मन डर और उत्तेजना के तूफान में डूबा था। एक तरफ, गांव की मर्यादा और शरम उसे डरा रही थी; दूसरी तरफ, इस अनपेक्षित मुलाकात का रोमांच उसे बेकाबू कर रहा था। "पहली बार... राहुल के अलावा किसी का लिंग देखा... इतना बड़ा..." उसने सोचा, और उसकी सांसें और तेज हो गईं।
कार में वापसी और बातचीत
पूजा शर्मा कार में पहुंची और दरवाजा बंद करके हांफते हुए बैठ गई। राहुल ने कार स्टार्ट की और पूछा, "पूजा, क्या हुआ? तुम तो बहुत घबराई हुई लग रही हो।" पूजा शर्मा ने बैकसीट पर जाकर अपनी सलवार-कुर्ती निकाली और कपड़े बदलते हुए कहा, "जी, आप नहीं समझेंगे। वहां... एक ट्रक ड्राइवर आ गया। उसने सुसू किया, और... मैंने उसे देख लिया। और उसने मुझे देख लिया।" उसकी आवाज में घबराहट थी, लेकिन साथ ही एक अजीब-सी उत्तेजना भी। राहुल ने हंसते हुए कहा, "सच? फिर क्या हुआ?" पूजा शर्मा ने कपड़े बदलते हुए कहा, "जी, मैंने पहली बार... आपके अलावा किसी का लिंग देखा। वो... बहुत बड़ा था।" उसने शरमाते हुए नजरें नीची कीं। "वो उत्तेजित भी नहीं था, लेकिन फिर भी... आपके से बड़ा।"
राहुल की आंखें चमक उठीं। "पूजा, ये तो कमाल हो गया। तुझे कैसा लगा?" उसने शरारत भरे लहजे में पूछा। पूजा शर्मा ने सलवार-कुर्ती पहन ली और सामने की सीट पर आकर बैठ गई। "जी, डर भी लगा और... थोड़ा अजीब-सा मजा भी। लेकिन मैं डर गई थी। वो मुझे देखकर हंसा और चला गया।" राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, ये तो एक नया एक्सपेरिमेंट था। तू अब हॉट वाइफ बन रही है।" पूजा शर्मा ने हल्के से उसका कंधा थपथपाया और कहा, "जी, अब बस। नगरीया पहुंचकर कोई एक्सपेरिमेंट नहीं।" लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे वह इस अनुभव को पूरी तरह भूल नहीं पा रही थी। "पहली बार... नंगी आंखों से..." वह मन ही मन सोच रही थी, और उसका शरीर अभी भी उत्तेजना से कांप रहा था।
विस्तृत सीन: नगरीया पहुंच और रात का रोमांच (मर्यादित रूप में):
रात के 10:00 बज चुके थे जब पूजा शर्मा और राहुल की कार नगरीया के छोटे से टाउन में दाखिल हुई। हाईवे से निकलकर गांव की कच्ची-पक्की सड़कों पर कार हल्के-हल्के हिचकोले खा रही थी। गंगा नदी की हल्की ठंडी हवा दूर से आ रही थी, और टाउन की सड़कों पर शादी की तैयारियों की रौशनी चमक रही थी – रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ीयां, घरों के बाहर फूलों की मालाएं, और दूर से आती बारात की बैंड की रिहर्सल की आवाज। नगरीया एक छोटा-सा टाउन था, कासगंज से थोड़ा आगे, जहां गंगा के किनारे पर बसे घरों में जीवन की सादगी थी। ज्योति का घर टाउन के बीच में था, तीन मंजिला पुराना लेकिन मजबूत, गंगा से महज तीन-चार किलोमीटर दूर। कार रुकते ही ज्योति बाहर आई, उसके चेहरे पर मुस्कान थी। "पूजा! आ गई तू! कितने साल बाद मिली," उसने गले लगाते हुए कहा। पूजा शर्मा ने भी ज्योति को गले लगाया और कहा, "हां, ज्योति। तेरी बेटी की शादी है, तो आना ही था।" राहुल ने सामान उतारा और ज्योति से हाथ मिलाया, "बधाई हो, ज्योति जी।"
