15-07-2025, 04:46 PM
(This post was last modified: 17-09-2025, 01:07 PM by Raseeli bhabhi. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Update 3
अगली सुबह हम सब तैयार हो गए। पापा 9 बजे दुकान में चले गए। मुझे गिमर् यों की छ ु िट्टयां थी इसिलए मैं घर पर
ही था।
तब door bell बजी। तो मैंने दरवाजा खोला। सामने फारूक खड़ा था। मुंह में पान चबा रहा था।
क्या काम है मैने थोड़ा िचढ़ते हुए पूछा।
वो घर का झाड़ ू पोछा करने के िलए भेजा है मािलक ने।
ठीक है आओ अंदर। वो अंदर आया और पूरे घर को चारो ओर देखने लगा।
घर क्या मस्त है रे तेरा। उसने डायरेक्ट तेरा कहके मुझे बुलाया।
मैं उसे डांटने वाला था लेिकन मैं रुक गया। तभी मॉम आ गई।
मॉम अभी अभी नहाकर आई थी। उनके गीले बाल खुले हुए थे।
उन्होंने ब्लैक झीनी पारदशीर् साड़ी पहन रखी थी। उसपर स्लीवलेस काला ब्लाउज। िजससे उनकी गोरी बाहें चमक
रही थी। उनके बूब्स की लंबी सी क्लीवेज जो पारदशीर् साड़ी के पल्लू की वजह से पूरी िदख रही थी। ब्लाउज में
कसे हुए बड़े बूब्स। बूब्स के ऊपर लटकता हुआ मंगलसूत्र जो बूब्स की शोभा बढ़ा रहा था। पूरा खुला हुआ िचकना
सपाट पेट और गोरी कमर, बड़ी ऊपर उठी हुई गांड़।
और पूरी नंगी िचकनी पीठ। पीठ पर िसफर् एक ब्लाउज की पट्टी थी। उसे छोड़ दे तो पूरी मांसल गोरी पीठ नंगी थीिजस पर एक भी दाग नही था।
मैने देखा फारूक मॉम को एकटक घूरे जा रहा था। उसका मुंह खुला हुआ था। वो मॉम को ऊपर से नीचे तक घूर रहा
था।
मॉम - तो तुम हो काम करने वाले। मॉम की आवाज से वो होश में आया।
जी मालिकन
नाम क्या है तुम्हारा
फारूक नाम है मालिकन।
मॉम - ये क्या इतने गंदे कपड़े पहने हुए है यह तक बदबू आ रही है। और ये क्या पान चबा रहे हों। बच्चे होकर भी
बुरी आदतों को लगा रखा है।
वो मॉम के बूब्स को ताड़े जा रहा था। लेिकन मॉम का इस बात पर ध्यान नहीं था।
वो मालिकन आदत हो गई है सब खाने की जल्दी छ ू टेगी नही लेिकन धीरे धीरे छोड़ द ूंगा। और कपड़े तो ऐसे ही है मेरे
पास मालिकन। और मैं बच्चा नहीं हू।
बच्चे ही हो इतने बड़े नही हुए हो।मॉम बोली
ठीक है ठीक चलो मेरे पीछे पीछे आओ मैं तुम्हे सब काम बताती हु। मॉम आगे चलने लगी और हम दोनो मॉम के
पीछे चलने लगे।
मॉम के पीछे मुड़ने के बाद उनकी पूरी नंगी गोरी पीठ हमारी तरफ हो गई। िजस पर िसफर् एक ब्लाउज की पट्टी थी।
मॉम की पीठ पर एक भी दाग नही था।
मॉम के चलने की वजह से उनके भारी चूतड ऊपर नीचे उछल रहे थे। िजसको फारूक खा जाने वाली नजरो से देख
रहा था। एक वक्त पर उसकी और मेरी नजर एक हुई। वो मेरी तरफ देख कर हसा और अपने पैंट के ऊपर से मॉम
की गांड़ को देखके लन्ड को मसलने लगा।
मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आया। िकतना जािहल लड़का है ये। मैं मन में उसको गािलयां देने लगा। उसने भी मुझे
उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए देख िलया।
मॉम रुकी और उसको सारा काम समझा िदया। वो मॉम को चोर िनगाहों से उनके बदन के हर अंग को िनहार रहा
था।
िफर वो झाड़ ू मारने लगा। झाड़ ू मरते हुए वो हॉल में आया। मुझे उस पर काफी गुस्सा आ रहा था। उसने मेरे पास
झाड़ ू मारा । िफर मैंने वही पर कागज के टुकड़ों फाड़कर जमीन पर फें क िदया।
उसने मेरी तरफ देखा और वहा पर िफर से झाड़ ू मारा। मैने िफर से वहा पर कागज के टुकड़ों को फे क कर तीखी
नजर से उसकी तरफ देखा। उसे समझ आ गया की मैं जानभूजकर ऐसा कर रहा हूं।
उसने िफर झाड़ ू मारके सब साफ िकया। िफर उसने पोछा मरना शुरू िकया तो मैंने िफर अपने खराब पैरो के दाग वहा
पर लगा िदए। मैने ऐसा बार बार िकया उसने िबना कु छ कहे सारा काम कर िलया। और नीचे चला गया।िफर मैं थोड़ी देर बाद दुकान के गोदाम की तरफ गया जहा वो दोनो एक साइड में बैठे हुए थे। मैं छ ु पाकर एक जगह
खड़े हो कर उनकी बाते सुनने लगा।
सुलेमान - छोट ू मुझे आजूबाजू के दुकान वालो से पता चला िक हमारा मािलक बहुत नीच है इसकी वजह से यह
कोई आदमी नही िटकता। इसका मतलब िजतनी जरूरत हमे काम की है उतनी ही जरूरत us malik को हमारी है।
फारूक - मुझे कु छ बताना है दाद ू तुम्हे। दाद ू क्या बताऊ मैं तुम्हे की मैने आज क्या देखा है।
सुलेमान - ऐसा क्या देख िलया be छोट ू जरा मुझे भी तो बता।
फारूक - दाद ू हमारी मालिकन क्या एटोम बम है।मैने आज तकऐसी औरत नही देखी।क्या मालऔरत है
अह्ह्ह क्या िचकना बदन है साली का एकदम मक्खन की तरह। एकदम भरी हुई िजस्म की मालिकन है। क्या
बलखाती मुलायम कमर है, सपाट पेट और बीच में गोल गहरी नाभी। क्या मम्मे है बड़े बड़े ब्लाउज से बाहर आने को
हो रहे थे। Uff kya badi गद्देदार गांड़ है। एकदम मसलने लायक औरत है। साली इतनी गोरी है की एक भी दाग
नहीं है उसके बदन पर।
मेरा तो गुस्से से चेहरा लाल हो गया ये सुनकर। ये नौकर मेरी मॉम के बारे में िकस तरह बात कर रहा है।
सुलेमान - क्या बात करता है छोट ू सही मै।
Ha दाद ू तुम अगर देख लोगे तो पानी िनकाल जायेगा तुम्हारा। जब वो चलती है तो क्या गांड़ िथरकती है उसकी
ऊपर नीचे कसम से मेरा लन्ड खड़ा हो गया था। मैने आज तक ऐसी औरत नही देखी। बहुत मस्त है गुज्जु भाभी।
छोट ू सही मैं ऐसी पटका औरत है तो मुझे भी देखना है उसे।
लेिकन दाद ू वो बाहर कब िनकलती है पता नही।
मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था लेिकन ना जाने क्यों मेरी िहम्मत नही हो रही थी उनको कु छ बोलने की। तब मेरा
ध्यान मेरी पैंट की तरफ गया। मेरे लन्ड पूरी तरह अकड़ चुका था।
ये मुझे क्या हो रहा है। इनकी बाते सुनकर मेरा लन्ड खड़ा क्यू हो रहा है मुझे कु छ समझ नहीं आया। मुझे खुद पर
