28-06-2025, 07:41 AM
(This post was last modified: 28-06-2025, 07:44 AM by Basic. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
शादी का माहौल था। सब लोग खुश थे। सुप्रिया और अनुप्रिया ने दुल्हन का कमरा सजाया और दुल्हन को सुहागरात के लिए सजाया। रात हो चुकी थी। अंतू और कीर्ति को जरा सा भी वक्त नहीं अलग और दोनों शुरू हो गए एक दूसरे को प्यार करने। लेकिन आज हरिया और सुकीर्ति के बीच एक अजीब सी उलझन उत्साह और बेचैनी छाई थी।
हरिया आज सुकीर्ति के साथ सुहागरात मनाएगा। सुकीर्ति लाल रंग की साड़ी में फूलों से सजी बिस्तर पर बैठी थी। हरिया अपने कमरे जानेवाला था कि घर के बाहर सुप्रिया ने हरिया को आवाज देकर अपने पास बुलाया। काले रंग Sleveless ब्लाउज और पीली साड़ी में खड़ी सुप्रिया हरिया से कुछ बात करना चाहती थी।
हरिया मुस्कुराते हुए बोल "सुप्रिया क्या हुआ ? मुझे क्यों बुलाया ?"
"तुमसे कुछ जरूरी बात करनी थी।" सुप्रिया हरिया का हाथ पकड़कर अंधेरे में पेड़ के पास ले गई।
हरिया मुस्कुराते हुए पूछा "क्या बात है आज मेरी याद आ रही है तुम्हे ?"
"चुप रहो। आप भी न। मैं आपको इसीलिए बुलाई कि मैं आपको ये बता सकूं कि आपको शादी सुकीर्ति से हुई है और आप आज से हमेशा उसका ख्याल रखना।"
"मैं जरूर रखूंगा। लेकिन एक बात कहूं सुप्रिया ?"
"हां कहो।"
"बेशक सुप्रिया को मैं पसंद करता हूं। उम्रभर उसके साथ रहूंगा लेकिन मेरा पहला प्यार तुम थी और रहेगी।" हरिया को आंखे नम हो गई।"
सुप्रिया भी भावुक हो गई और बोली "आप भी न। क्या इतना प्यार करते है आप मुझसे ?"
हरिया सुप्रिया को बाहों में भर लिया और हल्के से उसके होंठ चूमकर बोला "हमेशा करूंगा। तुम जानती नहीं अंतू भी तुमसे मोहब्बत करता है। लेकिन सुप्रिया बस कुछ देर के लिए मेरी बाहों में आ जाओ।" हरिया सुप्रिया का हाथ पकड़कर पास के अंधेरे को झोपडी में ले गया।
हरिया ने साड़ी का पल्लू खींच लिया और सुप्रिया को खटिया पर लिटाकर उसके पेट को चाटने लगा फिर स्तन दबाकर होठ को चूमता रहा। सुप्रिया ने हरिया का साथ दिया। कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को चूमते रहे। फिर सुप्रिया हरिया से अलग हुई और बोली "अब तुम्हारे मोहब्बत का हम सुकीर्ति को पिलाओ और पूरी रात उसे बाहों में भरकर प्यार करो।"
हरिया रोते हुए बोला "भगवान करे जग्गा की उम्र लंबी हो। लेकिन जब वो चल जाएगा तो तुम्हे मेरे पास एक रात के लिए आना होगा।"
"मैं आऊंगी और तब तुम्हे न रोकूंगी और न खुद से दूर करूंगी।" सुप्रिया मुस्कुराते हुए दौड़कर चली गई।"
"I love you supriya" हरिया ने कहा।
हरिया जल्दी अपने कमरे में आया। सामने घूंघट में ढकी सुकीर्ति को देखा।सुकीर्ति के दिल की धड़कने बढ़ने लगी। वो शर्म से लाल थी। हरिया सुकीर्ति के पास आया और बोला "आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। सच कहूं तो तुम अप्सरा लग रही हो।"
