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Misc. Erotica मुश्किल हालातों में उलझी एक कहानी - रातरानी
#2
अपडेट - 2. 
जस्सी और राणो कॉलेज से निकलकर अपनी स्कूटी पर सवार हुईं। जस्सी स्कूटी चला रही थी और राणो पीछे बैठी थी। रास्ते भर दोनों चुप रहीं, मानो किसी गहरे विचार में डूबी हों।

जब वे अपने किराए के कमरे पर पहुंचीं, तो जस्सी ने स्कूटी खड़ी की और दोनों अंदर चली गईं। कमरा छोटा था, जिसमें दो पलंग, एक मेज और कुछ कुर्सियां थीं। दीवारों पर कुछ पोस्टर लगे हुए थे।

कमरे में पहुंचकर राणो ने जस्सी से पूछा, "हां तो अब बता, हाकम भाई जी का मैसेज क्या था? आज रात कहां जाना है?"

जस्सी ने एक गहरी सांस ली और कहा, "कोई कश्मीर सिंह है, रेलवे स्टेशन के पास रहता है, पूरी रात की बुकिंग है प्लैटिनम सर्विस की, 1500 रुपये मिलेंगे, जिसमें से 20% कमीशन हाकम भाई जी का होगा।"

राणो ने जस्सी की बात सुनकर कहा, "कश्मीर सिंह! रेलवे स्टेशन के पास रहता है! एक बात बता, क्या वो कोई कॉलेज मास्टर है! और क्या वो 35 साल का है!"

जस्सी राणो की बात सुनकर बहुत हैरान हुई और उसने हैरानी से पूछा,

“एक मिनट, तुझे कैसे पता कि वो कितने साल का है और वो क्या करता है!”

इस पर राणे ने मुस्कुराते हुए कहा, 

“क्योंकि मैं उसे जानती हूं, असल में वो मेरा ग्राहक रह चुका है, पूरे 3 महीने तक। वो मुझे हर शनिवार अपने घर बुलाता था, अच्छा आदमी है, तलाकशुदा है और अकेला रहता है। मज़ाकिया और बातुनी स्वभाव का है और पैसे भी अच्छे देता है। सबसे अच्छी बात, बिस्तर के खेल का मंजा हुआ खिलाड़ी है। वो तो वो आज से 3 महीने पहले कैनेडा चला गया था इसलिए हमारी मुलाकातें बंद हो गई। मैं गैरंटी से कह सकती हूं कि वापिस आकर उसने हाकम भाई जी से पहले मेरे बारे में ही पूछा होगा, पर क्योंकि मैं पहले से ही बुक्ड थी तो हाकम भाई जी ने उसे तुम्हारे बारे में बताया होगा। मतलब तुझे ये ग्राहक मेरी वजह से मिला है या फिर ऐसे भी कह सकते हैं कि तुझे असल में मेरा ग्राहक मिला है और अब ये तेरी ज़िम्मेदारी है कि तू उसे खुश करदे। और अगर तूने ये कर दिया तो वो तुझे पक्का ज़्यादा पैसे देगा और उन पैसों में से तू मुझे पार्टी देगी।”

राणो की बात सुनकर जस्सी ने हस्ते हुए कहा,

“तू ना बिल्कुल पागल है। अच्छा ठीक है अगर मुझे ज़्यादा पैसे मिले तो तेरी पार्टी पक्की।”

इस पर राणो ने हस्ते हुए कहा,

“पार्टी तक तो ठीक है, पर ध्यान रखना, ज़्यादा खुश भी मत कर देना! देखना कहीं मेरा ग्राहक मत चुरा लेना।”

इस पर जस्सी ने हस्ते हुए कहा,

“तू फिकर ना कर, नहीं चुराऊंगी तेरा ग्राहक। पर अगर वो ख़ुद ही मेरा ग्राहक बन गया तो मुझे दोष मत देना।”

जस्सी की इस बात पर दोनों खूब हसीं और फिर वो दोनो रसोई में खुद के लिए खाना बनाने लगीं।

शाम को सूरज ढलने के बाद जब अंधेरा छाने लगा तो जस्सी अपने कमरे और बाहर निकली। उसने लाल रंग का बहुत ही खूबसूरत सलवार सूट पहना था जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक लग रही थी। जस्सी ने सड़क पर एक ऑटो रोका और उसमें
 बैठ कर वहां से रवाना हो गई।
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RE: मुश्किल हालातों में उलझी एक कहानी - रातरानी - by Sonu Punjabi - 25-06-2025, 10:39 AM



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