ज्योति ने उन्हें अंदर बुलाया। घर में शादी की तैयारियों की रौनक थी – महिलाएं मेहंदी लगा रही थीं, बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे थे, और हवा में मिठाई और फूलों की खुशबू फैली हुई थी। ज्योति ने कहा, "तुम दोनों थक गए होगे। ऊपर तीसरी मंजिल पर एक कमरा है, वहां आराम कर लो। वहां एकांत है, बस एक बेडरूम और अटैच्ड वॉशरूम। नीचे शोर ज्यादा है, क्योंकि तैयारियां चल रही हैं।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा है, ज्योति। हम ऊपर ही रहेंगे।" ज्योति ने उन्हें गिफ्ट्स दिए – पूजा शर्मा ने एक सुंदर फूलदान और राहुल ने सिल्वर का डिनर सेट। ज्योति खुश हो गई, "वाह, कितना प्यारा गिफ्ट।"
चाय का समय और माहौल का अहसास
ज्योति ने उन्हें तीसरी मंजिल पर ले जाया। सीढ़ियां चढ़ते हुए पूजा शर्मा ने देखा कि घर पुराना था, लेकिन साफ-सुथरा। तीसरी मंजिल पर सिर्फ एक कमरा था, बाकी छत खुली थी। कमरा बड़ा था – एक डबल बेड, साइड टेबल, और अटैच्ड वॉशरूम। खिड़की से गंगा की दिशा में हल्की ठंडी हवा आ रही थी। सामान रखकर वे नीचे आए, जहां ज्योति ने चाय और नाश्ता तैयार किया था – गरम-गरम चाय, समोसे, और मिठाई। चाय पीते हुए पूजा शर्मा और राहुल ने घर के माहौल को गौर से देखा। घर में ज्यादातर लोग ग्रामीण परिधान में थे – पुरुष धोती-कुर्ता में, महिलाएं साड़ी या सलवार-कुर्ती में। कोई पैंट-शर्ट नहीं पहने था। ज्योति की बेटी, जो 22 साल की थी, मेहंदी लगवा रही थी, और उसके आसपास रिश्तेदार हंस-खेल रहे थे। राहुल ने पूजा शर्मा से फुसफुसाकर कहा, "पूजा, यहां का माहौल सच में ग्रामीण है। लोग धोती-कुर्ता में ही हैं।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "हां, जी। यहां वो नए कपड़े नहीं पहन सकते। लेकिन मजा आएगा। गंगा के किनारे शादी – कितना सुंदर होगा।" ज्योति ने कहा, "हां, पूजा। कल मेहंदी है, परसों संगीत, और उसके बाद बारात। तुम दोनों आराम करो।"
चाय पीकर वे ऊपर कमरे में गए। पूजा शर्मा ने कमरे की खिड़की खोली, और दूर गंगा की लहरों की आवाज सुनाई दी। "जी, कितना शांत है यहां," उसने कहा। राहुल ने उसे बाहों में लिया और कहा, "हां, पूजा। लेकिन हमारा रोमांच तो अभी शुरू हुआ है।"
रात का गहरा रोमांच
नगरीया में ज्योति के घर की तीसरी मंजिल पर रात के 11:30 बज चुके थे। कमरे में एक छोटी-सी बल्ब की मद्धम रोशनी बेड पर पड़ रही थी, और खिड़की से गंगा की हल्की-सी ठंडी हवा आ रही थी। बाहर शादी की तैयारियों का शोर अब धीमा हो चुका था, और तीसरी मंजिल का एकांत पूजा शर्मा और राहुल को एक गहरे रोमांच में ले जा रहा था। पूजा शर्मा ने अपनी सलवार-कुर्ती उतार दी थी और अब सिर्फ चंडीगढ़ में खरीदी गई लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी में थी। उसका गोरा बदन चांदनी में चमक रहा था, और उसके बड़े, तने हुए स्तन ब्रा में उभर रहे थे। राहुल ने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी थी, और वह अब सिर्फ अंडरवियर में था। वह पूजा शर्मा की कमर को सहला रहा था, और उसकी उंगलियां धीरे-धीरे उसकी ब्रा के स्ट्रैप की ओर बढ़ रही थीं। पूजा शर्मा की सांसें तेज थीं – दिन का वह अनपेक्षित अनुभव, जहां उसने हाईवे पर ट्रक ड्राइवर का लिंग नंगी आंखों से देखा था, अभी भी उसके मन में गूंज रहा था। उसका शरीर डर और उत्तेजना के मिश्रण से कांप रहा था।
