29-06-2025, 08:51 PM
कहानी का दूसरा भाग : जेनिफर इन अफ्रीका
जनवरी 1977
ये कहानी 30 साल जेनिफर की है। जेनिफर जो लंदन में एक कॉलेज टीचर थी। दिखाने में बला की खूबसूरत। मूल ब्रिटिश नागरिक। जेनिफर बहुत ही ईमानदार और अच्छे स्वभाव की औरत है। जेनिफर ने बचपन में मां बाप को खो दिया। उसका 16 साल का भी भी था जो पिछले साल ड्रग overdose की वजह से मारा गया। जेनिफर ने अपने भाई को बेटे से भी ज्यादा प्यार किया। उसके मौत से वो काफी दुखी हो गई। उसका भाई ही उसका सब कुछ था। जेनिफर के जीने को इच्छा खत्म हो गई।
रोज की तरह आज भी जेनिफर कॉलेज गई पढ़ाने और घर वापिस आई। दिल को कोई सुकून नहीं। न कोई शांति। जेनिफर हर शुक्रवार एक वीराने घर में जाती है। वो घर एक 80साल के बुड्ढे का है। उस बुड्ढे का नाम मदारी है (जी हां पहले पार्ट में आपने जिस मदारी को देखा, ये वही है।). अब ये जानते है कि दोनो को मुलाकात कब और कैसे हुई ?
10 महीने पहले
यह बात थी करीब 10 महीने पहले की जब जेनिफर ने अपने भाई को को दिया था।ड्रग्स का ज्यादा सेवन करने की वजह से वो मर चुका था। जेनिफर का संसार में कोई न बचा। कुछ दिनों रोक अकेलापन जैसे खलेने लगा। बाप की तरह भाई भी ड्रग्स का अधीन होकर मरा। मां भी उसकी नही थी। एक दिन दुनिया से त्रस्त होकर उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। ब्रिज पर खड़ी जेनिफर ने आंखे बंद कर ली और कुदनेवाली थी कि एक आदमी ने पीछे से उसका हाथ खींच लिया और बचा लिया। गुस्से से चिल्लाती जेनिफर बोली "मुझे मरना है। मुझे मरना है।"
जिस आदमी ने जेनिफर को बचाया वो दरअसल मदारी ही था। मदारी ने उसे शांत करवाया और कहा "मैं जानता हूं कि इस संसार में तुम्हारा कोई नही। लेकिन आत्महत्या ये कोई उपाय नहीं।"
जेनिफर थोड़ा हैरान हुई और पूछी "आपको मेरे बारे में कैसे पता ? आप है कौन ?"
"मैं तुम्हारे बारे में सब कुछ जानता हूं। तुम्हारे पिता एक जमाने भारत देश में रहते थे। वह एक सिक्युरिटी ऑफिसर थे। उस आदमी ने हर दफा भारतीयों पर अत्याचार किया। और तो और ड्रग्स का धंधा वहां जमाया। उसका मालिक यानी स्टीव माईकल इस साम्राज्य का मालिक। तुम्हारे पिता ने इस धंधे से कितने लाखो की जिंदगी बरबाद की। भारत नही बल्कि दुनिया के कोने कोने तक इसका धंधा बनाया। आज इसी कुकर्म ने तुम्हारे पिता और भाई को मार दिया। लाखो की बद्दुआएं लगी है उन्हे और तुम्हे भी।"
"मुझे क्यों बददुआ लगी ?"
