25-08-2025, 11:59 PM
फिर मौसी चली गई उनको कुछ अर्जेंट काम आगया उन्होंने ने माँ को अपने घर आपने का न्योता दिया और माँ ने भी कहा की हां जरूर आउंगी और फिर माँ और कल्लू भी थक चुके थे तो दोनों नंगे ही सोगये चिपक के और सुबह कल्लू अपने काम से चला गया और तभी पापा घर पे आगये और उसके बाद काफी दिनों तक पापा घर पे थे इस बार करीब एक महीने तक ......पापा के रहते हुए भी रामू मौका पाते ही कभी माँ के गांड दबा देता कभी माँ के चूचियां दबा देता था माँ उसे मना करती थे और आखें भी दिखती थी की पापा घर पे ही हैं .........
रामू- क्या मालकिन साहब तो काफी लम्बा रुक गए है
माँ- हां रामू कल शायद उन्हें जाना पड़े ......
रामू - खुश होते हुए अरे वाह फिर तो कल मज़ा आजायेगा मालकिन ह्म्मम्म्म्म कल कल्लू को भी बुला लू फिर .....
माँ- मुस्कुराते हुए ह्म्म्मम्म्म्म बुला लेना बाबा लेकिन पहले अपने मालिक को तो जाने दो ...
रामू - ठीक है मालकिन
इसी बात में रामू ने माँ को अपने बाँहों में भर लिए और माँ के रसीले होठ को अपने मुँह में में लेके चूसने लगा तभी माँ ने उसे मना किया लेकिन जोश में वो कहा मानने वाला था उसने माँ के गर्दन में किश करना शुरू कर दिया माँ उसे बार बार मना कर रही थी की रुक जाओ लेकिन वो मान नहीं रहा था फिर उसने माँ के बूब्स को दबाना शुरू कर दिया जिससे माँ के आआआह्ह्ह्ह निकल गई और फिर अपना हाथ माँ के सेक्सी चूतरों पे लगाया और जोरो से दबाने लगा .......
माँ- रामू प्लीज रुको अभी मेरी बात मानो तुम्हारे मालिक घर पे ही है समझा करो कल जो करना है कर लेना
रामू माँ की बात को मान लिया और माँ को अपने कब्ज़े से छोड़ दिया और माँ फिर वहाँ से चली गयी ..........
![[Image: a43coq.gif]](https://i.ibb.co/xKTHxXgg/a43coq.gif)
फिर जैसे ही अगले दिन पापा घर से बाहर गए वैसे ही रामू ने माँ को अपने बाँहों में भर लिया और माँ के रसीले होठ से अपने होठ को सटा दिया और किश करने लगा उउउउउफफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ माँ भी रामू का पूरा साथ दे रही थी फिर रामू का हाथ माँ के चूचियों पे आगया और वो उन्हें दबाने लगा .........
रामू- कितने दिनों बाद आप को प्यार कर रहा हु मालकिन ह्म्मम्म्म्म
माँ- ह्म्मम्म्म्म रामू इतने दिन तुमने कैसे बर्दाश किया ह्म्मम्म्म्म
रामू- अरे मत पूछिए मालकिन बस आपके सेक्सी हुस्न को निहार के अपने हाथ से लण्ड को सहलाता रहा और क्या .......
