16-08-2025, 10:27 AM
रीता की जंगली भूख
मितु के जाने के कुछ समय बाद, गली के किनारे एक और ग्राहक आता है। राजू, 28 साल का एक रिक्शा चालक, लंबा और मजबूत कद-काठी वाला, सड़कों पर रिक्शा खींचने की मेहनत से उसका देह मांसपेशियों से भरा हुआ। उसकी गहरी त्वचा चैत्र की धूप में पसीने से चमक रही थी, उसकी कच्ची, पाशविक मर्दानगी को और बढ़ाते हुए। उसकी आँखों में सादगी की झलक थी, लेकिन उसके भीतर एक जंगली, गंदी भूख जल रही थी। एक फटी हुई नीली लुंगी और घिसी हुई सफेद कमीज में लिपटा, उसका सात इंच का लिंग कपड़े के नीचे धड़क रहा था, नसें उभरी हुई थीं, सिरा प्रीकम से चिकना। उसका सीना घने, पसीने से भरे बालों से ढका था, उसकी बाहें मांसपेशियों से तनी थीं, और उसकी जांघें ताकत से लबरेज थीं। उसकी खुरदरी दाढ़ी और पान चबाने से लाल रंगे होंठ उसकी रूखी आकर्षण को बढ़ा रहे थे, जबकि उसका शरीर पसीने और मिट्टी की मादक गंध छोड़ रहा था। उसकी मासूम मुस्कान के पीछे एक जंगली, विकृत वासना छिपी थी, जो रीता के साड़ी में लिपटे कर्व्स को देखकर भड़क उठी थी।
राजू करीब आया, कुछ कुचली हुई नोटों को पकड़े हुए। “कितना?” वह गुर्राया, उसकी आवाज़ रूखी थी, उसकी आँखें रीता के हिलते उरोजों पर टिकी थीं। रीता ने सिगरेट का धुआँ छोड़ा, उसके होंठ मोहक मुस्कान में मुड़े। “तेरे जैसे जानवर के लिए सस्ता है। आ, मेरे नितंब तेरे लिंग के लिए रो रहे हैं।”
राजू ने उसका हाथ पकड़ा, उसे गली की गहराई में एक जर्जर कमरे की ओर ले गया, जो एक परित्यक्त दुकान के पीछे था। गंदी ज़मीन मलबे से भरी थी, टूटी दीवारें पसीने और तारकोल की बदबू से सनी थीं, और हवा पाशविक तनाव से भारी थी। राजू ने रीता की साड़ी उसकी कमर तक उठाई, उसे पूरी तरह उतारने की जहमत नहीं उठाई। उसके गोरे, गोल नितंब नंगे हो गए, तंग छेद पसीने से चमक रहा था, गहरे बालों से घिरा हुआ। उसका छह इंच का लिंग, आधा सख्त, साड़ी के नीचे छिपा रहा। उसका ब्लाउज़ तंग था, गहरे चुचूक कपड़े के खिलाफ तन रहे थे, उसकी त्वचा पसीने से चमक रही थी।
राजू ने रीता को गंदी ज़मीन पर घुटनों के बल बिठाया, उसके नितंब ऊँचे उठे। उसने अपने हाथों को गंदगी में टेका, उसकी साड़ी कमर पर इकट्ठी थी, उसका नितंब खुला और असुरक्षित। राजू ने अपनी लुंगी उठाई, अपना सात इंच का लिंग प्रकट किया, जो पत्थर की तरह सख्त था, नसें धड़क रही थीं, सिरा प्रीकम से चमक रहा था। उसने इसे रीता के तंग छेद पर रगड़ा, उनके पसीने और प्रीकम एक चिकनी, गंदी चिकनाई में मिल गए। “तेरे नितंब मेरे लिंग के लिए बने हैं, रीता। इसे ले!” वह गुर्राया, और बेरहमी से धक्का मारा, उसका लिंग उसके तंग, पसीने से भरे छेद में गहराई तक उतर गया।
रीता चीखी, “ओह, राजू… तू मेरे नितंबों को चीर रहा है!” राजू ने बेरहमी से धक्के मारे, उसका लिंग गहराई तक जा रहा था, नसों वाला शाफ्ट उसकी भीतरी दीवारों को रगड़ रहा था। उसका शरीर हर धक्के के साथ काँप रहा था, उसके नितंब उसकी कमर से टकरा रहे थे। राजू ने उसके नितंबों पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, लाल निशान छोड़ते हुए, गुर्राते हुए, “रीता, तेरा नितंब मेरा लिंग निगल रहा है! चुप रह, मेरी गंदी रंडी!” रीता की सिसकारियाँ गली में गूँज रही थीं, “ओह, राजू… मेरे नितंब जल रहे हैं!”
उसने उसके बाल पकड़े, उसका सिर पीछे खींचा, और स्थिति बदली, उसे टूटी दीवार के खिलाफ दबा दिया। उसका लिंग और गहराई तक गया, उसका पसीने से भरा सीना उसके पीठ पर रगड़ रहा था। उसके हाथों ने उसके उरोजों को पकड़ा, ब्लाउज़ के ज़रिए उसके चुचूकों को चुटकी में लिया, उन्हें मोड़ते हुए जब तक वे सख्त और फूल नहीं गए। रीता की सिसकारियाँ जंगली हो गईं, उसका शरीर दर्द और सुख से काँप रहा था। राजू का लिंग अंदर-बाहर फिसल रहा था, पसीने और प्रीकम से चिकना, उसका छेद उसे ज़ोर से जकड़ रहा था।
राजू ने लिंग बाहर खींचा, रीता को फिर से घुटनों पर बिठाया। उसके होंठ, लिपस्टिक और पसीने से लाल, खुले, और उसने अपना लिंग उसके मुँह में ठेल दिया। नसों वाला शाफ्ट उसकी जीभ पर रगड़ा, उसके प्रीकम और उसके नितंबों का मादक स्वाद उसके होश उड़ा रहा था। “चूस, रीता! मेरे लिंग का रस पी!” राजू गरजा, उसके हाथ उसके बालों को ज़ोर से पकड़े हुए। रीता ने भूखेपन से चूसा, उसकी जीभ फुले हुए सिरे पर चक्कर काट रही थी, प्रीकम और उसके अपने गंध का नमकीन मिश्रण चखते हुए। वह उसके मुँह में धक्के मार रहा था, उसका लिंग उसके गले के पीछे टकरा रहा था, जिससे वह उबकने लगी, उसकी आँखें पानी से भरी थीं, लेकिन उसने चूसना जारी रखा, उसके होंठ चिकने और तंग।
राजू का शरीर तन गया, और वह फट पड़ा, उसका गर्म, नमकीन वीर्य रीता के मुँह में बाढ़ ला रहा था, उसके होंठों से टपक रहा था, उसकी ठुड्डी पर बह रहा था। वह लालच से निगली, उसका चेहरा चिपचिपा, उसकी लिपस्टिक धब्बेदार। “तेरा मुँह मेरे वीर्य के लिए बना है,” राजू हँसा, उसकी आवाज़ संतुष्टि से भारी।
उसने रीता की साड़ी और ऊँची उठाई, उसके छह इंच के लिंग को उजागर किया, जो सख्त और धड़क रहा था, नसें उभरी हुई थीं, सिरा प्रीकम से चमक रहा था। राजू के रूखे, कठोर हाथ ने इसे थोड़ा सहलाया, उसकी उंगलियाँ चिकने सिरे को छेड़ रही थीं, लेकिन वह रुक गया। रीता का लिंग काँप रहा था, उसका शरीर रिहाई के लिए तरस रहा था, लेकिन उसने उसे नकार दिया। “मुझे तेरे वीर्य की ज़रूरत नहीं, रीता। तेरा नितंब और मुँह मेरे लिंग के लिए काफी हैं,” उसने तंज कसा, उसकी मुस्कान क्रूर थी। उसने अपनी लुंगी ठीक की, कुछ कुचली हुई नोटें रीता की साड़ी में ठूँसीं, और गली में बाहर निकल गया।
रीता गंदी ज़मीन पर घुटनों के बल रही, उसकी साड़ी कमर पर इकट्ठी थी, उसके नितंब राजू के वीर्य से चिपचिपे थे, उसका मुँह उसके नमकीन रिहाई का स्वाद लिए हुए था। उसका लिंग, अभी भी सख्त और टपकता हुआ, अधूरी वासना से धड़क रहा था। उसने अपनी साड़ी ठीक की, एक सिगरेट जलाई, और धुआँ छोड़ा, उसकी आँखें थकान और अतृप्त भूख का मिश्रण थीं। गली का अंधेरा उसकी सिसकारियों को निगल गया, लेकिन उसके भीतर की आग जलती रही।
मितु की आग भरी रात
शाम की गली में मद्धम रोशनी में, हवा वासना की गंध से भारी थी। मितु अकेली खड़ी थी, उसकी नीली साड़ी उसके पसीने से भरे शरीर से चिपकी हुई थी, हर कर्व पतले कपड़े से उभर रहा था। उसकी गोरी त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रही थी, पसीने की बूँदें उसके माथे से उसकी गर्दन की नसों तक लुढ़क रही थीं, उसके शरीर का हर इंच वासना से चीख रहा था। उसकी तंग योनि उत्तेजना से टपक रही थी, रस उसकी जांघों से नीचे बह रहा था, साड़ी को दागदार कर रहा था। उसके छोटे उरोज सख्त थे, गहरे चुचूक कपड़े के खिलाफ तन रहे थे, रिहाई की भीख माँग रहे थे। उसका तंग नितंब, पसीने से चिकना, साड़ी की सिलवटों से झलक रहा था, उसका गोल आकार निर्विवाद था। उसके लंबे काले बाल उसकी गर्दन से चिपके थे, पसीने से गीले, हर तार उसकी त्वचा से चिपका हुआ था। उसकी आँखें शरारती मुस्कान से चमक रही थीं, उसके होंठ हल्के लाल लिपस्टिक से रंगे थे, एक शिकारी अपनी शिकार की प्रतीक्षा में।
