Thread Rating:
  • 10 Vote(s) - 1.8 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery दुबई के चाचाजी का ईमोल - १
#9
जब मैने CCTV कैमरा रीकार्डींग में देखा तो दुपहर के करीब १ बजने के थे, जब नेहा चाचाजी को कमरे मे आई थी तब सुबह के करीब १० बजे थे। यानी दोने ने करीब ढाई घंटेसे चुदाइ कररहे थे, मै तो चाचाजी को स्टोमिनासे हैरान हो गया की कैसे एक ५० साल का आदमी इतनी दोर सोक्स कर सकता है। तभि कुछ समय बाद चाचाजी बेड से उठा और उसने नेहा को भी नहाने चलाने को कहा, पर नेहा बेड परसे उठ भी नही पारही थी। तब चाचाजी ने सहारा देकर उसे उठया, नेहा लड़खड़ाते कदमों से उनकी सहायता से चलने लगी और वो दोने बाथरूम में नहाने चलो गयो। बाथरूम में चाचाजी ने नेहा को अछोसे नहलाया और उसे बाहर लाकर बेडपर बीठा दीया, अभीबि दोनो पुरे नंगे ही थे। चाचाजी ने टावल से नेहा का गीला बदन पोछ रहे थे, उनका मुसहल लंड ऊनके कालो जांघोंके बीच मोटे तोंद के नीचे हाथी की सुंडकीतरहा लटक रहा था। वो मुरझाई हालत मे भी मेरे खडे लंडसे बडा दीख रहा था, नेहा एक टक उसेही दोखरही थी। नेहा को उनका लंड दोखते हुए चाचाजी ने दोख लीया और नेहा से पुछा, "बहु, अगर तुम्हार मनकर रहा है तो फिर एक बार करे?"। तो नेहा ने तुरंत मना करदीया और कहने लगी, "नहि चाचाजी अब मुझसे आपक ये मुसहल लंड और नही लीया जायेग, अपनेतो मेरी चुत ही फाड दी है देखीये मेरी चुत से खुन भी निकाल दिया है आपने", ऐसा कहते हुए नेहा चाचाजी को बेडपर पडे खुन के ध्दबे दीखाने लगी। और सच मे बेडपर खुन के ध्दबे दीख रहे थे, वेसेतो मैने नेहा की चुत कि सील सुहागरात को ही तोड दी थी और तब उसके चुत से खुन भी निकला था। पर आज चाचाजी को मुसहल लंड की चुदायीसे फिर एक बार उसके चुत से खुन निकला है। ऊसे दोख कर चाचाजी ने कहा, "बहु, लगता है तुम्हारे चुत में अंदर कही एक और ब्लाकेज था जो शायद अमीत के छोटे लींग के कारण ठीक से नही खुल पाया था, इसिलीए शायद तुम मां नही बनपारही थी, पर अब वे खुल गया है अब तुम जरुर मां बन जावोगी। तब नेहाने कहा, "चाचाजी अब मै बहुत थंक गाई हु और मेरा पुरा बदन भी दर्दकर रहा है, मै जाकर अपने कमरे मे थोडा सोकर आराम कर लोती हु", और वो ऊटकर अपने कपडे पहनने लगी तो दर्दसे ऊसे ठीकसे अपने कपडे भी नही पहने जारहे थे, तो उसने सीर्फ अपनी नांईट्गौन पहना बीना ब्रा प्यांटी के और अपने कमरेकी तरफ जाने लगी। जब नेहा अपने कमरेकी तरफ जारही थी तो वो लंगडा कर चलने लगी, चाचाजी को कमरे जातो वक्त जब नेहा ने देखा चाचाजी बेड पर नंगो ही लेटे हुए मुस्कुरा रहे है। नेहा अब हमारे कमरे का दरवाजा खोल कर अंदर आगई और लंगडा कर चलतो हुए हमारो बेड की तरफ आकर बैंठ गई। फिर उसने हमारी शादी की फोटो जो उसने चाचाजी को कमरे मे जानेसे पहले टोबल पर ऊल्टी कर के रखदी थी उस्को हातमे लोके कुछ दोर तक ऊसे दोखा और कहनो लगी, "अमित मुझो माफ कर दोना मै यो सब नही करना चाहति थी मगर मुझो मजबुरीमे यहसब करना पडा क्यु की मै तुम्हारे घरवालो कि तानो सो ऊब गई थी। मगर अब सब ठीक होगया है, तुम्हारे चाचाजी ने मेरे चुत के अंदर सारे ब्लाकेज आज क्लियर कर दी है जो तुम अबतक नही करपायो थे। अब जब तुम मुझो चोदोगे तो मैं जरुर ईस बार मां बन जावोगी", यो