िवश्वास नहीं हो रहा था।
छोट ू कभी न कभी तो देखने को िमलेगी तब देख लूंगा माल को।
लेिकन दाद ू उस मािलक की तरह उसका बेटा भी बहुत harami hai साला। इतना परेशान िकया ना
madarchod ने मुझे की पूछो मत। साले के सामने उसकी मां की गांड़ को ताड़ रहा था इसिलए बहुत शान पट्टी
कर रहा था। िफर मैने जो उसके साथ िकया वो सब Suleman ko बताया।
सुलेमान - मतलब तूने जब उसकी मां की गांड़ को ताड़ ते हुए लन्ड मसला तो वो कु छ नहीं बोला ऐसा कहकर वो
हसने लगा।
नही दाद ू कु छ नही बोला लेिकन बहुत धौंस जमा रहा था। लेिकन तुम हस क्यू रहे हो।
तू छोड़ जाने दे। अब रोज आं खे सेंक उसकी मां को देखकर। चल अब दुकान में नही तो वो harami
मािलक िचल्लाएगा।मैं सब बाते पापा को बताने की सोच रहा था पर इनको िनकाल िदया तो और परेशानी होगी िसफर् इसिलए मैं चुप
रहा।
मुझे उनकी गंदी बाते सुन कर गुस्सा आ गया। पर मेरे लन्ड खड़ा हो ने की वजह से मैं सहम गया की आिखर मुझे हो
क्या रहा है।
िफर मैं घर में चला आया। पर उनकी बाते मेरे िदमाग में घूम रही थी। कै से वो मॉम के िजस्म के बारे मैं बाते कर रहे
थे। िफर दोपहर का खाना खाने बाद में सो गया।
पूरा िदन ऐसे ही िनकल गया। शाम को उठने के बाद मैं फ्रे श होकर सोफे पर बैठ गया। ना जाने क्यों मैं मॉम को घूर
रहा था। उनकी बाते मेरे िदमाग से िनकल नही रही थी। मैं बार बार मॉम की गांड़ को घूर के देख रहा था।
रात को खाना खाने बाद में सो गया अपने कमरे में।
अगली सुबह हम सब तैयार हो गए। पापा 9 बजे दुकान में चले गए। मुझे गिमर् यों की छ ु िट्टयां थी इसिलए मैं घर पर
ही था।
तब door bell बजी। तो मैंने दरवाजा खोला। सामने फारूक खड़ा था। मुंह में पान चबा रहा था।
क्या काम है मैने थोड़ा िचढ़ते हुए पूछा।
वो घर का झाड़ ू पोछा करने के िलए भेजा है मािलक ने।
ठीक है आओ अंदर। वो अंदर आया और पूरे घर को चारो ओर देखने लगा।
घर क्या मस्त है रे तेरा। उसने डायरेक्ट तेरा कहके मुझे बुलाया।
मैं उसे डांटने वाला था लेिकन मैं रुक गया। तभी मॉम आ गई।
मॉम अभी अभी नहाकर आई थी। उनके गीले बाल खुले हुए थे।
उन्होंने ब्लैक झीनी पारदशीर् साड़ी पहन रखी थी। उसपर स्लीवलेस काला ब्लाउज। िजससे उनकी गोरी बाहें चमक
रही थी। उनके बूब्स की लंबी सी क्लीवेज जो पारदशीर् साड़ी के पल्लू की वजह से पूरी िदख रही थी। ब्लाउज में
कसे हुए बड़े बूब्स। बूब्स के ऊपर लटकता हुआ मंगलसूत्र जो बूब्स की शोभा बढ़ा रहा था। पूरा खुला हुआ िचकना
सपाट पेट और गोरी कमर, बड़ी ऊपर उठी हुई गांड़।
और पूरी नंगी िचकनी पीठ। पीठ पर िसफर् एक ब्लाउज की पट्टी थी। उसे छोड़ दे तो पूरी मांसल गोरी पीठ नंगी थीिजस पर एक भी दाग नही था।
मैने देखा फारूक मॉम को एकटक घूरे जा रहा था। उसका मुंह खुला हुआ था। वो मॉम को ऊपर से नीचे तक घूर रहा
था।
