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पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर
#27
विस्तृत कहानी: नगरीया की यात्रा और शॉपिंग (मर्यादित रूप में):
सुबह के 6:00 बजे थे। कांगड़ा के छोटे से गांव में अभी अंधेरा छाया हुआ था, लेकिन सूरज की पहली किरणें पहाड़ों के सिर पर चढ़ने लगी थीं। पूजा शर्मा और राहुल दोनों तैयार हो चुके थे। राहुल ने अपनी सिल्वर कलर की कार को बाहर निकाला था, जो पिछले हफ्ते ही सर्विस कराई गई थी। कार की बूट में दो सूटकेस रखे थे – एक में पूजा शर्मा के कपड़े, ज्योति की बेटी की शादी के लिए कुछ गिफ्ट्स जो उन्होंने पहले से तैयार किए थे, और दूसरा राहुल का। पूजा शर्मा ने एक साधारण सलवार-कुर्ती पहनी थी – सफेद कुर्ती और काली सलवार, दुपट्टा सिर पर लपेटा हुआ। उसके चेहरे पर यात्रा का उत्साह था, लेकिन मन में एक हल्की-सी बेचैनी भी – राहुल की कल रात की बातें, हॉट वाइफ और रियल एक्सपेरिमेंट्स, अभी भी उसके कानों में गूंज रही थीं। राहुल ने कार स्टार्ट की, और पूजा शर्मा ने घर को ताला लगाया। "जी, चलिए। गंगा के किनारे पहुंचकर कितना अच्छा लगेगा," पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा। राहुल ने कार चलाते हुए जवाब दिया, "हां, पूजा। रास्ता लंबा है, लेकिन मजा आएगा।"
कार हिमाचल की घुमावदार सड़कों पर सरपट दौड़ रही थी। सुबह की ठंडी हवा कार की खिड़की से आ रही थी, और रेडियो पर पुराने गाने बज रहे थे – "ये रेशमी जुल्फें, ये शरबती आंखें..." राहुल ने पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "पूजा, तुम तो शादी में स्टार बनोगी। वो नई साड़ी पहनना।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, आप भी ना... बस साधारण ही रहूंगी।" लेकिन राहुल ने हंसते हुए कहा, "नहीं, तुम अब हॉट वाइफ हो। थोड़ा सजना-सवरना बनता है।" पूजा शर्मा ने हल्के से उसका कंधा थपथपाया और कहा, "चलिए, रोड पर ध्यान दो।"
करीब 4 घंटे बाद, वे चंडीगढ़ पहुंचे। शहर की रौनक – व्यस्त सड़कें, बड़े-बड़े मॉल्स, और लोगों की भीड़ – पूजा शर्मा को ताजगी दे रही थी। राहुल ने कार एक बड़े शॉपिंग मॉल के पार्किंग में रोकी। "चलो, थोड़ी शॉपिंग कर लें," उसने कहा। पूजा शर्मा ने सिर हिलाया, "हां, जी। शादी में देने के लिए कुछ गिफ्ट ले लें।" मॉल में घुसते ही ठंडी एसी की हवा ने उन्हें तरोताजा कर दिया। पहले वे एक गिफ्ट शॉप में गए। राहुल ने ज्योति की बेटी के लिए एक सिल्वर का डिनर सेट चुना, और पूजा शर्मा ने एक सुंदर फूलदान लिया। "ये अच्छा रहेगा," पूजा शर्मा ने कहा। राहुल ने बिल पे किया, और गिफ्ट्स पैक करवाए।
फिर राहुल ने पूजा शर्मा को एक फैशन स्टोर की ओर ले जाया। "पूजा, तुम्हारे लिए कुछ ले लें," उसने कहा। पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, जरूरत तो नहीं है।" लेकिन राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "शादी में पहनना। थोड़ा नया लुक।" स्टोर में वे महिलाओं के सेक्शन में गए। राहुल ने कुछ ट्राउजर चुने – हल्के रंग के, जैसे सफेद और पेस्टल पिंक, जो पतले कपड़े से बने थे। "ये ट्राई करो," उसने कहा। पूजा शर्मा ने ट्रायल रूम में जाकर पहना। ट्राउजर इतने हल्के थे कि ध्यान से देखने पर अंदर की पैंटी का रंग और डिज़ाइन हल्का-सा झलक सकता था। पूजा शर्मा ने शीशे में खुद को देखा – उसका फिगर और उभर रहा था। वह बाहर आई, और राहुल ने तारीफ की, "पूजा, कितनी सेक्सी लग रही हो।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, ये तो बहुत पतले हैं।" लेकिन राहुल ने कहा, "शादी में पहनना, कोई नहीं देखेगा।" उन्होंने दो ट्राउजर खरीदे।
फिर राहुल ने फ्रंट ओपन टॉप्स की ओर इशारा किया – सफेद और नीले रंग के टॉप्स, जिनमें फ्रंट में बटन लगे थे, और गला हल्का खुला था। "ये ट्राई करो," उसने कहा। पूजा शर्मा ने ट्रायल रूम में पहना। टॉप उसके फिगर को फिट कर रहा था, और बटन खुलने पर ब्रा की झलक दिख सकती थी। "ये तो बहुत आकर्षक हैं," राहुल ने बाहर आकर कहा। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, मैंने कभी ऐसे नहीं पहने।" लेकिन राहुल ने कहा, "अब पहनोगी। शादी में मस्ती करो।" उन्होंने दो टॉप्स खरीदे।
अगले सेक्शन में, राहुल ने पूजा शर्मा को लिंगरी स्टोर की ओर ले जाया। "थोड़ा आकर्षक ब्रा-पैंटी ले लें," उसने कहा। पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, जरूरत तो नहीं।" लेकिन राहुल ने कहा, "शादी में पहनना।" उन्होंने कुछ सेट चुने – एक काला लेस वाला, जो पारदर्शी था, और एक लाल साटन वाला, जो बहुत आकर्षक डिज़ाइन का था। पूजा शर्मा ने ट्रायल रूम में पहना, और खुद को शीशे में देखा। ब्रा उसके स्तनों को पूरी तरह उभार रही थी, और पैंटी उसकी गांड को गोलाई दे रही थी। "ये तो बहुत हॉट हैं," राहुल ने बाहर आकर कहा। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, मैंने कभी ऐसे नहीं पहने।" लेकिन उन्होंने दो सेट खरीदे।
आखिर में, राहुल ने एक साड़ी स्टोर में पूजा शर्मा के लिए एक खास लहंगा चोली चुना। लहंगा लाल रंग का था, भारी कढ़ाई वाला, और चोली का गला काफी गहरा था, जो उसके स्तनों को उभारता था। लेकिन पूजा शर्मा ने कहा, "जी, इसे दुपट्टे से ढक लूंगी।" राहुल ने कहा, "ये बारात के वेलकम के दिन पहनना। तुम पर सूट करेगा।" पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया। शॉपिंग खत्म होने के बाद, उन्होंने मॉल के फूड कोर्ट में लंच किया – पंजाबी थाली, जिसमें दाल मखनी, नान, और रायता था। "अब सफर शुरू करें," राहुल ने कहा।
कार फिर सड़क पर दौड़ रही थी। चंडीगढ़ से निकलकर वे हाईवे पर थे। पूजा शर्मा ने बैग में नए कपड़े देखे और सोचा, "ये सब पहनकर कितना अलग लगेगा।" राहुल ने गाना ऑन किया – "तुम्हें देखा तो ये जाना सनम..." और पूजा शर्मा की ओर देखा। "पूजा, नगरीया पहुंचकर गंगा के किनारे घूमेंगे," उसने कहा। पूजा शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "हां, जी। शादी में मजा आएगा।" रास्ता लंबा था, लेकिन दोनों के मन में उत्साह था।
कहानी जारी है...
पूजा शर्मा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर

विस्तृत सीन: ट्रक वाले और ढाबे का रोमांच (मर्यादित रूप में):

हाईवे पर कार तेजी से दौड़ रही थी। अम्बाला को पीछे छोड़ने के बाद, सूरज अब सिर के ऊपर था, और दोपहर की गर्मी हल्की-हल्की बढ़ रही थी। रास्ते में खेतों की हरियाली, दूर-दूर तक फैले सरसों के पीले फूल, और बीच-बीच में दिखने वाले गांवों की मिट्टी की सड़कें पूजा शर्मा को एक अजीब-सा सुकून दे रही थीं। लेकिन उसके मन में एक नया रोमांच भी था। कार की बैकसीट पर उसने चंडीगढ़ में खरीदे गए नए कपड़े पहने थे – एक सफेद ट्राउजर, जो इतना हल्का और टाइट था कि उसकी लाल थॉन्ग पैंटी का रंग और डिज़ाइन हल्का-सा झलक रहा था, और एक नीला फ्रंट ओपन टॉप, जिसके बटन हल्के खुले होने की वजह से उसकी लाल लेस वाली ब्रा की झलक दिख सकती थी। पूजा शर्मा ने अपने दुपट्टे को कंधों पर लपेटा हुआ था, लेकिन वह जानती थी कि कपड़े आकर्षक थे। राहुल ड्राइविंग सीट पर थे, और उनकी आंखें बार-बार रियर व्यू मिरर में पूजा शर्मा की ओर जा रही थीं। रेडियो पर "दिलबर मेरे, कितने तुझे चाहें..." गाना बज रहा था, और राहुल ने हल्के से गुनगुनाते हुए कहा, "पूजा, तुम इन कपड़ों में कमाल लग रही हो। अब कोई ट्रक वाला देख ले, तो उसका दिल धड़क जाएगा।"

