31-12-2018, 09:12 PM
Part - 8
ये सब देख के मुझे वो दिन याद आ रहे थे जब मैं भी नीतू का दीवाना था, साली क्या क़यामत हो गयी है, इसको तो पक्का चोदुंगा, फिर मैंने देखा नीतू अब बिस्तर से उठ कर बाहर आने वाली थी, मुझे लगा कही मेरे ही कमरे में ना आजाये,
मैं फिर से जाके सोने का नाटक करने लगा लेकिन तब तक मेरा माल निकला नहीं था और लंड एकदम तना हुवा था, मैंने सोचा कि अगर वो मेरे कमरे की तरफ आ रही है तो क्यों न उससे लंड के दर्शन करवाए जाए,
और मैं सीधा सो गया और मेरे तने हुवे लंड ने रज़ाई में तम्बू बना दिया, और हुवा भी वही नीतू सीधा मेरे कमरे में आयी और मेरे लंड के तम्बू को देख कर हैरान हो गयी और अपने होठ को काट खाया जैसे मेरे लंड को अभी खा जायेगी, फिर दरवाजे को बंद करते हुवे चली गयी,
तकरीबन 7 बजे मैं उठ कर बाहर आया तो देखा की राजेश जी नहीं दिख रहे है नीतू किचन में है,
मैं बोला " नीतू दी जीजा जी नहीं दिख रहे है
नीतू बोली " ऑफिस से फ़ोन आया था कुछ अर्जेंट काम है शायद इसलिए जल्दी ही निकल गए,
मैं बोला " तो घर पर कौन रहेगा,
नीतू बोली " उसकी सास आ जाएगी 10 बजे तक गाँव से तब हम लोग चलेंगे
मैं बोलै "ठीक है, मैं नहा लेता हु"
मेरे शैतानी दिमाग ने काम करना शुरू कर दिया क्यूंकि घर में कोई नहीं था मेरे और नीतू के अलावा, और मेरा काम आसानी से बन सकता था,
मैं जब बाथरूम में गया तो कपडे नहीं ले के गया सिर्फ एक टॉवल में चला गया, और मेरे कपड़ो में दो तीन चीटिया पकड़ के छोड़ गया, लेकिन मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था उसने मेरे टॉवल में भी तम्बू बना रखा था, मैंने नहाने के बाद नीतू को आवाज लगाई,
मैं बोला " नीतू दी वो मेरे कपडे देना न वही बीएड पर रखे हुवे है,
नीतू बोली " ठीक है लाती हु
,
नीतू ने वो कपडे मुझे लाके दिए, मैंने बाथरूम के अंदर से हाथ निकाल कर वो ले लिए, फिर उन्हें पहन कर बाहर आ गया, फिर आके नीतू को बोलै कि
मैं बोला " शायद इनमे चींटी घुस गयी है"
और उनके सामने ही नेकर खोल के उनको बोलै "देखो तो सही, अंडरवेअर अभी भी पहना था,
नीतू बोली " ला दिखा मुझे" कहा है ? है तो नहीं लेकिन उनका ध्यान चीटियों की तरफ कम मेरे लंड पर ज्यादा था और थोड़ी देर देखने के बाद बोली " कुछ नहीं है पहन ले इसे "
उनका ध्यान अब भी मेरे लंड पर ही था, फिर वो अंदर कमरे में चली गयी, और कपडे ले के नहाने चली गयी,
मैंने कुछ भी न होता देख एक और आईडिया लगाया, मेरे मोबाइल से उनके घर के लैंडलाइन पर फोन किया, और खुद उठा लिया फिर नीतू को आवाज लगाई
मैं बोला " नीतू दी कोई औरत की आवाज है, आपसे बात करनी है"
नीतू बोली " उनको बोल में नहा रही हु बाद में बात आकर लुंगी, नाम पूछ लेना "
मैं बोला " नाम नहीं बता रही है बोल रही है अर्जेंट बात करनी है"
नीतू बोली " ठीक है मैं आती हु, तू एक काम कर, तेरे कमरे में जा और दरवाज बंद करले"
मैं बोला " क्यों ऐसा ?"
