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Romance कैसे कैसे रिश्ते।
#24
सुप्रिया की जिंदगी जैसे बूढों से प्यार करना ही हो गया। पंच बूढों के बाद 2 और बूढ़े अब उसे अपने साथ रखना चाहते है। सुप्रिया को मिलते भी ऐसे ही थे जो उसके दिल में जगह बना लेते है। सुप्रिया ने इसे ऊपरवाले का इशारा कहा। वो समझ गई को विधि ने उसे इसीलिए बनाया। अकेले और बेसहारे लोगों का प्यार बनाने के लिए। सुप्रिया ने सोचा वैसे भी दोनों बूढ़े कुछ दिन हो दुनिया में रहेंगे क्यों न उनके साथ कुछ वक्त बिता ले। सुप्रिया ने तय किया कि वो कल्लू और हल्दी के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी। एजल दिन सुबह उठी सुप्रिया और सबसे पहले खुद को शारीरिक रूप से उन दोनों के लिए तैयार किया। कल्लू और हल्दी जंगल के पासवाले झोपडी में चले गए। वहां एक बड़ा सा बिस्तर तैयार किया। दोनों को यकीन था कि सुप्रिया आयेगी। 

हल्दी ने कल्लू से पूछा "भैया क्या सुप्रिया हमारे पास आएगी ?"

"हां आयेगी। वो हमारे पास आएगी।"

"बड़े भाई अगर आप बुरा न मानो तो एक बात पूछूं ?"

"पूछो।"

"अगर आज की रात वो हमारे पास आई तो उसके साथ हम हमेशा के लिए हो जायेंगे ?"

कल्लू मुस्कुराकर बोला "आज हम ऐसा प्यार करेंगे कि वो हमारे साथ हर रातें ऐसे बताएगी।"

"आपसे कुछ मांगू ?"

"मांगो।"

"क्या आप मुझे सुप्रिया को गर्भवती करने का अवसर देंगे ? मुझे उसके अंदर अपना बच्चा डालना है। मै कुबड़ा हूं और आज तक प्यार क्या होता है मुझे पता नहीं। मैं उस खूबसूरत औरत से प्यार करके उसकी कोख में अपना बच्चा डालना चाहता हूं।"

"भाई तू ही सुप्रिया को अपने बच्चे की मां बना। तू कर उसे गर्भवती।"

      दिन का सूरज ढल गया और रात को चांदनी सिर पर आ पहुंची। रात को जुगनू की आवाजें और सन्नाटा पूरे जंगल का खूबसूरती बढ़ा रहा था आस पास जगहों की। सुप्रिया ने लाल रंग का sleveless ब्लाउज और लाल रंग का पेटीकोट पहना। बाल को एक पोनी में बांधकर आंखों को काजल से सजाया और चेहरे पर गुलाबी रंग की सजावट, बदन से गुलाब की महक, हाथों में लाल रंग को चूड़ी, पैरों में पायल। सुप्रिया को अगर कोई देख ले तो पागल हो जाए।  घर से झोपडी 100 मीटर दूर था। सुप्रिया अपने नए सफर के लिए निकालनेवाली थी। रात के अंधेरे में वो खुद को मानसिक तरह से तैयार कर रहित ही।  रात के अंधेरे में सुप्रिया कुछ देर तक घर में अकेले बैठी थी। सुप्रिया को लगा कि इलाका बहुत सुनसान है लेकिन उसे ये नहीं पता था कि कोई बुढ़ा आदमी उसे छुपकर देख रहा था। 

      चेहरा आधा जल हुआ और काले रंग का वस्त्र। उमर 80 साल और उसके साथ तीन और बूढ़े थे। जो उसी के उमर के थे। उन चार बूढों का नाम राका, वाका, इक्का और टिक्का था। वो पेशेवर तांत्रिक थे और सुप्रिया पर सालों से नजर रखे हुए थे। उन चारों का सरदार था राका।

