01-07-2019, 11:01 AM
शाम
मैं निकली तैयार हो के तो वो तो नहीं थे ,...
पर गुड्डो और मिली थीं ,
मुझे लेने आयी थीं।
" जल्दी नहीं है भाभी , .... बड़ी भाभी ने कहा साढ़े छह बजे के बाद ही ,... निकलने को। " मिली बोली
कल शाम को चाट का प्रोग्राम था छत पर आज साउथ इंडियन चाइनीज पिज्जा ,... और उस के बाद गाने का ,.... घर की औरतें रहती सिर्फ गाने में ,...
मुझे भी अभी तैयार होने में थोड़ा टाइम था , मेकअप और ज्वेलरी ,... और उसमें किसी की हेल्प भी लगती , मैंने मिली को बोला ,...
लेकिन तबतक उसका बुलावा आ गया , बाहर से नन्दोई जी अपनी साली को याद कर रहे थे ,...
मैंने उसे खदेड़ा और कान में बोला ,
" अरे तेरे जीजू कुछ मांग रहे हो दे देना ,.. ज्यादा तड़पाना मत , थोड़ी सी पेट पूजा कहीं भी कभी भी "
अब गुड्डो और मैं ,...,
उससे मैंने सब राज उगलवा लिया ,...
अनुज , मेरे देवर ने आज दुपहरिया में नंबर लगा लिया था , और अबकी भरतपुर अच्छी तरह लूट गया था ,
सबेरे सबेरे नन्दोई ने उसपर नंबर लगाया था और दोपहर में मेरे देवर ने भरतपुर लूट लिया ,...
मैंने उसे गले लगा लिया ,...
" अरे यार ये तो कुछ नहीं है , चौबीस घण्टे में मेरे ऊपर तो छह बार चढ़ाई हो गयी , ... "
खिलखिलाते हुए मैं बोली ,
वो भी अब ,...एकदम पक्की चुलबुली ,... बोली
अभी मेरे चौबीस घण्टे पूरे होने में दस घंटे बचे हैं।
उसने मुझे नेकलेस पहनने में , चोली कस के पीछे बाँधने में , हेल्प की।
आज मैंने बैकलेस चोली और ट्रेडिशनल साडी पहनी थी , मैंने भी गुड्डो का आज कल से भी तगड़ा मेकअप किया , एकदम हॉट लुक ,...
लेकिन तब तक मीता गयी इनकी कजिन , मुझसे एक साल छोटी अभी ग्यारहवें में पढ़ती थी।
" भाभी , आज आप का गाना होगा , ... "
वो बोली ,
और जोड़ा गला साफ़ करके रखियेगा कोई बहाना नहीं चलेगा ,
" अरे आज तुम ननदें कान साफ कर के रखना , ... तुम ननदों का असली हाल चाल का बखान होगा ,... "
मैंने उसे चिढ़ाया और उसके गालों को पिंच कर लिया।
मैं उन दोनों के साथ बाहर निकली तो दरवाजे के बाहर नन्दोई जी खड़े थे , उन्होंने मुझे रोक लिया।
मिली अपने किसी कजिन से गप मार रही थी ,
नन्दोई जी से मेरी अब पक्की दोस्ती हो गयी थी और वो वैसे भी मज़ाक करने में एकदम खुल कर ,...
और उनकी बेशरम निगाहे मेरी खूब डीप कट बैकलेस चोली की गहराइयों में झाँकतीं , ललचाती ,
और मैं क्यों मौका छोड़ देती , आँचल ठीक करने के बहाने मैंने और आँचल एक बार गिरा दिया ,
फिर तो सिर्फ गहराई ही नहीं बल्कि ,....
नन्दोई जी , एकदम पक्के , जोर से अपने सीने पर हाथ मारने का उन्होंने नाटक किया ,... पर बोली मैं
उनकी शोख अभी बीए फर्स्ट ईयर में पहुंची साली , जिसपर कल से वो लाइन मार रहे थे , मिली ,...
