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पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर
#5
पूजा शर्मा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर

विस्तृत कहानी (जारी):

पूजा शर्मा और राहुल की जिंदगी अब एक नए रंग में रंगने लगी थी। पूजा शर्मा, जो कभी पूजा-पाठ और घर के कामों में डूबी रहती थी, अब धीरे-धीरे अपनी जागती हुई वासना की दुनिया में कदम रख रही थी। राहुल की फंतासी और उसकी कोशिशों ने पूजा शर्मा के मन में एक ऐसी आग जलाई थी, जो अब तक सिर्फ सुलग रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे लपटें उठने लगी थीं। उस रात की ककोल्ड थीम वाली फिल्म ने पूजा शर्मा के मन में एक तूफान सा खड़ा कर दिया था। वह स्ट्रेंजर के बड़े और मोटे लिंग का दृश्य बार-बार उसके दिमाग में घूम रहा था, और यह बात उसे अंदर ही अंदर उत्तेजित कर रही थी।

अगले दिन, राहुल ने देखा कि पूजा शर्मा सुबह से ही कुछ बेचैन थी। वह मंदिर गई, लेकिन उसका ध्यान पूजा में कम और किसी गहरी सोच में ज्यादा था। राहुल ने मौके का फायदा उठाया और शाम को पूजा शर्मा से कहा, "पूजा, आज कुछ खास करते हैं। तुम वो काली साटन नाइटी पहनो, जो मैंने लाई थी। आज रात को थोड़ा मस्ती करते हैं।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए मुस्कुराया और कहा, "जी, आप भी ना... हर वक्त शैतानी सूझती है।" लेकिन उसकी आंखों में वो शरारत थी, जो अब तक छुपी हुई थी।

रात को, पूजा शर्मा ने उस काली साटन नाइटी को पहना, जो इतनी पतली थी कि उसके उभरे हुए स्तन और कूल्हों का आकार साफ दिख रहा था। नाइटी के नीचे उसने लाल लेस वाली ब्रा और थॉन्ग पैंटी पहनी थी, जो राहुल की पसंद थी। जब वह बेडरूम में आई, राहुल की सांसें रुक गईं। पूजा शर्मा का गोरा बदन, उसकी तनी हुई चूचियां, और उसकी गोल गांड उस नाइटी में ऐसी लग रही थीं, जैसे वह किसी फिल्म की हिरोइन हो। राहुल ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया और उसके गालों को चूमते हुए कहा, "पूजा, तुम आज किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, बस कीजिए... आप भी ना, इतनी तारीफ।" लेकिन उसकी सांसें तेज थीं, और उसकी आंखों में एक नई चमक थी।

राहुल ने लैपटॉप पर फिर से एक और ककोल्ड थीम वाली कहानी शुरू की। इस बार कहानी में एक पत्नी अपने पति के दोस्त के साथ अंतरंग पल बिता रही थी, और पति पास बैठा, उत्तेजित होकर यह सब देख रहा था। कहानी के सीन इतने उत्तेजक थे कि पूजा शर्मा की सांसें और तेज हो गईं। राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और धीरे से उसकी जांघों पर रखा, फिर उसकी नाइटी को ऊपर सरकाते हुए उसकी थॉन्ग पैंटी के ऊपर से उसकी योनि को सहलाया। पूजा शर्मा ने एक गहरी सिसकारी ली, "आह, जी... ये क्या कर रहे हैं? मन बेकाबू हो रहा है।" राहुल ने उसके कान में फुसफुसाया, "पूजा, सोचो ना, अगर कोई ऐसा स्ट्रेंजर तुम्हें ऐसे छू रहा होता... तुम्हारी इस गीली योनि को सहला रहा होता, तो कैसा लगता?"