गली के मुँह पर एक चमकदार काली मर्सिडीज़ रुकी। राहुल बाहर निकला, उसकी शहद जैसी त्वचा पसीने से चमक रही थी, उसका मांसल ढांचा महंगे काले सूट में लिपटा हुआ था। उसका लिंग, सख्त और नसों से भरा, उसकी पतलून के खिलाफ दब रहा था, गुलाबी सिरा प्रीकम से चिकना। उसके भारी अंडकोष नीचे लटक रहे थे, वीर्य से भरे हुए, पसीने से लथपथ। उसका तंग नितंब चमक रहा था, उसका सीना सूट के नीचे मांसपेशियों से तन रहा था, काले चुचूक उत्तेजना से फुले हुए थे। उसका सपाट पेट एक गहरी नाभि से सजा था, छोटे काले बालों से घिरा हुआ, पसीने से गीला। उसकी आँखें लालची वासना से जल रही थीं, उसके होंठ कामुक मुस्कान में मुड़े हुए थे, जैसे वह जानता हो कि रात का खेल उसकी मुट्ठी में है।
उसके बगल में नीला निकली, उसकी गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी, उसका पतला लेकिन कर्वी शरीर टाइट लाल ड्रेस में कैद था। उसकी तंग योनि टपक रही थी, उसकी फुली हुई भगनासा चमक रही थी, वासना से जल रही थी। उसका गोल नितंब सख्त था, छेद पसीने से चिकना। उसके मध्यम उरोज तनावग्रस्त थे, गहरे चुचूक ड्रेस के खिलाफ तन रहे थे। उसका सपाट पेट एक छोटी नाभि से सजा था, उसके लंबे काले बाल गीले और उसकी पीठ पर बिखरे हुए थे। उसकी आँखें शरारत से चमक रही थीं, उसके होंठ कामुकता बिखेर रहे थे, रात के ऐयाशी में अपनी हिस्सेदारी लेने को तैयार।
राहुल मितु के पास आया, उसकी आवाज़ वासना से टपक रही थी। “मितु, तू रात की आग है। मैं और नीला तुझसे जलना चाहते हैं। हमारे घर चल—ये रात अविस्मरणीय होगी।” मितु ने अपनी जीभ अपने होंठों पर फेरी, उसकी मुस्कान शरारती थी। “राहुल, नीला, तुम दोनों मुझे पागल करना चाहते हो? मैं तैयार हूँ, लेकिन तुम्हें मेरे शरीर के हर छेद को भरना होगा।” नीला ने अपने बाल पीछे उछाले, शैतानी ढंग से मुस्कुराई। “चिंता मत कर, मितु। मैं तुझे हर इंच चाटूँगी, और राहुल तेरी योनि और नितंबों को चोदेगा जब तक तू बर्बाद न हो जाए।” उन्होंने मितु को कार में बिठाया, अपने आलीशान घर की ओर तेज़ी से चल पड़े।
राहुल और नीला के आलीशान बेडरूम में
मोमबत्ती की रोशनी दीवारों पर नाच रही थी, मुलायम जैज़ संगीत हवा में तैर रहा था, पसीने, वीर्य, और वासना की भारी गंध के साथ मिल रहा था। लाल साटन की चादरों से ढका एक विशाल बिस्तर खून की तरह चमक रहा था। कोने में बंधन के सामान—चमड़े की रस्सियाँ, हथकड़ियाँ, कोड़े, और फेमडम खिलौने—रात के विकृत खेलों की चुपके से प्रतीक्षा कर रहे थे। मितु अंदर आई, अपनी साड़ी उतारते हुए, उसका नंगा शरीर मोमबत्ती की रोशनी में चमक रहा था। वह हँसी, “राहुल, नीला, ये कमरा वासना का मंदिर है। तुम मुझे कैसे पागल करोगे?”
नीला ने अपनी लाल ड्रेस उतारी, उसकी गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी। “मितु, आज रात तू मेरी गुलाम है। मैं तुझे बाँधूँगी, सजा दूँगी, और तेरी योनि को अपनी जीभ पर पिघलने दूँगी।” राहुल ने अपना सूट उतारा, उसका लिंग सख्त खड़ा था, प्रीकम से टपक रहा था। वह मुस्कुराया, “मितु, मैं तेरे नितंबों और योनि को चोदूँगा जब तक तू स्वर्ग में न पहुँच जाए।” उन्होंने एक गंदा खेल शुरू किया: “फेमडम फायर,” जहाँ नीला मितु को बंधन और फेमडम रणनीतियों से दबाएगी, जबकि राहुल उनके मिलन में जंगली तीव्रता जोड़ेगा।
नीला ने मितु को बिस्तर पर लिटाया, उसकी कलाइयों को चमड़े की रस्सियों से बिस्तर के खंभों से बाँध दिया। मितु की तंग योनि टपक रही थी, उसके छोटे उरोज फुले हुए थे, गहरे चुचूक नीला के स्पर्श के लिए सख्त और काँप रहे थे। नीला ने अपना चेहरा मितु की योनि पर झुकाया, उसकी जीभ फुले हुए भगनासे को छू रही थी, धीरे-धीरे चूस रही थी। मितु के रसों ने नीला की जीभ को लपेट लिया, नमकीन-मीठा स्वाद उसके मुँह में भर गया। नीला ने अपनी जीभ अंदर डाली, मितु की योनि की दीवारों को चाटते हुए, उसके रसों को पीते हुए। मितु सिसकी, “नीला, मेरी योनि खा! तेरी जीभ मेरे शरीर में आग लगा रही है!” नीला ने मितु के नितंबों को चौड़ा किया, उसकी जीभ उसके तंग छेद में गहराई तक गई। मितु के पसीने और गंदगी की मादक गंध ने नीला की नाक भरी क्योंकि वह चूसी, उसकी जीभ किनारे पर चक्कर काट रही थी, अंदर की तलाश कर रही थी। मितु चीखी, “नीला, मेरे नितंब चूस! तू मुझे पागल कर रही है!”
राहुल नीला के पीछे घुटनों पर बैठा, उसकी जीभ नीला की तंग योनि को चाट रही थी, उसके फुले हुए भगनासे पर चक्कर काट रही थी। उसके रस उसके मुँह को लपेट रहे थे क्योंकि वह लालच से चूस रहा था। नीला सिसकी, “राहुल, मेरी योनि खा! तेरी जीभ मुझमें तूफान ला रही है!” राहुल मितु के चेहरे की ओर बढ़ा, अपना लिंग उसके होंठों पर रगड़ते हुए। मितु की जीभ गुलाबी सिरे पर चक्कर काटी, उसके नमकीन प्रीकम को चूसते हुए। वह नसों वाले शाफ्ट को चाटी, हर इंच को निगल रही थी। “राहुल, अपना लिंग मेरे मुँह में ठेल! मैं तेरा रस पीना चाहती हूँ!” वह चीखी। राहुल ने गहराई तक धक्का मारा, उसका लिंग उसके गले से टकरा रहा था, उसकी लार और उसका प्रीकम मिलकर, उसकी ठुड्डी से टपक रहा था। कमरा सिसकारियों और चूसने की गीली आवाज़ों से भर गया, मोमबत्ती की रोशनी उनके पसीने से भरे शरीरों पर नाच रही थी।
नीला, मितु की कलाइयों को अभी भी बाँधे हुए, उसने उसके पैर चौड़े किए और एक चमड़े का कोड़ा पकड़ा। उसने मितु के तंग नितंबों पर हल्के से प्रहार किया, लाल निशान छोड़ते हुए, मांस हर प्रहार के साथ काँप रहा था। मितु सिसकी, “नीला, मुझे सजा दे! मेरे नितंबों को लाल कर!” नीला ने एक मोटा डिल्डो बाँधा, इसके ठंडे सतह को मितु की योनि पर रगड़ा। उसने इसे धीरे-धीरे अंदर डाला, मितु की तंग योनि इसे निगल रही थी, शाफ्ट उसकी दीवारों पर रगड़ रहा था। नीला ने ज़ोर से धक्का मारा, डिल्डो गहराई तक गया, मितु के रस साटन की चादरों को भिगो रहे थे। मितु चीखी, “नीला, मेरी योनि को चीर दे! तेरा डिल्डो मुझे चीर रहा है!” नीला ने मितु के उरोजों को पकड़ा, उसके चुचूकों को चुटकी में लिया, मितु का शरीर काँप रहा था क्योंकि उसकी योनि फट रही थी।
नीला ने डिल्डो को मितु के नितंबों में डाला, तंग छेद इसे लेने के लिए खिंच रहा था। हर इंच उसकी दीवारों पर रगड़ रहा था, उसका छेद दबाव में काँप रहा था। मितु दर्द और सुख में चीखी, “नीला, मेरे नितंबों को चीर दे! तेरा डिल्डो मुझे पागल कर रहा है!” नीला ने अपनी योनि को मितु के मुँह पर रगड़ा, उसकी फुली हुई भगनासा उसके होंठों पर रगड़ रही थी। मितु ने नीला के रसों को चूसा, उसकी जीभ अंदर डाली। नीला सिसकी, “मितु, मेरी योनि खा! मेरी गुलाम बन, मेरा रस पी!”