पूजा शर्मा ने शरमाते हुए हंसकर कहा, "जी, आप भी ना... बस शैतानी करते रहते हैं। मैंने ये कपड़े सिर्फ आपके कहने पर पहने हैं। नगरीया पहुंचने से पहले नॉर्मल कपड़े पहन लूंगी।" लेकिन उसकी आवाज में एक हल्की-सी उत्सुकता थी, जैसे वह इस नए एक्सपेरिमेंट का मजा ले रही हो। राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "अरे, थोड़ा मस्ती कर लो। रास्ता लंबा है, और तुम्हारा हौसला बढ़ेगा।"

ट्रक वाले का अनुभव

हाईवे पर कार की स्पीड लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी। अचानक, एक बड़ा ट्रक उनकी कार के पास आया। ट्रक का रंग लाल था, और उस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "बुरी नजर वाले, तेरा मुंह काला।" ट्रक ड्राइवर, जो 30-35 साल का एक हट्टा-कट्टा मर्द था, सिख पगड़ी में था। उसने अपनी खिड़की से बाहर झांका, और उसकी नजर पूजा शर्मा की ओर गई। पूजा शर्मा सामने की सीट पर बैठी थी, और उसका दुपट्टा हल्का-सा सरक गया था, जिससे ट्राउजर की टाइट फिटिंग और टॉप का खुला बटन साफ दिख रहा था। ट्रक ड्राइवर की आंखें चमक उठीं, और उसने एक लंबी सीटी बजाई। पूजा शर्मा की सांसें तेज हो गईं। उसने शरमाते हुए दुपट्टा ठीक किया, लेकिन राहुल ने हंसते हुए कहा, "देखा, पूजा? मैंने कहा था ना, तुम हॉट वाइफ हो। उसका दिल धड़क गया।"

पूजा शर्मा ने हल्के से हंसकर कहा, "जी, ये क्या? लोग ऐसे देख रहे हैं।" लेकिन उसकी आंखों में एक शरारत थी। ट्रक ड्राइवर ने अपनी स्पीड थोड़ी कम की, और कुछ देर तक उनकी कार के साथ-साथ चला। उसने फिर से पूजा शर्मा की ओर देखा और मुस्कुराया। पूजा शर्मा ने अनायास उसकी ओर देखा और हल्की-सी मुस्कान दी, जैसा राहुल ने कहा था। ट्रक ड्राइवर ने जवाब में एक और सीटी बजाई और अंगूठा दिखाया, जैसे तारीफ कर रहा हो। पूजा शर्मा का चेहरा लाल हो गया, और उसने जल्दी से नजरें हटा लीं। "जी, ये तो गलत है," उसने फुसफुसाते हुए कहा। राहुल ने हंसकर कहा, "गलत क्या? ये तो मजा है। तुमने उसकी आंखों में चमक देखी? तुम्हारा हौसला बढ़ रहा है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, बस अब और नहीं।" लेकिन उसके मन में एक अजीब-सा रोमांच था। ट्रक ने फिर ओवरटेक किया और आगे बढ़ गया, लेकिन पूजा शर्मा का दिल अभी भी धड़क रहा था।

ढाबे का अनुभव

करीब 1:30 बजे, राहुल ने कार एक ढाबे के सामने रोकी। ढाबा हाईवे के किनारे था, "पंजाबी तड़का" नाम से, और उसका माहौल देसी था – लकड़ी की मेजें, चारपाइयां, और मिट्टी के कुल्हड़ में चाय की खुशबू। ढाबे के बाहर कुछ ट्रक और कारें खड़ी थीं, और कुछ लोग चारपाइयों पर बैठकर खाना खा रहे थे। पूजा शर्मा ने दुपट्टा अपने कंधों पर ठीक किया, लेकिन ट्राउजर और टॉप की आकर्षक फिटिंग अभी भी हल्की-सी झलक रही थी। राहुल ने कहा, "चलो, चाय पीते हैं। थोड़ा खाना भी खा लेंगे।" पूजा शर्मा ने हिचकिचाते हुए कहा, "जी, इन कपड़ों में? लोग देखेंगे।" राहुल ने हंसकर कहा, "अरे, यही तो मजा है। थोड़ा बिंदास बनो।"