   "देख रहे हो कैसे जा रही है एक खूबसूरत औरत अपने दो नए प्रेमी से मिलने। लेकिन हमें उसे रोकना चाहिए। वरना अनर्थ हो जाएगा।" वाका ने कहा। 

"नहीं ये सही वक्त नहीं। सुप्रिया को हम चारों के पास आना हो होगा लेकिन सही वक्त पर।" राका ने कड़क स्वर में कहा।

"लेकिन अगर सुप्रिया ने दोनों के साथ संभोग किया तो अनर्थ हो जाएगा। दोनों पर शैतान का वास है। अगर आज रात दोनों ने संभोग किया तो वो दरिंदे और ताकतवर हो जायेंगे। फिर वो सुप्रिया के परिवार की सारी औरतों को अपने साथ उठाकर ले जायेंगे। और फिर हम कभी अनुप्रिया कीर्ति सुकीर्ति को देख नहीं पाएंगे।"

(कहानी का नया मोड)

     कल्लू और हल्दी ये दोनों अच्छे इंसान नहीं थे। वह काल जादू करते थे। इस काले जादू से उन्होंने कई लोगों को जिंदगी बर्बाद की। दोनों काले जादू से आता बुलाते और गांव का उद्धार करते थे लेकिन धीरे धीरे अपने तांत्रिक विद्या का घमंड आने लगा और फिर उनमें धन कमाने की लालच जागी। फिर दोनों ने आत्म बुलाकर लूट पाट शुरू की। कई लोगों के सालों की कमाई उनके हाथ चली गई। कल्लू ने करीब 4 स्त्री का बलात्कार भी किया। लेकिन एक दिन कल्लू की पत्नी बीमार पड़ी और फिर उसकी मृत्यु हुई। कल्लू उसे बचा न सका। कल्लू को अपनी गलती का एहसास हुआ। लोगों की बददुआ के कारण उसकी पत्नी की मृत्यु हुई। दोनों ने अपने द्वारा लाए गए शैतान को खत्म करना का निर्णय किया ताकि और किसी को जिंदगी बर्बाद न हो लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 

     शैतान उन दोनों पर हावी हो गया और उनके शरीर में वास करने लगा। लल्लन को ये सब पता था। लल्लन जो सरकारी लॉज में नौकरी का हवाला देकर सुप्रिया को यहां लाया था वो सब झूठ था। लल्लन अपनी जान बचाने के लिए ये सब झूठ बोला। लल्लन कांटा था कि अगर सुप्रिया के साथ दोनों बूढों ने संभोग किया तो शैतान ताकतवर हो जाएगा और फिर वो एक छात्रा राज करेगा। कल्लू और हल्दी शैतान के अधीन हो चुके है। वो अब खुद शैतान हो गए है। अब वो भी शैतान को अपना सब कुछ मानते है। लल्लन अपनी जान बच्चे के लिए सुप्रिया को यहां लाया और खुद हमेशा के लिए कही दूर भाग गया। लल्लन का अब कोई आता पता नहीं कि वो कहां गया। नेपाल में वो घुसा और उसके बाद कोई आता पता नहीं। शायद से वो नेपाल में बस गया। 


    अब आते है वास्तविकता में। 

वाका चिंतित मुद्रा में बोला "फिर हम क्या करें ?"

"अगर हम सुप्रिया से मिले तो वो शैतान जान जाएगा और फिर सब खत्म।फिर हमारी आनेवाली तैयारी सब कुछ नष्ट हो जाएगा।"

"तो फिर हम बचाएंगे कैसे ?"