सुकीर्ति ने कुछ न कहा। हरिया सुप्रिया के घुंघट को उठाया और देखता रह गया। हरिया बोलिया "इतना भी शरमाओ मत। अब तुम मेरी पत्नी हो। अब से हमारे बीच कोई पर्दा नहीं।" हरिया ने हल्के से सुप्रिया के गाल को चूमा और बोला "कितनी भीनी खुशबू आ रही है। देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूं ?" हरिया ने जेब से सोने का कमरबंद निकाला।
"आओ इसे तुम्हारे कमर पर लगाकर इसकी शोभा बढ़ाता हूं।"
हरिया बोला "आओ मेरी पत्नी आज तुम्हे देखकर आंखों में बसाने दो।"
हरिया ने सुकीर्ति के सदी के पल्लू को उतर दिया। ब्लाउज पेटीकोट में सुकीर्ति का चांदी सा बदन निखरके बाहर आने लगा। सुकीर्ति के दोनों कंधे को मजबूती से पकड़कर बिस्तर पर लिटाया और कमरबंद को सामने लाया। कमर पर सोने का कमरबंद लगाकर बड़े प्यार से सुकीर्ति के गोरे और चिकने पेट को देखने लगा। सुप्रिया शर्म से लाल हो रही थी। हरिया ने हल्के से उस गोरे गोरे पेट को चूमा। सुकीर्ति को आह निकल गई। हरिया ने अपने बदन से सारे कपड़े उतर दिया। उसके काले शरीर और झुर्रियां के सामन गोरा शरीर और सख्त चंडीवाला जिस्म। हरिया पेट पर टूट पड़ा। बेतहाशा चूमता और फिर हल्के से ब्लाउज उतरने लगा। सुकीर्ति के बदन से धीरे धीरे सारे कपड़े उतर गए। हरिया सुकीर्ति के स्तन को चूमने लगा। हल्के से स्तन को जुबान से चटाता। बहुत प्यार से उसके हर हिस्से को स्पर्श करता।
"सुकीर्ति कितनी सुंदर हो तुम। आज तुम्हारे जिस्म को इतना प्यार करूंगा कि अपने सालों के अकेलेपन को दूर कर दूंगा।" हरिया सुकीर्ति के हाथ को कसके अपने हाथ से लगा लिया और चूसने लगा। सुकीर्ति बजाने गरम होने लगी।
"जब मैने तुम्हे देखा था न पहली बार तभी से तुम्हे अपना बनाना चाहता था। मैने और बड़े भाई ने सबसे पहले तुम्हारी बहन कीर्ति को करीब लाने का सोचा। कीर्ति के साथ अकेले संभोग कर सके इसीलिए तुम्हे लेकर बाहर काम से गया। हम दोनों भाई ने मिलकर तुम दो बहनों से शादी करने की योजना बनाई ताकि हम सारी जिंदगी तुम दोनों बहनों के जिस्म और प्यार को भोग सके।"
हरिया ने हल्के से सुकीर्ति की योनि में लिंग डालना शुरू किया। कीर्ति जैसे दर्द से चिल्ला पड़ी।
"हटाए इसे मै मर जाऊंगी। कितना दर्द हो रहा है।"
"आह आह नहीं अभी नहीं। आज मुझे रुकना नहीं। आज तो तुम्हारी जवानी लूटूँगा। तुम आज की रात के बाद मेरी हो जाओगी।"
"दर्द बर्दाश नहीं हो रहा।" इतना कहकर सुकीर्ति बेहोश हो गई। लेकिन हरिया ने इसी का फायदा उठाकर जोर से धक्का दिया और लगातार धक्का मारने लगा। हरिया तो जैसे आनंद में मग्न था। थोड़ी देर सुकीर्ति की आँखें खुली तो देखा कि हरिया अभी भी धक्का मार रहा था। हरिया कसके सुकीर्ति के बदन को अपने बदन से चिपकाकर होठ चूमते हुए धक्का देर रहा था। अब सुकीर्ति को अच्छा लगने लगा। अपने दोनों पैरों को हरिया के कमर पर फसाकर बहुत आनंद ले रही थी। हरिया समझ गया कि सुकीर्ति अब उसका साथ दे रही है।
हरिया सुकीर्ति को जितने जोर से धक्का मार रहा था उतना ही सुकीर्ति को मजा आ रहा था। आखिर सुकीर्ति बोल पड़ी "आह और जोर से।"
