Thread Rating:
  • 14 Vote(s) - 1.71 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery Lust story : Mother Secret Affair..2
मेरे गिरने से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ उसके बदन से टकरा गयीं.
तो उसने मुझे बड़ी प्यार भरी नज़रों से देखा फिर बोला- सॉरी मैडम!
मैंने कहा- नहीं, कोई बात नहीं। इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं! मैं ही डर के मारे तुम्हारे ऊपर गिर पड़ी।

जब तक मैं उठकर संभलती, तब तक बरसात होने लगी और मौसम बड़ा रोमांटिक हो गया।

मैंने कहा- अनुज , अब तुम घर तो जा नहीं पाओगे। तो जब तक बरसात हो रही है, तब तक यहीं रुके रहो।
उसने कहा- हां मैडम, अब तो सच में मुझे यहीं रुकना पड़ेगा।
मैंने कहा- तुम बैठो मैं अभी आती हूँ।

मैं थोड़ी देर में एक ड्रिंक्स का सेट लेकर आ गई और उसके सामने बैठ गई.
तब मैं बोली- देखो अनुज , मौसम के हिसाब से चाय नहीं, ड्रिंक्स का मज़ा लो।

मैंने उसे एक पैग व्हिस्की बनाकर पकड़ा दिया और खुद एक पैग हाथ में लेकर उसके सामने बैठ गयी।

हमने गिलास लड़ाया और चियर्स कह कर दारू पीना शुरू कर दिया।

दारू पीते पीते मैं गौर से देख रही थी, अनुमान लगा रही थी कि इसका लंड कैसा होगा, कितना बड़ा होगा. यह चोदने के लिए तैयार भी होगा या नहीं?
मेरे हिसाब से लौड़ा इसका जबरदस्त होगा।

वह भी मुझे घूर घूर कर देख रहा था।

मैंने बात आगे बढ़ाई और पूछा- अनुज , तुमने कभी किसी लड़की को करीब से देखा है? तो वह शर्म गया।
थोड़ी देर बाद वह बोला- हां देखा है. पर इतने करीब से नहीं देखा जितने करीब से आपको देख रहा हूँ।

मैंने कहा- अच्छा मेरे में कोई खास बात है क्या?
वह बोला- आप में सब खास बात ही है, आम बात कुछ भी नहीं।

मैंने कहा- बड़े रोमांटिक लगते हो?
वह बोला- आप जैसी औरत को देख कर कौन रोमांटिक नहीं हो जायेगा?

मैंने पूछा- अच्छा यह बताओ अनुज , तुमने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किया है? न किया हो तो मना कर देना पर सच बताना।
वह थोड़ी देर रुका फिर बोला- हां किया तो है मैडम!

मैं बड़ी सेक्सी अदा से आँख मटकाती हुई बोली- देखो अनुज, बार बार मुझे मैडम मत कहो। मैं मैडम नहीं हूँ. मैडम की माँ की चूत! मुझे शालिनी कहो।

मैंने उसके लंड में आग लगाने के लिए ऐसी बात कर रही थी और सच में आग लग भी गई क्योंकि उसकी पैंट के उभार से साफ़ साफ़ पता चल रहा था लंड पूरी तरह खड़ा हो गया है।

तब तक 2-2 पैग व्हिस्की ख़त्म हो गयी थी और नशा अपना काम करने लगा था।
मेरे कपड़े अस्त व्यस्त होने लगे और उसके भी!