नीतू बोली " वो अभी अंडर गारमेंट पहनी हुई है, साडी गीली हो गयी है उसकी "
मैं बोला " ठीक है "
और मैं कमरे में चला गया।,
कमरे का दरवाजा बंद करने की आवाज सुन कर वो बाथरूम से बाहर आयी और फ़ोन उठाया,
नीतू बोली " कोई बोल तो नहीं रहा" छोटू नाम बताया था क्या" लगता है कट गया,
मैंने कोई जवाब नहीं दिया
तो वो धीमे कदमो से मेरे कमरे के दरवाजे के पास आयी और दरवाजे के कीहोल से देखने लगी की मैं क्या कर रहा हु? और उसकी बात का जवाब क्यों नहीं दिया?
मैं भी उसी के होल से उससे देख रहा था जब वो मेरे कमरे की तरफ आयी तो मैंने सोच क्यों न इससे नंगे लंड के दर्शन करवा दू,
और नंगा होके उसी का नाम मुठ मरने लगा, वो मेरे नंगे लंड को पूरा खड़ा देख के स्तब्ध रह गयी और बोली
नीतू बोली " छोटू फ़ोन कट गया " दोबारा आये तो बोल देना बाद में कर लेंगे"
आवाज इतनी जोर से थी की मैं समझ गया कि मेरे दरवाजे के पास ही खड़ी है
और फिर मुझे बाथरूम के दरवाजे के बंद होने की आवाज सुनाई दी,
मैं तुरंत ही बाथरूम के पास गया और ये देखने की कोशिश करने लगा कि क्या मेरा लंड देखने के बाद वो चूत में ऊँगली करती है या नहीं, अगर करती है तो मेरा काम बन जायेगा,
लेकिन दरवाजे में कोई होल ही नहीं था, बालकनी की तरफ एक रोशन दान था, मैं भाग के उस रोशनदान की तरफ गया और एक स्टूल पर खड़ा होके देखने लगा की वो क्या कर रही है,
नीतू अंदर ऊँगली को चूत में पेले जा रही थी और बड़बड़ाये जा रही थे " हाय छोटू चोद दे अपनी नीतू को "
मेरा नाम उनके होठो से सुनकर मुझे यकीन हो गया की मेरा काम बन जायेगा, तभी एक हलकी सी सिसकारी ली और बोली
"हाय छोटू तेरे लंड ने देख मेरी चूत का क्या हाल कर दिया, इतना पानी तो कभी नहीं छोड़ा इसने पहले कभी" आह...आह..... आह........
मुझे इस रोशनदान से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था सिर्फ सुनाई दे रहा था, तो मैं दूसरे तरफ की रोशनदान पर चला गया वह से सब कुछ दिखाए दे रहा था
नीतू अब सिर्फ पेंटी में थी . उसके बड़े बड़े बूब्स भीगने की वजह से और कडक और बड़े हो गए थे. और एकदम चमक रही थे,
पेंटी के अंदर हाथ डालकर वो अपनी चूत में ऊँगली ली किये जा रही थी मुझे उनकी चूत पर आये छोटे छोटे बाल पड़े ही प्यारे लग रहे थे, जिनके दर्शन पेंटी की साइड से हो रहे थे. नीतू के ऊपर गर्मी चढ़ी हुई थी,
वो चूत के ऊपर उंगिलयाँ घुमा के मदहोश हो रही थी. एक हाथ से वो उसके बूब्स को मसल रही थी उसकी आहे अब और जोर से उठने लगी थी, अब वो झाड़ रही थी शायद, उसकी आँखे एकदम बंद हो गयी थे . उसके बूब्स एकदम कडक हो गए थे,
तभी उसने ऊँगली को छूट से निकाल कर सीधा मुंह में ले लिया, वो अपनी चूत के कामरस को वो खुद ही चाट गई!