राहुल ने पूजा शर्मा के कान में फुसफुसाया, "पूजा, आज का वो ट्रक वाला... कितना रोमांचक था ना? तूने उसका लोड़ा देखा, और उसने तुझे।" पूजा शर्मा की सिसकारी निकली, "जी, हां... मैं तो डर गई थी। लेकिन वो... इतना बड़ा था। आपके से भी बड़ा।" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन साथ ही एक गहरी उत्तेजना। राहुल ने उसकी ब्रा का हुक खोला, और पूजा शर्मा के तने हुए स्तन आजाद हो गए। उसने उन्हें हल्के से दबाया, और पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "आह..." राहुल ने कहा, "चल, उस सीन को फिर से क्रिएट करें। लेकिन इस बार फैंटसी में और आगे बढ़ते हैं। सोच, वो ट्रक वाला तुझे ट्रक के केबिन में ले जाता है।" पूजा शर्मा की आंखें चमक उठीं। उसने शरमाते हुए कहा, "जी, फैंटसी में? ठीक है... लेकिन आप ड्राइवर बनो।" राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, मेरी हॉट वाइफ। मैं वो ड्राइवर हूं।"
ट्रक के केबिन वाली फैंटसी
पूजा शर्मा और राहुल ने कमरे में उस हाईवे के सीन को फिर से जीवंत करने की शुरुआत की। पूजा शर्मा ने अपनी पैंटी उतार दी और बेड पर बैठ गई, जैसे वह झाड़ी में सुसू कर रही हो। राहुल बेड के किनारे खड़ा हो गया, जैसे ट्रक ड्राइवर। उसने अपनी आवाज को भारी बनाया और कहा, "ए, मैडम! ये क्या कर रही हो?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए, लेकिन फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "जी, बस... सुसू कर रही हूं। आप जाओ ना।" उसकी आवाज में नकली डर था, लेकिन उसकी आंखें शरारत से चमक रही थीं। राहुल ने हट्टे-कट्टे ड्राइवर की तरह हंसते हुए कहा, "अरे, इतनी सुंदर मैडम और झाड़ी में? चल, मेरे ट्रक में।" उसने पूजा शर्मा को अपनी बाहों में उठाया, जैसे ड्राइवर उसे कंधे पर उठा रहा हो। पूजा शर्मा ने नकली विरोध किया, "नहीं, छोड़ दो मुझे! मेरे पति इंतजार कर रहे होंगे।"
राहुल ने पूजा शर्मा को बेड पर लिटाया, जैसे वह ट्रक के केबिन में हो। कमरे की मद्धम रोशनी में पूजा शर्मा का नग्न शरीर चमक रहा था। राहुल ने ड्राइवर की तरह कहा, "मैडम, तुम तो आग हो। थोड़ा मजा कर लो।" पूजा शर्मा ने फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "नहीं, ड्राइवर जी। मुझे मेरे पति के पास जाना है। जो करना है, जल्दी करो।" उसकी आवाज में एक मिश्रित शरम और उत्तेजना थी। राहुल ने पूजा शर्मा की योनि को हल्के से सहलाया, और पूजा शर्मा की सिसकारी निकली, "आह... ड्राइवर जी..." राहुल ने कहा, "देख, मेरा लोड़ा।" उसने अपना अंडरवियर उतारा, और पूजा शर्मा ने फैंटसी में ड्राइवर के उस बड़े, मोटे लिंग को याद किया। "हां... इतना बड़ा..." उसने सिसकारी लेते हुए कहा।
राहुल ने पूजा शर्मा के पैरों को फैलाया और धीरे से प्रवेश किया। पूजा शर्मा की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, "आह... ड्राइवर जी... धीरे..." राहुल ने गति बढ़ाई और कहा, "मैडम, तुम तो भोसड़ी हो।" पूजा शर्मा ने फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "और तुम्हारा लोड़ा... इतना सख्त..." उसने अपनी कमर को लय में हिलाया, जैसे वह ट्रक के केबिन में ड्राइवर के साथ हो। "छोड़ दो मुझे... मेरे पति इंतजार कर रहे हैं," उसने फिर कहा, लेकिन उसकी सिसकारियां बता रही थीं कि वह इस फैंटसी में पूरी तरह डूबी थी। राहुल ने कहा, "नहीं, मैडम। आज तुझे पूरा मजा दूंगा।" उसने पूजा शर्मा को पलटकर पीछे से प्रवेश किया, और पूजा शर्मा की आहें तेज हो गईं, "ओह... और जोर से..." कमरे में उनकी सिसकारियां गूंज रही थीं, जैसे वे सचमुच उस ट्रक के केबिन में हों।