पूजा शर्मा ने आंखें बंद कर लीं और हल्के से सिर हिलाया, जैसे वह उस विचार को अपने मन में जगह दे रही हो। उसने धीरे से कहा, "जी, ये सब गलत है... लेकिन... ये सोचकर अजीब-सा मजा आ रहा है।" राहुल का दिल जोर से धड़का। उसने पूजा शर्मा की नाइटी को पूरी तरह उतार दिया और उसकी लेस वाली ब्रा के ऊपर से उसके तने हुए निप्पल्स को दबाया। पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "ओह, जी... धीरे... बहुत गर्मी हो रही है।" राहुल ने उसकी पैंटी को नीचे सरकाया और उसकी योनि को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा। पूजा शर्मा की सिसकारियां अब और तेज हो गई थीं, "आह, जी... ये क्या हो रहा है... मेरा मन डोल रहा है।"

राहुल ने उसे बेड पर लिटाया और उसके ऊपर झुक गया। उसने अपना लिंग पूजा शर्मा की योनि के पास ले जाकर हल्के से रगड़ा, और फिर धीरे से अंदर प्रवेश किया। पूजा शर्मा ने अपनी कमर को उठाया और राहुल के धक्कों के साथ ताल मिलाने लगी। उसने पहली बार इतने जोश के साथ जवाब दिया, "जी, और जोर से... मेरी योनि में बहुत आग है।" राहुल ने उसके स्तनों को ब्रा से आजाद किया और उसके निप्पल्स को चूसते हुए कहा, "पूजा, सोचो ना... अगर वो स्ट्रेंजर का बड़ा लिंग तुम्हारे अंदर होता, तो कितना मजा आता।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए, लेकिन उत्तेजना के साथ कहा, "जी, आप बहुत शैतान हैं... लेकिन... वो इतना बड़ा था, ना? क्या सच में ऐसा होता है?"

उस रात का प्रेम इतना तीव्र था कि पूजा शर्मा और राहुल दोनों ही पूरी तरह थक गए। पूजा शर्मा ने राहुल के सीने पर सिर रखा और धीरे से कहा, "जी, ये सब सुनकर और सोचकर अजीब-सा मजा आता है। लेकिन मैं सिर्फ आपकी हूं।" राहुल ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, "हां, पूजा, तुम मेरी हो। लेकिन अगर कभी तुम्हें कुछ नया आजमाने का मन हो, तो मुझे बताना।" पूजा शर्मा ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुराकर उसकी बाहों में सिमट गई।

अगले कुछ दिन, राहुल ने पूजा शर्मा को और ज्यादा उत्तेजक कपड़े पहनने के लिए प्रेरित किया। उसने एक गहरे लाल रंग की साड़ी लाई, जो इतनी पतली थी कि पूजा शर्मा का फिगर उसमें साफ झलकता था। उसने पूजा शर्मा को एक लो-कट ब्लाउज पहनने को कहा, जिसमें उसकी क्लीवेज साफ दिखती थी। पूजा शर्मा ने पहले तो मना किया, "जी, ये तो बहुत खुला हुआ है। लोग क्या कहेंगे?" लेकिन राहुल ने हंसते हुए कहा, "अरे, घर में तो कोई नहीं देखेगा। और बाहर जाएंगे, तो दुपट्टा ले लेना। मेरे लिए पहनो ना।" पूजा शर्मा मान गई, और जब उसने वो साड़ी और ब्लाउज पहना, तो राहुल की आंखें चमक उठीं। पूजा शर्मा का गोरा बदन, उसकी तनी हुई चूचियां, और उसकी पतली कमर उस साड़ी में ऐसी लग रही थी, जैसे वह कोई मॉडल हो।

एक शाम, राहुल ने पूजा शर्मा को एक स्थानीय रेस्तरां में डिनर के लिए ले जाने का प्लान बनाया। उसने पूजा शर्मा से वही लाल साड़ी और लो-कट ब्लाउज पहनने को कहा, और अंदर से उसने उसे एक नई ब्लैक लेस वाली ब्रा और पैंटी दी। पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, ये साड़ी तो बहुत पतली है। अगर दुपट्टा हटा, तो सब दिखेगा।" राहुल ने हंसते हुए कहा, "तो दुपट्टा मत हटाना, लेकिन थोड़ा मजा तो लेने दो।" रेस्तरां में, जब पूजा शर्मा और राहुल बैठे, तो एक वेटर बार-बार उनकी टेबल पर आ रहा था। उसकी नजरें पूजा शर्मा की साड़ी के पतले पल्लू पर टिकी थीं, जहां से उसकी क्लीवेज हल्की-सी झलक रही थी। पूजा शर्मा को इसका अहसास नहीं था, लेकिन राहुल सब कुछ नोटिस कर रहा था। उसका शरीर उत्तेजना से गर्म हो रहा था।