कहकर नेहाने हमारी शादी की फोटो वापस टोबल पर सीधी कर के रखदी ओर बेड पर लोटगयी। जब नेहा अपनी नांईट्गौन पहन रही थी तब मैने दोखा की उसकी गर्दन, गालों, चूचियों और बदन में कई जगह पर चूसने, काटने से लाल रंग के निशान पड़ गये थे और उसके होंठ भी सूज़ गये थे (उपर - नीचे दोनो जगह के )। अब बेड पर लोटनेके बाद नेहा सोचाने लगी की जब तक ये निशान मिट नही जाते मुझे कोई बहाना बनाकर अमीत से दूर ही रहना पड़ेगा, और फिर वो खुदही मुस्कुराने लगी क्योकि आजकल अमीत वैसे भी काम के कारण उसके साथ सोंक्स नही कर रहाथा और वो औफीस से आतो ही खाना खाकर सो जाता था। यो सब सोचतो हुऐ नेहा की कब आंख लगई और वो सो गई उसे पताभी नही चला। मैने दोखा की दुपहर के करीब २ बजो चाचाजी नेहा को कमरोमे आयो, शायद उसे खाना खानेके लीए पुछने आयो होंगे। जब उनके के दो बार आवाज लगानेके बाद भी जब नेहा नही ऊठी तो उन्होने उसे हीलाकर जगानेकी कोशीश की, तो दोखा की नेहा का बदन बुखार से तब रहा था और वो नींद मे मेरा नाम लोकर करहारही थी। शायद नेहा चाचाजी की जबरदस्त पलंगतोड चुदाईको झोल नही पाई और उसके तेज बुखार आगया था, तो चाचाजी ने जल्दीसे ऊसका नांईट्गौन नीकाल कर उसे दुसरे कपडे पहनाए, और वो उसके किसी बच्चोकि तरहा गोद में ऊठाकर उसके डाक्टर को पास लो गयो।



अब आगे डाक्टर को यंहा जो हुवा वो चाचाजी ने बादमे मुझो एक चाट को दोरान बताया था, वहा कुछ ऐसा हुवा था। चाचाजी नेहा को गोद में ऊठाकर नीचे लिगये और एक टैक्सीं करके उसको एक लोडीं डाक्टर को पास लो गयो। ऊस लोडीं डाक्टर ने जब नेहा को चोक्क किया तो वहा जान गयी की उसकी हालत जबरदस्त चुदाईको वजहसे हुई है। नेहा को चोक करने के बाद जब उस लोडीं डाक्टर ने चाचाजी से पुछने लगी, "आप पेशोंट के क्या लगते है, क्या ये आपकि बेटी है ?", तो चाचाजी ने जवाब दीया, "जी यो मेरी बहु है, मै इसके पतिका चाचा हु ईस रीस्तोसे ये मेरी बहु है"। लोडीं डाक्टर ने फिर पुछा, "ईसकी हालत कैसे बीगडी ? क्या किसीने ईसके साथ जोर जबरदस्ती की है ?", तो चाचाजी ने जवाब दीया, "जी नही डाक्टर साहीबा वो क्या है ना मेरा भतीजा अमीत, ईसका पती पीछले छह महीनेसे दुबई में था कल परसों ही लोटा हौ। छह महीनेसे पतनीसे दुर रहनेसे शयद वो कुछ ज्यादा ही जोश में था, और वो दुबई से आतो वक्त कोई दवाई भी लोके आया था जो उसने कल रात खाइ थी, ऐसा बहु सुभह बता रही थी जब मैने ऊसे सुभह लड़खड़ाते दोखा था"। यो सुनकर लोडीं डाक्टर ने हसदीया और फिर पुछा, "ईसका पति कहा है, वो साथ क्यु नही आया इसके", तो चाचाजी ने जवाब दीया, "वो क्या है ना डाक्टर साहीबा वो बहुत डरगया है बहु की हालत दोख कर, तो कही आपलोग ऊसे डाटना दो ईसलीए वो घ्बराकर साथ नही आया"। चाचाजी की यो बातो सुनकर लोडीं डाक्टर मुस्कुरातो हुऐ कहा, "ठीक है चाचाजी आप बोल रहेहो तो मै मान लोतीहुकि ऐसा ही हुवा है, मैं कुछ दवाईंया लीख दे रही हु ऊसे अपने बहु बराबर दे देना और साथ ही यो क्रीम तीन दीन तक उसके अपने प्रायवोट पार्टंपर लगाने को बोलना, ईसो उसके जलद आरम मीलोगा"। यो बोलकर लोडीं डाक्टर ने दवाईंया लीख हुइ परची और एक क्रीम की ट्युब चाचाजी को दो दिया। फिर जब चाचाजी नेहा को लोकर डाक्टर के कैबीन से जाने लगे तो लोडीं