पूजा शर्मा का मन उस ड्राइवर की छवि में खोया था – उसका हट्टा-कट्टा शरीर, उसकी शरारती हंसी, और वो बड़ा लिंग। "पहली बार... नंगी आंखों से देखा था..." वह सोच रही थी, और उसकी उत्तेजना चरम पर थी। राहुल ने उसकी कमर को कसकर पकड़ा, और दोनों एक साथ चरम पर पहुंचे। पूजा शर्मा की चीखें कमरे में गूंजीं, "आह... ड्राइवर जी..." और फिर सन्नाटा छा गया। दोनों थककर बेड पर लेट गए, पसीने से भीगे हुए। पूजा शर्मा ने राहुल के सीने पर सिर रखा और कहा, "जी, ये फैंटसी... बहुत तीव्र थी।" राहुल ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, "हां, पूजा। तू अब हॉट वाइफ बन गई है। लेकिन सोच, रियल में कितना मजा आएगा।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, अभी फैंटसी ही ठीक है।"
पूजा शर्मा के मन का भाव
पूजा शर्मा का मन अभी भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि में उलझा था। दिन में झाड़ी में हुआ वह अनुभव – ड्राइवर का लिंग, उसकी शरारती हंसी, और उसकी नजरें – उसे डर और रोमांच दोनों दे रहा था। "मेरी जिंदगी में पहली बार... राहुल के अलावा किसी का लिंग देखा। और वो इतना बड़ा था," वह सोच रही थी। उसका मन डर से भरा था – "अगर किसी ने मुझे पहचान लिया होता? गांव में बदनामी हो जाती।" लेकिन साथ ही, उस उत्तेजना ने उसे बेकाबू कर दिया था। "क्या मैं सच में बदल रही हूं?" उसने सोचा। राहुल की हॉट वाइफ वाली बातें, और अब ये फैंटसी, उसे एक नई दुनिया में ले जा रही थीं। वह शरम और उत्तेजना के बीच झूल रही थी, लेकिन राहुल की बाहों में उसे सुकून मिल रहा था। "शादी में क्या होगा? क्या मैं बारात में फ्लर्ट कर पाऊंगी?" उसने सोचा, और उसकी सांसें फिर तेज हो गईं।
रात का अंत
पूजा शर्मा और राहुल थककर एक-दूसरे की बाहों में सिमट गए। कमरे में सिर्फ उनकी सांसों की आवाज थी। बाहर गंगा की लहरों की हल्की-सी आवाज आ रही थी, और चांदनी खिड़की से कमरे में बिखर रही थी। पूजा शर्मा ने राहुल को गले लगाया और कहा, "जी, ये सफर और ये फैंटसी... बहुत यादगार थी।" राहुल ने उसके माथे को चूमा और कहा, "हां, पूजा। लेकिन अभी तो शादी बाकी है। वहां और मजा आएगा।" दोनों मुस्कुराए और नींद की आगोश में चले गए। पूजा शर्मा की नींद में फिर वही ट्रक ड्राइवर आया – उसका बड़ा लिंग, उसकी हंसी, और वो ट्रक का केबिन।
पूजा शर्मा हिम्मत जुटाकर दुकान से थोड़ा दूर, रोड साइड की झाड़ियों की ओर चली गई। चांदनी की हल्की रोशनी में रास्ता दिख रहा था, लेकिन आसपास का सन्नाटा उसे डरा रहा था। उसने एक घनी झाड़ी के पीछे जगह चुनी, जहां कोई नहीं देख सकता था। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। "बस जल्दी कर लूं," उसने मन ही मन सोचा। उसने अपने सफेद ट्राउजर और थॉन्ग पैंटी को नीचे सरकाया और सुसू करने के लिए बैठ गई। ठंडी हवा उसके नंगे कूल्हों पर लग रही थी, और उसका शरीर कांप रहा था। वह जल्दी-जल्दी काम निपटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तभी एक ट्रक की तेज आवाज ने उसे चौंका दिया।