घर लौटते वक्त, राहुल ने कार में पूजा शर्मा का हाथ पकड़ा और कहा, "पूजा, वो वेटर तुम्हें घूर रहा था। तुझे कैसा लगा?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, मुझे क्या पता? मैं तो खाने में व्यस्त थी।" लेकिन उसकी आवाज में एक हल्की-सी शरारत थी। घर पहुंचते ही, राहुल ने पूजा शर्मा को अपनी बाहों में खींच लिया। उसने उसकी साड़ी को धीरे-धीरे उतारा और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को सहलाया। पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "जी, आप आज बहुत जोश में हैं।" राहुल ने उसके कान में कहा, "पूजा, अगर वो वेटर तुम्हारी इस चूची को छूता, तो कैसा लगता?" पूजा शर्मा ने हंसते हुए, लेकिन उत्तेजना के साथ कहा, "जी, आप बस शैतानी करते हैं।"

उस रात, राहुल और पूजा शर्मा ने फिर से तीव्र प्रेम किया। पूजा शर्मा अब खुलकर अपनी वासना को व्यक्त करने लगी थी। वह राहुल के साथ हर पल को जीने लगी थी – उसकी उंगलियों का स्पर्श, उसके धक्कों की लय, और उसकी गर्म सांसें अब पूजा शर्मा को एक नई दुनिया में ले जाती थीं। लेकिन यह सब सिर्फ उनके बेडरूम की चारदीवारी तक सीमित था।

पूजा शर्मा अभी भी गांव की उस पतिव्रता औरत की छवि को बनाए रखना चाहती थी, जिसे लोग आदर्श मानते थे। वह नहीं चाहती थी कि गांव में कोई उसके बदले हुए रंग को देखे या उसकी सजने-सवरने की नई आदतों पर कोई उंगली उठाए। बाहर निकलते वक्त वह वही पुराने सलवार-सूट और दुपट्टे से सिर ढकने की आदत को बरकरार रखती थी। लेकिन अंदर ही अंदर, उसका मन अब पहले जैसा शांत नहीं था। उस ककोल्ड थीम वाली फिल्म का वो सीन, जिसमें स्ट्रेंजर का बड़ा और मोटा लिंग दिखा था, बार-बार उसके दिमाग में घूमता था। वह सोचती, "क्या सच में किसी का लिंग इतना बड़ा हो सकता है? गधे जैसा? नहीं, ये तो बस फिल्मों में होता होगा।" यह जिज्ञासा उसके मन में एक चिंगारी की तरह सुलग रही थी, जो न तो पूरी तरह बुझ रही थी, न ही खुलकर भड़क रही थी।

एक रात, जब राहुल और पूजा शर्मा बेड पर लेटे थे, पूजा शर्मा ने अचानक राहुल से पूछा, "जी, वो फिल्म में जो दिखाया था... क्या सच में ऐसा होता है? इतना बड़ा... वो... सच में हो सकता है?" उसकी आवाज में शर्म थी, लेकिन उत्सुकता उससे ज्यादा थी। राहुल ने हंसते हुए उसकी कमर को अपनी बाहों में लिया और कहा, "पूजा, तुम्हें अब भी वो सीन याद है? हां, होता है। हर इंसान का अलग-अलग होता है, जैसे मेरे और तुम्हारे बीच सब कुछ खास है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए अपनी नजरें नीची कीं और कहा, "जी, मैं तो बस पूछ रही थी। मुझे तो आप ही काफी हैं।" लेकिन उसकी आवाज में एक हल्की-सी बेचैनी थी, जैसे वह कुछ और जानना चाहती हो।