नीला बिस्तर पर लेट गई, मितु उस पर सवार होकर, स्ट्रैप-ऑन डिल्डो को अपनी योनि में डाल रही थी। उसने इसे ज़ोर से रगड़ा, डिल्डो गहराई तक जा रहा था, उसकी दीवारों पर रगड़ रहा था। नीला ने मितु के उरोजों को चूसा, उसके दाँत उसके चुचूकों को चर रहे थे, जो फूल रहे थे और काँप रहे थे। मितु चीखी, “नीला, मेरी योनि तेरा डिल्डो निगल रही है! मेरे उरोज चूस!” राहुल ने अपना लिंग मितु के नितंबों में डाला, उसका तंग छेद उसे जकड़ रहा था। “राहुल, मेरे नितंबों को चीर दे! तेरा लिंग मुझे चीर रहा है!” वह चीखी। राहुल और नीला एक साथ धक्के मार रहे थे, मितु की योनि और नितंब उन्हें निगल रहे थे, उसका शरीर पसीने से चिकना काँप रहा था।
राहुल बिस्तर पर लेट गया, मितु उस पर सवार होकर, उसका लिंग उसकी योनि में फिसल रहा था। हर इंच उसकी तंग दीवारों पर रगड़ रहा था, उसके रस उसे लपेट रहे थे। नीला ने अपने स्ट्रैप-ऑन को मितु के नितंबों में डाला, गहराई तक धकेलते हुए। वे एक साथ धक्के मार रहे थे, मितु के छेद उनकी सीमा तक खिंच गए। वह चीखी, “राहुल, नीला, मेरी योनि और नितंबों को चीर दो! मैं इसे सहन नहीं कर सकती!” नीला ने मितु के चुचूकों को चुटकी में लिया, राहुल ने उसकी नाभि को चाटा, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चूस रहा था। मितु की सिसकारियाँ कमरे में भर गईं, उसका शरीर पसीने, वीर्य, और रसों से तर।
नीला ने मितु को फिर से बाँधा, उसके हाथ और पैर बिस्तर के कोनों से बाँध दिए, उसकी योनि और नितंब उजागर। उसने मितु के नितंबों और उरोजों पर कोड़ा मारा, लाल निशानों को छोड़ते हुए, मितु का शरीर हर प्रहार के साथ काँप रहा था। नीला ने अपनी योनि को मितु के मुँह पर रगड़ा, उसकी भगनासा उसके होंठों पर रगड़ रही थी। मितु ने नीला के रसों को चूसा, सिसकते हुए, “नीला, मैं तेरी गुलाम हूँ! मेरी योनि खा!” नीला ने एक वाइब्रेटर मितु की भगनासा पर दबाया, इसकी तीव्र धड़कनें उसके शरीर में झटके भेज रही थीं, उसकी योनि फट रही थी, चादरों को भिगो रही थी। मितु की चीखें दीवारों से टकरा रही थीं।
नीला ने स्ट्रैप-ऑन को मितु के नितंबों में ठेला, ज़ोर से धक्के मारते हुए, डिल्डो गहराई तक जा रहा था। मितु चीखी, “नीला, मुझे खत्म कर! तेरा डिल्डो मेरे नितंबों को चीर रहा है!” राहुल ने अपना लिंग नीला की योनि में डाला, बेरहमी से धक्के मारते हुए। नीला की योनि ने उसे निगल लिया, उसके रस उसके लिंग को लपेट रहे थे। वह सिसकी, “राहुल, मेरी योनि को चीर दे! मैं इसे सहन नहीं कर सकती!” उनके शरीर आपस में उलझे, काँप रहे थे, पसीने, वीर्य, और रसों से तर।
“फेमडम फायर” खेल अपने चरम पर पहुँचा। राहुल ने मितु की योनि में धक्के मारे, उसका गाढ़ा वीर्य उसमें बाढ़ ला रहा था, उसकी जांघों से टपक रहा था। नीला ने मितु के नितंबों को स्ट्रैप-ऑन से पीटा, मितु उन्माद में काँप रही थी, उसकी योनि फट रही थी, चादरों को भिगो रही थी। नीला ने अपनी भगनासा रगड़ी, चीखते हुए क्योंकि उसके रस मितु के शरीर पर छिड़क रहे थे, उसके पसीने और वीर्य के साथ मिल रहे थे।
वे बिस्तर पर ढह गए, उनके शरीर पसीने, वीर्य, और रसों से चिकने। मितु हाँफी, “राहुल, नीला, तुमने मुझे पागल कर दिया!” नीला हँसी, “मितु, तू एकदम सही गुलाम थी। तेरा शरीर मेरी जीभ का खिलौना है!” राहुल मुस्कुराया, “मितु, वापस आ। हम तुझे और सजा देंगे।” उनकी हँसी और सिसकारियाँ कमरे में भर गईं।
मितु का मांस का भोज
मोमबत्ती की रोशनी वाले बेडरूम में, हवा पसीने, वीर्य, और रसों की गंध से भारी थी। लाल साटन की चादरें भीगी हुई थीं, चमड़े की रस्सियाँ और कोड़े कोने में बिखरे हुए थे। मितु बिस्तर पर घुटनों के बल बैठी, उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी, उसकी तंग योनि टपक रही थी, उसके छोटे उरोज फुले हुए थे। राहुल और नीला उसके सामने खड़े थे, नंगे और पसीने से तर, राहुल का लिंग आधा सख्त और टपकता हुआ, नीला की योनि चमक रही थी। मितु मुस्कुराई, “राहुल, नीला, मैं तुम्हें हर इंच चाटूँगी, चूसूँगी, और निगल जाऊँगी! मैं तुम्हें अपनी जीभ का गुलाम बनाऊँगी!” नीला हँसी, “मितु, तू हमारी गुलाम थी, अब हमारी रानी बन!” राहुल फुसफुसाया, “मितु, मेरे लिंग से शुरू कर। मैं तेरी जीभ पर पिघलना चाहता हूँ।”
वे एक नया, गंदा खेल शुरू करते हैं: “मांस का भोज,” जहाँ मितु उनके शरीर के हर हिस्से को कामुक सटीकता के साथ चाटेगी, चूसेगी, और निगलेगी।
मितु राहुल के सामने घुटनों पर बैठी, उसके हाथ उसके लिंग को पकड़े हुए। उसकी जीभ गुलाबी सिरे पर चक्कर काटी, उसके नमकीन प्रीकम को चूसते हुए। वह नसों वाले शाफ्ट को चाटी, हर इंच का स्वाद लेते हुए। “राहुल, तेरे लिंग का स्वाद मेरी जीभ में आग लगा रहा है!” वह बुदबुदाई। वह उसके आधार तक गई, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चाटते हुए, नमकीन मादकता पीते हुए। उसने उसके भारी अंडकोष अपने मुँह में लिए, उसकी जीभ उनकी पसीने से भरी सतह पर चक्कर काट रही थी, उसके वीर्य की गंध उसे चक्कर दे रही थी। राहुल सिसका, “मितु, मेरे अंडकोष चूस! मैं तेरा वीर्य तेरे मुँह में उड़ेल दूँगा!”
मितु ने राहुल को बिस्तर पर लिटाया, उसके सख्त नितंबों को चौड़ा किया। उसकी जीभ उसके तंग छेद में गहराई तक गई, पसीने और गंदगी की मादकता चूसते हुए। वह किनारे पर चक्कर काटी, अंदर की तलाश कर रही थी, स्वाद उसके मुँह में भर गया। राहुल चीखा, “मितु, मेरे नितंब खा! तू मुझे पागल कर रही है!” उसने उसके नितंबों के गाल चूसे, हल्के से काटते हुए, लाल निशान छोड़ते हुए।
मितु ने राहुल की मांसल बाहों को पकड़ा, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चाटते हुए, उसकी उंगलियों को एक-एक करके चूसते हुए, उसकी जीभ उनके बीच बुन रही थी, नमकीन स्वाद पीते हुए। “राहुल, तेरी उंगलियाँ मेरे मुँह में लिंग जैसी लग रही हैं!” वह फुसफुसाई। राहुल सिसका, “मितु, मेरी उंगलियाँ चूस! मैं तेरी जीभ पर पिघल रहा हूँ!”
वह उसके पैरों पर गई, उसकी जीभ उसके टखनों से उसकी मांसल टांगों तक फिसली, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चाटते हुए। उसने उसके पैर की उंगलियों को चूसा, उसकी जीभ उनके बीच बुन रही थी, मादक गंध पीते हुए। राहुल सिसका, “मितु, मेरे पैर खा! तू मेरी रानी है!”
मितु ने उसकी बाहें उठाईं, उसकी जीभ उसकी पसीने से भरी काँखों में गई, घने बालों को चाटते हुए, मादक गंध चूसते हुए। “राहुल, तेरी काँखें मुझे पागल कर रही हैं!” वह बुदबुदाई। राहुल चीखा, “मितु, मेरी काँखें चूस! मैं तेरी जीभ का गुलाम हूँ!”
वह उसकी गर्दन पर चाटी, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चूसते हुए, उसकी नसों को हल्के से काटते हुए। वह उसके मांसल सीने पर गई, उसकी जीभ उसके काले चुचूकों पर चक्कर काट रही थी, उन्हें ज़ोर से चूसते हुए। राहुल सिसका, “मितु, मेरा सीना चूस! मेरा शरीर पिघल रहा है!” उसने उसके सपाट पेट को चाटा, उसकी जीभ उसकी गहरी नाभि में डूबी, पसीने से भरी त्वचा को चूसते हुए। राहुल चीखा, “मितु, मेरी नाभि खा! तू मुझे खत्म कर रही है!”