माँ- क्यों कल्लू ने तुम्हारा साथ नहीं दिया क्या हम्मम्मम्मम्म
रामू- हां कभी कभी देता था लेकिन आपके साथ जो मज़ा आता है वो कल्लू के साथ थोड़ी आता है ह्म्म्मम्म आआह्ह्ह आपके हुस्न की खुसबू कितने दिनों बाद मिल रही है ह्म्म्मम्म्म्म
रामू माँ की चूचियां दबाते हुए उन्हें किश कर रहा था और माँ भी अपने आखें बंद करके उसका पूरा साथ दे रही थी जैसे वो भी रामू के लिए तड़प रही थी इतने दिनों से हम्मम्मम्मम्म
रामू - आआअह्ह्ह्हह कितनी मुलायम चूचियां है आपकी मालकिन लगता है मालिक इनके साथ नहीं खेलते हैं ह्म्मम्म्म्म
माँ- शरमाते हुए .........क्या रामू तुम खेलो न इनको बीच में क्यों लाते हो जानते हो मुझसे शर्म आती है न ह्म्मम्म्म्म
रामू- आप की शर्म का ही तो मैं दीवाना हु मैं मालकिन ह्म्मम्म्म्म
अब रामू ब्लाउज़ के ऊपर से ही माँ की चूचियां दोनों हाथो से दबाये जा रहा था और माँ के चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही चूम रहा था ह्म्म्मम्म्म्म माँ भी काफी कामुक हो रही थी रामू की हरकत से हम्मम्मम्मम्म
अब रामू माँ के ब्लाउज़ के बटन को खोल दिया और अब रामू के सामने माँ आधी नंगी गोरी गोरी चूचियां सामने थी जो की ब्रा में कैद थी अब रामू अपना मुँह माँ के दोनों चूचियों के बीच लगाया और उन्हें चूमने लगा माँ के मुँह से भी आहें निकल रही थी और माँ रामू के सर को सेहला रही थी फिर रामू ने बिना समय गवाए माँ के ब्रा को नीचे किया तो उसके सामने माँ की गोरी चमकती हुई चूचियां सामने थी जिनके निप्पल जोश से टाइट थे उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ अब रामू ने अपने मुँह माँ के नंगी चूचियों पे लगाया और और उन्हें पीने लगा आआअह्हह्ह्ह्हह माँ को भी जोश चढ़ने लगा था और वो उसका पूरा साथ दे रही थी हममममममममम फिर रामू माँ के पीछे चला गया और अपना लण्ड माँ की गांड से चिपका दिया और घिसने लगा और पीछे से माँ के दोनों बूब्स को दबाने लगा ........
माँ- आआअह्हह्ह्ह्ह रामू तुम्हारा लण्ड तो पहले से भी बड़ा लग रहा है ह्म्मम्म्म्म
रामू- आआह्ह्ह्हह मालकिन काफी दिने से मेरा लण्ड भी आपकी चूत ले लिए तड़प रहा है और आज आप मिली है तो कुछ ज्यादा ही टाइट हो गया है हम्मम्मम्मम्म
फिर रामू माँ के सामने आगया और अपना लोअर निकाल दिया और चड्ढी में उसका लण्ड काफी बड़ा लग रहा था जिसे माँ ने पकड़ लिया और चड्ढी के ऊपर से ही सहलाने लगी उउउउउउफफ्फ्फ्फ़
माँ - लगता है इसको काफी दिनों से खुराक नहीं मिली है ..............हसने लगी हां हां हां
रामू- आअह्ह्ह्हह मालकिन देखिये न आपके हाथ में आते ही कितना खुश हो गया है ह्म्म्मम्म्म्म
अब माँ नीचे घुटनो के बल बैठ गई और रामू के चड्ढी को नीचे किया तो रामू का लण्ड फुल टाइट माँ के सामने था जिसे माँ ने अपने मुँह में लेली और चूसने लगी उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ चूसते हुए माँ की लार ज़मीन पे गिर रही थी रामू का तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था कितने दिनों बाद उसके लण्ड की चुसाई हो रही है ह्म्म्मम्म्म्म
रामू- आआअह्हह्ह्ह्हह मालकिन आप गज़ब का लण्ड चुस्ती है मुझे तो कभी कभी यकीं नहीं होता की आप मेरा लण्ड चूसती है ह्म्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
माँ- तुम्हारा लण्ड चूसने में मुझे मज़ा आता है रामू हम्मम्मम्मम्म आआअह्हह्ह्ह्हह
रामू माँ के सर को सहलाते हुए अपने लण्ड को चुसवा रहा था ह्म्म्मम्म्म्म
रामू- क्या मालकिन साहब तो काफी लम्बा रुक गए है
माँ- हां रामू कल शायद उन्हें जाना पड़े ......
रामू - खुश होते हुए अरे वाह फिर तो कल मज़ा आजायेगा मालकिन ह्म्मम्म्म्म कल कल्लू को भी बुला लू फिर .....
माँ- मुस्कुराते हुए ह्म्म्मम्म्म्म बुला लेना बाबा लेकिन पहले अपने मालिक को तो जाने दो ...
रामू - ठीक है मालकिन
इसी बात में रामू ने माँ को अपने बाँहों में भर लिए और माँ के रसीले होठ को अपने मुँह में में लेके चूसने लगा तभी माँ ने उसे मना किया लेकिन जोश में वो कहा मानने वाला था उसने माँ के गर्दन में किश करना शुरू कर दिया माँ उसे बार बार मना कर रही थी की रुक जाओ लेकिन वो मान नहीं रहा था फिर उसने माँ के बूब्स को दबाना शुरू कर दिया जिससे माँ के आआआह्ह्ह्ह निकल गई और फिर अपना हाथ माँ के सेक्सी चूतरों पे लगाया और जोरो से दबाने लगा .......