एक बड़ा लाल ट्रक ठीक पास में रुक गया। उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "हॉर्न प्लीज!"। ट्रक से एक हट्टा-कट्टा ड्राइवर उतरा – 35-40 साल का, सांवला, दाढ़ी वाला, और मजबूत कद का। उसने अपनी नीली पजामा नीचे सरकाई और सुसू करने लगा। पूजा शर्मा ने घबरा कर उसकी ओर देखा, और उसी पल ड्राइवर की नजर उस पर पड़ गई। दोनों की आंखें एक-दूसरे से मिलीं। पूजा शर्मा की सांसें रुक गईं। वह सुसू करते हुए ड्राइवर को देख रही थी, और ड्राइवर उसे। पूजा शर्मा की जिंदगी में यह पहला मौका था जब उसने अपने पति राहुल के अलावा किसी और पुरुष का लिंग नंगी आंखों से देखा था। ड्राइवर का लिंग बड़ा और मोटा था, भले ही वह उत्तेजित नहीं था। पूजा शर्मा को लगा कि यह राहुल के लिंग से कहीं बड़ा था। उसका मन रोमांच और डर के मिश्रण से भर गया। "ये क्या हो रहा है?" उसने सोचा। उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया, लेकिन उसकी आंखें ड्राइवर के लिंग पर टिकी रहीं।
ड्राइवर ने उसे देखकर हल्की-सी मुस्कान दी, फिर अपने लिंग को हल्के से हिलाया और पजामा बांध लिया। उसने पूजा शर्मा की ओर देखकर एक शरारती अंदाज में सिर हिलाया और हंसते हुए अपने ट्रक की ओर चला गया। पूजा शर्मा का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। वह जल्दी-जल्दी सुसू खत्म करके ट्राउजर और पैंटी ठीक की और कार की ओर भागी। उसका चेहरा लाल था, और सांसें तेज। "ये क्या था? उसने मुझे देख लिया... और मैंने उसे..." वह मन ही मन सोच रही थी। उसका मन डर और उत्तेजना के तूफान में डूबा था। एक तरफ, गांव की मर्यादा और शरम उसे डरा रही थी; दूसरी तरफ, इस अनपेक्षित मुलाकात का रोमांच उसे बेकाबू कर रहा था। "पहली बार... राहुल के अलावा किसी का लिंग देखा... इतना बड़ा..." उसने सोचा, और उसकी सांसें और तेज हो गईं।
कार में वापसी और बातचीत
पूजा शर्मा कार में पहुंची और दरवाजा बंद करके हांफते हुए बैठ गई। राहुल ने कार स्टार्ट की और पूछा, "पूजा, क्या हुआ? तुम तो बहुत घबराई हुई लग रही हो।" पूजा शर्मा ने बैकसीट पर जाकर अपनी सलवार-कुर्ती निकाली और कपड़े बदलते हुए कहा, "जी, आप नहीं समझेंगे। वहां... एक ट्रक ड्राइवर आ गया। उसने सुसू किया, और... मैंने उसे देख लिया। और उसने मुझे देख लिया।" उसकी आवाज में घबराहट थी, लेकिन साथ ही एक अजीब-सी उत्तेजना भी। राहुल ने हंसते हुए कहा, "सच? फिर क्या हुआ?" पूजा शर्मा ने कपड़े बदलते हुए कहा, "जी, मैंने पहली बार... आपके अलावा किसी का लिंग देखा। वो... बहुत बड़ा था।" उसने शरमाते हुए नजरें नीची कीं। "वो उत्तेजित भी नहीं था, लेकिन फिर भी... आपके से बड़ा।"
राहुल की आंखें चमक उठीं। "पूजा, ये तो कमाल हो गया। तुझे कैसा लगा?" उसने शरारत भरे लहजे में पूछा। पूजा शर्मा ने सलवार-कुर्ती पहन ली और सामने की सीट पर आकर बैठ गई। "जी, डर भी लगा और... थोड़ा अजीब-सा मजा भी। लेकिन मैं डर गई थी। वो मुझे देखकर हंसा और चला गया।" राहुल ने हंसकर कहा, "पूजा, ये तो एक नया एक्सपेरिमेंट था। तू अब हॉट वाइफ बन रही है।" पूजा शर्मा ने हल्के से उसका कंधा थपथपाया और कहा, "जी, अब बस। नगरीया पहुंचकर कोई एक्सपेरिमेंट नहीं।" लेकिन उसकी आंखों में एक चमक थी, जैसे वह इस अनुभव को पूरी तरह भूल नहीं पा रही थी। "पहली बार... नंगी आंखों से..." वह मन ही मन सोच रही थी, और उसका शरीर अभी भी उत्तेजना से कांप रहा था।
विस्तृत सीन: नगरीया पहुंच और रात का रोमांच (मर्यादित रूप में):
