31-12-2018, 07:14 PM
रोहित ने अभी सिर्फ अपने लंड का सुपाडा घुसाया था और रीमा की दर्द भरी कराह सुनकर वो सोच में पड़ गया | अभी इसका ये हाल है तो जब पूरा लंड जायेगा ये तो बेहोश ही हो जाएगी | रीमा की हालत देखकर रोहित रीमा की चूत से लंड निकालने वाला ही था लेकिन निकाला नहीं बल्कि, रोहित ने रीमा की ओठो पर ओठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमने लगा | कुछ देर तक चूमता ही रहा |
दर्द से परेशान रीमा ने रोहित की कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और रोहित के नितम्बो को जकड लिया | रोहित रीमा को चुमते चुमते ही कमर हिलाने लगा |
रीमा नहीं चाहती थी कि रोहित उस पर दया करके उसकी कसी हुई चूत से जो अभी भीषण दर्द से वेहाल में से लंड बाहर निकाल ले |रोहित भी समझ गया रीमा दर्द बर्दाश्त कर रही है | एक तरह से रीमा रोहित की कमर को अपनी गोरी गुदाज जांघो से कसकर जकड लिया, और दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी | अब उसे कुछ देर रीमा की गोरी गुदाज जांघो के बंधन में रहकर ही कमर हिला हिला कर रीमा को चोदना होगा |
दोनों के बदनो की गरमी एक दूसरे में घुलने लगी, पसीना एक दूसरे में मिलने लगा और गरम गरम सांसे एक दूसरे की बदन से टकराने लगी | रीमा ने रोहित की कमर पर बनाये जांघो का कसाव को ढीला कर दिया, रोहित उसका इशारा समझ गया, रोहित ने कमर को हल्का सा पीछे लेकर झटका दिया, लेकिन लंड अपनी जगह से चूत थोडा और आगे खिसक गया | फिर उसने धीरे धीरे लंड को रीमा की संकरी गुलाबी चिकनी चूत में उतारना शुरू कर दिया |
रोहित ने रीमा को अभी हलके हलके धक्के लगाकर चूत के मुहाने की दीवारों को नरम करने में लगा था | जितना अन्दर तक लंड घुस गया था वहां तक धक्के मार रहा था | दर्द के बावजूद भी रीमा की मादक कराहे निकल रही थी - यस यस आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्आ ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यस यस चोदो मुझे, चोदो इस चूत को, कसकर चोदो|
कुछ देर रोहित ने अपनी कमर पर पूरा जोर डालकर एक तगड़ा झटका लगाया और लंड थोडा और अन्दर खिसक गया | इस अचानक हमले से चूत की दीवारों से भयानक घर्षण हुआ | चूत की गुलाबी गीली दीवारों को रोहित के लंड ने थोडा और चीर दिया, दीवारों की सलवटे फैलती चली गयी, भयानक घर्षण से रीमा की मक्खन जैसी नरम गुलाबी गीली दीवारों में जलन शुरू हो गयी, ऐसा लग रहा था किसी ने लोहे की गरम राड उसके चूत में घुसेड दिया हो| दर्द और जलन से रीमा की चूत की दीवारे बेहाल थी, दर्द के मारे चूत की दीवारों में खून का दौरान तेज हो गया था, और वो बेतहाशा फाड़फाड़ने लगी |
रीमा दर्द के कराहते हुए कांपते होठो से बोली - पेलो न बेदर्दी से, जो होगा देखा जायेगा, अब ठेल तो पूरा अन्दर तक, जितना ताकत से घुसेड सकते हो, डाल दो अन्दर तक, जहाँ तक जा सकता है जाने दो, उसके लिए राह बनावो, मेरी और मेरी चूत की परवाह न करो तुम, कब तक मेरी चूत के दर्द के चक्कर में लंड को इस तरह तड़पाते रहोगे | जब तक लंड चूत को चीरेगा नहीं, ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी | पेल दो पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में |