"लोगो का खून चूसकर तुम्हारे पिता ने महल बनाया है और उसका परम आनंद और विलास किया है तुमने। इस खून की कमाई का आनंद लेना पाप है। वैसे गलती तुम्हारे भाई की भी नही थी। उसे इसमें फसाया गया है। ड्रग्स का अधीन बनाया गया है।"
"मैं अपने पापा से नफरत करती हूं। उन्ही की वजह से ये सब हुआ है।" इतना कहकर जेनिफर रोने लगी।
"वैसे जेनिफर तुम्हे अपने पिता भाई को मौत का बदला लेना चाहिए।" मदारी ने कहा
"नही कोई जरूरत नहीं। पिताजी को उनके कर्मों की सजा मिली है। मुझे किसी से कोई बदला नहीं लेना।"
"बिना सच्चाई जाने ?" मदारी ने पूछा।
"कहना क्या चाहते है आप ? सब कुछ तो सामने ही है।" जेनिफर ने कहा।
"जिस इंसान को अपना पिता कहने पर शर्म आ रही है शायद तुम्हारी कुछ गलत फहमी कम हो जाएं। तुम्हारे पिता एल्विस एडम्स बहुत क्रूर और बिना दिल का आदमी जरूर था। हां उसने लाखो की जिंदगी तबाह भी की लेकिन उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था और प्रायश्चित भी करना चाहता था। उसने ये ड्रग्स का काम छोड़ दिया था। उसने करीब 2 मिलियन डॉलर दान कर दिया था। लेकिन उसका बॉस स्टीव माईकल को ये सब सही न लगा। तुम्हारे पिता ने जिनकी जिंदगी बरबाद की उनके घरों में पैसा पहुंचने लगा। वो बदल चुका था। रही बात तुम्हारे भाई की तो उस बेचारे के साथ बहुत बुरा हुआ। उसके खाने में ड्रग्स मिलाया जाता था। उसे पता भी न चला और वो यहां तक पानी में भी ड्रग्स का उपयोग करवाके पिलाया जाता था। जब हालत बिगड़ी तो दवाई के नाम पर ड्रग्स दिया। उसे लत लगा दी दवाई के नाम पर। वो रोज मारता रहा और आखिर वक्त आया भी जिसमे वो जिंदगी की पढ़ाई हार गया। रही बात तुम्हारे पिता की तो उसकी हत्या करवाई गई। उसे गोलियों से मारा गया।"
ये सब सुनकर जेनिफर जोर जोर से रोने लगी। जेनिफर को जैसे अपनी गलती का एहसास होने लगा। वो रोने लगी और बोली "अब क्या फायदा रोकर। जिस इंसान को जीतेजी नफरत को निगाहों से देखा अब उसके मरने पर कैसा रोना ?"
"क्या तुम बदला नहीं लेना चाहोगी अपने भाई और पिता के मौत का ?"
"ये कैसे बात कर रहे है आप ? वो ताकतवर लोग है और मैं अकेली। कैसे उन्हें मारूंगी ? उन्हे मार भी दिया तो मैं भी उनकी तरह हत्यारी बन जाऊंगी।"
"मार नही सकती लेकिन बरबाद तो कर सकती हो न।"
"पर मैं अकेली हूं। नही हो सकता ये।"
"सब कुछ मुमकिन है बस इरादा होना चाहिए। वैसे भी मैं तुम्हारा साथ दे सकता हूं।"
"क्या आप देंगे मेरा साथ ?" जेनिफर ने आंसू पोछते हुए पूछा।
"लेकिन एक शर्त पे......"
"कैसी शर्त ?"
"अगर तुम्हे मेरी मदद चाहिए तो इसके लिए खुद को मेरे हवाले करना होगा। तुम्हे जो कहूं वो करना होगा। तुम्हारा शरीर से लेकर मन सब मेरा होगा। अब से मैं तुम्हारा सब कुछ रहूंगा। बोलो मंजूर हो तो हां कहो।"
जेनिफर को बदला लेना था इसलिए बोली "हां मैं तैयार हूं। लेकिन आपको मेरी सारी मदद करनी होगी।"
"ठीक है जेनिफर। बहुत जल्द तुम्हे मेरे इरादे पर यकीन होगा जब तुम्हे मै तुम्हारे भाई के हत्यारे का पता लगा लूंगा।"
जेनिफर को एक पता दिया। जेनिफर उस पाते पर गई। वहां दस महीने उसे रहना था। वहां उसने मार्शल आर्ट सिखा। सिर्फ मार्शल आर्ट नहीं बल्कि मर्दों को लुभाने को ट्रेनिंग भी मिली। जेनिफर का एक ही मकसद था और वो था अपने परिवार के मौत का बदला। वो अब काफी गुस्सेल और गरम दिमाग की हो गई। जेनिफर अब खूंखार हत्यारी भी बन गई। ट्रेनिंग के साथ उसने स्टीव माइकल के कई आदमियों को मारा। स्टीव माइकल जेनिफर तक पहुंचे उससे पहले उसका सोमालिया जाना सही था।
वर्तमान दिन।
जेनिफर शुक्रवार को अपना काम पूरा करके कॉलेज से एक बियाबान इलाके में गई। उस इलाके में कोई नही रहता। सारे घर 100 से भी ज्यादा पुराने थे जो बहुत बुरा हालत में थे। उन में से एक घर में जेनिफर ने प्रवेश किया। अंदर देखा तो मदारी ध्यान अवस्था में था। जेनिफर के कदमों को आहट सुनकर अपनी आंखे खोली। जेनिफर अपने कोट को उतारकर पास में पड़े व्हिस्की का एक घूट लिया। पास में पड़े सोफे पर बैठ गई।
"कैसी हो तुम जेनिफर ?"