वे ढाबे की एक चारपाई पर बैठे। पूजा शर्मा ने दुपट्टा अपने सीने पर लपेट लिया, लेकिन ट्राउजर की टाइट फिटिंग और टॉप के खुले बटन हल्के-से दिख रहे थे। एक वेटर, जो 25-30 साल का था, सांवला, और देसी लुक में, उनके पास आया। उसने पूजा शर्मा की ओर एक नजर डाली और मुस्कुराते हुए कहा, "मैडम, क्या लेंगे?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "दो चाय, और... कुछ खाने को क्या है?" वेटर ने मेन्यू की ओर इशारा करते हुए कहा, "मैडम, हमारे यहां पंजाबी थाली बेस्ट है – दाल मखनी, शाही पनीर, और तंदूरी रोटी। या फिर परांठा ले लीजिए, आलू का या प्याज का।" उसकी नजरें बार-बार पूजा शर्मा के टॉप और ट्राउजर पर जा रही थीं, लेकिन उसने मर्यादा रखी।

राहुल ने कहा, "दो पंजाबी थाली और दो चाय लाओ।" वेटर ने सिर हिलाया और चला गया। पूजा शर्मा ने फुसफुसाते हुए कहा, "जी, वो वेटर मुझे देख रहा था। ये कपड़े... मैंने कहा था ना।" राहुल ने हंसकर कहा, "देखने दे, पूजा। तुम हॉट वाइफ हो। उसकी आंखों में चमक देखी? तुम्हारा हौसला बढ़ रहा है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए हल्की-सी मुस्कान दी और कहा, "जी, आप तो बस मजा लेते हैं।"

थोड़ी देर बाद वेटर चाय के दो कुल्हड़ लेकर आया। उसने मेज पर रखते हुए पूजा शर्मा की ओर देखा और कहा, "मैडम, आप दिल्ली से हैं?" पूजा शर्मा ने चौंककर कहा, "हां... मतलब, हां।" उसने झूठ बोला, जैसा वह चैट में करती थी। वेटर ने मुस्कुराते हुए कहा, "पहली बार देखा, कोई इतनी सुंदर मैडम हमारे ढाबे पर।" पूजा शर्मा का चेहरा लाल हो गया, और उसने दुपट्टा और ठीक किया। "शुक्रिया," उसने धीरे से कहा। राहुल ने हल्के से हंसकर वेटर की ओर देखा और कहा, "भाई, खाना जल्दी लाओ। मेरी वाइफ को भूख लगी है।" वेटर ने हंसते हुए सिर हिलाया और चला गया।

पूजा शर्मा ने राहुल की ओर देखा और कहा, "जी, ये क्या था? वो इतना खुलकर बोल रहा था।" राहुल ने कहा, "पूजा, ये तो हल्का-सा फ्लर्ट था। तुमने भी तो मुस्कुराकर जवाब दिया। शादी में भी ऐसे ही कर लेना।" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसकर कहा, "जी, बस इतना ही। ज्यादा नहीं।" लेकिन उसके मन में एक नया रोमांच था। खाना आया – दाल मखनी, शाही पनीर, और गरम-गरम तंदूरी रोटी। खाते वक्त पूजा शर्मा ने देखा कि पास की मेज पर बैठा एक ट्रक ड्राइवर उनकी ओर देख रहा था। उसने दुपट्टा और ठीक किया, लेकिन राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, "देखने दे, पूजा। ये तो तुम्हारी तारीफ है।"

खाना और चाय खत्म करने के बाद, वे कार की ओर बढ़े। पूजा शर्मा ने कहा, "जी, अब नॉर्मल कपड़े पहन लूं?" राहुल ने कहा, "अरे, अभी थोड़ा और मस्ती कर लो। नगरीया अभी दूर है।" पूजा शर्मा ने हंसते हुए कहा, "जी, आप तो मुझे बिगाड़ देंगे।" कार फिर हाईवे पर दौड़ने लगी, और पूजा शर्मा का मन इस छोटे-से रोमांच में खोया था।