मॉम - तो तुम हो काम करने वाले। मॉम की आवाज से वो होश में आया।
जी मालिकन
नाम क्या है तुम्हारा
फारूक नाम है मालिकन।
मॉम - ये क्या इतने गंदे कपड़े पहने हुए है यह तक बदबू आ रही है। और ये क्या पान चबा रहे हों। बच्चे होकर भी
बुरी आदतों को लगा रखा है।
वो मॉम के बूब्स को ताड़े जा रहा था। लेिकन मॉम का इस बात पर ध्यान नहीं था।
वो मालिकन आदत हो गई है सब खाने की जल्दी छ ू टेगी नही लेिकन धीरे धीरे छोड़ द ूंगा। और कपड़े तो ऐसे ही है मेरे
पास मालिकन। और मैं बच्चा नहीं हू।
बच्चे ही हो इतने बड़े नही हुए हो।मॉम बोली
ठीक है ठीक चलो मेरे पीछे पीछे आओ मैं तुम्हे सब काम बताती हु। मॉम आगे चलने लगी और हम दोनो मॉम के
पीछे चलने लगे।
मॉम के पीछे मुड़ने के बाद उनकी पूरी नंगी गोरी पीठ हमारी तरफ हो गई। िजस पर िसफर् एक ब्लाउज की पट्टी थी।
मॉम की पीठ पर एक भी दाग नही था।
मॉम के चलने की वजह से उनके भारी चूतड ऊपर नीचे उछल रहे थे। िजसको फारूक खा जाने वाली नजरो से देख
रहा था। एक वक्त पर उसकी और मेरी नजर एक हुई। वो मेरी तरफ देख कर हसा और अपने पैंट के ऊपर से मॉम
की गांड़ को देखके लन्ड को मसलने लगा।
मुझे इस बात पर बहुत गुस्सा आया। िकतना जािहल लड़का है ये। मैं मन में उसको गािलयां देने लगा। उसने भी मुझे
उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए देख िलया।
मॉम रुकी और उसको सारा काम समझा िदया। वो मॉम को चोर िनगाहों से उनके बदन के हर अंग को िनहार रहा
था।
िफर वो झाड़ ू मारने लगा। झाड़ ू मरते हुए वो हॉल में आया। मुझे उस पर काफी गुस्सा आ रहा था। उसने मेरे पास
झाड़ ू मारा । िफर मैंने वही पर कागज के टुकड़ों फाड़कर जमीन पर फें क िदया।
उसने मेरी तरफ देखा और वहा पर िफर से झाड़ ू मारा। मैने िफर से वहा पर कागज के टुकड़ों को फे क कर तीखी
नजर से उसकी तरफ देखा। उसे समझ आ गया की मैं जानभूजकर ऐसा कर रहा हूं।
उसने िफर झाड़ ू मारके सब साफ िकया। िफर उसने पोछा मरना शुरू िकया तो मैंने िफर अपने खराब पैरो के दाग वहा
पर लगा िदए। मैने ऐसा बार बार िकया उसने िबना कु छ कहे सारा काम कर िलया। और नीचे चला गया।िफर मैं थोड़ी देर बाद दुकान के गोदाम की तरफ गया जहा वो दोनो एक साइड में बैठे हुए थे। मैं छ ु पाकर एक जगह
खड़े हो कर उनकी बाते सुनने लगा।
सुलेमान - छोट ू मुझे आजूबाजू के दुकान वालो से पता चला िक हमारा मािलक बहुत नीच है इसकी वजह से यह
कोई आदमी नही िटकता। इसका मतलब िजतनी जरूरत हमे काम की है उतनी ही जरूरत us malik को हमारी है।
फारूक - मुझे कु छ बताना है दाद ू तुम्हे। दाद ू क्या बताऊ मैं तुम्हे की मैने आज क्या देखा है।
सुलेमान - ऐसा क्या देख िलया be छोट ू जरा मुझे भी तो बता।
फारूक - दाद ू हमारी मालिकन क्या एटोम बम है।मैने आज तकऐसी औरत नही देखी।क्या मालऔरत है