राहुल ने मौके को भांप लिया। उसने पूजा शर्मा को और करीब खींचा और उसके कानों में फुसफुसाया, "पूजा, अगर तुम्हें सच में जानना है, तो एक दिन हम और ऐसी फिल्म देख सकते हैं। या फिर... मैं तुम्हें कुछ और कहानियां सुनाऊं?" पूजा शर्मा ने हल्के से सिर हिलाया और कहा, "जी, कहानियां ठीक हैं, लेकिन बाहर तो कुछ नहीं करना। गांव में लोग बातें बनाएंगे।" राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, "अरे, बाहर कौन कुछ कर रहा है? ये सब तो बस हमारी चारदीवारी के अंदर का खेल है।"

उस रात, राहुल ने फिर से एक नई कहानी शुरू की। इस बार कहानी थी एक ऐसी औरत की, जो अपने पति के साथ एक हिल स्टेशन पर छुट्टियां मनाने गई थी। वहां एक जवान गाइड ने उस औरत को जंगल के रास्ते दिखाने के बहाने छुआ, और धीरे-धीरे बातें आगे बढ़ीं। कहानी में वर्णन इतना उत्तेजक था कि पूजा शर्मा की सांसें तेज हो गईं। राहुल ने देखा कि पूजा शर्मा की उंगलियां उसकी साड़ी को कसकर पकड़ रही थीं, और उसकी आंखें आधी बंद थीं। उसने धीरे से पूजा शर्मा की साड़ी का पल्लू हटाया और उसकी गहरी नीली साटन नाइटी के ऊपर से उसके तने हुए स्तनों को सहलाया। पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "आह, जी... ये क्या कर रहे हैं? मन बेकाबू हो रहा है।"

राहुल ने उसकी नाइटी को ऊपर सरकाया और उसकी लेस वाली पैंटी के ऊपर से उसकी योनि को हल्के से छुआ। पूजा शर्मा की योनि पहले से ही गीली थी, और उसने अपनी कमर को हल्के से उठाया, जैसे वह और स्पर्श की चाहत में हो। राहुल ने उसके कान में कहा, "पूजा, सोचो ना... अगर वो गाइड तुम्हें ऐसे छूता, जंगल में, जहां कोई नहीं होता... कैसा लगता?" पूजा शर्मा ने आंखें बंद कर लीं और सिसकारी के साथ कहा, "जी, आप बहुत शैतान हैं... ये सब सोचकर भी अजीब-सा मजा आता है। लेकिन मैं ऐसा कभी नहीं करूंगी।" उसकी आवाज में एक मिश्रित भाव था – शर्म, उत्तेजना, और एक हल्की-सी जिज्ञासा।

राहुल ने उसकी पैंटी को नीचे सरकाया और अपनी उंगलियों से उसकी योनि को सहलाने लगा। पूजा शर्मा की सिसकारियां अब और तेज हो गई थीं, "ओह, जी... धीरे... बहुत गर्मी हो रही है।" राहुल ने अपना लिंग निकाला और धीरे से उसकी योनि में प्रवेश किया। वह धीरे-धीरे धक्के मारने लगा, और पूजा शर्मा ने अपनी कमर को लय में हिलाना शुरू किया। उसने राहुल के कंधों को कसकर पकड़ा और कहा, "जी, और जोर से... आज बहुत मजा आ रहा है।" राहुल ने उसके निप्पल्स को चूसते हुए कहा, "पूजा, अगर कोई स्ट्रेंजर तुम्हें ऐसे प्यार करता, तो कैसा लगता?" पूजा शर्मा ने हंसते हुए, लेकिन उत्तेजना के साथ कहा, "जी, बस आप ही मेरे लिए सब कुछ हैं। लेकिन... वो स्ट्रेंजर का लिंग... इतना बड़ा था। क्या सच में ऐसा होता है?"