हरिया मुस्कुराते हुए बोल "अब आई न सही जगह पर। आखिर तुमको मेरा प्यार पसंद आया ही।"
हरिया आखिर में सुकीर्ति के बच्चेदानी तक खाद गया। सुकीर्ति बहुत ज्यादा थक गई। आखिर ये उसके जिंदगी का पहला संभोग था। पूरी रात हरिया सुकीर्ति के साथ संभोग किया। और अब इतना तय हो गया कि सुकीर्ति को हरिया भा गया।
हरिया और अंतू को वो मिल गया जिसका उनको बरसो से इंतजार था। ऐसे ही दो हफ्ते बीत गए। सब कुछ अच्छा चल रहा था सुप्रिया अपने बच्चे के साथ खुश थी। दोनों बच्चों को जग्गा बहुत प्यार देता। ऐसे ही एक साल गुजर गए। इन एक साल में सुकीर्ति और कीर्ति ने एक एक बच्चे को जन्म दिया। अनुप्रिया ने माली के दूसरे बच्चे को जन्म दिया।
साल 1995
जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी सबकी। लेकिन एक रात ऐसा हुआ जिसने सब कुछ बदल दिया। दरअसल हर बार की तरह सुप्रिया और जग्गा भरी संभोग करके अपने बिस्तर पर। सो गए। लेकिन उस रात जग्गा के हृदय में भारी सा लगने लगा। एक जोर के झटके से जग्गा के हृदय ने काम करना बंद कर दिया और जग्गा के प्राण पखेरू उड़ गए। सुप्रिया तीसरी बार विधवा हो गई। जनवरी के महीने में जग्गा की मृत्यु हुई। सुप्रिया बहुत दुखी थी लेकिन यह दुख ने 2 महीने तक सुप्रिया का साथ न छोड़ा। लेकिन एक रात हरिया और अंतू ने तय किया कि वो सुप्रिया को पहले जैसा करेंगे। कीर्ति और सुकीर्ति जानती थी कि सुप्रिया दोनों बूढों का पहला प्यार है। एक रात ऐसा हुआ कि दोनों बूढ़े सुप्रिया को अपने साथ लेकर दूर चले गए और दोनों ने जमकर सुप्रिया के साथ संभोग किया। सिर्फ इतना ही नहीं तीनों 5 दिन तक घर से दूर गाय के तबेले के पास बने घर में रहे। सुप्रिया को दिन रात प्यार करते और तब तक करते रहे जब तक सुप्रिया दर्द से बाहर न निकली। दोनों ने खूब समझाया और सुप्रिया मान गई। सुप्रिया ने जिंदगी को खुलकर जीना तय कर लिया। तीनों के करीब 1 महीने तक तीनों में प्रेम संबंध बना। सुप्रिया अब सिर्फ शारीरिक और दिल का रिश्ता ही बनाएगी। शारीरिक का सिर्फ नहीं। सुप्रिया अब 30 साल की हो गई।
सुप्रिया को यह न पता था कि एक ऐसा चरण सामने आनेवाला हैं जो सुप्रिया की जिंदगी बदल देगा। एक नहीं दो लोग अब उसकी ज़िंदगी में आयेंगे।
(1) लल्लन:- उमर 68 साल। सुप्रिया का रिक्शावाला। आपको पहले भी इस किरदार के बारे में थोड़ा सा बताया था। लल्लन पहले से ही सुप्रिया का सम्मान करता है इसीलिए वो सुप्रिया के साथ प्रेम संबंध नहीं बनानेवाला।
(2) लल्लन का पिता कल्लू : उमर 90 साल। लल्लन का पिता। एक अपाहिज बूढ़ा जो ठीक से नहीं चल सकता।
(3) लल्लन का चाचा हल्दी :- उमर 88 साल। काल और कुबड़ा।
अब देखते है कि हल्दी और कल्लू सुप्रिया के साथ जिंदगी नई बसाएगा या नहीं। सरजू, गंगू, जग्गा, अंतू और हरिया जैसे 5 बुड्ढे से साथ सुप्रिया ने जिंदगी के खुशी के रंग देखे। अब क्या ये दो बूढ़े उसका साथ देंगे ?
