18-08-2025, 05:11 PM
श्री सिन्हा के साथ होटल में रातभर से ज्यादा समय बिताने के बाद, खुशबू अपने घर पहुंची । उसके पति ने उसे बिना कोई सवाल जवाब किए कहा खुशबू तुम थकी - थकी सी लगती हो जाकर नहा लो ख़ुद को तरोताजा महसूस करोगी फिर वह डायनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता पुरा किया और अपने गोदाम पर चला गया जाते-जाते कहा खुशबू में गोदाम पर जा रहा हूं अपना ख्याल रखना ।
खुशबू ने यह नहीं सोचा था कि घर में घुसते ही उसके मोबाइल नंबर पर लगातार उसके अकाउंट मैसेजों से भरा दिखाई देगा...
खुशबू :----------
![[Image: download-1-015240.jpg]](https://i.ibb.co/nM9VNtfK/download-1-015240.jpg)
मैं होटल से बाहर निकली, कोलकाता की सड़कों पर चमकती नीऑन लाइटें मेरे थके हुए चेहरे पर झलक रही थीं। शहर अभी भी शोरगुल और भीड़-भाड़ वाला था। लेकिन मेरे दिल में बस एक आह थी।
कंपनी के डायरेक्टर, श्री सिन्हा , अभी-अभी गए थे, मुझे एक झुर्रीदार ऑफिस ड्रेस और दिल में एक खालीपन के साथ अकेला छोड़कर, जो भर नहीं सकता था।
मेरे बैग में रखा फ़ोन वाइब्रेट हुआ।
मैंने उसे खोला। बैंक खाते में एक ट्रांसफर की सूचना थी 5 लाख रुपये। यह संख्या मेरे दिल की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी थी।
लेकिन मैं खुश नहीं थी। लेकिन मेरी ज़िंदगी कभी साधारण नहीं रही।
लेकिन कल रात, मैं सिर्फ़ एक समर्पित पत्नी से कहीं बढ़कर थी।
मैंने कल रात कुछ ऐसा किया था जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं थी।
होटल में, मैं सुन्न थी। मैंने कुछ सोचा नहीं। मैंने कुछ महसूस नहीं किया। मैं बस... सहती रही।
श्री सिन्हा मेरी अपेक्षा से ज़्यादा कोमल थे, लेकिन उनका हर स्पर्श मेरे आत्मसम्मान पर चाकू से वार करने जैसा था।
जब सब कुछ खत्म हो गया, तो उन्होंने मुझे एक लिफ़ाफ़ा दिया और मुस्कुराते हुए कहा:
"तुमने बहुत अच्छा किया। तुम्हारे पति तुम्हारे आभारी रहेंगे।"
मैंने कुछ नहीं कहा। बस सिर झुका लिया और चुपचाप चली गई।
जब मैं साल्ट लेक ( जो कोलकाता में है ) के अपार्टमेंट में वापस पहुँची, तो मैंने दरवाज़ा खोला। जो मेरा घर था
रसोई से चावल के दलिये की महक आ रही थी, दिल दहला देने वाली गर्माहट।
मयंक अभी भी कमरें में लेटा हुआ था, उसकी आँखें छत को घूर रही थीं। मैं उसके बगल में बैठ गई उसके पुछने से पहले में बोली
"मैंने आज ओवरटाइम किया। मैं बहुत थक गई हूँ।"
मैंने झूठ बोला।
उसने बस थोड़ा सा सिर हिलाया, और कोई और सवाल नहीं पूछा।
मैंने उसकी तरफ देखा, जिस आदमी से मैं कभी बहुत प्यार करती थी ।
मेरे आँसू बह निकले, चुपचाप दलिया के कटोरे में टपक रहे थे।
फ़ोन फिर से वाइब्रेट हुआ।
मैंने उसे खोला। अभी-अभी 10 लाख रुपये और ट्रांसफर हुए थे।
मैं दंग रह गई।
मैंने मैसेज चेक किया। जो शब्द दिखाई दिए, उन्हें सुनकर मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा
