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Misc. Erotica शादी के घर में किसी और के धोखे में मैं चुद गयी !
#25
और तभी ऑंखों के आगे चिनगारियाँ सी छूटीं और मैं बेसम्हाल उठी दर्द की लहर में बेहोश सी हो गई। ‘धचाक’..! उसने शिश्न को थोड़ा बाहर खींचा था। मैंने सोचा वह हमदर्दी में ऐसा कर रहा है, इसलिए ढीली पड़ी थी। मगर तभी एक बेहद जोर का धक्का लगा और मेरी ऑंखों के आगे तारे नाच गए। वह मुझे फाड़ते हुए मुझमें दाखिल हो गया। मैं खुद को भींच भी नहीं पाई थी कि उसे रोक सकूँ। मेरी साँस रुक गई। मैं बिलबिला उठी। आ ..ऽ ..ऽ ..ऽ.. ह ….. आ ..ऽ ..ऽ ..ऽ ह ….. छोड़ो मुझे, छोड़ों मुझे … वह जैसे ठहर कर मेरी छटपटाहट का आनंद ले रहा था। कोई दया नहीं। शिकारी जैसे अपने शिकार को तड़पते देख रहा था। मगर उसने मुझे दर्द की लहर से उबरने का मौका नहीं दिया। अभी ठीक से साँस लेने भी नहीं पाई थी कि दूसरा वार हुआ। एक और जोर का धक्का आया और वह एक गर्म सलाख की तरह मुझमें जड़ तक धँस गया। मेरा कलेजा मुँह को आ गया। उसका छोर मानो मेरे कलेजे तक घुस गया था।

कील पूरी तरह ठुक चुकी थी और उसमें भिदकर मेरा कौमार्य एक तितली की भांति तड़प तड़पकर दम तोड़ चुका था, खत्म हो चुका था। अब वह कभी वापस नहीं लौट सकता था। इस जीवन में अब कभी नहीं। मैं ग्लानि से भर उठी। जो इतना अनमोल, इतना सहेजकर रखा था उसे यूँ ही सस्ते में बिना मोल के ही खो दिया था। उसे कभी वापस नहीं पा सकूंगी। मुझे बहुत कसकर अपनी बेहद कीमती चीज के खो जाने का एहसास हुआ। मैं फफक पड़ी।

”डार्लिंग, हो गया, बस… बस, इतना ही।” वह मुझे सांत्वना देने की कोशिश कर रहा था। ‘इतना ही!’ यह क्या कम है? ”अब और कुछ नहीं होगा। बस इतना ही सहना था।” वह मुझे सहलाने लगा था – कंधों को, बगलों को, नर्म छातियों को। ”पहली बार थोड़ा सहना पड़ता है। इसके बाद कभी दर्द नहीं होगा।” आश्वासन का मरहम लगाकर उस दर्द को शांत करने की कोशिश कर रहा था जो मेरी जांघों के जोड़ से बहुत भीतर मर्म तक दहकती आग जैसी जलन से उत्पन्न हो रहा था। उसका हाथ बहुत हौले हौले घूम रहा था, मसलने से दुख रही नाजुक चूचियों पर, तेज साँस में ऊपर नीचे होते नर्म पेट पर, उसके नीचे धड़कते फूले मांसल पेड़ू पर। वह सांत्वना दे रहा था – जांघों पर, घुटनों पर, पैरों पर, कोमल तलवों पर, वहाँ से उतर कर सँकरी कमर पर, उपर क्रमश: चौड़े होते धड पर। हर जगह घूमता हुआ वह मानो मेरा दर्द खींच रहा था।
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RE: शादी के घर में किसी और के धोखे में मैं चुद गयी ! - by kdy999 - 01-07-2019, 09:22 PM



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