रोहित ने रीमा को उलटा करकर घुटनों के बल ला दिया और पीछे से धीरे से उसकी दर्द से बेहाल चूत में मुसल लंड पेल दिया | रोहित रीमा को पीछे से चोद रहा था रीमा अपने चूत दाने को सहलाकर अपना ध्यान दर्द से हटा रही थी | रीमा को पता था की जब रोहित का लंड उसकी संकरी चूत के छेद को अन्दर गहराई तक चीरेगा तो उसे दर्द होना ही है |
दर्द से परेशान रीमा ने रोहित की कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और रोहित के नितम्बो को जकड लिया | रोहित रीमा को चुमते चुमते ही कमर हिलाने लगा |
रीमा नहीं चाहती थी कि रोहित उस पर दया करके उसकी कसी हुई चूत से जो अभी भीषण दर्द से वेहाल में से लंड बाहर निकाल ले |रोहित भी समझ गया रीमा दर्द बर्दाश्त कर रही है | एक तरह से रीमा रोहित की कमर को अपनी गोरी गुदाज जांघो से कसकर जकड लिया, और दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी | अब उसे कुछ देर रीमा की गोरी गुदाज जांघो के बंधन में रहकर ही कमर हिला हिला कर रीमा को चोदना होगा |
दोनों के बदनो की गरमी एक दूसरे में घुलने लगी, पसीना एक दूसरे में मिलने लगा और गरम गरम सांसे एक दूसरे की बदन से टकराने लगी | रीमा ने रोहित की कमर पर बनाये जांघो का कसाव को ढीला कर दिया, रोहित उसका इशारा समझ गया, रोहित ने कमर को हल्का सा पीछे लेकर झटका दिया, लेकिन लंड अपनी जगह से चूत थोडा और आगे खिसक गया | फिर उसने धीरे धीरे लंड को रीमा की संकरी गुलाबी चिकनी चूत में उतारना शुरू कर दिया |
रोहित ने रीमा को अभी हलके हलके धक्के लगाकर चूत के मुहाने की दीवारों को नरम करने में लगा था | जितना अन्दर तक लंड घुस गया था वहां तक धक्के मार रहा था | दर्द के बावजूद भी रीमा की मादक कराहे निकल रही थी - यस यस आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्आ ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यस यस चोदो मुझे, चोदो इस चूत को, कसकर चोदो|
कुछ देर रोहित ने अपनी कमर पर पूरा जोर डालकर एक तगड़ा झटका लगाया और लंड थोडा और अन्दर खिसक गया | इस अचानक हमले से चूत की दीवारों से भयानक घर्षण हुआ | चूत की गुलाबी गीली दीवारों को रोहित के लंड ने थोडा और चीर दिया, दीवारों की सलवटे फैलती चली गयी, भयानक घर्षण से रीमा की मक्खन जैसी नरम गुलाबी गीली दीवारों में जलन शुरू हो गयी, ऐसा लग रहा था किसी ने लोहे की गरम राड उसके चूत में घुसेड दिया हो| दर्द और जलन से रीमा की चूत की दीवारे बेहाल थी, दर्द के मारे चूत की दीवारों में खून का दौरान तेज हो गया था, और वो बेतहाशा फाड़फाड़ने लगी |
रीमा दर्द के कराहते हुए कांपते होठो से बोली - पेलो न बेदर्दी से, जो होगा देखा जायेगा, अब ठेल तो पूरा अन्दर तक, जितना ताकत से घुसेड सकते हो, डाल दो अन्दर तक, जहाँ तक जा सकता है जाने दो, उसके लिए राह बनावो, मेरी और मेरी चूत की परवाह न करो तुम, कब तक मेरी चूत के दर्द के चक्कर में लंड को इस तरह तड़पाते रहोगे | जब तक लंड चूत को चीरेगा नहीं, ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी | पेल दो पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में |
रोहित ने रीमा को उलटा करकर घुटनों के बल ला दिया और पीछे से धीरे से उसकी दर्द से बेहाल चूत में मुसल लंड पेल दिया | रोहित रीमा को पीछे से चोद रहा था रीमा अपने चूत दाने को सहलाकर अपना ध्यान दर्द से हटा रही थी | रीमा को पता था की जब रोहित का लंड उसकी संकरी चूत के छेद को अन्दर गहराई तक चीरेगा तो उसे दर्द होना ही है |