मितु ने नीला को बिस्तर पर लिटाया, उसके पैर चौड़े किए। उसकी जीभ नीला की तंग योनि को छू रही थी, उसकी फुली हुई भगनासा को चूसते हुए, उसके रसों को पीते हुए। उसने अपनी जीभ अंदर डाली, दीवारों को चाटते हुए, मादक स्वाद को निगलते हुए। “नीला, तेरी योनि का रस मेरी जीभ पर शहद है!” वह बुदबुदाई। नीला सिसकी, “मितु, मेरी योनि खा! मैं पिघल रही हूँ!”
मितु ने नीला के गोल नितंबों को चौड़ा किया, उसकी जीभ उसके तंग छेद में गहराई तक गई, पसीने की मादकता चूसते हुए। वह किनारे पर चक्कर काटी, अंदर की तलाश कर रही थी। नीला चीखी, “मितु, मेरे नितंब चूस! तू मेरी रानी है!” मितु ने उसके नितंबों के गाल चूसे, हल्के से काटते हुए, लाल निशान छोड़ते हुए।
मितु ने नीला के मध्यम उरोजों को चाटा, उसकी जीभ उसके गहरे चुचूकों पर चक्कर काट रही थी, उन्हें ज़ोर से चूसते हुए। उसने नीला के उरोजों को पकड़ा, उसके चुचूकों को काटते हुए, उन्हें फुलाते हुए। नीला सिसकी, “मितु, मेरे उरोज खा! मैं पागल हो रही हूँ!” मितु ने नीला की पसीने से भरी त्वचा को चाटा, उसकी मादकता पीते हुए।
वह नीला की बाहों पर गई, उसकी गोरी त्वचा को चाटते हुए, उसकी उंगलियों को चूसते हुए, उसकी जीभ उनके बीच बुन रही थी। “नीला, तेरी उंगलियाँ मेरे मुँह में फूलों की तरह हैं!” वह बुदबुदाई। नीला सिसकी, “मितु, मेरी उंगलियाँ चूस! मैं पिघल रही हूँ!” मितु ने नीला की टांगों को चाटा, उसके पैर की उंगलियों को चूसते हुए, मादक गंध पीते हुए। नीला चीखी, “मितु, मेरे पैर खा! तू मेरा स्वर्ग है!”
मितु ने नीला की बाहें उठाईं, उसकी पसीने से भरी काँखों को चाटते हुए, नरम त्वचा को चूसते हुए। “नीला, तेरी काँखें मुझे पागल कर रही हैं!” वह बुदबुदाई। नीला चीखी, “मितु, मेरी काँखें चूस! मैं तेरी गुलाम हूँ!” मितु ने नीला की गर्दन को चाटा, उसकी नसों को काटते हुए, फिर उसके सपाट पेट को, उसकी जीभ उसकी छोटी नाभि में डूबी। नीला सिसकी, “मितु, मेरी नाभि खा! तू मुझे खत्म कर रही है!”
मितु ने राहुल और नीला को बगल-बगल लिटाया, उसकी जीभ उनके शरीरों पर भटक रही थी। उसने राहुल का लिंग चूसा, फिर नीला की योनि को चाटा, उनके रसों को अपने मुँह में मिलाया। उसने राहुल के नितंबों को चाटा, फिर नीला के, उनकी मादक गंध को निगलते हुए। उसने उनकी काँखों को चाटा, उनकी उंगलियों और पैर की उंगलियों को चूसा, उसकी जीभ हर इंच पर दावा कर रही थी। राहुल और नीला सिसके, “मितु, तू हमारी देवी है! हमें निगलते रह!”
मितु की जीभ ने उन्हें पागल कर दिया। उसने राहुल के लिंग को चूसा जब तक उसका गाढ़ा वीर्य उसके मुँह में बाढ़ नहीं ला दिया, लालच से निगलते हुए। उसने नीला की योनि को चाटा जब तक वह काँप नहीं उठी, उसके रस मितु के चेहरे पर छिड़क गए। मितु ने उनके नितंबों, काँखों, गर्दन, और नाभियों को निगला, उनके शरीर पसीने, वीर्य, और रसों से तर।
वे ढह गए, काँपते हुए, उनके चेहरे लार और पसीने से चिकने। मितु हाँफी, “राहुल, नीला, तुम्हारे शरीर मेरी जीभ का स्वर्ग हैं!” नीला हँसी, “मितु, तू हमारी रानी है! तेरी जीभ ने हमें गुलाम बना लिया!” राहुल फुसफुसाया, “मितु, वापस आ। हम फिर पिघलना चाहते हैं!” उनकी सिसकारियाँ और हँसी कमरे में भर गईं।
नीला की शरारत
थोड़े आराम के बाद, नीला उठकर बैठी, उसके लंबे काले बाल गीले और उसके कंधों से चिपके हुए। उसकी गोरी त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रही थी, उसके गोल नितंब बिस्तर पर रगड़ रहे थे। उसने मितु की ओर देखकर मुस्कुराई, “तूने जिन दो रंडियों का ज़िक्र किया, रीता और मिली—वो कौन हैं? उन्हें किसी दिन ला। हम उन्हें बेकार चोदेंगे।” उसकी आवाज़ शरारत से टपक रही थी, उसकी आँखें लालच से चमक रही थीं।
मितु हँसी, उसकी नीली साड़ी फर्श पर पड़ी थी। वह बिस्तर पर पीछे झुकी, उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी, उसकी आवाज़ कामुक थी। “रीता और मिली? वो मेरी गली की बहनें हैं, लेकिन उनके शरीर तुम्हारी तरह जलते हैं। उनके लिंग सख्त हैं, रस से टपकते हैं, उनके नितंब तंग हैं। उन्हें यहाँ लाओ, और ये बेडरूम ढह जाएगा।” उसने अपने बाल पीछे उछाले, उसकी आँखें चमक रही थीं। राहुल से उसने कहा, “रीता का लिंग गुलाबी है, नसें उभरी हुई हैं, और मिली का मोटा है, सिरा टपक रहा है। उनके साथ खेलो, और तुम दोनों पागल हो जाओगे।”
राहुल चौंका, उसका मांसल सीना चमक रहा था। “सच में? उनके पास लिंग हैं? मुझे देखना होगा!” उसका आधा सख्त लिंग चादर पर गीला धब्बा छोड़ रहा था। वह मुस्कुराया, “मैं उनके नितंबों को चोदूँगा, और नीला उनके लिंगों को चूसेगी।” उसकी आवाज़ उत्साह से काँप रही थी, उसका लिंग फिर से सख्त हो रहा था।
मितु हँसी, “तू सही कह रहा है, राहुल। मैंने मिली के लिंग को सहलाया—वो इतना मोटा था कि मेरा मुँह इसे ले नहीं सका। मैंने गुलाबी सिरे को चाटा, रस से टपकता हुआ। रीता का लिंग? सख्त, नसों से भरा, मैं इसे चूसते हुए पागल हो गई।” उसने अपनी जीभ अपने होंठों पर फेरी, उनकी ओर आँख मारते हुए।
नीला ने अपना वाइन ग्लास नीचे रखा, उसकी गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी। “तो हमें उन्हें यहाँ लाना होगा। मैं रीता के लिंग को अपनी योनि में लूँगी, मिली के लिंग को चूसूँगी। राहुल, तू उनके नितंबों को चोदेगा। हम चारों इस कमरे में आग लगा देंगे।” उसकी योनि बोलते समय टपक रही थी, उसके नितंब बिस्तर पर रगड़ रहे थे।
राहुल हँसा, अपने लिंग को सहलाते हुए। “बिलकुल! अगर उनके लिंग इतने अच्छे हैं, मैं उनके नितंबों को पीटूँगा, और नीला उन्हें चूसकर सुखा देगी। हम इस बेडरूम को बर्बाद कर देंगे।” उसका लिंग पूरी तरह खड़ा था, प्रीकम से टपक रहा था।
मितु ने कपड़े पहनना शुरू किया, उसका पतला शरीर साड़ी में लिपटा, उसकी गोरी त्वचा और तंग नितंब झलक रहे थे। उसने अपने बालों में चोटी बनाई, अपने पसीने से भरे माथे को पोंछा। “ठीक है, राहुल, नीला। मैं रीता और मिली को लाऊँगी। तैयार रहो—उनके लिंग और नितंब तुम्हें पागल कर देंगे।” उसने लिपस्टिक लगाई, शीशे में मुस्कुराते हुए।
राहुल ने एक चमड़े का बटुआ निकाला, मितु को नोटों का मोटा बंडल दिया। “ये तेरे लिए, मितु। तूने हमारी रात को पागल कर दिया।” मितु ने पैसे जेब में डाले, मुस्कुराते हुए, “शुक्रिया, राहुल। अगली बार और भी जंगली होगी।” नीला हँसी, “मितु, तू हमारी रानी है। जल्दी वापस आ।”
मितु ने अपनी साड़ी ठीक की, अपनी हील्स पहनीं, और चली गई। राहुल और नीला बिस्तर पर लेटे, उनके शरीर पसीने और रसों से चिकने। मितु अंधेरी गली में कदम रखी, जेब में पैसे, होंठों पर कामुक मुस्कान। चलते हुए, वह रीता और मिली के साथ अगले खेल के बारे में सोच रही थी, जो पहले से भी ज्यादा गंदा होगा। रात की हवा उसकी गंध ले गई, अंधेरा उसे निगल गया।