हरिया आज सुकीर्ति के साथ सुहागरात मनाएगा। सुकीर्ति लाल रंग की साड़ी में फूलों से सजी बिस्तर पर बैठी थी। हरिया अपने कमरे जानेवाला था कि घर के बाहर सुप्रिया ने हरिया को आवाज देकर अपने पास बुलाया। काले रंग Sleveless ब्लाउज और पीली साड़ी में खड़ी सुप्रिया हरिया से कुछ बात करना चाहती थी।
हरिया मुस्कुराते हुए बोल "सुप्रिया क्या हुआ ? मुझे क्यों बुलाया ?"
"तुमसे कुछ जरूरी बात करनी थी।" सुप्रिया हरिया का हाथ पकड़कर अंधेरे में पेड़ के पास ले गई।
हरिया मुस्कुराते हुए पूछा "क्या बात है आज मेरी याद आ रही है तुम्हे ?"
"चुप रहो। आप भी न। मैं आपको इसीलिए बुलाई कि मैं आपको ये बता सकूं कि आपको शादी सुकीर्ति से हुई है और आप आज से हमेशा उसका ख्याल रखना।"
"मैं जरूर रखूंगा। लेकिन एक बात कहूं सुप्रिया ?"
"हां कहो।"
"बेशक सुप्रिया को मैं पसंद करता हूं। उम्रभर उसके साथ रहूंगा लेकिन मेरा पहला प्यार तुम थी और रहेगी।" हरिया को आंखे नम हो गई।"
सुप्रिया भी भावुक हो गई और बोली "आप भी न। क्या इतना प्यार करते है आप मुझसे ?"
हरिया सुप्रिया को बाहों में भर लिया और हल्के से उसके होंठ चूमकर बोला "हमेशा करूंगा। तुम जानती नहीं अंतू भी तुमसे मोहब्बत करता है। लेकिन सुप्रिया बस कुछ देर के लिए मेरी बाहों में आ जाओ।" हरिया सुप्रिया का हाथ पकड़कर पास के अंधेरे को झोपडी में ले गया।
हरिया ने साड़ी का पल्लू खींच लिया और सुप्रिया को खटिया पर लिटाकर उसके पेट को चाटने लगा फिर स्तन दबाकर होठ को चूमता रहा। सुप्रिया ने हरिया का साथ दिया। कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को चूमते रहे। फिर सुप्रिया हरिया से अलग हुई और बोली "अब तुम्हारे मोहब्बत का हम सुकीर्ति को पिलाओ और पूरी रात उसे बाहों में भरकर प्यार करो।"
हरिया रोते हुए बोला "भगवान करे जग्गा की उम्र लंबी हो। लेकिन जब वो चल जाएगा तो तुम्हे मेरे पास एक रात के लिए आना होगा।"
"मैं आऊंगी और तब तुम्हे न रोकूंगी और न खुद से दूर करूंगी।" सुप्रिया मुस्कुराते हुए दौड़कर चली गई।"
"I love you supriya" हरिया ने कहा।
हरिया जल्दी अपने कमरे में आया। सामने घूंघट में ढकी सुकीर्ति को देखा।सुकीर्ति के दिल की धड़कने बढ़ने लगी। वो शर्म से लाल थी। हरिया सुकीर्ति के पास आया और बोला "आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। सच कहूं तो तुम अप्सरा लग रही हो।"
सुकीर्ति ने कुछ न कहा। हरिया सुप्रिया के घुंघट को उठाया और देखता रह गया। हरिया बोलिया "इतना भी शरमाओ मत। अब तुम मेरी पत्नी हो। अब से हमारे बीच कोई पर्दा नहीं।" हरिया ने हल्के से सुप्रिया के गाल को चूमा और बोला "कितनी भीनी खुशबू आ रही है। देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूं ?" हरिया ने जेब से सोने का कमरबंद निकाला।
