22-04-2025, 10:57 AM
22 अप्रैल
"सभी की बात नहीं, तुम अपने दिल की बात कहो"
मैंने दोबारा अपनी बात को दोहराया “ अगर आप मुझे अच्छे ना लगते तो मैं आप के साथ यहां नहीं बैठती “ और ये कहते हुए मैंने अपनी नजर नीचे कर लीं फिर कुछ देर खामोशी रही मैं सोच रही थी पता नहीं मैंने कैसे इतनी बड़ी बात मुंह से निकल दी कहीं वो मुझे गलत ना समझे मैं इस बारे में सोच रही थी तभी मुझे अपने कांधे पर उनका हाथ मूव करते हुए महसूस हुआ पहले मुझे ख्याल आया कि शायद वो अपनी सीट पर एडजस्टमेंट कर रहे हैं मगर जब उनका हाथ मेरे कांधे से नीचे होता हुआ मेरी पीठ पर उनकी उंगली महसूस हूआ तो मेरे जिस्म में कामुकता की लहर दौड़ने लगी और मैंने डर कर शुभम की तरफ देखा । वह हमें देख तो नहीं रहा था मगर वह फिल्म देखने में बिजी था तो मुझे ये देख कर थोड़ा राहत हुआ और मैं थोड़ा सा घुसकर कर मिस्टर इरफान के और करीब हो गई।
जब मिस्टर इरफान ने मुझे अपने करीब होते देखा तो वो समझ गये कि मुझे उनका इस तरह टच करना अच्छा लग रहा है और मैं कोई आपत्ति नहीं कर रही थी । वे थोड़ा और मेरे नजदीक होकर । अब उनके हाथ मेरे बूब्स के आखिरी हिस्से को टच करने लगा जिससे मेरे जिस्म में एक सनसानी सी लहर दौड़ पड़ी । आज 6 साल बाद किसी मर्द का हाथ वहां तक पुहंच था मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा करंट दौड़ गया और मुझे बहुत अच्छा लगा मगर मैं डर रही थी क्योंकि शुभम सामने बैठा था और वो हम को देख भी सकता था इस लिया मैं अपने मुंह मिस्टर इरफान के कान के पास ले जाकर आहिस्ता से कहां ”….. प्लीज ऐसा नहीं करे शुभम देख लेगा तो उन्होंने हो जायेगा "
मिस्टर इरफान शुभम की तरफ देखा और बोले ” हमें फ़िकर करने कि जरूरत नहीं है …..वो फिल्म देखने में लगा है ”
मैंने कहा “मगर फिर भी अच्छा नहीं लगता प्लीज” मेंने दोबारा रिक्वेस्ट की तो उन्होंने इस बार अपना हाथ वहां से हटा लिया और अपने हाथ मेरे कांधे पर रख दिया , मगर हाथ हटाते समय उन्होंने मेरी राइट साइड के बूब्स को आहिस्ता से दबाया मैंने उनकी तरफ देखी तो वो मुस्कुरा रहे थे मैं भी मुस्कुरा दी तो उन्होंने अपना दायां हाथ मेरे बायां हाथ पर रख दिया और उसे सहलाने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं भी अपना दूसरा हाथ को उसके हाथ पर रख दिया और मैंने धीरे से कहा” आज आप यह किया कर रहे हैं…….”