मितु के जाने के कुछ समय बाद, गली के किनारे एक और ग्राहक आता है। राजू, 28 साल का एक रिक्शा चालक, लंबा और मजबूत कद-काठी वाला, सड़कों पर रिक्शा खींचने की मेहनत से उसका देह मांसपेशियों से भरा हुआ। उसकी गहरी त्वचा चैत्र की धूप में पसीने से चमक रही थी, उसकी कच्ची, पाशविक मर्दानगी को और बढ़ाते हुए। उसकी आँखों में सादगी की झलक थी, लेकिन उसके भीतर एक जंगली, गंदी भूख जल रही थी। एक फटी हुई नीली लुंगी और घिसी हुई सफेद कमीज में लिपटा, उसका सात इंच का लिंग कपड़े के नीचे धड़क रहा था, नसें उभरी हुई थीं, सिरा प्रीकम से चिकना। उसका सीना घने, पसीने से भरे बालों से ढका था, उसकी बाहें मांसपेशियों से तनी थीं, और उसकी जांघें ताकत से लबरेज थीं। उसकी खुरदरी दाढ़ी और पान चबाने से लाल रंगे होंठ उसकी रूखी आकर्षण को बढ़ा रहे थे, जबकि उसका शरीर पसीने और मिट्टी की मादक गंध छोड़ रहा था। उसकी मासूम मुस्कान के पीछे एक जंगली, विकृत वासना छिपी थी, जो रीता के साड़ी में लिपटे कर्व्स को देखकर भड़क उठी थी।
राजू करीब आया, कुछ कुचली हुई नोटों को पकड़े हुए। “कितना?” वह गुर्राया, उसकी आवाज़ रूखी थी, उसकी आँखें रीता के हिलते उरोजों पर टिकी थीं। रीता ने सिगरेट का धुआँ छोड़ा, उसके होंठ मोहक मुस्कान में मुड़े। “तेरे जैसे जानवर के लिए सस्ता है। आ, मेरे नितंब तेरे लिंग के लिए रो रहे हैं।”
राजू ने उसका हाथ पकड़ा, उसे गली की गहराई में एक जर्जर कमरे की ओर ले गया, जो एक परित्यक्त दुकान के पीछे था। गंदी ज़मीन मलबे से भरी थी, टूटी दीवारें पसीने और तारकोल की बदबू से सनी थीं, और हवा पाशविक तनाव से भारी थी। राजू ने रीता की साड़ी उसकी कमर तक उठाई, उसे पूरी तरह उतारने की जहमत नहीं उठाई। उसके गोरे, गोल नितंब नंगे हो गए, तंग छेद पसीने से चमक रहा था, गहरे बालों से घिरा हुआ। उसका छह इंच का लिंग, आधा सख्त, साड़ी के नीचे छिपा रहा। उसका ब्लाउज़ तंग था, गहरे चुचूक कपड़े के खिलाफ तन रहे थे, उसकी त्वचा पसीने से चमक रही थी।
राजू ने रीता को गंदी ज़मीन पर घुटनों के बल बिठाया, उसके नितंब ऊँचे उठे। उसने अपने हाथों को गंदगी में टेका, उसकी साड़ी कमर पर इकट्ठी थी, उसका नितंब खुला और असुरक्षित। राजू ने अपनी लुंगी उठाई, अपना सात इंच का लिंग प्रकट किया, जो पत्थर की तरह सख्त था, नसें धड़क रही थीं, सिरा प्रीकम से चमक रहा था। उसने इसे रीता के तंग छेद पर रगड़ा, उनके पसीने और प्रीकम एक चिकनी, गंदी चिकनाई में मिल गए। “तेरे नितंब मेरे लिंग के लिए बने हैं, रीता। इसे ले!” वह गुर्राया, और बेरहमी से धक्का मारा, उसका लिंग उसके तंग, पसीने से भरे छेद में गहराई तक उतर गया।
रीता चीखी, “ओह, राजू… तू मेरे नितंबों को चीर रहा है!” राजू ने बेरहमी से धक्के मारे, उसका लिंग गहराई तक जा रहा था, नसों वाला शाफ्ट उसकी भीतरी दीवारों को रगड़ रहा था। उसका शरीर हर धक्के के साथ काँप रहा था, उसके नितंब उसकी कमर से टकरा रहे थे। राजू ने उसके नितंबों पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, लाल निशान छोड़ते हुए, गुर्राते हुए, “रीता, तेरा नितंब मेरा लिंग निगल रहा है! चुप रह, मेरी गंदी रंडी!” रीता की सिसकारियाँ गली में गूँज रही थीं, “ओह, राजू… मेरे नितंब जल रहे हैं!”
उसने उसके बाल पकड़े, उसका सिर पीछे खींचा, और स्थिति बदली, उसे टूटी दीवार के खिलाफ दबा दिया। उसका लिंग और गहराई तक गया, उसका पसीने से भरा सीना उसके पीठ पर रगड़ रहा था। उसके हाथों ने उसके उरोजों को पकड़ा, ब्लाउज़ के ज़रिए उसके चुचूकों को चुटकी में लिया, उन्हें मोड़ते हुए जब तक वे सख्त और फूल नहीं गए। रीता की सिसकारियाँ जंगली हो गईं, उसका शरीर दर्द और सुख से काँप रहा था। राजू का लिंग अंदर-बाहर फिसल रहा था, पसीने और प्रीकम से चिकना, उसका छेद उसे ज़ोर से जकड़ रहा था।
राजू ने लिंग बाहर खींचा, रीता को फिर से घुटनों पर बिठाया। उसके होंठ, लिपस्टिक और पसीने से लाल, खुले, और उसने अपना लिंग उसके मुँह में ठेल दिया। नसों वाला शाफ्ट उसकी जीभ पर रगड़ा, उसके प्रीकम और उसके नितंबों का मादक स्वाद उसके होश उड़ा रहा था। “चूस, रीता! मेरे लिंग का रस पी!” राजू गरजा, उसके हाथ उसके बालों को ज़ोर से पकड़े हुए। रीता ने भूखेपन से चूसा, उसकी जीभ फुले हुए सिरे पर चक्कर काट रही थी, प्रीकम और उसके अपने गंध का नमकीन मिश्रण चखते हुए। वह उसके मुँह में धक्के मार रहा था, उसका लिंग उसके गले के पीछे टकरा रहा था, जिससे वह उबकने लगी, उसकी आँखें पानी से भरी थीं, लेकिन उसने चूसना जारी रखा, उसके होंठ चिकने और तंग।
राजू का शरीर तन गया, और वह फट पड़ा, उसका गर्म, नमकीन वीर्य रीता के मुँह में बाढ़ ला रहा था, उसके होंठों से टपक रहा था, उसकी ठुड्डी पर बह रहा था। वह लालच से निगली, उसका चेहरा चिपचिपा, उसकी लिपस्टिक धब्बेदार। “तेरा मुँह मेरे वीर्य के लिए बना है,” राजू हँसा, उसकी आवाज़ संतुष्टि से भारी।
उसने रीता की साड़ी और ऊँची उठाई, उसके छह इंच के लिंग को उजागर किया, जो सख्त और धड़क रहा था, नसें उभरी हुई थीं, सिरा प्रीकम से चमक रहा था। राजू के रूखे, कठोर हाथ ने इसे थोड़ा सहलाया, उसकी उंगलियाँ चिकने सिरे को छेड़ रही थीं, लेकिन वह रुक गया। रीता का लिंग काँप रहा था, उसका शरीर रिहाई के लिए तरस रहा था, लेकिन उसने उसे नकार दिया। “मुझे तेरे वीर्य की ज़रूरत नहीं, रीता। तेरा नितंब और मुँह मेरे लिंग के लिए काफी हैं,” उसने तंज कसा, उसकी मुस्कान क्रूर थी। उसने अपनी लुंगी ठीक की, कुछ कुचली हुई नोटें रीता की साड़ी में ठूँसीं, और गली में बाहर निकल गया।
रीता गंदी ज़मीन पर घुटनों के बल रही, उसकी साड़ी कमर पर इकट्ठी थी, उसके नितंब राजू के वीर्य से चिपचिपे थे, उसका मुँह उसके नमकीन रिहाई का स्वाद लिए हुए था। उसका लिंग, अभी भी सख्त और टपकता हुआ, अधूरी वासना से धड़क रहा था। उसने अपनी साड़ी ठीक की, एक सिगरेट जलाई, और धुआँ छोड़ा, उसकी आँखें थकान और अतृप्त भूख का मिश्रण थीं। गली का अंधेरा उसकी सिसकारियों को निगल गया, लेकिन उसके भीतर की आग जलती रही।
मितु की आग भरी रात
शाम की गली में मद्धम रोशनी में, हवा वासना की गंध से भारी थी। मितु अकेली खड़ी थी, उसकी नीली साड़ी उसके पसीने से भरे शरीर से चिपकी हुई थी, हर कर्व पतले कपड़े से उभर रहा था। उसकी गोरी त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रही थी, पसीने की बूँदें उसके माथे से उसकी गर्दन की नसों तक लुढ़क रही थीं, उसके शरीर का हर इंच वासना से चीख रहा था। उसकी तंग योनि उत्तेजना से टपक रही थी, रस उसकी जांघों से नीचे बह रहा था, साड़ी को दागदार कर रहा था। उसके छोटे उरोज सख्त थे, गहरे चुचूक कपड़े के खिलाफ तन रहे थे, रिहाई की भीख माँग रहे थे। उसका तंग नितंब, पसीने से चिकना, साड़ी की सिलवटों से झलक रहा था, उसका गोल आकार निर्विवाद था। उसके लंबे काले बाल उसकी गर्दन से चिपके थे, पसीने से गीले, हर तार उसकी त्वचा से चिपका हुआ था। उसकी आँखें शरारती मुस्कान से चमक रही थीं, उसके होंठ हल्के लाल लिपस्टिक से रंगे थे, एक शिकारी अपनी शिकार की प्रतीक्षा में।