कुछ देर में वह खड़ा हो गया बोला- बाथरूम जाऊंगा।
मैं उसे बाथरूम ले गयी।

वह अपनी पैंट खोलने लगा.
लेकिन किसी कारण उससे जिप खुल नहीं रही थी।
फिर मैं आगे बढ़ी और उसकी जिप खोल कर उसका लंड बाहर खींच कर बोली- लो अब तुम ठीक से मूत लो।

वह वाकयी मूतने लगा और मैं उसका लंड बड़े चाव से देखने लगी।

मूतने के बाद वह जिप बंद करने लगा तो मैं बोली- इसको यहीं उतार दो, यह गीली हो गयी है।

मैंने उसकी पैंट वहीँ खुलवा दी और कमीज भी उतरवा दी।

उसे मैं नंगा ही बेड पर ले गयी और उसे चित लिटा दिया।
मैं बहुत खुश थी।

मैंने भी अपने कपड़े उतारे और नंगी उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ गयी।

मैं बड़े प्यार से उसका लंड पकड़ कर हिलाने लगी।

तब लंड साला एक मिनट में ही पूरा खड़ा हो गया।
इतना मोटा हो गया लंड कि मेरी एक मुठ्ठी में भी नहीं आ रहा था।

मैं उसे दोनों हाथों से पकड़ कर आगे पीछे और ऊपर नीचे करने लगी।
लंड की मोटाई ने मेरे बदन में जबरदस्त आग लगा दी।

मैं उसका टोपा मुंह में भरे हुए लंड मस्ती से चूसने लगी, पेल्हड़ सहलाने लगी और उसके नंगे बदन पर हाथ फेरने लगी।

वह पूरी तरह ताव में आ चुका था।

फिर वह एकदम से उठा और मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठा बोला- बड़ी देर से मैं तुझे नंगी देखना चाहता था बुरचोदी शालिनी। तुझे नंगी देख कर मेरे होश उड़ गए। तू बहनचोद बड़ी खूबसूरत है। तेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ मुझे बड़ा मज़ा दे रही है।

वह दोनों हाथ से मेरे मम्मे मसलने लगा; मेरी चूत पर अपनी उँगलियाँ फिराने लगा।

मेरी छोटी छोटी झांटें उसे बड़ी पसंद आ रही थीं।

इतने में उसने लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया।
मुझे भी अच्छा लगने लगा क्योंकि मैं यही तो चाहती थी।
मैं मन ही मन उसके लंड की दीवानी हो चुकी थी।

फिर उसने सेट किया एक ही बार में लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मैं तो पहले से ही खूब चुदी हुई थी तो दर्द नहीं हुआ.
मगर मेरे मुंह से आवाज निकला जरू- भोसड़ी के … फाड़ डाली तूने मेरी चूत! इतना मोटा लंड एक ही बार में पेल दिया अंदर! बाप रे बाप … मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे क्या?

उसने जब घपाघप चोदना शुरू किया तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
मैं आसमान में उड़ने लगी।

मुझे अपने आप पर गर्व होने लगा कि मैंने इसे रोक कर बहुत अच्छा किया।
नहीं रोका होता तो इतना बढ़िया लंड कहाँ मिलता मुझे मैं भी अपनी गांड हिला हिला कर मस्ती से चुदवाने लगी, इतनी मस्ती से तो कभी मेंनें अनमोल और कुणाल से भी नहीं चुदवाया।

वासना में मैं बुरी तरह डूब चुकी थी।
मुझे चुदाई के अलावा कुछ और नहीं दिखाई पड़ रहा था।

मेरे मुंह से निकला- अरे साले कुत्ते … भोसड़ी के खूब चोद मुझे … अपनी बीवी समझ कर चोद मुझे … फाड़ डाल मेरी चूत … हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा ये मादरचोद लंड बड़ी दूत तक चोट कर रहा है। हहह ऊऊओ हीहीइ उफ्फ क्या मस्त लौड़ा है तेरा! बड़ा मज़ा आ रहा है। यार, तुम रोज़ आया करो मुझे चोदने! आआ हां हहू!