अह्ह्ह क्या िचकना बदन है साली का एकदम मक्खन की तरह। एकदम भरी हुई िजस्म की मालिकन है। क्या
बलखाती मुलायम कमर है, सपाट पेट और बीच में गोल गहरी नाभी। क्या मम्मे है बड़े बड़े ब्लाउज से बाहर आने को
हो रहे थे। Uff kya badi गद्देदार गांड़ है। एकदम मसलने लायक औरत है। साली इतनी गोरी है की एक भी दाग
नहीं है उसके बदन पर।
मेरा तो गुस्से से चेहरा लाल हो गया ये सुनकर। ये नौकर मेरी मॉम के बारे में िकस तरह बात कर रहा है।
सुलेमान - क्या बात करता है छोट ू सही मै।
Ha दाद ू तुम अगर देख लोगे तो पानी िनकाल जायेगा तुम्हारा। जब वो चलती है तो क्या गांड़ िथरकती है उसकी
ऊपर नीचे कसम से मेरा लन्ड खड़ा हो गया था। मैने आज तक ऐसी औरत नही देखी। बहुत मस्त है गुज्जु भाभी।
छोट ू सही मैं ऐसी पटका औरत है तो मुझे भी देखना है उसे।
लेिकन दाद ू वो बाहर कब िनकलती है पता नही।
मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था लेिकन ना जाने क्यों मेरी िहम्मत नही हो रही थी उनको कु छ बोलने की। तब मेरा
ध्यान मेरी पैंट की तरफ गया। मेरे लन्ड पूरी तरह अकड़ चुका था।
ये मुझे क्या हो रहा है। इनकी बाते सुनकर मेरा लन्ड खड़ा क्यू हो रहा है मुझे कु छ समझ नहीं आया। मुझे खुद पर
िवश्वास नहीं हो रहा था।
छोट ू कभी न कभी तो देखने को िमलेगी तब देख लूंगा माल को।
लेिकन दाद ू उस मािलक की तरह उसका बेटा भी बहुत harami hai साला। इतना परेशान िकया ना
madarchod ने मुझे की पूछो मत। साले के सामने उसकी मां की गांड़ को ताड़ रहा था इसिलए बहुत शान पट्टी
कर रहा था। िफर मैने जो उसके साथ िकया वो सब Suleman ko बताया।
सुलेमान - मतलब तूने जब उसकी मां की गांड़ को ताड़ ते हुए लन्ड मसला तो वो कु छ नहीं बोला ऐसा कहकर वो
हसने लगा।
नही दाद ू कु छ नही बोला लेिकन बहुत धौंस जमा रहा था। लेिकन तुम हस क्यू रहे हो।
तू छोड़ जाने दे। अब रोज आं खे सेंक उसकी मां को देखकर। चल अब दुकान में नही तो वो harami
मािलक िचल्लाएगा।मैं सब बाते पापा को बताने की सोच रहा था पर इनको िनकाल िदया तो और परेशानी होगी िसफर् इसिलए मैं चुप
रहा।
मुझे उनकी गंदी बाते सुन कर गुस्सा आ गया। पर मेरे लन्ड खड़ा हो ने की वजह से मैं सहम गया की आिखर मुझे हो
क्या रहा है।
िफर मैं घर में चला आया। पर उनकी बाते मेरे िदमाग में घूम रही थी। कै से वो मॉम के िजस्म के बारे मैं बाते कर रहे
थे। िफर दोपहर का खाना खाने बाद में सो गया।
पूरा िदन ऐसे ही िनकल गया। शाम को उठने के बाद मैं फ्रे श होकर सोफे पर बैठ गया। ना जाने क्यों मैं मॉम को घूर
रहा था। उनकी बाते मेरे िदमाग से िनकल नही रही थी। मैं बार बार मॉम की गांड़ को घूर के देख रहा था।
रात को खाना खाने बाद में सो गया अपने कमरे में।


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)