मेंने अपने धड़कते दिल को शांत किया और आपने कमरे आई । कमरे में आते ही मैंने अपने मोबाइल को चार्ज में लगाया ( रात भर के मैसेज ने मेरे मोबाइल बैटरी को सौ प्रतिशत से पंद्रह प्रतिशत तक पहुंचा दिया था ) फिर मैं बाथरूम में जाकर सांवर चालूकर के उसके नीचे एक बेजान पुतले की तरह खड़ी थी करीब एक घंटे बाद बाथरूम से बाहर निकल। मेंने उस रात श्री सिन्हा के द्वारा दिये गये सभी बुरी निशान को धोकर बाथरूम से बाहर निकाली जब-तक में कमरे बाहर आई मयंक गोदाम के लिए निकल चुका था।
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शायद दुसरे सप्ताह का वह शनिवार का दिन था मयंक आज दिनभर घर रहने वाले थे करीब दोपहर एक बजे के करीब मयंक ने आवाज लगाई खुशबू आज़ दोपहर में खाना में किया बनाई हो बड़ी जोर कि भुख लगी है खाना निकाल दो , खुशबू ने कहा आप हाथ मुंह धोकर डायनिंग टेबल पर बैठीये में खाना निकाल कर लाती हूं जब खुशबू खाना निकाल रही थी तो उसे हल्का सा चक्कर आने का महसूस हुआ लेकिन उसने इस बात पर उतनी ध्यान नहीं दिया खुशबू ने दो थाली में खाना निकाल एक थाली मयंक के लिए दूसरी थाली अपने लिए , फिर खुशबू ने दोनों थाली को उठाकर किचन से बाहर निकाली कर डाइनिंग टेबल पर रखनी की कोशिश की कि तभी खुशबू को जोर का चक्कर आया और खुशबू गिरने वाली थी कि मयंक ने संभाल लिया और खुशबू ने दोनों थाली को डाइनिंग टेबल पर रखा और मयंक ने उसे सोफे पर बैठने को कहा खुशबू वही बगल में सोफे पर बैठी , मयंक ने खुशबू से पूछा तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना , तो खुशबू ने ' हां ' में सिर हिलाया मयंक ने अपने दायें हाथ को मेरे माथे पर रखकर चेक किया कहीं खुशबू को बुखार तो नहीं है लेकिन उससे महसूस नहीं हुआ तो उसने अपने एक डॉक्टर मित्र को फोन किया और जल्दी ही घर पर आने को कहा ।
थोड़ी देर बाद खुशबू के घर का डोर पर लगा बेल बजा , मयंक ने दरवाजा खोला तो उखका मित्र डॉक्टर राजेंद्र पेशे से एक सरकारी डॉक्टर था जो घर पर आया हुआ था उसने खुशबू को सोफे पर लेटने को कहा उसने खुशबू से कुछ आसान से सवाल पूछे जैसे यह चक्कर कितने दिन से आ रहा है ? खाने पीने में किया अच्छा लगता है ? और बहुत सारी ।
उसने एक टॉर्च निकला और खुशबू की आंखों पर मारा और फिर एक पर्ची पर कुछ दवाएं का नाम लिखकर मयंक को दे दिया और मयंक को अपने साथ बाहर तक चलने को कहा ( थोड़ी देर .............) मयंक घर के अंदर आते ही खुशबू के बगल में सोफे पर बैठ गया उसने खुशबू को गले लगा लिया और कहा आज " मैं बहुत खुश हूं "
खुशबू के पुछने से पहले ही उसने खुशबू से कहा " तुम मेरे बच्चे की मां बनने वाली हो " ऐसी खबर सुनकर खुशबू के चेहरे पर बिल्कुल खुशी नहीं थी मयंक ने जब खुशबू के चेहरे पर जब मायूसी देखी तो इसका कारण पूछा खुशबू ने कहा की " मैं अभी बच्चा पैदा करने की मूड में नहीं हुं " तुम तो जानते हो ना मयंक कि मैं एक बहुत ही बड़े इंटरनेशनल मीडिया कंपनी में काम करती हूं वहां पर बहुत सारी ऐसी महिलाएं जो बहुत सालों से कोशिश कर रही है कंपनी में सबसे ऊंचे पोस्ट पाना चाहती है पर नहीं मिला पा रहा है लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहती मैंने जो सपना देखा है वह मैं पूरा करके रहूंगी और उसे कंपनी में एक अच्छे पोस्ट , ( डायरेक्टर ) पाकर रहूंगी । तुम तो देख रहे हो ना कि मैं एक सालों से एक अच्छा पोस्ट पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं और मैं सालों की मेहनत बेकार नहीं जाने दे सकती इसीलिए मैं अभी बच्चा पैदा करने की मूड में नहीं हूं । मयंक ने भी उसकी बातों पर हां में सहमत जताई ।
रात 9:15 का समय हो चुका था खुशबू और मयंक दोनों डायनिंग टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे तभी खुशबू के मोबाइल पे श्री सिन्हा का फोन आया खुशबू ने श्री सिन्हा का फोन उठाया , थोड़ी देर बात करने के बाद खुशबू का फोन डिस्कनेक्ट हो गया। मयंक ने पूछा किसका फोन था खुशबू ने जवाब दिया श्री सिन्हा का फोन आया था उन्होंने मुझे अगली सुबह आरजेंट ओफिस बुलाया है कोई जरूरत मिटींग है ऐसा व कह रहे थे।
अगली सुबह खुशबू जल्दी उठकर उसने अपने घर की साफ सफाई की और मयंक के लिए नाश्ता बनाया और खुद के लिए भी नाश्ता बनाया । खुशबू ने मयंक से कहां की वह तैयार होने जा रही है आज उसे जल्दी ऑफिस जाना है , मैंने तुम्हारा नाश्ता और टीफीन डायनिंग टेबल पर रख दिया है तुम अपना नाश्ता करके गोदाम पर चले जाए ।
यह बोलकर खुशबू बाथरूम में नहाने के लिए चले गई थोड़ी देर के बाद वह पुरी सज-धज के कमर से बाहर निकाली खुशबू आज एक विशेष प्रकार की कामुक पत्नी लग रही थी इसकी कामुकता की व्याख्या करना गलत होगा उसकी खूबसूरती के देखकर मयंक भी उसे एक टक देखता रह गया आज पहली बार ऐसा हो रहा है कि मयंक से पहले उसकी पत्नी खुशबू ऑफिस पहले जा रही है जबकि हर रोज मयंक पहले जाता था
खुशबू ने यह नहीं सोचा था कि घर में घुसते ही उसके मोबाइल नंबर पर लगातार उसके अकाउंट मैसेजों से भरा दिखाई देगा...
खुशबू :----------
![[Image: download-1-015240.jpg]](https://i.ibb.co/nM9VNtfK/download-1-015240.jpg)
मैं होटल से बाहर निकली, कोलकाता की सड़कों पर चमकती नीऑन लाइटें मेरे थके हुए चेहरे पर झलक रही थीं। शहर अभी भी शोरगुल और भीड़-भाड़ वाला था। लेकिन मेरे दिल में बस एक आह थी।
कंपनी के डायरेक्टर, श्री सिन्हा , अभी-अभी गए थे, मुझे एक झुर्रीदार ऑफिस ड्रेस और दिल में एक खालीपन के साथ अकेला छोड़कर, जो भर नहीं सकता था।
मेरे बैग में रखा फ़ोन वाइब्रेट हुआ।
मैंने उसे खोला। बैंक खाते में एक ट्रांसफर की सूचना थी 5 लाख रुपये। यह संख्या मेरे दिल की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी थी।
लेकिन मैं खुश नहीं थी। लेकिन मेरी ज़िंदगी कभी साधारण नहीं रही।
लेकिन कल रात, मैं सिर्फ़ एक समर्पित पत्नी से कहीं बढ़कर थी।
मैंने कल रात कुछ ऐसा किया था जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं थी।
होटल में, मैं सुन्न थी। मैंने कुछ सोचा नहीं। मैंने कुछ महसूस नहीं किया। मैं बस... सहती रही।
श्री सिन्हा मेरी अपेक्षा से ज़्यादा कोमल थे, लेकिन उनका हर स्पर्श मेरे आत्मसम्मान पर चाकू से वार करने जैसा था।