उस रात का प्रेम इतना तीव्र था कि पूजा शर्मा और राहुल दोनों ही पूरी तरह से थक गए। पूजा शर्मा ने राहुल के सीने पर सिर रखा और धीरे से कहा, "जी, ये सब सुनकर और सोचकर अजीब-सा मजा आता है। लेकिन मैं बाहर ऐसा कुछ नहीं करूंगी। गांव में लोग क्या कहेंगे?" राहुल ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा, "पूजा, तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं। ये सब तो बस हमारे बीच का खेल है। लेकिन अगर कभी तुम्हारा मन हो, तो मुझे बताना।" पूजा शर्मा ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुराकर उसकी बाहों में सिमट गई।

अगले दिन, राहुल ने एक नया प्लान बनाया। वह चाहता था कि पूजा शर्मा की जिज्ञासा को और हवा दे, लेकिन बिना उसकी मर्यादा तोड़े। उसने पूजा शर्मा को एक छोटी-सी ट्रिप पर चलने के लिए कहा – पास के एक हिल स्टेशन पर, जहां वे अकेले में वक्त बिता सकें। उसने पूजा शर्मा से वही लाल पतली साड़ी और लो-कट ब्लाउज पहनने को कहा, जिसे उसने रेस्तरां में पहना था। पूजा शर्मा ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, "जी, वहां लोग होंगे। अगर किसी ने देख लिया तो?" राहुल ने हंसते हुए कहा, "अरे, वहां कोई हमें नहीं जानता। थोड़ा मजा तो बनता है।"

हिल स्टेशन पर, राहुल और पूजा शर्मा एक लोकल मार्केट में घूमने गए। पूजा शर्मा की साड़ी में उसका फिगर साफ उभर रहा था, और उसका दुपट्टा बार-बार सरक रहा था, जिससे उसकी क्लीवेज हल्की-सी दिख रही थी। एक दुकान पर, एक जवान दुकानदार ने पूजा शर्मा को देखा और उसकी तारीफ करते हुए कहा, "मैडम, आप पर ये साड़ी बहुत अच्छी लग रही है।" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए मुस्कुराया और कहा, "शुक्रिया।" लेकिन राहुल ने नोटिस किया कि दुकानदार की नजरें पूजा शर्मा के उभरे हुए स्तनों पर टिकी थीं। उसका शरीर उत्तेजना से गर्म हो गया।

घर लौटते वक्त, राहुल ने कार में पूजा शर्मा से पूछा, "पूजा, वो दुकानदार तुम्हें घूर रहा था। तुझे कैसा लगा?" पूजा शर्मा ने शरमाते हुए कहा, "जी, मुझे क्या पता? मैं तो बस सामान देख रही थी।" लेकिन उसकी आंखों में वही चमक थी, जो राहुल को बता रही थी कि वह उस ध्यान को नोटिस कर रही थी। उस रात, जब वे बेड पर थे, राहुल ने फिर से पूजा शर्मा को अपनी बाहों में लिया। उसने उसकी साड़ी उतारी, और उसकी ब्लैक लेस वाली ब्रा के ऊपर से उसके निप्पल्स को सहलाया। पूजा शर्मा ने सिसकारी ली, "जी, आप आज फिर शैतानी कर रहे हैं।" राहुल ने हंसते हुए कहा, "पूजा, अगर वो दुकानदार तुम्हें ऐसे छूता, तो कैसा लगता?" पूजा शर्मा ने हल्के से हंसते हुए कहा, "जी, आप बस मुझे तंग करते हैं। लेकिन... सोचकर थोड़ा मजा तो आता है।"

पूजा शर्मा की वासना अब पूरी तरह जाग चुकी थी, लेकिन वह अभी भी अपनी पतिव्रता छवि को गांव की नजरों से बचाना चाहती थी। राहुल जानता था कि उसे धीरे-धीरे आगे बढ़ना होगा। उसकी फंतासी अब और गहरी हो रही थी, और वह चाहता था कि पूजा शर्मा भी उसकी इस दुनिया में और गहराई तक उतरे। लेकिन वह यह भी जानता था कि पूजा शर्मा की मर्यादा और उसका प्यार उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। कहानी अभी और रोमांचक होने वाली थी, और पूजा शर्मा का यह नया सफर अब एक नए मोड़ पर था।
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RE: पूजा की जागृत वासना: एक पतिव्रता स्त्री का सफर - by poojarahulhimachal - 19-08-2025, 08:47 PM



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