"आओ इसे तुम्हारे कमर पर लगाकर इसकी शोभा बढ़ाता हूं।"
हरिया बोला "आओ मेरी पत्नी आज तुम्हे देखकर आंखों में बसाने दो।"
हरिया ने सुकीर्ति के सदी के पल्लू को उतर दिया। ब्लाउज पेटीकोट में सुकीर्ति का चांदी सा बदन निखरके बाहर आने लगा। सुकीर्ति के दोनों कंधे को मजबूती से पकड़कर बिस्तर पर लिटाया और कमरबंद को सामने लाया। कमर पर सोने का कमरबंद लगाकर बड़े प्यार से सुकीर्ति के गोरे और चिकने पेट को देखने लगा। सुप्रिया शर्म से लाल हो रही थी। हरिया ने हल्के से उस गोरे गोरे पेट को चूमा। सुकीर्ति को आह निकल गई। हरिया ने अपने बदन से सारे कपड़े उतर दिया। उसके काले शरीर और झुर्रियां के सामन गोरा शरीर और सख्त चंडीवाला जिस्म। हरिया पेट पर टूट पड़ा। बेतहाशा चूमता और फिर हल्के से ब्लाउज उतरने लगा। सुकीर्ति के बदन से धीरे धीरे सारे कपड़े उतर गए। हरिया सुकीर्ति के स्तन को चूमने लगा। हल्के से स्तन को जुबान से चटाता। बहुत प्यार से उसके हर हिस्से को स्पर्श करता।
"सुकीर्ति कितनी सुंदर हो तुम। आज तुम्हारे जिस्म को इतना प्यार करूंगा कि अपने सालों के अकेलेपन को दूर कर दूंगा।" हरिया सुकीर्ति के हाथ को कसके अपने हाथ से लगा लिया और चूसने लगा। सुकीर्ति बजाने गरम होने लगी।
"जब मैने तुम्हे देखा था न पहली बार तभी से तुम्हे अपना बनाना चाहता था। मैने और बड़े भाई ने सबसे पहले तुम्हारी बहन कीर्ति को करीब लाने का सोचा। कीर्ति के साथ अकेले संभोग कर सके इसीलिए तुम्हे लेकर बाहर काम से गया। हम दोनों भाई ने मिलकर तुम दो बहनों से शादी करने की योजना बनाई ताकि हम सारी जिंदगी तुम दोनों बहनों के जिस्म और प्यार को भोग सके।"
हरिया ने हल्के से सुकीर्ति की योनि में लिंग डालना शुरू किया। कीर्ति जैसे दर्द से चिल्ला पड़ी।
"हटाए इसे मै मर जाऊंगी। कितना दर्द हो रहा है।"
"आह आह नहीं अभी नहीं। आज मुझे रुकना नहीं। आज तो तुम्हारी जवानी लूटूँगा। तुम आज की रात के बाद मेरी हो जाओगी।"
"दर्द बर्दाश नहीं हो रहा।" इतना कहकर सुकीर्ति बेहोश हो गई। लेकिन हरिया ने इसी का फायदा उठाकर जोर से धक्का दिया और लगातार धक्का मारने लगा। हरिया तो जैसे आनंद में मग्न था। थोड़ी देर सुकीर्ति की आँखें खुली तो देखा कि हरिया अभी भी धक्का मार रहा था। हरिया कसके सुकीर्ति के बदन को अपने बदन से चिपकाकर होठ चूमते हुए धक्का देर रहा था। अब सुकीर्ति को अच्छा लगने लगा। अपने दोनों पैरों को हरिया के कमर पर फसाकर बहुत आनंद ले रही थी। हरिया समझ गया कि सुकीर्ति अब उसका साथ दे रही है।
हरिया सुकीर्ति को जितने जोर से धक्का मार रहा था उतना ही सुकीर्ति को मजा आ रहा था। आखिर सुकीर्ति बोल पड़ी "आह और जोर से।"
हरिया मुस्कुराते हुए बोल "अब आई न सही जगह पर। आखिर तुमको मेरा प्यार पसंद आया ही।"
