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Adultery वासनापूर्ण इच्छाओं का कांड
#26
अध्याय - 5











उस कूबड़े भिखारी को मारने वाला ओर कोई नहीं वो रोहन मिश्रा ही था। रोहन एक दम गुस्से में था उस कूबड़े भिखारी पर। अब रोहन उस कूबड़े भिखारी को उसकी फटी टीशर्ट की फैट से पकड़ता है और बोलता है – भैनचोद गाली किसको दे रहा है चूतिया।





उन दोनों के बीच हो रहे इस तनाव को पूनम भी देखती है और वो बालकनी से ही बोलती है – क्या हुआ रोहन क्यों मार रहे हो इस भिखारी को।



रोहन – चाची ये कुबड़ा भिखारी कब से आपकी बालकनी की ओर हे देख रहा है ताक ताक कर। शायद चोरी करने का सोच रहा है या आपको देख के …… इसके आगे रोहन कुछ नहीं बोलता फिर



पूनम – कौन है ये रोहन। पर तुम मर क्यों रहे हो।



रोहन – चाची आप तो उधर साइड मुंह करके खड़ी थीं मादरचोद आपको देख के अपना हिला रहा था।



पूनम को रोहन मुंह से ऐसे शब्द सुन कर शर्म आ जाती है और पूनम को गुस्सा भी आ रहा था कि रोहन बाहर खड़ा हो कर ये क्या बोल रहा है। कही कोई सोसाइटी की औरत सुन ना ले।



पूनम – रोहन क्या बदतमीजी से बात कर रहे हो। थोड़ा जुबान सम्भाल के बात करो। आस पास भी लोग है।



रोहन – चाची आप तो गजब हो ये भिखारी भेनचोद कब से यह खड़ा खड़ा आपको ताड़ रहा है और गंदी गंदी हरकते कर रहा ओर आप इसको बोलने की बजाय मुझको बोल रही हो।

इन दोनों की बाते कुबड़ा भिखारी सुन रहा था कि तभी भिखारी अब रोहन का फेट पकड़ लेता है और बोलता है मादरचोद गांडमरे गालियां किसको दे रहा है कबसे।



रोहन अब ओर भी गुस्से में था और पूनम के सामने वो भिखारी की ये हरकत बर्दाश नहीं करता ओर वो उस कूबड़े भिखारी की दाढ़ी पकड़ लेता है ओर जैसे ही उसको मारने वाला होता है तभी सोसाइटी के दो लोग आते है क्या हुआ क्या हुआ बोलते बोलते। उस कूबड़े भिखारी का तो मन था कि अभी इस चूतिया रोहन को मारे पर पर अब वो कुबड़ा भिखारी थोड़ा डर जाता है कि कही ये सब मिलकर उसकी पिटाई नहीं करदे। इसलिए वो कुबड़ा भिखारी रोहन को धक्का देकर भाग जाता है। रोहन भी जैसे हे उसके पीछे भागने वाला होता है पर पूनम उसको रोकने के लिए बोलती है कि रुको रोहन छोड़ो उस कूबड़े भिखारी को। इन लोगों से मुंह मत लगाओ। 





इधर पूनम को भी अंदर से डर था कि कही बात आगे ना बढ़ जाये और उसका नाम ना खराब हो। अब पूनम सब नॉर्मल करने के लिए रोहन को बोलती है - वैसे तुम वापस कैसे आना हुआ रोहन?



रोहन – अरे चाची मेरा बेग आपके घर पर ही रह गया था में तो वहीं लेने आया था।





फिर रोहन ऊपर जाता है पूनम घर का दरवाजा खोलती है और पूनम रोहन की ओर गुस्से वाली निगाह से देखती हुए उसको बैग दे देती है। रोहन को भी कुछ शक होता है पर वो कुछ बोलता नहीं है और पूनम उसको बाय बोलकर गेट बंद कर देती है।





अब रोहन नीचे जाता है तो घर के बाहर वही दो लोग उसको खड़े मिलते है फिर उससे पूछते है कि क्या हुआ था फिर रोहन उनको कुछ नहीं हुआ बोलकर निकल जाता है।





अब इधर वो कुबड़ा जैसे तैसे भाग कर अपनी फटी कुटिया की तरफ जाकर अंदर बैठता है और सोचता है कि आज इस रण्डी की वजह से में मार खाता। पर इस रण्डी की गान्ड क्या मस्त थी। साली इस कुतिया की चूदाई करनी पड़ेगी। कुबड़ा जैसे जैसे पूनम के बारे में सोचता जा रहा था उसका लन्ड खड़ा होता जा रहा था। अब कुबड़ा भिखारी वो लड़का कौन था ये सोच कर आग बबूला हो रहा था? अपनी जुग्गी में बैठे बैठे यही सोचता है।





इधर रोहन भी अपने दोस्त से मिलने जा रहा था तभी वो भी यही सोच रहा था कि जो पूनम चाची बालकनी में खड़ी थी और वो भिखारी उनको देख के जो हरकते कर रहा था वो चाची को पता था या नहीं। कही चाची जानबूझ कर तो नहीं कर रही थी या ये भी हो सकता है कि चाची को पता नहीं हो वो भिखारी मादरचोद फटीचर अपना देख कर हिला रहा होगा। पर पूनम चाची जैसी हाइक्लास पढ़ी लिखी शादीशुदा औरत एक भिखारी के साथ हों ही नहीं सकता। शायद उनका ध्यान कही ओर होगा।





अब पूनम रोज की तरह अपना काम करके पूरे दिन हुए काण्ड को सोचते हुए सो जाती है। अगले दिन पूनम आज जल्दी उठ जाती है और हररोज वाले अपने काम पर लग जाती है। आज नहाने के बाद पूनम टॉवेल लपेट कर बाहर निकलती है तो वो खुद को आईने में निहारती है और अपने दोनों हाथों को अपनी पूरी बॉडी पर घुमाती है और एक ऑर्गेज्म जैसा महसूस करती है वो सोच रही थी कि आज वो क्या पहने कि तभी उसके दिमाग में उसका पहले सिलवाया हुआ ब्लाउज ध्यान में आता है जि
सको उसने अभी तक एक भी बार पहना नहीं था।













अगला अपडेट जल्द आयेगा....
Written By Mohik
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RE: वासनापूर्ण इच्छाओं का कांड - by Mohik - 14-05-2025, 01:51 PM



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