विस्तृत सीन: दिल्ली पार करने के बाद का रोमांच (मर्यादित रूप में):

दिल्ली को पार करने के बाद, कार हाईवे पर और तेज दौड़ रही थी। शाम के 5:30 बज रहे थे, और सूरज अब क्षितिज के नीचे उतर रहा था, जिससे आसमान में नारंगी और गुलाबी रंगों की छटा बिखर रही थी। उत्तर प्रदेश की सीमाओं में दाखिल होने के बाद, रोड पर ट्रैफिक थोड़ा कम हो गया था, और दोनों ओर अंधेरा छाने लगा था। हल्की ठंडी हवा कार की खिड़की से आ रही थी, और रेडियो पर एक पुराना गाना बज रहा था – "ये शाम मस्तानी..."। पूजा शर्मा अभी भी सफेद ट्राउजर और नीले फ्रंट ओपन टॉप में थी, जो चंडीगढ़ में खरीदे गए थे। ट्राउजर की हल्की फिटिंग और टॉप के बटन उसे थोड़ा असहज कर रहे थे, लेकिन राहुल की बातों से उसका मन रोमांच से भर रहा था। राहुल ड्राइविंग कर रहे थे, और उनकी आंखें रोड पर टिकी थीं, लेकिन बीच-बीच में पूजा शर्मा की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे। "पूजा, दिल्ली पार हो गई। अब नगरीया ज्यादा दूर नहीं," उन्होंने कहा। पूजा शर्मा ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा, "हां, जी। लेकिन अंधेरा हो रहा है। थकान लग रही है।"

राहुल ने स्टीयरिंग पर हाथ थपथपाते हुए कहा, "मुझे चाय पीनी है। कोई ढाबा या दुकान मिल जाए।" पूजा शर्मा ने चौंककर कहा, "जी, ये उत्तर प्रदेश है। कासगंज जैसा इलाका है, यहां अब कोई एक्सपेरिमेंट नहीं। अगर कुछ उलटा-सीधा हो गया तो?" उसकी आवाज में थोड़ी घबराहट थी, क्योंकि गांव के इलाके में शाम को रुकना उसे जोखिम भरा लग रहा था। राहुल ने हंसते हुए कहा, "चिंता मत करो, पूजा। मैं साथ हूं। बस चाय पीकर निकल जाएंगे। और तुम्हें तो अब आदत हो गई है ऐसे रोमांच की।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, आदत तो नहीं, लेकिन... ठीक है। लेकिन सावधानी से।"

राहुल ने कार की स्पीड कम की और एक छोटी-सी सड़क की ओर मुड़ गए, जहां एक एकांत जगह पर एक छोटी-सी दुकान दिखी। दुकान पुरानी थी, लकड़ी की, और उसके सामने एक बेंच पड़ी थी। दुकानदार एक बुजुर्ग व्यक्ति था, जो चूल्हे पर चाय बना रहा था। आस-पास कुछ ट्रक खड़े थे, लेकिन लोग कम थे। राहुल ने कार रोकी और कहा, "यहां पूछते हैं।"

वे कार से उतरे। पूजा शर्मा ने अपने टॉप के बटन ठीक करने की कोशिश की, लेकिन ऊपर का एक बटन फिर से खुल गया। उसने जल्दी से हाथ से ढक लिया, लेकिन बिना दुपट्टे के वह थोड़ा असहज थी। राहुल ने बुजुर्ग दुकानदार से पूछा, "जी, वॉशरूम कहां है? मैडम को जरूरत है।" दुकानदार ने सिर खुजाते हुए कहा, "साहब, यहां तो ज्यादातर ट्रक वाले रुकते हैं चाय पीने। वो तो खुले में ही सुसू कर लेते हैं। आप जैसी हीरोइन जैसी लेडी तो पहली बार यहां रुकी है। ऐसा करो, थोड़ा आगे जाओ, वहां झाड़ियां हैं। वहां कोई नहीं आता।" पूजा शर्मा की सांसें तेज हो गईं। उसने राहुल की ओर देखा और फुसफुसाया, "जी, खुले में? ये ठीक नहीं।" लेकिन सुसू का दबाव इतना था कि वह मान गई। "ठीक है, जल्दी करके आती हूं," उसने कहा। राहुल ने कहा, "मैं यहीं रुकता हूं। सावधान रहना।"
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RE: पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर - by poojarahulhimachal - 23-08-2025, 08:58 PM



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