"मैं ठीक हूं मदारी। आपने मुझे बुलाया क्यों यहां ?"
"एक तोहफा देने।"
"तोहफा ? कैसा तोहफा ?"
मदारी बाबा जेनिफर को एक टूटे फूटे कमरे में ले गया। जेनिफर ने देखा कि सामने एक आदमी का हाथ पैर बंधा था और चेहरा जख्म से भरा हुआ था। जख्म ताजा था।
"ये कौन है ?" जेनिफर ने पूछा।
"इसका नाम रिकी बार्टर है। ये वही दलाल है जिसने तेरे भाई को ड्रग्स की लत लगाया और तुम्हारे पिता का हत्यारा भी यही है।"
जेनिफर रिकी को ओर देखते हुए पूछी "क्या यह सच है ?"
"हां ये सच है। मेरे बॉस को न कहने का अंजाम भुगता उस कुत्ते और उसके बेटे ने।"
जेनिफर रोते हुए पूछी "इन सब खराब काम से तुम्हे क्या मिलता है ?"
"सुकून और ढेर सारा माल।" उस आदमी की आंख में जरा सा भी अफसोस नहीं था।
गुस्से से चिल्लाती हुई जेनिफर ने उस आदमी के गर्दन पर चाकू से बार किया और फिर करीब 50 वार किए उसके शरीर पर।"
रिकी बार्टर ने दम तोड दिया। जेनिफर फुट फुट कर रोज लगी। मदारी उसे शांत करवाते हुए बोला "अपने आपको संभालो जेनिफर। खुद को मजबूत करो।"
"आखिर में मैं एक खूनी बन गई।"
"तुमने खून किया है सच्चाई के लिए।"
"लेकिन कत्ल तो कत्ल होता है।"
"तो फिर आदत डाल लो। क्योंकि जिस जगह अब तुम्हे जान है वहां कत्लेआम बहुत आम बात है।"
"कहां जाना होगा मुझे ?"
"Somalia देश।"
"वहां क्या है ?"
"इस वक्त इथोपिया के सामने सोमालिया में युद्ध का माहौल है। वहां जाकर तुम्हे एक सबसे अमीर आदमियों में से एक अब्दुल्ला ईदी नाम के आदमी को खत्म करना है।"
"अब्दुल्ला ईदी कौन है ?" जेनिफर ने पूछा।
"वो सोमालिया का सबसे बड़ा माफिया चलता है। बच्चों से लेकर औरतों तक को अपने माफिया के शामिल किया है। हथियार, ड्रग्स और मानव तस्कर का बादशाह। स्टीव माइकल के अफ्रीका में साम्राज्य उसी ने बनाया।"
"लेकिन वो काफी खतरनाक आदमी होगा।"
"हां तुम उसे खत्म करोगी और तो और उसे मारकर तुम्हे हिंदुस्तान जाना होगा।"
"वहां क्या है ?" जेनिफर ने पूछा।
"वो तुम्हे बादमें पता चलेगा। फिलहाल एक आदमी तुम्हे अफ्रीका ले। जायेगा और वो इस वक्त लंदन में होगा।"
"कौन है वो ?"