हरिया आखिर में सुकीर्ति के बच्चेदानी तक खाद गया। सुकीर्ति बहुत ज्यादा थक गई। आखिर ये उसके जिंदगी का पहला संभोग था। पूरी रात हरिया सुकीर्ति के साथ संभोग किया। और अब इतना तय हो गया कि सुकीर्ति को हरिया भा गया।
हरिया और अंतू को वो मिल गया जिसका उनको बरसो से इंतजार था। ऐसे ही दो हफ्ते बीत गए। सब कुछ अच्छा चल रहा था सुप्रिया अपने बच्चे के साथ खुश थी। दोनों बच्चों को जग्गा बहुत प्यार देता। ऐसे ही एक साल गुजर गए। इन एक साल में सुकीर्ति और कीर्ति ने एक एक बच्चे को जन्म दिया। अनुप्रिया ने माली के दूसरे बच्चे को जन्म दिया।
साल 1995
जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी सबकी। लेकिन एक रात ऐसा हुआ जिसने सब कुछ बदल दिया। दरअसल हर बार की तरह सुप्रिया और जग्गा भरी संभोग करके अपने बिस्तर पर। सो गए। लेकिन उस रात जग्गा के हृदय में भारी सा लगने लगा। एक जोर के झटके से जग्गा के हृदय ने काम करना बंद कर दिया और जग्गा के प्राण पखेरू उड़ गए। सुप्रिया तीसरी बार विधवा हो गई। जनवरी के महीने में जग्गा की मृत्यु हुई। सुप्रिया बहुत दुखी थी लेकिन यह दुख ने 2 महीने तक सुप्रिया का साथ न छोड़ा। लेकिन एक रात हरिया और अंतू ने तय किया कि वो सुप्रिया को पहले जैसा करेंगे। कीर्ति और सुकीर्ति जानती थी कि सुप्रिया दोनों बूढों का पहला प्यार है। एक रात ऐसा हुआ कि दोनों बूढ़े सुप्रिया को अपने साथ लेकर दूर चले गए और दोनों ने जमकर सुप्रिया के साथ संभोग किया। सिर्फ इतना ही नहीं तीनों 5 दिन तक घर से दूर गाय के तबेले के पास बने घर में रहे। सुप्रिया को दिन रात प्यार करते और तब तक करते रहे जब तक सुप्रिया दर्द से बाहर न निकली। दोनों ने खूब समझाया और सुप्रिया मान गई। सुप्रिया ने जिंदगी को खुलकर जीना तय कर लिया। तीनों के करीब 1 महीने तक तीनों में प्रेम संबंध बना। सुप्रिया अब सिर्फ शारीरिक और दिल का रिश्ता ही बनाएगी। शारीरिक का सिर्फ नहीं। सुप्रिया अब 30 साल की हो गई।
सुप्रिया को यह न पता था कि एक ऐसा चरण सामने आनेवाला हैं जो सुप्रिया की जिंदगी बदल देगा। एक नहीं दो लोग अब उसकी ज़िंदगी में आयेंगे।
(1) लल्लन:- उमर 68 साल। सुप्रिया का रिक्शावाला। आपको पहले भी इस किरदार के बारे में थोड़ा सा बताया था। लल्लन पहले से ही सुप्रिया का सम्मान करता है इसीलिए वो सुप्रिया के साथ प्रेम संबंध नहीं बनानेवाला।
(2) लल्लन का पिता कल्लू : उमर 90 साल। लल्लन का पिता। एक अपाहिज बूढ़ा जो ठीक से नहीं चल सकता।
(3) लल्लन का चाचा हल्दी :- उमर 88 साल। काल और कुबड़ा।
अब देखते है कि हल्दी और कल्लू सुप्रिया के साथ जिंदगी नई बसाएगा या नहीं। सरजू, गंगू, जग्गा, अंतू और हरिया जैसे 5 बुड्ढे से साथ सुप्रिया ने जिंदगी के खुशी के रंग देखे। अब क्या ये दो बूढ़े उसका साथ देंगे ?


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