जब सब कुछ खत्म हो गया, तो उन्होंने मुझे एक लिफ़ाफ़ा दिया और मुस्कुराते हुए कहा:
"तुमने बहुत अच्छा किया। तुम्हारे पति तुम्हारे आभारी रहेंगे।"
मैंने कुछ नहीं कहा। बस सिर झुका लिया और चुपचाप चली गई।
जब मैं साल्ट लेक ( जो कोलकाता में है ) के अपार्टमेंट में वापस पहुँची, तो मैंने दरवाज़ा खोला। जो मेरा घर था
रसोई से चावल के दलिये की महक आ रही थी, दिल दहला देने वाली गर्माहट।
मयंक अभी भी कमरें में लेटा हुआ था, उसकी आँखें छत को घूर रही थीं। मैं उसके बगल में बैठ गई उसके पुछने से पहले में बोली
"मैंने आज ओवरटाइम किया। मैं बहुत थक गई हूँ।"
मैंने झूठ बोला।
उसने बस थोड़ा सा सिर हिलाया, और कोई और सवाल नहीं पूछा।
मैंने उसकी तरफ देखा, जिस आदमी से मैं कभी बहुत प्यार करती थी ।
मेरे आँसू बह निकले, चुपचाप दलिया के कटोरे में टपक रहे थे।
फ़ोन फिर से वाइब्रेट हुआ।
मैंने उसे खोला। अभी-अभी 10 लाख रुपये और ट्रांसफर हुए थे।
मैं दंग रह गई।
मैंने मैसेज चेक किया। जो शब्द दिखाई दिए, उन्हें सुनकर मेरा दिल ज़ोर से धड़कने लगा
मेंने अपने धड़कते दिल को शांत किया और आपने कमरे आई । कमरे में आते ही मैंने अपने मोबाइल को चार्ज में लगाया ( रात भर के मैसेज ने मेरे मोबाइल बैटरी को सौ प्रतिशत से पंद्रह प्रतिशत तक पहुंचा दिया था ) फिर मैं बाथरूम में जाकर सांवर चालूकर के उसके नीचे एक बेजान पुतले की तरह खड़ी थी करीब एक घंटे बाद बाथरूम से बाहर निकल। मेंने उस रात श्री सिन्हा के द्वारा दिये गये सभी बुरी निशान को धोकर बाथरूम से बाहर निकाली जब-तक में कमरे बाहर आई मयंक गोदाम के लिए निकल चुका था।
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शायद दुसरे सप्ताह का वह शनिवार का दिन था मयंक आज दिनभर घर रहने वाले थे करीब दोपहर एक बजे के करीब मयंक ने आवाज लगाई खुशबू आज़ दोपहर में खाना में किया बनाई हो बड़ी जोर कि भुख लगी है खाना निकाल दो , खुशबू ने कहा आप हाथ मुंह धोकर डायनिंग टेबल पर बैठीये में खाना निकाल कर लाती हूं जब खुशबू खाना निकाल रही थी तो उसे हल्का सा चक्कर आने का महसूस हुआ लेकिन उसने इस बात पर उतनी ध्यान नहीं दिया खुशबू ने दो थाली में खाना निकाल एक थाली मयंक के लिए दूसरी थाली अपने लिए , फिर खुशबू ने दोनों थाली को उठाकर किचन से बाहर निकाली कर डाइनिंग टेबल पर रखनी की कोशिश की कि तभी खुशबू को जोर का चक्कर आया और खुशबू गिरने वाली थी कि मयंक ने संभाल लिया और खुशबू ने दोनों थाली को डाइनिंग टेबल पर रखा और मयंक ने उसे सोफे पर बैठने को कहा खुशबू वही बगल में सोफे पर बैठी , मयंक ने खुशबू से पूछा तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना , तो खुशबू ने ' हां ' में सिर हिलाया मयंक ने अपने दायें हाथ को मेरे माथे पर रखकर चेक किया कहीं खुशबू को बुखार तो नहीं है लेकिन उससे महसूस नहीं हुआ तो उसने अपने एक डॉक्टर मित्र को फोन किया और जल्दी ही घर पर आने को कहा ।