"उसका नाम है अब्दुल।"
अब्दुल के बारे में आपको बता दूं। दरअसल वो सोमालिया में रहता है। बाबा मदारी का खास है। बाबा मदारी ने 5 साल से उसे वहां मिशन में रखा था। बाबा मदारी सरजू दास बाबा के खास थे। (सरजू दास बाबा पिछले पार्ट के बाबा जो अनामिका के साथ है।)
अब्दुल वैसे हिन्दुस्तानी है। उसकी उमर 80 साल की है। एक बहरूपिया और सबसे चालक। अब्दुल को इस सेवा में शामिल किया क्योंकि वो पहले एक आतंकवादी था। बंगाली आतंकवादी जिसने हिंदुस्तान को कई दफा चोट पहुंचाई। लेकिन एक दिन उसका पूरा परिवार खत्म हो गया और वो फिर सरजू बाबा की शरण में आया। सरजू दास ने उसे पुण्य का मार्ग बताया और उस मार्ग से उसने बंगाल में रह रहे आतंकवादियों को मरवाया। अब वो मिशन में लग गया जो था स्टीव माइकल के साम्राज्य का खत्मा। वो सोमालिया से जेनिफर को लेने आया है। अब्दुल की एक बूरी आदत है और वो है लड़कियां। लड़कियों का शौक़ीन। वो लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बना चुका है। लेकिन कभी किसी लड़की के साथ जबरजस्ती नहीं की।
जनवरी 1977
ठंड का मौसम था और लंदन एयरपोर्ट पर जेनिफर पहुंची। वहां उसकी मुलाक़ात अब्दुल से हुई। अब्दुल दिखने में पतला और हमेशा skull cap (religious cap) पहनता था।
"सलाम जेनिफर मेरा नाम......."
"अब्दुल है। मैं तुम्हें जानती हूं। बाबा मदारी ने आपके बारे में बताया। तो तुम मेरे साथ सोमालिया चलोगे ?"
"हां मोहतरमा। लेकिन एक बात आपको बता दूं। आप वहां डॉक्टर बनकर जाएंगी। आप वहां गरीबों को सेवा के लिए जाएंगी। वहां आपको मेरे घर रहना होगा। फिर धीरे धीरे सब मैं बताऊंगा।"
"मिशन कब तक पूरा करना है ?"
"2 महीने में। हमारा काम है अब्दुल्ला का साम्राज्य और उसे खत्म करना।"
"चलो अब फ्लाइट का टाइम हो गया।"
"ठीक है लेकिन आखिरी बार अपने देश को देख लो। शायद अब कब वापसी होगी।"
"मेरा एक ही मकसद है और वो है बाबा मदारी के आदेश का पालन।"
जेनिफर और अब्दुल फ्लाइट में बैठे और सोमालिया के लिए निकल गए।
जनवरी 1977
ये कहानी 30 साल जेनिफर की है। जेनिफर जो लंदन में एक कॉलेज टीचर थी। दिखाने में बला की खूबसूरत। मूल ब्रिटिश नागरिक। जेनिफर बहुत ही ईमानदार और अच्छे स्वभाव की औरत है। जेनिफर ने बचपन में मां बाप को खो दिया। उसका 16 साल का भी भी था जो पिछले साल ड्रग overdose की वजह से मारा गया। जेनिफर ने अपने भाई को बेटे से भी ज्यादा प्यार किया। उसके मौत से वो काफी दुखी हो गई। उसका भाई ही उसका सब कुछ था। जेनिफर के जीने को इच्छा खत्म हो गई।
रोज की तरह आज भी जेनिफर कॉलेज गई पढ़ाने और घर वापिस आई। दिल को कोई सुकून नहीं। न कोई शांति। जेनिफर हर शुक्रवार एक वीराने घर में जाती है। वो घर एक 80साल के बुड्ढे का है। उस बुड्ढे का नाम मदारी है (जी हां पहले पार्ट में आपने जिस मदारी को देखा, ये वही है।). अब ये जानते है कि दोनो को मुलाकात कब और कैसे हुई ?
10 महीने पहले
यह बात थी करीब 10 महीने पहले की जब जेनिफर ने अपने भाई को को दिया था।ड्रग्स का ज्यादा सेवन करने की वजह से वो मर चुका था। जेनिफर का संसार में कोई न बचा। कुछ दिनों रोक अकेलापन जैसे खलेने लगा। बाप की तरह भाई भी ड्रग्स का अधीन होकर मरा। मां भी उसकी नही थी। एक दिन दुनिया से त्रस्त होकर उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। ब्रिज पर खड़ी जेनिफर ने आंखे बंद कर ली और कुदनेवाली थी कि एक आदमी ने पीछे से उसका हाथ खींच लिया और बचा लिया। गुस्से से चिल्लाती जेनिफर बोली "मुझे मरना है। मुझे मरना है।"
जिस आदमी ने जेनिफर को बचाया वो दरअसल मदारी ही था। मदारी ने उसे शांत करवाया और कहा "मैं जानता हूं कि इस संसार में तुम्हारा कोई नही। लेकिन आत्महत्या ये कोई उपाय नहीं।"
जेनिफर थोड़ा हैरान हुई और पूछी "आपको मेरे बारे में कैसे पता ? आप है कौन ?"