रात के 10:00 बज चुके थे जब पूजा शर्मा और राहुल की कार नगरीया के छोटे से टाउन में दाखिल हुई। हाईवे से निकलकर गांव की कच्ची-पक्की सड़कों पर कार हल्के-हल्के हिचकोले खा रही थी। गंगा नदी की हल्की ठंडी हवा दूर से आ रही थी, और टाउन की सड़कों पर शादी की तैयारियों की रौशनी चमक रही थी – रंग-बिरंगे बल्बों की लड़ीयां, घरों के बाहर फूलों की मालाएं, और दूर से आती बारात की बैंड की रिहर्सल की आवाज। नगरीया एक छोटा-सा टाउन था, कासगंज से थोड़ा आगे, जहां गंगा के किनारे पर बसे घरों में जीवन की सादगी थी। ज्योति का घर टाउन के बीच में था, तीन मंजिला पुराना लेकिन मजबूत, गंगा से महज तीन-चार किलोमीटर दूर। कार रुकते ही ज्योति बाहर आई, उसके चेहरे पर मुस्कान थी। "पूजा! आ गई तू! कितने साल बाद मिली," उसने गले लगाते हुए कहा। पूजा शर्मा ने भी ज्योति को गले लगाया और कहा, "हां, ज्योति। तेरी बेटी की शादी है, तो आना ही था।" राहुल ने सामान उतारा और ज्योति से हाथ मिलाया, "बधाई हो, ज्योति जी।"
ज्योति ने उन्हें अंदर बुलाया। घर में शादी की तैयारियों की रौनक थी – महिलाएं मेहंदी लगा रही थीं, बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे थे, और हवा में मिठाई और फूलों की खुशबू फैली हुई थी। ज्योति ने कहा, "तुम दोनों थक गए होगे। ऊपर तीसरी मंजिल पर एक कमरा है, वहां आराम कर लो। वहां एकांत है, बस एक बेडरूम और अटैच्ड वॉशरूम। नीचे शोर ज्यादा है, क्योंकि तैयारियां चल रही हैं।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा है, ज्योति। हम ऊपर ही रहेंगे।" ज्योति ने उन्हें गिफ्ट्स दिए – पूजा शर्मा ने एक सुंदर फूलदान और राहुल ने सिल्वर का डिनर सेट। ज्योति खुश हो गई, "वाह, कितना प्यारा गिफ्ट।"
चाय का समय और माहौल का अहसास
ज्योति ने उन्हें तीसरी मंजिल पर ले जाया। सीढ़ियां चढ़ते हुए पूजा शर्मा ने देखा कि घर पुराना था, लेकिन साफ-सुथरा। तीसरी मंजिल पर सिर्फ एक कमरा था, बाकी छत खुली थी। कमरा बड़ा था – एक डबल बेड, साइड टेबल, और अटैच्ड वॉशरूम। खिड़की से गंगा की दिशा में हल्की ठंडी हवा आ रही थी। सामान रखकर वे नीचे आए, जहां ज्योति ने चाय और नाश्ता तैयार किया था – गरम-गरम चाय, समोसे, और मिठाई। चाय पीते हुए पूजा शर्मा और राहुल ने घर के माहौल को गौर से देखा। घर में ज्यादातर लोग ग्रामीण परिधान में थे – पुरुष धोती-कुर्ता में, महिलाएं साड़ी या सलवार-कुर्ती में। कोई पैंट-शर्ट नहीं पहने था। ज्योति की बेटी, जो 22 साल की थी, मेहंदी लगवा रही थी, और उसके आसपास रिश्तेदार हंस-खेल रहे थे। राहुल ने पूजा शर्मा से फुसफुसाकर कहा, "पूजा, यहां का माहौल सच में ग्रामीण है। लोग धोती-कुर्ता में ही हैं।" पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "हां, जी। यहां वो नए कपड़े नहीं पहन सकते। लेकिन मजा आएगा। गंगा के किनारे शादी – कितना सुंदर होगा।" ज्योति ने कहा, "हां, पूजा। कल मेहंदी है, परसों संगीत, और उसके बाद बारात। तुम दोनों आराम करो।"
चाय पीकर वे ऊपर कमरे में गए। पूजा शर्मा ने कमरे की खिड़की खोली, और दूर गंगा की लहरों की आवाज सुनाई दी। "जी, कितना शांत है यहां," उसने कहा। राहुल ने उसे बाहों में लिया और कहा, "हां, पूजा। लेकिन हमारा रोमांच तो अभी शुरू हुआ है।"
रात का गहरा रोमांच