गली के मुँह पर एक चमकदार काली मर्सिडीज़ रुकी। राहुल बाहर निकला, उसकी शहद जैसी त्वचा पसीने से चमक रही थी, उसका मांसल ढांचा महंगे काले सूट में लिपटा हुआ था। उसका लिंग, सख्त और नसों से भरा, उसकी पतलून के खिलाफ दब रहा था, गुलाबी सिरा प्रीकम से चिकना। उसके भारी अंडकोष नीचे लटक रहे थे, वीर्य से भरे हुए, पसीने से लथपथ। उसका तंग नितंब चमक रहा था, उसका सीना सूट के नीचे मांसपेशियों से तन रहा था, काले चुचूक उत्तेजना से फुले हुए थे। उसका सपाट पेट एक गहरी नाभि से सजा था, छोटे काले बालों से घिरा हुआ, पसीने से गीला। उसकी आँखें लालची वासना से जल रही थीं, उसके होंठ कामुक मुस्कान में मुड़े हुए थे, जैसे वह जानता हो कि रात का खेल उसकी मुट्ठी में है।
उसके बगल में नीला निकली, उसकी गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी, उसका पतला लेकिन कर्वी शरीर टाइट लाल ड्रेस में कैद था। उसकी तंग योनि टपक रही थी, उसकी फुली हुई भगनासा चमक रही थी, वासना से जल रही थी। उसका गोल नितंब सख्त था, छेद पसीने से चिकना। उसके मध्यम उरोज तनावग्रस्त थे, गहरे चुचूक ड्रेस के खिलाफ तन रहे थे। उसका सपाट पेट एक छोटी नाभि से सजा था, उसके लंबे काले बाल गीले और उसकी पीठ पर बिखरे हुए थे। उसकी आँखें शरारत से चमक रही थीं, उसके होंठ कामुकता बिखेर रहे थे, रात के ऐयाशी में अपनी हिस्सेदारी लेने को तैयार।
राहुल मितु के पास आया, उसकी आवाज़ वासना से टपक रही थी। “मितु, तू रात की आग है। मैं और नीला तुझसे जलना चाहते हैं। हमारे घर चल—ये रात अविस्मरणीय होगी।” मितु ने अपनी जीभ अपने होंठों पर फेरी, उसकी मुस्कान शरारती थी। “राहुल, नीला, तुम दोनों मुझे पागल करना चाहते हो? मैं तैयार हूँ, लेकिन तुम्हें मेरे शरीर के हर छेद को भरना होगा।” नीला ने अपने बाल पीछे उछाले, शैतानी ढंग से मुस्कुराई। “चिंता मत कर, मितु। मैं तुझे हर इंच चाटूँगी, और राहुल तेरी योनि और नितंबों को चोदेगा जब तक तू बर्बाद न हो जाए।” उन्होंने मितु को कार में बिठाया, अपने आलीशान घर की ओर तेज़ी से चल पड़े।
राहुल और नीला के आलीशान बेडरूम में
मोमबत्ती की रोशनी दीवारों पर नाच रही थी, मुलायम जैज़ संगीत हवा में तैर रहा था, पसीने, वीर्य, और वासना की भारी गंध के साथ मिल रहा था। लाल साटन की चादरों से ढका एक विशाल बिस्तर खून की तरह चमक रहा था। कोने में बंधन के सामान—चमड़े की रस्सियाँ, हथकड़ियाँ, कोड़े, और फेमडम खिलौने—रात के विकृत खेलों की चुपके से प्रतीक्षा कर रहे थे। मितु अंदर आई, अपनी साड़ी उतारते हुए, उसका नंगा शरीर मोमबत्ती की रोशनी में चमक रहा था। वह हँसी, “राहुल, नीला, ये कमरा वासना का मंदिर है। तुम मुझे कैसे पागल करोगे?”
नीला ने अपनी लाल ड्रेस उतारी, उसकी गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी। “मितु, आज रात तू मेरी गुलाम है। मैं तुझे बाँधूँगी, सजा दूँगी, और तेरी योनि को अपनी जीभ पर पिघलने दूँगी।” राहुल ने अपना सूट उतारा, उसका लिंग सख्त खड़ा था, प्रीकम से टपक रहा था। वह मुस्कुराया, “मितु, मैं तेरे नितंबों और योनि को चोदूँगा जब तक तू स्वर्ग में न पहुँच जाए।” उन्होंने एक गंदा खेल शुरू किया: “फेमडम फायर,” जहाँ नीला मितु को बंधन और फेमडम रणनीतियों से दबाएगी, जबकि राहुल उनके मिलन में जंगली तीव्रता जोड़ेगा।
नीला ने मितु को बिस्तर पर लिटाया, उसकी कलाइयों को चमड़े की रस्सियों से बिस्तर के खंभों से बाँध दिया। मितु की तंग योनि टपक रही थी, उसके छोटे उरोज फुले हुए थे, गहरे चुचूक नीला के स्पर्श के लिए सख्त और काँप रहे थे। नीला ने अपना चेहरा मितु की योनि पर झुकाया, उसकी जीभ फुले हुए भगनासे को छू रही थी, धीरे-धीरे चूस रही थी। मितु के रसों ने नीला की जीभ को लपेट लिया, नमकीन-मीठा स्वाद उसके मुँह में भर गया। नीला ने अपनी जीभ अंदर डाली, मितु की योनि की दीवारों को चाटते हुए, उसके रसों को पीते हुए। मितु सिसकी, “नीला, मेरी योनि खा! तेरी जीभ मेरे शरीर में आग लगा रही है!” नीला ने मितु के नितंबों को चौड़ा किया, उसकी जीभ उसके तंग छेद में गहराई तक गई। मितु के पसीने और गंदगी की मादक गंध ने नीला की नाक भरी क्योंकि वह चूसी, उसकी जीभ किनारे पर चक्कर काट रही थी, अंदर की तलाश कर रही थी। मितु चीखी, “नीला, मेरे नितंब चूस! तू मुझे पागल कर रही है!”
राहुल नीला के पीछे घुटनों पर बैठा, उसकी जीभ नीला की तंग योनि को चाट रही थी, उसके फुले हुए भगनासे पर चक्कर काट रही थी। उसके रस उसके मुँह को लपेट रहे थे क्योंकि वह लालच से चूस रहा था। नीला सिसकी, “राहुल, मेरी योनि खा! तेरी जीभ मुझमें तूफान ला रही है!” राहुल मितु के चेहरे की ओर बढ़ा, अपना लिंग उसके होंठों पर रगड़ते हुए। मितु की जीभ गुलाबी सिरे पर चक्कर काटी, उसके नमकीन प्रीकम को चूसते हुए। वह नसों वाले शाफ्ट को चाटी, हर इंच को निगल रही थी। “राहुल, अपना लिंग मेरे मुँह में ठेल! मैं तेरा रस पीना चाहती हूँ!” वह चीखी। राहुल ने गहराई तक धक्का मारा, उसका लिंग उसके गले से टकरा रहा था, उसकी लार और उसका प्रीकम मिलकर, उसकी ठुड्डी से टपक रहा था। कमरा सिसकारियों और चूसने की गीली आवाज़ों से भर गया, मोमबत्ती की रोशनी उनके पसीने से भरे शरीरों पर नाच रही थी।
नीला, मितु की कलाइयों को अभी भी बाँधे हुए, उसने उसके पैर चौड़े किए और एक चमड़े का कोड़ा पकड़ा। उसने मितु के तंग नितंबों पर हल्के से प्रहार किया, लाल निशान छोड़ते हुए, मांस हर प्रहार के साथ काँप रहा था। मितु सिसकी, “नीला, मुझे सजा दे! मेरे नितंबों को लाल कर!” नीला ने एक मोटा डिल्डो बाँधा, इसके ठंडे सतह को मितु की योनि पर रगड़ा। उसने इसे धीरे-धीरे अंदर डाला, मितु की तंग योनि इसे निगल रही थी, शाफ्ट उसकी दीवारों पर रगड़ रहा था। नीला ने ज़ोर से धक्का मारा, डिल्डो गहराई तक गया, मितु के रस साटन की चादरों को भिगो रहे थे। मितु चीखी, “नीला, मेरी योनि को चीर दे! तेरा डिल्डो मुझे चीर रहा है!” नीला ने मितु के उरोजों को पकड़ा, उसके चुचूकों को चुटकी में लिया, मितु का शरीर काँप रहा था क्योंकि उसकी योनि फट रही थी।
नीला ने डिल्डो को मितु के नितंबों में डाला, तंग छेद इसे लेने के लिए खिंच रहा था। हर इंच उसकी दीवारों पर रगड़ रहा था, उसका छेद दबाव में काँप रहा था। मितु दर्द और सुख में चीखी, “नीला, मेरे नितंबों को चीर दे! तेरा डिल्डो मुझे पागल कर रहा है!” नीला ने अपनी योनि को मितु के मुँह पर रगड़ा, उसकी फुली हुई भगनासा उसके होंठों पर रगड़ रही थी। मितु ने नीला के रसों को चूसा, उसकी जीभ अंदर डाली। नीला सिसकी, “मितु, मेरी योनि खा! मेरी गुलाम बन, मेरा रस पी!”