"मैं तुम्हारे बारे में सब कुछ जानता हूं। तुम्हारे पिता एक जमाने भारत देश में रहते थे। वह एक सिक्युरिटी ऑफिसर थे। उस आदमी ने हर दफा भारतीयों पर अत्याचार किया। और तो और ड्रग्स का धंधा वहां जमाया। उसका मालिक यानी स्टीव माईकल इस साम्राज्य का मालिक। तुम्हारे पिता ने इस धंधे से कितने लाखो की जिंदगी बरबाद की। भारत नही बल्कि दुनिया के कोने कोने तक इसका धंधा बनाया। आज इसी कुकर्म ने तुम्हारे पिता और भाई को मार दिया। लाखो की बद्दुआएं लगी है उन्हे और तुम्हे भी।"
"मुझे क्यों बददुआ लगी ?"
"लोगो का खून चूसकर तुम्हारे पिता ने महल बनाया है और उसका परम आनंद और विलास किया है तुमने। इस खून की कमाई का आनंद लेना पाप है। वैसे गलती तुम्हारे भाई की भी नही थी। उसे इसमें फसाया गया है। ड्रग्स का अधीन बनाया गया है।"
"मैं अपने पापा से नफरत करती हूं। उन्ही की वजह से ये सब हुआ है।" इतना कहकर जेनिफर रोने लगी।
"वैसे जेनिफर तुम्हे अपने पिता भाई को मौत का बदला लेना चाहिए।" मदारी ने कहा
"नही कोई जरूरत नहीं। पिताजी को उनके कर्मों की सजा मिली है। मुझे किसी से कोई बदला नहीं लेना।"
"बिना सच्चाई जाने ?" मदारी ने पूछा।
"कहना क्या चाहते है आप ? सब कुछ तो सामने ही है।" जेनिफर ने कहा।
"जिस इंसान को अपना पिता कहने पर शर्म आ रही है शायद तुम्हारी कुछ गलत फहमी कम हो जाएं। तुम्हारे पिता एल्विस एडम्स बहुत क्रूर और बिना दिल का आदमी जरूर था। हां उसने लाखो की जिंदगी तबाह भी की लेकिन उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था और प्रायश्चित भी करना चाहता था। उसने ये ड्रग्स का काम छोड़ दिया था। उसने करीब 2 मिलियन डॉलर दान कर दिया था। लेकिन उसका बॉस स्टीव माईकल को ये सब सही न लगा। तुम्हारे पिता ने जिनकी जिंदगी बरबाद की उनके घरों में पैसा पहुंचने लगा। वो बदल चुका था। रही बात तुम्हारे भाई की तो उस बेचारे के साथ बहुत बुरा हुआ। उसके खाने में ड्रग्स मिलाया जाता था। उसे पता भी न चला और वो यहां तक पानी में भी ड्रग्स का उपयोग करवाके पिलाया जाता था। जब हालत बिगड़ी तो दवाई के नाम पर ड्रग्स दिया। उसे लत लगा दी दवाई के नाम पर। वो रोज मारता रहा और आखिर वक्त आया भी जिसमे वो जिंदगी की पढ़ाई हार गया। रही बात तुम्हारे पिता की तो उसकी हत्या करवाई गई। उसे गोलियों से मारा गया।"
ये सब सुनकर जेनिफर जोर जोर से रोने लगी। जेनिफर को जैसे अपनी गलती का एहसास होने लगा। वो रोने लगी और बोली "अब क्या फायदा रोकर। जिस इंसान को जीतेजी नफरत को निगाहों से देखा अब उसके मरने पर कैसा रोना ?"
"क्या तुम बदला नहीं लेना चाहोगी अपने भाई और पिता के मौत का ?"