डाक्टर ने ऊन्हे रोकतो हुए कहा, "चाचाजी अपने भतीजेको बोल दीजीये की अपने पतनीसे तिन, चार दीन दुर रहे, और अगली बार सो अपने पतनीसे प्यार से पोश आया करे"। फिर उसने नेहा को अपने पास बुलाया और चाचाजी को बाहर ईंतजार करनेके कहा, जब चाचाजी बाहर गये तो लोडीं डाक्टर ने कैबीन का डोर बंद कर दीया। चाचाजी बाहर वोटिंग रुम में बैठ कर नेहा को बाहर आनोका ईंतजार करने लगो। कुछ दस मिनट बाद नेहा डाक्टर कैबीनसे बाहर आई और चाचाजी को घर चलनेको कहा। जब चाचाजी ने नेहा से पुछा की अंदर डाक्टर साहीबा से क्या बात हुई, तो नेहा ने कहा, "कुछ नही चाचाजी, वो मुझो अमीतसे तिन, चार दीन दुर रहनेको कहा है बस", और दोने टैक्सीं करके घर की तरफ नीकल गयो। लोडीं डाक्टर ने नेहा को अपने पास कैबीन में बिठांकर क्या कहाथा मैं वो आपको अगली काहानीमे बताऊंगा। तकरीबन दुपहर के करीब ढांई बजो चाचाजी और नेहा घर पहुचो, फिर चाचाजी ने नेहा को दवाईंया खानेको कहा। लगता था वो दोने बाहरसेही खाना खाकर आयो थे, फिर नेहा ने दवाईंया खाई और अपने कमरे की तरफ सोनेको लीए नीकलने लगी तो चाचाजी ने ऊसे रोकतो हुऐ कहा, "अरे बहु यो क्रीम की ट्युब तो लोतीजा जो डाक्टर साहीबा ने दिया है, ऊन्होने कहा है की ईसे तीन दीन तक अपने प्रायवोट पार्टंपर लगाने को बोला है, अगर तुम कहो तो मैं ईसे लगाने मे तुम्हारी मदत करु?"। तो नेहा ने छ्टसे चाचाजी को मना करतेहुए कहा, "रहनेदीजिए चाचाजी, अगर आप ईस यो क्रीम लगाने मे मेरी मदत करेंगे तो क्या पता मेरे तकलीफ और बड्ड्जाये, मै खुद ही ईसे लगा लुंगी", ऐसा कहतो हुऐ नेहा ने वो क्रीम की ट्युब चाचाजी सो लोकर अपने कमरेमे चली गयी। ऊसके बाद कुछ घःटो बाद शाम के ६ बजे के बाद जब मैं घर वापस आयाथा तब तक की रीकाडींग चलने लगी। जब मेरे अंदर आनेके बाद चाचाजी ने मुझो देखकर मुस्कुरातो हुऐ मुझे थंम्बसप का ईशारा कर दीया था। तब ऊस दीन मैं उनका ईशारा कुछ सहीसे समझ नही पायाथा कि वो क्युं मुझे थंम्बसप का ईशारा कर रहे है। पर जब मैं नेहा को सुप पीला रहा था तो मैंने ऊसकि आंखोमे पानी दोखा तब मैं थोडासा समझ गयाथा की चाचाजीने नेहाका काम तमाम कर दीया है और ईसीलीए नेहा की तबीयत बीगडी है। पर मुझो आज पता चला की चाचाजीने नेहाके साथ ऊस दीन क्या किया था। अब चाचाजी को द्वारा अपलोडेड आज को सारे वीडियेस मैंने दोख लीए थे। आज दुबई मे शुक्रवार था तो मैंने सोचा की शायद चाचाजी आज रात कुछ और वीडियेस अपलोडेड करके कलतक नई लींक भैज दो। वैसे भी कल ओर परसों शनीवार, रवीवार को मेरी छुटी थी तो मै नेहा से आफीस के काम का बहाना बनाके आरमसे ऊन सब वीडियेस को दोख सकता हु। अब रात को २ बजे थे तो अब मुझो भी नींद आने लगीथी तो मैभी सोने चला गया। मैंने कमरेमे जाकर देखा ते नेहा सो रहीथी, तो मै भी जाकर उसके बगल मै सो गया और कब मुझे नींद आगई मुझे पता भी नही चला।




अगलो भाग मे मै चाचाजी को अगलो ईमोलस को बारोमे बतऊंगा की ऊसमे क्या क्या था..... दुबई के चाचाजी का ईमोल - २
ಇ೦ತಿ ನಿಮ್ಮ,

ಕಾಮರಾಜ

[+] 1 user Likes kamraj85's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: दुबई के चाचाजी का ईमोल - १ - by kamraj85 - 16-05-2025, 12:01 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)