नगरीया में ज्योति के घर की तीसरी मंजिल पर रात के 11:30 बज चुके थे। कमरे में एक छोटी-सी बल्ब की मद्धम रोशनी बेड पर पड़ रही थी, और खिड़की से गंगा की हल्की-सी ठंडी हवा आ रही थी। बाहर शादी की तैयारियों का शोर अब धीमा हो चुका था, और तीसरी मंजिल का एकांत पूजा शर्मा और राहुल को एक गहरे रोमांच में ले जा रहा था। पूजा शर्मा ने अपनी सलवार-कुर्ती उतार दी थी और अब सिर्फ चंडीगढ़ में खरीदी गई लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी में थी। उसका गोरा बदन चांदनी में चमक रहा था, और उसके बड़े, तने हुए स्तन ब्रा में उभर रहे थे। राहुल ने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी थी, और वह अब सिर्फ अंडरवियर में था। वह पूजा शर्मा की कमर को सहला रहा था, और उसकी उंगलियां धीरे-धीरे उसकी ब्रा के स्ट्रैप की ओर बढ़ रही थीं। पूजा शर्मा की सांसें तेज थीं – दिन का वह अनपेक्षित अनुभव, जहां उसने हाईवे पर ट्रक ड्राइवर का लिंग नंगी आंखों से देखा था, अभी भी उसके मन में गूंज रहा था। उसका शरीर डर और उत्तेजना के मिश्रण से कांप रहा था।
राहुल ने पूजा शर्मा के कान में फुसफुसाया, "पूजा, आज का वो ट्रक वाला... कितना रोमांचक था ना? तूने उसका लोड़ा देखा, और उसने तुझे।" पूजा शर्मा की सिसकारी निकली, "जी, हां... मैं तो डर गई थी। लेकिन वो... इतना बड़ा था। आपके से भी बड़ा।" उसकी आवाज में शरम थी, लेकिन साथ ही एक गहरी उत्तेजना। राहुल ने उसकी ब्रा का हुक खोला, और पूजा शर्मा के तने हुए स्तन आजाद हो गए। उसने उन्हें हल्के से दबाया, और पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "आह..." राहुल ने कहा, "चल, उस सीन को फिर से क्रिएट करें। लेकिन इस बार फैंटसी में और आगे बढ़ते हैं। सोच, वो ट्रक वाला तुझे ट्रक के केबिन में ले जाता है।" पूजा शर्मा की आंखें चमक उठीं। उसने शरमाते हुए कहा, "जी, फैंटसी में? ठीक है... लेकिन आप ड्राइवर बनो।" राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, मेरी हॉट वाइफ। मैं वो ड्राइवर हूं।"
ट्रक के केबिन वाली फैंटसी
पूजा शर्मा और राहुल ने कमरे में उस हाईवे के सीन को फिर से जीवंत करने की शुरुआत की। पूजा शर्मा ने अपनी पैंटी उतार दी और बेड पर बैठ गई, जैसे वह झाड़ी में सुसू कर रही हो। राहुल बेड के किनारे खड़ा हो गया, जैसे ट्रक ड्राइवर। उसने अपनी आवाज को भारी बनाया और कहा, "ए, मैडम! ये क्या कर रही हो?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए, लेकिन फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "जी, बस... सुसू कर रही हूं। आप जाओ ना।" उसकी आवाज में नकली डर था, लेकिन उसकी आंखें शरारत से चमक रही थीं। राहुल ने हट्टे-कट्टे ड्राइवर की तरह हंसते हुए कहा, "अरे, इतनी सुंदर मैडम और झाड़ी में? चल, मेरे ट्रक में।" उसने पूजा शर्मा को अपनी बाहों में उठाया, जैसे ड्राइवर उसे कंधे पर उठा रहा हो। पूजा शर्मा ने नकली विरोध किया, "नहीं, छोड़ दो मुझे! मेरे पति इंतजार कर रहे होंगे।"
राहुल ने पूजा शर्मा को बेड पर लिटाया, जैसे वह ट्रक के केबिन में हो। कमरे की मद्धम रोशनी में पूजा शर्मा का नग्न शरीर चमक रहा था। राहुल ने ड्राइवर की तरह कहा, "मैडम, तुम तो आग हो। थोड़ा मजा कर लो।" पूजा शर्मा ने फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "नहीं, ड्राइवर जी। मुझे मेरे पति के पास जाना है। जो करना है, जल्दी करो।" उसकी आवाज में एक मिश्रित शरम और उत्तेजना थी। राहुल ने पूजा शर्मा की योनि को हल्के से सहलाया, और पूजा शर्मा की सिसकारी निकली, "आह... ड्राइवर जी..." राहुल ने कहा, "देख, मेरा लोड़ा।" उसने अपना अंडरवियर उतारा, और पूजा शर्मा ने फैंटसी में ड्राइवर के उस बड़े, मोटे लिंग को याद किया। "हां... इतना बड़ा..." उसने सिसकारी लेते हुए कहा।