"ये कैसे बात कर रहे है आप ? वो ताकतवर लोग है और मैं अकेली। कैसे उन्हें मारूंगी ? उन्हे मार भी दिया तो मैं भी उनकी तरह हत्यारी बन जाऊंगी।"
"मार नही सकती लेकिन बरबाद तो कर सकती हो न।"
"पर मैं अकेली हूं। नही हो सकता ये।"
"सब कुछ मुमकिन है बस इरादा होना चाहिए। वैसे भी मैं तुम्हारा साथ दे सकता हूं।"
"क्या आप देंगे मेरा साथ ?" जेनिफर ने आंसू पोछते हुए पूछा।
"लेकिन एक शर्त पे......"
"कैसी शर्त ?"
"अगर तुम्हे मेरी मदद चाहिए तो इसके लिए खुद को मेरे हवाले करना होगा। तुम्हे जो कहूं वो करना होगा। तुम्हारा शरीर से लेकर मन सब मेरा होगा। अब से मैं तुम्हारा सब कुछ रहूंगा। बोलो मंजूर हो तो हां कहो।"
जेनिफर को बदला लेना था इसलिए बोली "हां मैं तैयार हूं। लेकिन आपको मेरी सारी मदद करनी होगी।"
"ठीक है जेनिफर। बहुत जल्द तुम्हे मेरे इरादे पर यकीन होगा जब तुम्हे मै तुम्हारे भाई के हत्यारे का पता लगा लूंगा।"
जेनिफर को एक पता दिया। जेनिफर उस पाते पर गई। वहां दस महीने उसे रहना था। वहां उसने मार्शल आर्ट सिखा। सिर्फ मार्शल आर्ट नहीं बल्कि मर्दों को लुभाने को ट्रेनिंग भी मिली। जेनिफर का एक ही मकसद था और वो था अपने परिवार के मौत का बदला। वो अब काफी गुस्सेल और गरम दिमाग की हो गई। जेनिफर अब खूंखार हत्यारी भी बन गई। ट्रेनिंग के साथ उसने स्टीव माइकल के कई आदमियों को मारा। स्टीव माइकल जेनिफर तक पहुंचे उससे पहले उसका सोमालिया जाना सही था।
वर्तमान दिन।
जेनिफर शुक्रवार को अपना काम पूरा करके कॉलेज से एक बियाबान इलाके में गई। उस इलाके में कोई नही रहता। सारे घर 100 से भी ज्यादा पुराने थे जो बहुत बुरा हालत में थे। उन में से एक घर में जेनिफर ने प्रवेश किया। अंदर देखा तो मदारी ध्यान अवस्था में था। जेनिफर के कदमों को आहट सुनकर अपनी आंखे खोली। जेनिफर अपने कोट को उतारकर पास में पड़े व्हिस्की का एक घूट लिया। पास में पड़े सोफे पर बैठ गई।
"कैसी हो तुम जेनिफर ?"
"मैं ठीक हूं मदारी। आपने मुझे बुलाया क्यों यहां ?"
"एक तोहफा देने।"
"तोहफा ? कैसा तोहफा ?"
मदारी बाबा जेनिफर को एक टूटे फूटे कमरे में ले गया। जेनिफर ने देखा कि सामने एक आदमी का हाथ पैर बंधा था और चेहरा जख्म से भरा हुआ था। जख्म ताजा था।
"ये कौन है ?" जेनिफर ने पूछा।
"इसका नाम रिकी बार्टर है। ये वही दलाल है जिसने तेरे भाई को ड्रग्स की लत लगाया और तुम्हारे पिता का हत्यारा भी यही है।"
जेनिफर रिकी को ओर देखते हुए पूछी "क्या यह सच है ?"
"हां ये सच है। मेरे बॉस को न कहने का अंजाम भुगता उस कुत्ते और उसके बेटे ने।"
जेनिफर रोते हुए पूछी "इन सब खराब काम से तुम्हे क्या मिलता है ?"
"सुकून और ढेर सारा माल।" उस आदमी की आंख में जरा सा भी अफसोस नहीं था।
गुस्से से चिल्लाती हुई जेनिफर ने उस आदमी के गर्दन पर चाकू से बार किया और फिर करीब 50 वार किए उसके शरीर पर।"
रिकी बार्टर ने दम तोड दिया। जेनिफर फुट फुट कर रोज लगी। मदारी उसे शांत करवाते हुए बोला "अपने आपको संभालो जेनिफर। खुद को मजबूत करो।"
"आखिर में मैं एक खूनी बन गई।"
"तुमने खून किया है सच्चाई के लिए।"
"लेकिन कत्ल तो कत्ल होता है।"
"तो फिर आदत डाल लो। क्योंकि जिस जगह अब तुम्हे जान है वहां कत्लेआम बहुत आम बात है।"
"कहां जाना होगा मुझे ?"