"सुप्रिया को हम यहां से दूर ले जाना होगा। लेकिन हमें सुप्रिया को बलि का बकरा बना होगा। शैतान को पकड़ने के लिए पहले उसे ताकतवर बनाने देना होगा। ताकत में आकर इंसान और शैतान दोनों कुछ न कुछ गलती करते है उस गलती का फायदा उठाकर हम सुप्रिया को अपने साथ ले जायेंगे और यज्ञ करेंगे।" राका ने कहा। 

"लेकिन। यज्ञ की शर्त पता है आपको ? उस यहां के अनुसार सुप्रिया को हम चार बूढों के साथ शारीरिक संबंध बनाना पड़ेगा। हमारे वीर्य को अपने अंदर लेना होगा तभी वो ताकतवर बनेगी और शैतान को मारेगी। शैतान की मौत स्त्री के हाथों ही है।"

इन सबके बीच टिक्का बोला "देखिए यही वक्त है दो शैतान बूढों को खत्म करना का। हम रुक नहीं सकते।"

      चारों बूढों में बहस हुई। लेकिन आखिर में सभी लोगों ने तय कर लिया कि सुप्रिया से पहले उस झोपडी में वो पहुंचेंगे। चारों आगे बढ़े ही थे कि अचानक से एक धुआं आया और चारों लोग बेहोश हो गए। कुछ देर बाद चारों की आँखें खुली तो खुद को एक काल कोठारी में पाया। सभी लोग चिंता में पड़ गए। 

राका पूछा "हम यहां आए कैसे ?"

तभी एक शैतानी सी हंसी पूरे कोठारी के गूंजी। 

टिक्का बोला "हम यहां गांव के पुराने किल्ले में फंस गए जहां वो दो बूढों का अड्डा है।"

"सही कहा तुमने ।" एक शैतानी आवाज आई।" 

चारों ने देखा कि कल्लू और हल्दी थे। 

कल्लू बोला "ये किल्ला हमारा अड्डा है। 50 सालों से हमने इस किल्ले पर अपनी काली विद्या से साम्राज्य बनाया था लेकिन 20 साल पहले सब कुछ खत्म हो गया। अब हम जल्दी इस किल्ले में वापिस आकर रहेंगे और अकेले नहीं और भी होंगे हमारे साथ।"

"कौन ?" राका ने गुस्से से पूछा।

"सुप्रिया, अनुप्रिया कीर्ति और सुकीर्ति।

"क्या ?" राका हैरान होकर पूछा। 

"आज सुप्रिया को बिस्तर पर लाकर संभोग करेंगे और कल अंतू हरिया और माली को मार देंगे। फिर उन तीन जवान औरतों को अपना लाकर  चार जवान महिलाओं के साथ जी भरके शारीरिक संबंध बनाएंगे और हर रोज अपनी हवस बुझाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं। उसके गर्भ से बच्चे पैदा करके अपनी फौज बनाएंगे। और रही बात उनके बच्चों की तो उन्हें दूर भेजकर अपनी हवस उनके माताओं से बुझाएंगे।" कल्लू ने कहा। 

हल्दी ने कल कोठरी खो दिया और कहा  "यह किल्ले का पिछला हिस्सा है जिसमें 6 कमरे और बड़ा आंगन है। तुम लोग खुलकर रहो लेकिन यहां से बाहर जाने को सोचना नहीं क्योंकि यहां हमने आटा की रेखा बनाई है जो तुम्हे यहां से जाने नहीं देगा। अब जब तक चारों जवान महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनकर यहां नहीं लाए तब तक तुम यहां ही रहोगे।" 

     अगले पल दोनों बूढ़े गायब।

      दोनों बूढ़े वापिस अपने झोपडी में आ गए। 

कल्लू सख्त आवाज में बोला "सुन हल्दी आज सुप्रिया के साथ संभोग करके उन तीन लोगों को मार देना। अंतू, हरिया और माली। उनको मारकर एक चिट्ठी उनके अक्षर में लिखना जिसमें यह लिखना कि वो तीनों हमारे पास आ जाए। वो तीनों हमको सालों से जानते है। उनके अपनी आत्मा की कसम दिलाकर यह भी लिखवाना कि सुप्रिया  और कीर्ति मेरे साथ और अनुप्रिया, सुकीर्ति तुम्हारे साथ शादी करे।"