इतने में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से ठोक दिया लंड!
लंड पूरा अंदर गया तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।


मैं अपनी कमर आगे पीछे करती हुई एक मस्त हरामजादी रण्डी की तरह चुदवाने लगी।
मुझे यकीन हो गया कि अनुज पहली बार नहीं चोद रहा है। ये तो चुदाई का जबरदस्त खिलाड़ी लगता है।

मैंने पूछा.
तो बोला- मेरी शादी नहीं हुई पर मैं आजकल 4 औरत को चोद रहा हूँ। अभी कल ही अपने दोस्त की बीवी चोद कर आया हूँ।

उसकी बात ने मेरे बदन की आग को और भड़का दिया।
मैं और ज्यादा मस्ती से चुदवाने लगी।

कुछ देर के बाद वह नीचे चित लेट गया और मुझे झट्ट से अपने लंड पर बैठा लिया।
लंड पर बैठते ही लंड पूरा मेरी चूत में घुस गया।
मैं लंड पर उछल उछल कूदने लगी।

मुझे इस तरह की चुदाई एक अलग तरह का मज़ा देने लगी।
वैसे भी मुझे पराये मर्दों के लंड से प्यार होता है।

अनुज का लंड तो सबसे ज्यादा मोटा और लम्बा था तो मुझे चुदाई का मज़ा दूना / तिगुना आ रहा था।

मैं इतनी ज्यादा एक्ससिटेड हो गयी … मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं बुरी तरह खलास हो गयी।
मैं फ़ौरन लंड से उतरी और लंड मुठ्ठी में लेकर अपना मुंह खोले हुए आगे पीछे करने लगी।

बस पल भर में लंड ने सारा माल मेरे मुंह में उगल दिया जिसे मैं गटक गयी और लंड का टोपा चाट चाट कर लाल कर दिया।

फिर हम दोनों बाथरूम गए और वहां से नहा धोकर बाहर आये।
उसके बाद हमने नंगे नंगे ही खाना खाया।

खाना खाते समय खूब गन्दी गन्दी बातें कीं जिससे लंड फिर तन कर खड़ा हो गया।

उधर मेरी भी चूचियाँ तन गईं और चूत कुलबुलाने लगी।

इस बार जब वह चढ़ा मुझ पर तो बोला- बुर चोदी शालिनी, अब मैं तेरी गांड में ठोकूंगा अपना लंड!
ऐसा बोल कर उसने मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारा और गांड में उंगली घुसेड़ दी।

मैं भी गांड मरवाना चाहती थी तो मैं फिर घोड़ी बन गयी.
उसने लंड मेरी गांड पर फिट कर दिया और बोला- ले भोसड़ी वाली शालिनी … मेरा लंड अपनी गांड में!

लंड घुसा तो मुझे लगा कि मेरी गांड वाकई फट गयी।
मैं चिल्ला पड़ी- मादरचोद … तेरी माँ का भोसड़ा … साले कुत्ते एक ही बार में पूरा पेल दिया. तेरी बहन की बुर!

फिर उसने देर नहीं लगायी और तूफान मेल की तरह मेरी गांड मारता रहा।
मेरी अच्छी तरह गांड मारने के बाद ही उसने दम लिया।

पानी तब भी बड़ी तेजी से बरस रहा था और हम दोनों नंगे नंगे ही सो गए।

उसने सुबह उठने के पहले एक बार फिर पेल दिया लंड मेरी चूत में!

सबसे ज्यादा मज़ा तो सुबह चुदवाने में आता है और मैंने यह मज़ा खूब लिया।
[+] 2 users Like Puja3567853's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: XXX: Uncensored Story - by Puja3567853 - 20-02-2025, 11:15 AM
RE: XXX: Uncensored Story - by Puja3567853 - 20-02-2025, 11:47 AM
RE: XXX: Uncensored Story - by momass - 05-03-2025, 08:32 AM
RE: XXX: Uncensored Story - by Puja3567853 - 19-04-2025, 11:56 AM
RE: XXX: Uncensored Story - by Puja3567853 - 19-04-2025, 12:04 PM
RE: Mother Secret Affair........... 2 - by Xossiy - 12-05-2025, 12:01 PM
RE: Mother Secret Affair........... 2 - by Xossiy - 13-05-2025, 03:21 PM
RE: Mother Secret Affair....... part ... 2 - by Puja3567853 - 18-05-2025, 04:13 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)