माँ- रामू प्लीज रुको अभी मेरी बात मानो तुम्हारे मालिक घर पे ही है समझा करो कल जो करना है कर लेना
रामू माँ की बात को मान लिया और माँ को अपने कब्ज़े से छोड़ दिया और माँ फिर वहाँ से चली गयी ..........
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फिर जैसे ही अगले दिन पापा घर से बाहर गए वैसे ही रामू ने माँ को अपने बाँहों में भर लिया और माँ के रसीले होठ से अपने होठ को सटा दिया और किश करने लगा उउउउउफफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ माँ भी रामू का पूरा साथ दे रही थी फिर रामू का हाथ माँ के चूचियों पे आगया और वो उन्हें दबाने लगा .........
रामू- कितने दिनों बाद आप को प्यार कर रहा हु मालकिन ह्म्मम्म्म्म
माँ- ह्म्मम्म्म्म रामू इतने दिन तुमने कैसे बर्दाश किया ह्म्मम्म्म्म
रामू- अरे मत पूछिए मालकिन बस आपके सेक्सी हुस्न को निहार के अपने हाथ से लण्ड को सहलाता रहा और क्या .......
माँ- क्यों कल्लू ने तुम्हारा साथ नहीं दिया क्या हम्मम्मम्मम्म
रामू- हां कभी कभी देता था लेकिन आपके साथ जो मज़ा आता है वो कल्लू के साथ थोड़ी आता है ह्म्म्मम्म आआह्ह्ह आपके हुस्न की खुसबू कितने दिनों बाद मिल रही है ह्म्म्मम्म्म्म
रामू माँ की चूचियां दबाते हुए उन्हें किश कर रहा था और माँ भी अपने आखें बंद करके उसका पूरा साथ दे रही थी जैसे वो भी रामू के लिए तड़प रही थी इतने दिनों से हम्मम्मम्मम्म
रामू - आआअह्ह्ह्हह कितनी मुलायम चूचियां है आपकी मालकिन लगता है मालिक इनके साथ नहीं खेलते हैं ह्म्मम्म्म्म
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रामू- आप की शर्म का ही तो मैं दीवाना हु मैं मालकिन ह्म्मम्म्म्म
अब रामू ब्लाउज़ के ऊपर से ही माँ की चूचियां दोनों हाथो से दबाये जा रहा था और माँ के चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही चूम रहा था ह्म्म्मम्म्म्म माँ भी काफी कामुक हो रही थी रामू की हरकत से हम्मम्मम्मम्म
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माँ- आआअह्हह्ह्ह्ह रामू तुम्हारा लण्ड तो पहले से भी बड़ा लग रहा है ह्म्मम्म्म्म
रामू- आआह्ह्ह्हह मालकिन काफी दिने से मेरा लण्ड भी आपकी चूत ले लिए तड़प रहा है और आज आप मिली है तो कुछ ज्यादा ही टाइट हो गया है हम्मम्मम्मम्म
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माँ - लगता है इसको काफी दिनों से खुराक नहीं मिली है ..............हसने लगी हां हां हां
रामू- आअह्ह्ह्हह मालकिन देखिये न आपके हाथ में आते ही कितना खुश हो गया है ह्म्म्मम्म्म्म
अब माँ नीचे घुटनो के बल बैठ गई और रामू के चड्ढी को नीचे किया तो रामू का लण्ड फुल टाइट माँ के सामने था जिसे माँ ने अपने मुँह में लेली और चूसने लगी उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ चूसते हुए माँ की लार ज़मीन पे गिर रही थी रामू का तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था कितने दिनों बाद उसके लण्ड की चुसाई हो रही है ह्म्म्मम्म्म्म
रामू- आआअह्हह्ह्ह्हह मालकिन आप गज़ब का लण्ड चुस्ती है मुझे तो कभी कभी यकीं नहीं होता की आप मेरा लण्ड चूसती है ह्म्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
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रामू माँ के सर को सहलाते हुए अपने लण्ड को चुसवा रहा था ह्म्म्मम्म्म्म


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