हल्दी खुश होके बोला "वह भैया। दो दो जवान औरतें हमारी होगी। अब तो इतना मजा आएगा। जवान औरतें हमारी बिस्तर गरम करेंगी और इतना उनके साथ संभोग करूंगा कि वो हमारे घर से बाहर नहीं निकलेंगी। उन्हें 10  दिनों तक बाहर नहीं जाने दूंगा।"

"सब्र कर मेरे कुबड़ा भाई। अभी पहले सुप्रिया की जवानी लूट ले। उसको अपने वश में कर ले फिर दो दो शादी करके और जवान औरतों को यहां लाएंगे और उनसे शैतानी बच्चे पैदा कर दुनिया पर अपना राज बनाएंगे।"


     वैसे दोस्तो कल्लू और हल्दी जैसे दिखते है वैसे नहीं है। दोनों में धन और स्त्री को वासन थी। सुप्रिया के साथ संबंध बनाने के बाद उनमें ज्यादा शक्ति आ जाएगी जिसकी वजह से वह अपनी हुकूमत बना लेंगे और ढेर सारा धन बना लेंगे।

     दोनों बुड्ढे झोपडी के बिस्तर पर लेते थे। इतने में पायल की आवाज आई। आवाज सुनते हो दोनों बुड्ढे खुश हो गए। खुले बाल, लाल रंग का साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज में सुप्रिया बेहद खूबसूरत लग रही थी। सुप्रिया ने दरवाजा खोला और दोनों बुड्ढे के सामने खड़ी थी। 

    कल्लू कड़क आवाज में बोला "आओ सुप्रिया आओ। हमारे पास आ जाओ।"

हल्दी ने तुरंत अंदर से झोपडी को बंद कर लिया। अब दोनों बूढ़े सुप्रिया पर रौब झाड़ने लगें। सुप्रिया का हाथ पकड़कर हल्दी सुप्रिया को बिस्तर के पास ले गया। कल्लू से राह नहीं गया। तुरंत सुप्रिया का हाथ पकड़के अपनी तरफ खींचा। सुप्रिया के नाजुक कंधे पर अपने हाथ गड़ा दिया। पीछे हल्दी सुप्रिया के चीन पीठ को चूमने लगा। कल्लू सुप्रिया के नर्म होठ को अपने काले होठ से चूमने लगा। सुप्रिया कुछ देर तक उसका साथ दी। फिर कल्लू ने अपनी जुबान सुप्रिया के मुंह में डालकर उसकी जुबान को चूस रहा था। वही हल्दी सुप्रिया के नर्म नरम पीठ पर अपनी जुबान चलाकर चाट रहा था। 

      सुप्रिया के होंठ से अपने होंठ अलग कर कल्लू भरी आवाज में बोला "सुप्रिया अपने बदन से ये कपड़े उतर दो और पूरी तरह से खुद को हम दोनों ने हवाले कर दो।"

हल्दी ने सुप्रिया के ब्लाउज को तुरंत उतारकर फेक दिया। कल्लू ने सुप्रिया को बिस्तर पर लिटाया और खुद बिस्तर से खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा। हल्दी ने सुप्रिया के पेटीकोट के बाद तमाम कपड़े उतारकर फेक दिया। सुप्रिया के बदन पर एक भी कपड़ा न बचा।

      कल्लू सुप्रिया के चिकने पेट को चूमने लगा। वहीं हल्दी दोनों हाथों से स्तन को मसल रहा था। सुप्रिया के नाभि पर जुबान घुमाते हुए कल्लू ने कहा " सुप्रिया कितना इंतजार करवाया तुमने।"