राहुल ने पूजा शर्मा के पैरों को फैलाया और धीरे से प्रवेश किया। पूजा शर्मा की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं, "आह... ड्राइवर जी... धीरे..." राहुल ने गति बढ़ाई और कहा, "मैडम, तुम तो भोसड़ी हो।" पूजा शर्मा ने फैंटसी में डूबकर जवाब दिया, "और तुम्हारा लोड़ा... इतना सख्त..." उसने अपनी कमर को लय में हिलाया, जैसे वह ट्रक के केबिन में ड्राइवर के साथ हो। "छोड़ दो मुझे... मेरे पति इंतजार कर रहे हैं," उसने फिर कहा, लेकिन उसकी सिसकारियां बता रही थीं कि वह इस फैंटसी में पूरी तरह डूबी थी। राहुल ने कहा, "नहीं, मैडम। आज तुझे पूरा मजा दूंगा।" उसने पूजा शर्मा को पलटकर पीछे से प्रवेश किया, और पूजा शर्मा की आहें तेज हो गईं, "ओह... और जोर से..." कमरे में उनकी सिसकारियां गूंज रही थीं, जैसे वे सचमुच उस ट्रक के केबिन में हों।
पूजा शर्मा का मन उस ड्राइवर की छवि में खोया था – उसका हट्टा-कट्टा शरीर, उसकी शरारती हंसी, और वो बड़ा लिंग। "पहली बार... नंगी आंखों से देखा था..." वह सोच रही थी, और उसकी उत्तेजना चरम पर थी। राहुल ने उसकी कमर को कसकर पकड़ा, और दोनों एक साथ चरम पर पहुंचे। पूजा शर्मा की चीखें कमरे में गूंजीं, "आह... ड्राइवर जी..." और फिर सन्नाटा छा गया। दोनों थककर बेड पर लेट गए, पसीने से भीगे हुए। पूजा शर्मा ने राहुल के सीने पर सिर रखा और कहा, "जी, ये फैंटसी... बहुत तीव्र थी।" राहुल ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, "हां, पूजा। तू अब हॉट वाइफ बन गई है। लेकिन सोच, रियल में कितना मजा आएगा।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, अभी फैंटसी ही ठीक है।"
पूजा शर्मा के मन का भाव
पूजा शर्मा का मन अभी भी उस ट्रक ड्राइवर की छवि में उलझा था। दिन में झाड़ी में हुआ वह अनुभव – ड्राइवर का लिंग, उसकी शरारती हंसी, और उसकी नजरें – उसे डर और रोमांच दोनों दे रहा था। "मेरी जिंदगी में पहली बार... राहुल के अलावा किसी का लिंग देखा। और वो इतना बड़ा था," वह सोच रही थी। उसका मन डर से भरा था – "अगर किसी ने मुझे पहचान लिया होता? गांव में बदनामी हो जाती।" लेकिन साथ ही, उस उत्तेजना ने उसे बेकाबू कर दिया था। "क्या मैं सच में बदल रही हूं?" उसने सोचा। राहुल की हॉट वाइफ वाली बातें, और अब ये फैंटसी, उसे एक नई दुनिया में ले जा रही थीं। वह शरम और उत्तेजना के बीच झूल रही थी, लेकिन राहुल की बाहों में उसे सुकून मिल रहा था। "शादी में क्या होगा? क्या मैं बारात में फ्लर्ट कर पाऊंगी?" उसने सोचा, और उसकी सांसें फिर तेज हो गईं।
रात का अंत
पूजा शर्मा और राहुल थककर एक-दूसरे की बाहों में सिमट गए। कमरे में सिर्फ उनकी सांसों की आवाज थी। बाहर गंगा की लहरों की हल्की-सी आवाज आ रही थी, और चांदनी खिड़की से कमरे में बिखर रही थी। पूजा शर्मा ने राहुल को गले लगाया और कहा, "जी, ये सफर और ये फैंटसी... बहुत यादगार थी।" राहुल ने उसके माथे को चूमा और कहा, "हां, पूजा। लेकिन अभी तो शादी बाकी है। वहां और मजा आएगा।" दोनों मुस्कुराए और नींद की आगोश में चले गए। पूजा शर्मा की नींद में फिर वही ट्रक ड्राइवर आया – उसका बड़ा लिंग, उसकी हंसी, और वो ट्रक का केबिन।


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)