"Somalia देश।"
"वहां क्या है ?"
"इस वक्त इथोपिया के सामने सोमालिया में युद्ध का माहौल है। वहां जाकर तुम्हे एक सबसे अमीर आदमियों में से एक अब्दुल्ला ईदी नाम के आदमी को खत्म करना है।"
"अब्दुल्ला ईदी कौन है ?" जेनिफर ने पूछा।
"वो सोमालिया का सबसे बड़ा माफिया चलता है। बच्चों से लेकर औरतों तक को अपने माफिया के शामिल किया है। हथियार, ड्रग्स और मानव तस्कर का बादशाह। स्टीव माइकल के अफ्रीका में साम्राज्य उसी ने बनाया।"
"लेकिन वो काफी खतरनाक आदमी होगा।"
"हां तुम उसे खत्म करोगी और तो और उसे मारकर तुम्हे हिंदुस्तान जाना होगा।"
"वहां क्या है ?" जेनिफर ने पूछा।
"वो तुम्हे बादमें पता चलेगा। फिलहाल एक आदमी तुम्हे अफ्रीका ले। जायेगा और वो इस वक्त लंदन में होगा।"
"कौन है वो ?"
"उसका नाम है अब्दुल।"
अब्दुल के बारे में आपको बता दूं। दरअसल वो सोमालिया में रहता है। बाबा मदारी का खास है। बाबा मदारी ने 5 साल से उसे वहां मिशन में रखा था। बाबा मदारी सरजू दास बाबा के खास थे। (सरजू दास बाबा पिछले पार्ट के बाबा जो अनामिका के साथ है।)
अब्दुल वैसे हिन्दुस्तानी है। उसकी उमर 80 साल की है। एक बहरूपिया और सबसे चालक। अब्दुल को इस सेवा में शामिल किया क्योंकि वो पहले एक आतंकवादी था। बंगाली आतंकवादी जिसने हिंदुस्तान को कई दफा चोट पहुंचाई। लेकिन एक दिन उसका पूरा परिवार खत्म हो गया और वो फिर सरजू बाबा की शरण में आया। सरजू दास ने उसे पुण्य का मार्ग बताया और उस मार्ग से उसने बंगाल में रह रहे आतंकवादियों को मरवाया। अब वो मिशन में लग गया जो था स्टीव माइकल के साम्राज्य का खत्मा। वो सोमालिया से जेनिफर को लेने आया है। अब्दुल की एक बूरी आदत है और वो है लड़कियां। लड़कियों का शौक़ीन। वो लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बना चुका है। लेकिन कभी किसी लड़की के साथ जबरजस्ती नहीं की।
जनवरी 1977
ठंड का मौसम था और लंदन एयरपोर्ट पर जेनिफर पहुंची। वहां उसकी मुलाक़ात अब्दुल से हुई। अब्दुल दिखने में पतला और हमेशा skull cap (religious cap) पहनता था।
"सलाम जेनिफर मेरा नाम......."
"अब्दुल है। मैं तुम्हें जानती हूं। बाबा मदारी ने आपके बारे में बताया। तो तुम मेरे साथ सोमालिया चलोगे ?"
"हां मोहतरमा। लेकिन एक बात आपको बता दूं। आप वहां डॉक्टर बनकर जाएंगी। आप वहां गरीबों को सेवा के लिए जाएंगी। वहां आपको मेरे घर रहना होगा। फिर धीरे धीरे सब मैं बताऊंगा।"
"मिशन कब तक पूरा करना है ?"
"2 महीने में। हमारा काम है अब्दुल्ला का साम्राज्य और उसे खत्म करना।"
"चलो अब फ्लाइट का टाइम हो गया।"
"ठीक है लेकिन आखिरी बार अपने देश को देख लो। शायद अब कब वापसी होगी।"
"मेरा एक ही मकसद है और वो है बाबा मदारी के आदेश का पालन।"
जेनिफर और अब्दुल फ्लाइट में बैठे और सोमालिया के लिए निकल गए।


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