सुप्रिया आनंद मग्न में खोई। हल्दी स्तन को मुंह में भरकर चूसने लगा। सुप्रिया हल्दी के कबसे शरीर को देख रही थी। काला पतला और चेहरे पर घाव के निशान। कल्लू ने सुप्रिया की योनि पर अपने मुंह को लगा दिया। योनि को चाटते ही कल्लू में जोश भरा। कल्लू योनि को बड़े मजे से चैट रहा था।"

कुबड़ा बूढ़ा हल्दी बोला "सुप्रिया तुम दूध जैसी गोरी और बदन इतना मखमल है कि खा जाने का मन करता है।"

कल्लू बोला "अब इसी मखमल बदन का हर रोज मजे लेना।"

सुप्रिया को अजीब सी हलचल महसूस हो रही थी। दोनों बूढ़े कुछ ज्यादा ही अजीब बात कर रहे थे। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि आज की रात के बाद वो दोनों बुड्ढों के जाल में फंस गईं। 

      योनि की आग में सुप्रिया खुद को रोक न सकी और झड़ गई। हल्दी आगे बढ़ा और अपने लिंग को सुप्रिया की योनि के डालने लगा। कल्लू अपने लिंग को सुप्रिया के नितंब में डाला। सुप्रिया के दोनों छेद में लिंग का धक्का शुरू हुआ। धक्का मारते हुए जोश में हल्दी ने सुप्रिया के चेहरे को मुट्ठी से पकड़ा और उसकी आंखों के आँखें डालकर धक्का मार रहा था। सुप्रिया ने हल्दी की आंखों में लाल समंदर देखा। हल्दी सुप्रिया के होंठ को चूमने लगा। सुप्रिया के स्तन को कल्लू पीछे से मसल रहा था। कल्लू ने जोर से सुप्रिया के नितंब पर थप्पड़ मारा। सुप्रिया ने पहली बार ऐसा जंगली संभोग किया होगा। हल्दी ने जोश में आकर सुप्रिया के कंधे पर दांत गड़ा दिया और काटने लगा। 

"आह आह आह आराम से हल्दीजी मैं भाग नहीं रही हूं।" सुप्रिया ने कहा।

हल्दी शैतानी तरह से हंसते हुए कहा "भाग कर जाओगी कहा ? अब जहां भी भागेगी हम दोनों भाई उठाकर तुम्हे यहां लाएंगे।"

कल्लू हकले से सुप्रिया के बाल को खींचकर कान में बोला "अब से हमारे सिवा कोई मर्द तुझे छू नहीं सकता।समझी ? तू अब से यहां ही रहेगी। तेरी जवानी का सारा रस मेरा भाई हल्दी पियेगा। तू अब उसकी है और वो जो चाहे वो तेरे साथ करेगा। तेरी शादी अब हल्दी से होगी। और तेरे कोख में उसके बच्चे होंगे। हल्दी ही तेरा पति है।"

 सुप्रिया को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर इतना अजीब व्यवहार क्यों कर रहे है दोनों ? सुप्रिया की योनि में हल्दी झड़ गया और उसका वीर्य सुप्रिया के गर्भाशय में चला गया। सुप्रिया भी समझ गई कि वो गर्भवती हो जाएगी। तीनों नग्न शरीरी बिस्तर पर पड़ा हुआ था। देखते देखते आधी रात हुई। हल्दी और कल्लू की आँखें खुली और दोनों दबे पांव झोपडी से बाहर निकले और जंगल की गुफा में घुसे। वहां काल जादू शुरू किया। हवन में दोनों ने माली, हरिया और अंतू पर तांत्रिक विधि शुरू की। तीनों बूढ़े उस वक्त अपनी पत्नियों के साथ संभोग कर रहे थे। अचानक से तीनों बूढ़े दिल के दौरे से मारे गए। उस घर में चीख पुकार और रोने को आवाजें गूंजी। तीनों जवान औरतें रोने लगी। लेकिन सुप्रिया उन सब से बेखबर नग्न अवस्था में झोपडी में थी। 