मेरा लंड मयूर तो नाचने लगा था,
वह से वापस रूम में आके में जोर से बोला की " मेरा बैग नहीं मिल रहा है" मैं थोड़ा ऑफिस जाके आता हु"
नीतू बाथरूम से ही बोली " वही अपर तो रखा था"
मैं बोला " नहीं मिल रहा है " प्लीज आके ढूंढ दो न "
नीतू बोली " मेरे सारे कपडे गीले है, मैं नहीं आ सकती,
मैं बोला" टॉवल बाँध कर आ जाओ
ये सब देख के मुझे वो दिन याद आ रहे थे जब मैं भी नीतू का दीवाना था, साली क्या क़यामत हो गयी है, इसको तो पक्का चोदुंगा, फिर मैंने देखा नीतू अब बिस्तर से उठ कर बाहर आने वाली थी, मुझे लगा कही मेरे ही कमरे में ना आजाये,
मैं फिर से जाके सोने का नाटक करने लगा लेकिन तब तक मेरा माल निकला नहीं था और लंड एकदम तना हुवा था, मैंने सोचा कि अगर वो मेरे कमरे की तरफ आ रही है तो क्यों न उससे लंड के दर्शन करवाए जाए,
और मैं सीधा सो गया और मेरे तने हुवे लंड ने रज़ाई में तम्बू बना दिया, और हुवा भी वही नीतू सीधा मेरे कमरे में आयी और मेरे लंड के तम्बू को देख कर हैरान हो गयी और अपने होठ को काट खाया जैसे मेरे लंड को अभी खा जायेगी, फिर दरवाजे को बंद करते हुवे चली गयी,
तकरीबन 7 बजे मैं उठ कर बाहर आया तो देखा की राजेश जी नहीं दिख रहे है नीतू किचन में है,
मैं बोला " नीतू दी जीजा जी नहीं दिख रहे है
नीतू बोली " ऑफिस से फ़ोन आया था कुछ अर्जेंट काम है शायद इसलिए जल्दी ही निकल गए,
मैं बोला " तो घर पर कौन रहेगा,
नीतू बोली " उसकी सास आ जाएगी 10 बजे तक गाँव से तब हम लोग चलेंगे
मैं बोलै "ठीक है, मैं नहा लेता हु"
मेरे शैतानी दिमाग ने काम करना शुरू कर दिया क्यूंकि घर में कोई नहीं था मेरे और नीतू के अलावा, और मेरा काम आसानी से बन सकता था,
मैं जब बाथरूम में गया तो कपडे नहीं ले के गया सिर्फ एक टॉवल में चला गया, और मेरे कपड़ो में दो तीन चीटिया पकड़ के छोड़ गया, लेकिन मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था उसने मेरे टॉवल में भी तम्बू बना रखा था, मैंने नहाने के बाद नीतू को आवाज लगाई,
मैं बोला " नीतू दी वो मेरे कपडे देना न वही बीएड पर रखे हुवे है,
नीतू बोली " ठीक है लाती हु
,
नीतू ने वो कपडे मुझे लाके दिए, मैंने बाथरूम के अंदर से हाथ निकाल कर वो ले लिए, फिर उन्हें पहन कर बाहर आ गया, फिर आके नीतू को बोलै कि
मैं बोला " शायद इनमे चींटी घुस गयी है"
और उनके सामने ही नेकर खोल के उनको बोलै "देखो तो सही, अंडरवेअर अभी भी पहना था,
नीतू बोली " ला दिखा मुझे" कहा है ? है तो नहीं लेकिन उनका ध्यान चीटियों की तरफ कम मेरे लंड पर ज्यादा था और थोड़ी देर देखने के बाद बोली " कुछ नहीं है पहन ले इसे "
उनका ध्यान अब भी मेरे लंड पर ही था, फिर वो अंदर कमरे में चली गयी, और कपडे ले के नहाने चली गयी,
मैंने कुछ भी न होता देख एक और आईडिया लगाया, मेरे मोबाइल से उनके घर के लैंडलाइन पर फोन किया, और खुद उठा लिया फिर नीतू को आवाज लगाई
मैं बोला " नीतू दी कोई औरत की आवाज है, आपसे बात करनी है"
नीतू बोली " उनको बोल में नहा रही हु बाद में बात आकर लुंगी, नाम पूछ लेना "
मैं बोला " नाम नहीं बता रही है बोल रही है अर्जेंट बात करनी है"
नीतू बोली " ठीक है मैं आती हु, तू एक काम कर, तेरे कमरे में जा और दरवाज बंद करले"
मैं बोला " क्यों ऐसा ?"