थोड़ी देर बाद खुशबू के घर का डोर पर लगा बेल बजा , मयंक ने दरवाजा खोला तो उखका मित्र डॉक्टर राजेंद्र पेशे से एक सरकारी डॉक्टर था जो घर पर आया हुआ था उसने खुशबू को सोफे पर लेटने को कहा उसने खुशबू से कुछ आसान से सवाल पूछे जैसे यह चक्कर कितने दिन से आ रहा है ? खाने पीने में किया अच्छा लगता है ? और बहुत सारी ।
उसने एक टॉर्च निकला और खुशबू की आंखों पर मारा और फिर एक पर्ची पर कुछ दवाएं का नाम लिखकर मयंक को दे दिया और मयंक को अपने साथ बाहर तक चलने को कहा ( थोड़ी देर .............) मयंक घर के अंदर आते ही खुशबू के बगल में सोफे पर बैठ गया उसने खुशबू को गले लगा लिया और कहा आज " मैं बहुत खुश हूं "
खुशबू के पुछने से पहले ही उसने खुशबू से कहा " तुम मेरे बच्चे की मां बनने वाली हो " ऐसी खबर सुनकर खुशबू के चेहरे पर बिल्कुल खुशी नहीं थी मयंक ने जब खुशबू के चेहरे पर जब मायूसी देखी तो इसका कारण पूछा खुशबू ने कहा की " मैं अभी बच्चा पैदा करने की मूड में नहीं हुं " तुम तो जानते हो ना मयंक कि मैं एक बहुत ही बड़े इंटरनेशनल मीडिया कंपनी में काम करती हूं वहां पर बहुत सारी ऐसी महिलाएं जो बहुत सालों से कोशिश कर रही है कंपनी में सबसे ऊंचे पोस्ट पाना चाहती है पर नहीं मिला पा रहा है लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहती मैंने जो सपना देखा है वह मैं पूरा करके रहूंगी और उसे कंपनी में एक अच्छे पोस्ट , ( डायरेक्टर ) पाकर रहूंगी । तुम तो देख रहे हो ना कि मैं एक सालों से एक अच्छा पोस्ट पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं और मैं सालों की मेहनत बेकार नहीं जाने दे सकती इसीलिए मैं अभी बच्चा पैदा करने की मूड में नहीं हूं । मयंक ने भी उसकी बातों पर हां में सहमत जताई ।
रात 9:15 का समय हो चुका था खुशबू और मयंक दोनों डायनिंग टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे तभी खुशबू के मोबाइल पे श्री सिन्हा का फोन आया खुशबू ने श्री सिन्हा का फोन उठाया , थोड़ी देर बात करने के बाद खुशबू का फोन डिस्कनेक्ट हो गया। मयंक ने पूछा किसका फोन था खुशबू ने जवाब दिया श्री सिन्हा का फोन आया था उन्होंने मुझे अगली सुबह आरजेंट ओफिस बुलाया है कोई जरूरत मिटींग है ऐसा व कह रहे थे।
अगली सुबह खुशबू जल्दी उठकर उसने अपने घर की साफ सफाई की और मयंक के लिए नाश्ता बनाया और खुद के लिए भी नाश्ता बनाया । खुशबू ने मयंक से कहां की वह तैयार होने जा रही है आज उसे जल्दी ऑफिस जाना है , मैंने तुम्हारा नाश्ता और टीफीन डायनिंग टेबल पर रख दिया है तुम अपना नाश्ता करके गोदाम पर चले जाए ।
यह बोलकर खुशबू बाथरूम में नहाने के लिए चले गई थोड़ी देर के बाद वह पुरी सज-धज के कमर से बाहर निकाली खुशबू आज एक विशेष प्रकार की कामुक पत्नी लग रही थी इसकी कामुकता की व्याख्या करना गलत होगा उसकी खूबसूरती के देखकर मयंक भी उसे एक टक देखता रह गया आज पहली बार ऐसा हो रहा है कि मयंक से पहले उसकी पत्नी खुशबू ऑफिस पहले जा रही है जबकि हर रोज मयंक पहले जाता था


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