शैतानी हंसी गुफा में गूंजी। कल्लू बोला "अब उन तीन जवान औरतों को यहां लाने की तैयारी करना होगा। लेकिन उसे पहले चलो सुप्रिया के पास।"

दोनों बूढ़े झोपडी में वापिस गए। वहां सुप्रिया का गोरा नग्न बदन बिस्तर पर पड़ा हुआ था। दोनों की आहट से सुप्रिया उठ गई। 

"आप दोनों कहां थे ?" सुप्रिया ने पूछा। 

"अब एक बात सुन लो सुप्रिया। जो कह रहा हूं उसे सुनो।" कल्लू ने कहा। 

"क्या हुआ ?"

"कल रात जो भी कुछ हुआ। उससे इतना तय है कि हल्दी का बच्चा तुम्हारे पेट में होगा। इसीलिए अभी तैयार हो जाओ। अब तुम्हारी शादी हल्दी से होगी। क्योंकि बिन विवाह की महिला गर्भवती हो ये सही नहीं। चलो अब हल्दी से अभी ही तुम्हारी शादी होगी।"

     सुप्रिया को कुछ समझ न आया लेकिन वो करे भी तो करे क्या अब उसे दोनों बुड्ढों से घबराहट होने लगी। हल्दी सुप्रिया का हाथ पकड़ा और उसे नदी के पास ले गया और उसके साथ स्नान किया। फिर उसे लाल साड़ी में  दुल्हन सा सजाकर मंडप में ले गया। कल्लू ने हल्दी और सुप्रिया को शादी करवाई। सुप्रिया की चौथी शादी हुई। तीनों शादी समारोह से बाहर निकले तो देखा कीर्ति सुकीर्ति और अनुप्रिया रोते हुए बाजार खड़ी थी। सुप्रिया को तीनों ने बताया कि हरिया,अंतू और माली अब इस दुनिया में नहीं रहे। सुप्रिया के पैरों तले जमीन सरक गई। 

    लेकिन दोनों बूढ़े के चेहरे पर मुस्कान बिखरी। तीनों बुड्ढों का अंतिम संस्कार हुआ। अनुप्रिया को दुख इस बात का है कि वो सुप्रिया को उसकी शादी के लिए बधाई भी न दे सकी। ऐसे ही कुछ दिन बीत गए। कल्लू और हल्दी सभी के साथ घुल मिल गए। 6 बच्चों के साथ दोनों बूढ़े घुल मिल गए। एक दिन कल्लू ने सुप्रिया से खुद को और कीर्ति के साथ शादी की बाद करने को कहा। सुप्रिया पर कल्लू का प्रभाव था। अपने जादू से उसने सुप्रिया को वश में कर रखा था। 

     सुप्रिया ने कीर्ति से बात की और कहा कि वो कल्लू से शादी कर ले। दोनों में बहुत बात हुई और आखिर में कीर्ति मान गई।  कल्लू और कीर्ति को शादी हुई। कल्लू ने अनुप्रिया को कहा कि वो उसके साथ अपने प्रेम संबंध को बढ़ाए। हल्दी सुकीर्ति को अपने साथ संभोग करके फसा लिया। एक रात उसने सुकीर्ति के साथ संभोग किया और उसको अपने प्रेम जाल में सफा लिया। 

      कीर्ति की शादी कल्लू से हुई। कल्लू कीर्ति और अनुप्रिया को लेकर अपने रहस्यमय जगह चला गया। हल्दी सुप्रिया और सुकीर्ति को लेकर अपने दूसरे रहस्यमय जगह चला गया। अगले अपडेट में आपको कल्लू अनुप्रिया और कीर्ति के बारे में बताए गए। 



   


       दोस्तो इस कहानी को में जल्द खत्म करनेवाला हूं। बहुत ही ट्विस्ट आनेवाला है। तैयार रहिए।
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RE: कैसे कैसे रिश्ते। - by Basic - 24-07-2025, 07:40 AM



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