नीतू बोली " वो अभी अंडर गारमेंट पहनी हुई है, साडी गीली हो गयी है उसकी "
मैं बोला " ठीक है "
और मैं कमरे में चला गया।,
कमरे का दरवाजा बंद करने की आवाज सुन कर वो बाथरूम से बाहर आयी और फ़ोन उठाया,
नीतू बोली " कोई बोल तो नहीं रहा" छोटू नाम बताया था क्या" लगता है कट गया,
मैंने कोई जवाब नहीं दिया
तो वो धीमे कदमो से मेरे कमरे के दरवाजे के पास आयी और दरवाजे के कीहोल से देखने लगी की मैं क्या कर रहा हु? और उसकी बात का जवाब क्यों नहीं दिया?
मैं भी उसी के होल से उससे देख रहा था जब वो मेरे कमरे की तरफ आयी तो मैंने सोच क्यों न इससे नंगे लंड के दर्शन करवा दू,
और नंगा होके उसी का नाम मुठ मरने लगा, वो मेरे नंगे लंड को पूरा खड़ा देख के स्तब्ध रह गयी और बोली
नीतू बोली " छोटू फ़ोन कट गया " दोबारा आये तो बोल देना बाद में कर लेंगे"
आवाज इतनी जोर से थी की मैं समझ गया कि मेरे दरवाजे के पास ही खड़ी है
और फिर मुझे बाथरूम के दरवाजे के बंद होने की आवाज सुनाई दी,
मैं तुरंत ही बाथरूम के पास गया और ये देखने की कोशिश करने लगा कि क्या मेरा लंड देखने के बाद वो चूत में ऊँगली करती है या नहीं, अगर करती है तो मेरा काम बन जायेगा,
लेकिन दरवाजे में कोई होल ही नहीं था, बालकनी की तरफ एक रोशन दान था, मैं भाग के उस रोशनदान की तरफ गया और एक स्टूल पर खड़ा होके देखने लगा की वो क्या कर रही है,
नीतू अंदर ऊँगली को चूत में पेले जा रही थी और बड़बड़ाये जा रही थे " हाय छोटू चोद दे अपनी नीतू को "
मेरा नाम उनके होठो से सुनकर मुझे यकीन हो गया की मेरा काम बन जायेगा, तभी एक हलकी सी सिसकारी ली और बोली
"हाय छोटू तेरे लंड ने देख मेरी चूत का क्या हाल कर दिया, इतना पानी तो कभी नहीं छोड़ा इसने पहले कभी" आह...आह..... आह........
मुझे इस रोशनदान से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था सिर्फ सुनाई दे रहा था, तो मैं दूसरे तरफ की रोशनदान पर चला गया वह से सब कुछ दिखाए दे रहा था
नीतू अब सिर्फ पेंटी में थी . उसके बड़े बड़े बूब्स भीगने की वजह से और कडक और बड़े हो गए थे. और एकदम चमक रही थे,
पेंटी के अंदर हाथ डालकर वो अपनी चूत में ऊँगली ली किये जा रही थी मुझे उनकी चूत पर आये छोटे छोटे बाल पड़े ही प्यारे लग रहे थे, जिनके दर्शन पेंटी की साइड से हो रहे थे. नीतू के ऊपर गर्मी चढ़ी हुई थी,
वो चूत के ऊपर उंगिलयाँ घुमा के मदहोश हो रही थी. एक हाथ से वो उसके बूब्स को मसल रही थी उसकी आहे अब और जोर से उठने लगी थी, अब वो झाड़ रही थी शायद, उसकी आँखे एकदम बंद हो गयी थे . उसके बूब्स एकदम कडक हो गए थे,
तभी उसने ऊँगली को छूट से निकाल कर सीधा मुंह में ले लिया, वो अपनी चूत के कामरस को वो खुद ही चाट गई!
मेरा लंड मयूर तो नाचने लगा था,
वह से वापस रूम में आके में जोर से बोला की " मेरा बैग नहीं मिल रहा है" मैं थोड़ा ऑफिस जाके आता हु"
नीतू बाथरूम से ही बोली " वही अपर तो रखा था"
मैं बोला " नहीं मिल रहा है " प्लीज आके ढूंढ दो न "
नीतू बोली " मेरे सारे कपडे गीले है, मैं नहीं आ सकती,
मैं बोला" टॉवल बाँध कर आ जाओ