नीला बिस्तर पर लेट गई, मितु उस पर सवार होकर, स्ट्रैप-ऑन डिल्डो को अपनी योनि में डाल रही थी। उसने इसे ज़ोर से रगड़ा, डिल्डो गहराई तक जा रहा था, उसकी दीवारों पर रगड़ रहा था। नीला ने मितु के उरोजों को चूसा, उसके दाँत उसके चुचूकों को चर रहे थे, जो फूल रहे थे और काँप रहे थे। मितु चीखी, “नीला, मेरी योनि तेरा डिल्डो निगल रही है! मेरे उरोज चूस!” राहुल ने अपना लिंग मितु के नितंबों में डाला, उसका तंग छेद उसे जकड़ रहा था। “राहुल, मेरे नितंबों को चीर दे! तेरा लिंग मुझे चीर रहा है!” वह चीखी। राहुल और नीला एक साथ धक्के मार रहे थे, मितु की योनि और नितंब उन्हें निगल रहे थे, उसका शरीर पसीने से चिकना काँप रहा था।
राहुल बिस्तर पर लेट गया, मितु उस पर सवार होकर, उसका लिंग उसकी योनि में फिसल रहा था। हर इंच उसकी तंग दीवारों पर रगड़ रहा था, उसके रस उसे लपेट रहे थे। नीला ने अपने स्ट्रैप-ऑन को मितु के नितंबों में डाला, गहराई तक धकेलते हुए। वे एक साथ धक्के मार रहे थे, मितु के छेद उनकी सीमा तक खिंच गए। वह चीखी, “राहुल, नीला, मेरी योनि और नितंबों को चीर दो! मैं इसे सहन नहीं कर सकती!” नीला ने मितु के चुचूकों को चुटकी में लिया, राहुल ने उसकी नाभि को चाटा, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चूस रहा था। मितु की सिसकारियाँ कमरे में भर गईं, उसका शरीर पसीने, वीर्य, और रसों से तर।
नीला ने मितु को फिर से बाँधा, उसके हाथ और पैर बिस्तर के कोनों से बाँध दिए, उसकी योनि और नितंब उजागर। उसने मितु के नितंबों और उरोजों पर कोड़ा मारा, लाल निशानों को छोड़ते हुए, मितु का शरीर हर प्रहार के साथ काँप रहा था। नीला ने अपनी योनि को मितु के मुँह पर रगड़ा, उसकी भगनासा उसके होंठों पर रगड़ रही थी। मितु ने नीला के रसों को चूसा, सिसकते हुए, “नीला, मैं तेरी गुलाम हूँ! मेरी योनि खा!” नीला ने एक वाइब्रेटर मितु की भगनासा पर दबाया, इसकी तीव्र धड़कनें उसके शरीर में झटके भेज रही थीं, उसकी योनि फट रही थी, चादरों को भिगो रही थी। मितु की चीखें दीवारों से टकरा रही थीं।
नीला ने स्ट्रैप-ऑन को मितु के नितंबों में ठेला, ज़ोर से धक्के मारते हुए, डिल्डो गहराई तक जा रहा था। मितु चीखी, “नीला, मुझे खत्म कर! तेरा डिल्डो मेरे नितंबों को चीर रहा है!” राहुल ने अपना लिंग नीला की योनि में डाला, बेरहमी से धक्के मारते हुए। नीला की योनि ने उसे निगल लिया, उसके रस उसके लिंग को लपेट रहे थे। वह सिसकी, “राहुल, मेरी योनि को चीर दे! मैं इसे सहन नहीं कर सकती!” उनके शरीर आपस में उलझे, काँप रहे थे, पसीने, वीर्य, और रसों से तर।
“फेमडम फायर” खेल अपने चरम पर पहुँचा। राहुल ने मितु की योनि में धक्के मारे, उसका गाढ़ा वीर्य उसमें बाढ़ ला रहा था, उसकी जांघों से टपक रहा था। नीला ने मितु के नितंबों को स्ट्रैप-ऑन से पीटा, मितु उन्माद में काँप रही थी, उसकी योनि फट रही थी, चादरों को भिगो रही थी। नीला ने अपनी भगनासा रगड़ी, चीखते हुए क्योंकि उसके रस मितु के शरीर पर छिड़क रहे थे, उसके पसीने और वीर्य के साथ मिल रहे थे।
वे बिस्तर पर ढह गए, उनके शरीर पसीने, वीर्य, और रसों से चिकने। मितु हाँफी, “राहुल, नीला, तुमने मुझे पागल कर दिया!” नीला हँसी, “मितु, तू एकदम सही गुलाम थी। तेरा शरीर मेरी जीभ का खिलौना है!” राहुल मुस्कुराया, “मितु, वापस आ। हम तुझे और सजा देंगे।” उनकी हँसी और सिसकारियाँ कमरे में भर गईं।
मितु का मांस का भोज
मोमबत्ती की रोशनी वाले बेडरूम में, हवा पसीने, वीर्य, और रसों की गंध से भारी थी। लाल साटन की चादरें भीगी हुई थीं, चमड़े की रस्सियाँ और कोड़े कोने में बिखरे हुए थे। मितु बिस्तर पर घुटनों के बल बैठी, उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी, उसकी तंग योनि टपक रही थी, उसके छोटे उरोज फुले हुए थे। राहुल और नीला उसके सामने खड़े थे, नंगे और पसीने से तर, राहुल का लिंग आधा सख्त और टपकता हुआ, नीला की योनि चमक रही थी। मितु मुस्कुराई, “राहुल, नीला, मैं तुम्हें हर इंच चाटूँगी, चूसूँगी, और निगल जाऊँगी! मैं तुम्हें अपनी जीभ का गुलाम बनाऊँगी!” नीला हँसी, “मितु, तू हमारी गुलाम थी, अब हमारी रानी बन!” राहुल फुसफुसाया, “मितु, मेरे लिंग से शुरू कर। मैं तेरी जीभ पर पिघलना चाहता हूँ।”
वे एक नया, गंदा खेल शुरू करते हैं: “मांस का भोज,” जहाँ मितु उनके शरीर के हर हिस्से को कामुक सटीकता के साथ चाटेगी, चूसेगी, और निगलेगी।
मितु राहुल के सामने घुटनों पर बैठी, उसके हाथ उसके लिंग को पकड़े हुए। उसकी जीभ गुलाबी सिरे पर चक्कर काटी, उसके नमकीन प्रीकम को चूसते हुए। वह नसों वाले शाफ्ट को चाटी, हर इंच का स्वाद लेते हुए। “राहुल, तेरे लिंग का स्वाद मेरी जीभ में आग लगा रहा है!” वह बुदबुदाई। वह उसके आधार तक गई, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चाटते हुए, नमकीन मादकता पीते हुए। उसने उसके भारी अंडकोष अपने मुँह में लिए, उसकी जीभ उनकी पसीने से भरी सतह पर चक्कर काट रही थी, उसके वीर्य की गंध उसे चक्कर दे रही थी। राहुल सिसका, “मितु, मेरे अंडकोष चूस! मैं तेरा वीर्य तेरे मुँह में उड़ेल दूँगा!”
मितु ने राहुल को बिस्तर पर लिटाया, उसके सख्त नितंबों को चौड़ा किया। उसकी जीभ उसके तंग छेद में गहराई तक गई, पसीने और गंदगी की मादकता चूसते हुए। वह किनारे पर चक्कर काटी, अंदर की तलाश कर रही थी, स्वाद उसके मुँह में भर गया। राहुल चीखा, “मितु, मेरे नितंब खा! तू मुझे पागल कर रही है!” उसने उसके नितंबों के गाल चूसे, हल्के से काटते हुए, लाल निशान छोड़ते हुए।
मितु ने राहुल की मांसल बाहों को पकड़ा, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चाटते हुए, उसकी उंगलियों को एक-एक करके चूसते हुए, उसकी जीभ उनके बीच बुन रही थी, नमकीन स्वाद पीते हुए। “राहुल, तेरी उंगलियाँ मेरे मुँह में लिंग जैसी लग रही हैं!” वह फुसफुसाई। राहुल सिसका, “मितु, मेरी उंगलियाँ चूस! मैं तेरी जीभ पर पिघल रहा हूँ!”
वह उसके पैरों पर गई, उसकी जीभ उसके टखनों से उसकी मांसल टांगों तक फिसली, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चाटते हुए। उसने उसके पैर की उंगलियों को चूसा, उसकी जीभ उनके बीच बुन रही थी, मादक गंध पीते हुए। राहुल सिसका, “मितु, मेरे पैर खा! तू मेरी रानी है!”
मितु ने उसकी बाहें उठाईं, उसकी जीभ उसकी पसीने से भरी काँखों में गई, घने बालों को चाटते हुए, मादक गंध चूसते हुए। “राहुल, तेरी काँखें मुझे पागल कर रही हैं!” वह बुदबुदाई। राहुल चीखा, “मितु, मेरी काँखें चूस! मैं तेरी जीभ का गुलाम हूँ!”
वह उसकी गर्दन पर चाटी, उसकी पसीने से भरी त्वचा को चूसते हुए, उसकी नसों को हल्के से काटते हुए। वह उसके मांसल सीने पर गई, उसकी जीभ उसके काले चुचूकों पर चक्कर काट रही थी, उन्हें ज़ोर से चूसते हुए। राहुल सिसका, “मितु, मेरा सीना चूस! मेरा शरीर पिघल रहा है!” उसने उसके सपाट पेट को चाटा, उसकी जीभ उसकी गहरी नाभि में डूबी, पसीने से भरी त्वचा को चूसते हुए। राहुल चीखा, “मितु, मेरी नाभि खा! तू मुझे खत्म कर रही है!”
