21-05-2025, 07:18 PM
जाते समय मैंने उसकी चुम्मी ली और कहा- अब मैं हर रोज़ खाना मंगवाया करुँगी। खाना लेकर तुम ही आना और फिर मुझे चोद कर ही वापस जाना। मैं हर दिन तेरे लंड का इंतज़ार करुँगी। इस तरह एक सप्ताह तक उसके लौड़े की गर्मी से मेरे चुत को ठंडक मिलती रही फिर एक सप्ताह बाद शुभम भी वापस आ गया उसके एक सप्ताह की छुट्टी समाप्त हो चुकी थी जब वह घर आया वो अपने साथ काई बुराईयां साथ लेकर आया
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एक दिन मेरी इच्छा हुई शुभम के कमरे की सफाई करने कि जब मैं उसके कमरे की सफाई कर रही थी तो मुझे उसके बेड पर पड़े गद्दे के नीचे से कंडोम के कुछ नये और कुछ उपयोग किये गये पैकेट मिले उसके जीन्स के पैकेट से मुझे सिगरेट का एक पैकेट मिला यह सब तो कुछ भी नहीं था जब मैंने उसे मार्केट में एक लड़की के साथ घुमते देखा तो मैं हैरान रह गई उस लड़की ने अपने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था इसलिए मैं उसे पहचान नहीं पाई ।
ऐसे ही एक दिन मेंने शुभम से कहा मैं अपनी सहेली आस्था के साथ किसी काम के सिलसिला से रांची से बाहर बोकारो जा रही हु आने में देर हो सकती है या तो मैं अगली सुबह आ जाऊंगी तो हमेंलोग दुसरे सुबह ही निकल गये जब हम लोगों ट्रेन से वहां पहुंचे तो दिनभर में हमारा काम पुरा हों गया तो हम लोगों शाम तक वापस रांची आ गये मैं इस दौरान शुभम को फोन करके बताना भुलगईं कि " हमारा काम दिनभर में पुरा हो गया है इस लिए वापस आ रहें हैं " जब मैं अपार्टमेंट पहुंची तो मेरे पास मेरे फ्लैट का दुसरा चाभी थी जब मैं दरवाजा खोला कर अंदर चली गई अंदर जाने पर मुझे शुभम के कमरे से किसी चीज कि थपथपाने की आवाज आ रही थी मैं धीरे-धीरे दबें पावं के साथ आगे बढ़ रही थी उसके कमरे के दरवाजे के पास पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था जब मैंने कीहोल से देखा तो में देखकर दंग रहगई अंदर शुभम अकेले नहीं था उसके साथ कोई लड़की थी वो दोनों बिल्कुल नंगी थे वो लड़की शुभम के ऊपर थी शुभम लेट हुआ था वो लड़की ऊपर नीच हो रही थीं वो लड़की चुद रही थी शुभम के लौड़े से उस लड़की का पीठ कीहोल की तरफ था इस लिए मैं उसका चेहरा नहीं देख सकी ( मेरे ही घर में मेरे बेटा मेरी गैरहाजिर में किसी लड़की की चुदाई कर रहा था ) बीच-बीच उस दोनों की कहराने की आवाज सुनाई दे रही थी मुझे उसकी इस हरक़त से कोई समस्या नहीं थी मैं तो चाहती थी मेरा बेटा खुब सारी लड़कियां की चुदाई करें । उसके लौड़े की लम्बाई और मोटाई उसके बाप से बिल्कुल अलग था उसका लौड़े किसी को भी दीवाना बना देगी मुझे इस बात का अफसोस था कि मैं इधर उधर मुंहमरवा के काम चल रही थी जब की मैंने अपने बेटे पर कभी ध्यान नहीं दिया ( घर में छोर और शहर में ढींढोरा )
अब मेरा पूरा फोकस सिर्फ मेरे बेटा के उपर था धीरे-धीरे में उसे अपने बना लिया तन और मन दोनों से मैं उसे एक ऐसा चुदाई करने वाला शख्स मर्द बनना चाहती थी चाहे लड़की या औरत हो उसे एक बार चुदाने के बाद उसकी दीवानी हो जायें
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एक दिन मेरी इच्छा हुई शुभम के कमरे की सफाई करने कि जब मैं उसके कमरे की सफाई कर रही थी तो मुझे उसके बेड पर पड़े गद्दे के नीचे से कंडोम के कुछ नये और कुछ उपयोग किये गये पैकेट मिले उसके जीन्स के पैकेट से मुझे सिगरेट का एक पैकेट मिला यह सब तो कुछ भी नहीं था जब मैंने उसे मार्केट में एक लड़की के साथ घुमते देखा तो मैं हैरान रह गई उस लड़की ने अपने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था इसलिए मैं उसे पहचान नहीं पाई ।
ऐसे ही एक दिन मेंने शुभम से कहा मैं अपनी सहेली आस्था के साथ किसी काम के सिलसिला से रांची से बाहर बोकारो जा रही हु आने में देर हो सकती है या तो मैं अगली सुबह आ जाऊंगी तो हमेंलोग दुसरे सुबह ही निकल गये जब हम लोगों ट्रेन से वहां पहुंचे तो दिनभर में हमारा काम पुरा हों गया तो हम लोगों शाम तक वापस रांची आ गये मैं इस दौरान शुभम को फोन करके बताना भुलगईं कि " हमारा काम दिनभर में पुरा हो गया है इस लिए वापस आ रहें हैं " जब मैं अपार्टमेंट पहुंची तो मेरे पास मेरे फ्लैट का दुसरा चाभी थी जब मैं दरवाजा खोला कर अंदर चली गई अंदर जाने पर मुझे शुभम के कमरे से किसी चीज कि थपथपाने की आवाज आ रही थी मैं धीरे-धीरे दबें पावं के साथ आगे बढ़ रही थी उसके कमरे के दरवाजे के पास पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था जब मैंने कीहोल से देखा तो में देखकर दंग रहगई अंदर शुभम अकेले नहीं था उसके साथ कोई लड़की थी वो दोनों बिल्कुल नंगी थे वो लड़की शुभम के ऊपर थी शुभम लेट हुआ था वो लड़की ऊपर नीच हो रही थीं वो लड़की चुद रही थी शुभम के लौड़े से उस लड़की का पीठ कीहोल की तरफ था इस लिए मैं उसका चेहरा नहीं देख सकी ( मेरे ही घर में मेरे बेटा मेरी गैरहाजिर में किसी लड़की की चुदाई कर रहा था ) बीच-बीच उस दोनों की कहराने की आवाज सुनाई दे रही थी मुझे उसकी इस हरक़त से कोई समस्या नहीं थी मैं तो चाहती थी मेरा बेटा खुब सारी लड़कियां की चुदाई करें । उसके लौड़े की लम्बाई और मोटाई उसके बाप से बिल्कुल अलग था उसका लौड़े किसी को भी दीवाना बना देगी मुझे इस बात का अफसोस था कि मैं इधर उधर मुंहमरवा के काम चल रही थी जब की मैंने अपने बेटे पर कभी ध्यान नहीं दिया ( घर में छोर और शहर में ढींढोरा )
अब मेरा पूरा फोकस सिर्फ मेरे बेटा के उपर था धीरे-धीरे में उसे अपने बना लिया तन और मन दोनों से मैं उसे एक ऐसा चुदाई करने वाला शख्स मर्द बनना चाहती थी चाहे लड़की या औरत हो उसे एक बार चुदाने के बाद उसकी दीवानी हो जायें


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