उसकी ओर इशारा करते मैंने चिढ़ाया ,
" मिली , मिली की नहीं ,... "
मैं निकली तैयार हो के तो वो तो नहीं थे ,...
पर गुड्डो और मिली थीं ,
मुझे लेने आयी थीं।
" जल्दी नहीं है भाभी , .... बड़ी भाभी ने कहा साढ़े छह बजे के बाद ही ,... निकलने को। " मिली बोली
कल शाम को चाट का प्रोग्राम था छत पर आज साउथ इंडियन चाइनीज पिज्जा ,... और उस के बाद गाने का ,.... घर की औरतें रहती सिर्फ गाने में ,...
मुझे भी अभी तैयार होने में थोड़ा टाइम था , मेकअप और ज्वेलरी ,... और उसमें किसी की हेल्प भी लगती , मैंने मिली को बोला ,...
लेकिन तबतक उसका बुलावा आ गया , बाहर से नन्दोई जी अपनी साली को याद कर रहे थे ,...
मैंने उसे खदेड़ा और कान में बोला ,
" अरे तेरे जीजू कुछ मांग रहे हो दे देना ,.. ज्यादा तड़पाना मत , थोड़ी सी पेट पूजा कहीं भी कभी भी "
अब गुड्डो और मैं ,...,
उससे मैंने सब राज उगलवा लिया ,...
अनुज , मेरे देवर ने आज दुपहरिया में नंबर लगा लिया था , और अबकी भरतपुर अच्छी तरह लूट गया था ,
सबेरे सबेरे नन्दोई ने उसपर नंबर लगाया था और दोपहर में मेरे देवर ने भरतपुर लूट लिया ,...
मैंने उसे गले लगा लिया ,...
" अरे यार ये तो कुछ नहीं है , चौबीस घण्टे में मेरे ऊपर तो छह बार चढ़ाई हो गयी , ... "
खिलखिलाते हुए मैं बोली ,
वो भी अब ,...एकदम पक्की चुलबुली ,... बोली
अभी मेरे चौबीस घण्टे पूरे होने में दस घंटे बचे हैं।
उसने मुझे नेकलेस पहनने में , चोली कस के पीछे बाँधने में , हेल्प की।
आज मैंने बैकलेस चोली और ट्रेडिशनल साडी पहनी थी , मैंने भी गुड्डो का आज कल से भी तगड़ा मेकअप किया , एकदम हॉट लुक ,...
लेकिन तब तक मीता गयी इनकी कजिन , मुझसे एक साल छोटी अभी ग्यारहवें में पढ़ती थी।
" भाभी , आज आप का गाना होगा , ... "
वो बोली ,
और जोड़ा गला साफ़ करके रखियेगा कोई बहाना नहीं चलेगा ,
" अरे आज तुम ननदें कान साफ कर के रखना , ... तुम ननदों का असली हाल चाल का बखान होगा ,... "
मैंने उसे चिढ़ाया और उसके गालों को पिंच कर लिया।
मैं उन दोनों के साथ बाहर निकली तो दरवाजे के बाहर नन्दोई जी खड़े थे , उन्होंने मुझे रोक लिया।
मिली अपने किसी कजिन से गप मार रही थी ,
नन्दोई जी से मेरी अब पक्की दोस्ती हो गयी थी और वो वैसे भी मज़ाक करने में एकदम खुल कर ,...
और उनकी बेशरम निगाहे मेरी खूब डीप कट बैकलेस चोली की गहराइयों में झाँकतीं , ललचाती ,
और मैं क्यों मौका छोड़ देती , आँचल ठीक करने के बहाने मैंने और आँचल एक बार गिरा दिया ,
फिर तो सिर्फ गहराई ही नहीं बल्कि ,....
नन्दोई जी , एकदम पक्के , जोर से अपने सीने पर हाथ मारने का उन्होंने नाटक किया ,... पर बोली मैं
उनकी शोख अभी बीए फर्स्ट ईयर में पहुंची साली , जिसपर कल से वो लाइन मार रहे थे , मिली ,...
उसकी ओर इशारा करते मैंने चिढ़ाया ,
" मिली , मिली की नहीं ,... "