मितु ने नीला को बिस्तर पर लिटाया, उसके पैर चौड़े किए। उसकी जीभ नीला की तंग योनि को छू रही थी, उसकी फुली हुई भगनासा को चूसते हुए, उसके रसों को पीते हुए। उसने अपनी जीभ अंदर डाली, दीवारों को चाटते हुए, मादक स्वाद को निगलते हुए। “नीला, तेरी योनि का रस मेरी जीभ पर शहद है!” वह बुदबुदाई। नीला सिसकी, “मितु, मेरी योनि खा! मैं पिघल रही हूँ!”
मितु ने नीला के गोल नितंबों को चौड़ा किया, उसकी जीभ उसके तंग छेद में गहराई तक गई, पसीने की मादकता चूसते हुए। वह किनारे पर चक्कर काटी, अंदर की तलाश कर रही थी। नीला चीखी, “मितु, मेरे नितंब चूस! तू मेरी रानी है!” मितु ने उसके नितंबों के गाल चूसे, हल्के से काटते हुए, लाल निशान छोड़ते हुए।
मितु ने नीला के मध्यम उरोजों को चाटा, उसकी जीभ उसके गहरे चुचूकों पर चक्कर काट रही थी, उन्हें ज़ोर से चूसते हुए। उसने नीला के उरोजों को पकड़ा, उसके चुचूकों को काटते हुए, उन्हें फुलाते हुए। नीला सिसकी, “मितु, मेरे उरोज खा! मैं पागल हो रही हूँ!” मितु ने नीला की पसीने से भरी त्वचा को चाटा, उसकी मादकता पीते हुए।
वह नीला की बाहों पर गई, उसकी गोरी त्वचा को चाटते हुए, उसकी उंगलियों को चूसते हुए, उसकी जीभ उनके बीच बुन रही थी। “नीला, तेरी उंगलियाँ मेरे मुँह में फूलों की तरह हैं!” वह बुदबुदाई। नीला सिसकी, “मितु, मेरी उंगलियाँ चूस! मैं पिघल रही हूँ!” मितु ने नीला की टांगों को चाटा, उसके पैर की उंगलियों को चूसते हुए, मादक गंध पीते हुए। नीला चीखी, “मितु, मेरे पैर खा! तू मेरा स्वर्ग है!”
मितु ने नीला की बाहें उठाईं, उसकी पसीने से भरी काँखों को चाटते हुए, नरम त्वचा को चूसते हुए। “नीला, तेरी काँखें मुझे पागल कर रही हैं!” वह बुदबुदाई। नीला चीखी, “मितु, मेरी काँखें चूस! मैं तेरी गुलाम हूँ!” मितु ने नीला की गर्दन को चाटा, उसकी नसों को काटते हुए, फिर उसके सपाट पेट को, उसकी जीभ उसकी छोटी नाभि में डूबी। नीला सिसकी, “मितु, मेरी नाभि खा! तू मुझे खत्म कर रही है!”
मितु ने राहुल और नीला को बगल-बगल लिटाया, उसकी जीभ उनके शरीरों पर भटक रही थी। उसने राहुल का लिंग चूसा, फिर नीला की योनि को चाटा, उनके रसों को अपने मुँह में मिलाया। उसने राहुल के नितंबों को चाटा, फिर नीला के, उनकी मादक गंध को निगलते हुए। उसने उनकी काँखों को चाटा, उनकी उंगलियों और पैर की उंगलियों को चूसा, उसकी जीभ हर इंच पर दावा कर रही थी। राहुल और नीला सिसके, “मितु, तू हमारी देवी है! हमें निगलते रह!”
मितु की जीभ ने उन्हें पागल कर दिया। उसने राहुल के लिंग को चूसा जब तक उसका गाढ़ा वीर्य उसके मुँह में बाढ़ नहीं ला दिया, लालच से निगलते हुए। उसने नीला की योनि को चाटा जब तक वह काँप नहीं उठी, उसके रस मितु के चेहरे पर छिड़क गए। मितु ने उनके नितंबों, काँखों, गर्दन, और नाभियों को निगला, उनके शरीर पसीने, वीर्य, और रसों से तर।
वे ढह गए, काँपते हुए, उनके चेहरे लार और पसीने से चिकने। मितु हाँफी, “राहुल, नीला, तुम्हारे शरीर मेरी जीभ का स्वर्ग हैं!” नीला हँसी, “मितु, तू हमारी रानी है! तेरी जीभ ने हमें गुलाम बना लिया!” राहुल फुसफुसाया, “मितु, वापस आ। हम फिर पिघलना चाहते हैं!” उनकी सिसकारियाँ और हँसी कमरे में भर गईं।
नीला की शरारत
थोड़े आराम के बाद, नीला उठकर बैठी, उसके लंबे काले बाल गीले और उसके कंधों से चिपके हुए। उसकी गोरी त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रही थी, उसके गोल नितंब बिस्तर पर रगड़ रहे थे। उसने मितु की ओर देखकर मुस्कुराई, “तूने जिन दो रंडियों का ज़िक्र किया, रीता और मिली—वो कौन हैं? उन्हें किसी दिन ला। हम उन्हें बेकार चोदेंगे।” उसकी आवाज़ शरारत से टपक रही थी, उसकी आँखें लालच से चमक रही थीं।
मितु हँसी, उसकी नीली साड़ी फर्श पर पड़ी थी। वह बिस्तर पर पीछे झुकी, उसकी गोरी त्वचा चमक रही थी, उसकी आवाज़ कामुक थी। “रीता और मिली? वो मेरी गली की बहनें हैं, लेकिन उनके शरीर तुम्हारी तरह जलते हैं। उनके लिंग सख्त हैं, रस से टपकते हैं, उनके नितंब तंग हैं। उन्हें यहाँ लाओ, और ये बेडरूम ढह जाएगा।” उसने अपने बाल पीछे उछाले, उसकी आँखें चमक रही थीं। राहुल से उसने कहा, “रीता का लिंग गुलाबी है, नसें उभरी हुई हैं, और मिली का मोटा है, सिरा टपक रहा है। उनके साथ खेलो, और तुम दोनों पागल हो जाओगे।”
राहुल चौंका, उसका मांसल सीना चमक रहा था। “सच में? उनके पास लिंग हैं? मुझे देखना होगा!” उसका आधा सख्त लिंग चादर पर गीला धब्बा छोड़ रहा था। वह मुस्कुराया, “मैं उनके नितंबों को चोदूँगा, और नीला उनके लिंगों को चूसेगी।” उसकी आवाज़ उत्साह से काँप रही थी, उसका लिंग फिर से सख्त हो रहा था।
मितु हँसी, “तू सही कह रहा है, राहुल। मैंने मिली के लिंग को सहलाया—वो इतना मोटा था कि मेरा मुँह इसे ले नहीं सका। मैंने गुलाबी सिरे को चाटा, रस से टपकता हुआ। रीता का लिंग? सख्त, नसों से भरा, मैं इसे चूसते हुए पागल हो गई।” उसने अपनी जीभ अपने होंठों पर फेरी, उनकी ओर आँख मारते हुए।
नीला ने अपना वाइन ग्लास नीचे रखा, उसकी गोरी त्वचा पसीने से चमक रही थी। “तो हमें उन्हें यहाँ लाना होगा। मैं रीता के लिंग को अपनी योनि में लूँगी, मिली के लिंग को चूसूँगी। राहुल, तू उनके नितंबों को चोदेगा। हम चारों इस कमरे में आग लगा देंगे।” उसकी योनि बोलते समय टपक रही थी, उसके नितंब बिस्तर पर रगड़ रहे थे।
राहुल हँसा, अपने लिंग को सहलाते हुए। “बिलकुल! अगर उनके लिंग इतने अच्छे हैं, मैं उनके नितंबों को पीटूँगा, और नीला उन्हें चूसकर सुखा देगी। हम इस बेडरूम को बर्बाद कर देंगे।” उसका लिंग पूरी तरह खड़ा था, प्रीकम से टपक रहा था।
मितु ने कपड़े पहनना शुरू किया, उसका पतला शरीर साड़ी में लिपटा, उसकी गोरी त्वचा और तंग नितंब झलक रहे थे। उसने अपने बालों में चोटी बनाई, अपने पसीने से भरे माथे को पोंछा। “ठीक है, राहुल, नीला। मैं रीता और मिली को लाऊँगी। तैयार रहो—उनके लिंग और नितंब तुम्हें पागल कर देंगे।” उसने लिपस्टिक लगाई, शीशे में मुस्कुराते हुए।
राहुल ने एक चमड़े का बटुआ निकाला, मितु को नोटों का मोटा बंडल दिया। “ये तेरे लिए, मितु। तूने हमारी रात को पागल कर दिया।” मितु ने पैसे जेब में डाले, मुस्कुराते हुए, “शुक्रिया, राहुल। अगली बार और भी जंगली होगी।” नीला हँसी, “मितु, तू हमारी रानी है। जल्दी वापस आ।”
मितु ने अपनी साड़ी ठीक की, अपनी हील्स पहनीं, और चली गई। राहुल और नीला बिस्तर पर लेटे, उनके शरीर पसीने और रसों से चिकने। मितु अंधेरी गली में कदम रखी, जेब में पैसे, होंठों पर कामुक मुस्कान। चलते हुए, वह रीता और मिली के साथ अगले खेल के बारे में सोच रही थी, जो पहले से भी ज्यादा गंदा होगा। रात की हवा उसकी गंध ले गई, अंधेरा उसे निगल गया।