उन्होंने कहा “ जब मैंने पहली बार आपको देख तो उसी समय से आपका दिवाना हो चुका था और मैं तो बहुत कुछ करना चाहता था ”
“किया करना चाहते थे ………………? “ मैंने शरारत से पुछा
“अगर आपकी अनुमति हो तो मैं यहां ही शुरू हो जाऊं ???? ” उन्होंने मेरे हाथ को अपने हाथ मैं ले कर कहां
“नहीं नहीं यहां कुछ नहीं.... “मैंने घबरा कर कहा और हम दोनो हसने लगे ।
कुछ देर तक वो हाथ को सहलाते रहे और उन्होंने अपने हाथ को मेरे जांघों पर रख दिया और सहलाना शुरू कर दिया उनका हाथ मेरी जांघ पर लगा तो मेरे पूरे बदन गुदगुदी होने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था आज इतने दिनों के बाद किसी ने मुझे इस तरह छेड़ था मैं लम्बी लम्बी सांस लेने लगी और मुझे एक अजीब सा मजा आ रहा था मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपनी टांगों को फैलाकर उनको मौका दिया कि वह पूरी तरह मेरी जांघ पर हाथ फेर सके अब उनका हाथ आराम से मेरे जांघ के ऊपर से नीचे तक आसानी से मूव कर रहा था और कभी वो जांघ के ऊपर सहलते कभी नीचे की तरफ घुटनो तक और फिर अचानक उनका हाथ मेरी जांघ की अंदर की तरफ मेरी उस जगह के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया
"सभी की बात नहीं, तुम अपने दिल की बात कहो"
मैंने दोबारा अपनी बात को दोहराया “ अगर आप मुझे अच्छे ना लगते तो मैं आप के साथ यहां नहीं बैठती “ और ये कहते हुए मैंने अपनी नजर नीचे कर लीं फिर कुछ देर खामोशी रही मैं सोच रही थी पता नहीं मैंने कैसे इतनी बड़ी बात मुंह से निकल दी कहीं वो मुझे गलत ना समझे मैं इस बारे में सोच रही थी तभी मुझे अपने कांधे पर उनका हाथ मूव करते हुए महसूस हुआ पहले मुझे ख्याल आया कि शायद वो अपनी सीट पर एडजस्टमेंट कर रहे हैं मगर जब उनका हाथ मेरे कांधे से नीचे होता हुआ मेरी पीठ पर उनकी उंगली महसूस हूआ तो मेरे जिस्म में कामुकता की लहर दौड़ने लगी और मैंने डर कर शुभम की तरफ देखा । वह हमें देख तो नहीं रहा था मगर वह फिल्म देखने में बिजी था तो मुझे ये देख कर थोड़ा राहत हुआ और मैं थोड़ा सा घुसकर कर मिस्टर इरफान के और करीब हो गई।
जब मिस्टर इरफान ने मुझे अपने करीब होते देखा तो वो समझ गये कि मुझे उनका इस तरह टच करना अच्छा लग रहा है और मैं कोई आपत्ति नहीं कर रही थी । वे थोड़ा और मेरे नजदीक होकर । अब उनके हाथ मेरे बूब्स के आखिरी हिस्से को टच करने लगा जिससे मेरे जिस्म में एक सनसानी सी लहर दौड़ पड़ी । आज 6 साल बाद किसी मर्द का हाथ वहां तक पुहंच था मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा करंट दौड़ गया और मुझे बहुत अच्छा लगा मगर मैं डर रही थी क्योंकि शुभम सामने बैठा था और वो हम को देख भी सकता था इस लिया मैं अपने मुंह मिस्टर इरफान के कान के पास ले जाकर आहिस्ता से कहां ”….. प्लीज ऐसा नहीं करे शुभम देख लेगा तो उन्होंने हो जायेगा "
मिस्टर इरफान शुभम की तरफ देखा और बोले ” हमें फ़िकर करने कि जरूरत नहीं है …..वो फिल्म देखने में लगा है ”
मैंने कहा “मगर फिर भी अच्छा नहीं लगता प्लीज” मेंने दोबारा रिक्वेस्ट की तो उन्होंने इस बार अपना हाथ वहां से हटा लिया और अपने हाथ मेरे कांधे पर रख दिया , मगर हाथ हटाते समय उन्होंने मेरी राइट साइड के बूब्स को आहिस्ता से दबाया मैंने उनकी तरफ देखी तो वो मुस्कुरा रहे थे मैं भी मुस्कुरा दी तो उन्होंने अपना दायां हाथ मेरे बायां हाथ पर रख दिया और उसे सहलाने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं भी अपना दूसरा हाथ को उसके हाथ पर रख दिया और मैंने धीरे से कहा” आज आप यह किया कर रहे हैं…….”
उन्होंने कहा “ जब मैंने पहली बार आपको देख तो उसी समय से आपका दिवाना हो चुका था और मैं तो बहुत कुछ करना चाहता था ”
“किया करना चाहते थे ………………? “ मैंने शरारत से पुछा
“अगर आपकी अनुमति हो तो मैं यहां ही शुरू हो जाऊं ???? ” उन्होंने मेरे हाथ को अपने हाथ मैं ले कर कहां
“नहीं नहीं यहां कुछ नहीं.... “मैंने घबरा कर कहा और हम दोनो हसने लगे ।
कुछ देर तक वो हाथ को सहलाते रहे और उन्होंने अपने हाथ को मेरे जांघों पर रख दिया और सहलाना शुरू कर दिया उनका हाथ मेरी जांघ पर लगा तो मेरे पूरे बदन गुदगुदी होने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था आज इतने दिनों के बाद किसी ने मुझे इस तरह छेड़ था मैं लम्बी लम्बी सांस लेने लगी और मुझे एक अजीब सा मजा आ रहा था मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपनी टांगों को फैलाकर उनको मौका दिया कि वह पूरी तरह मेरी जांघ पर हाथ फेर सके अब उनका हाथ आराम से मेरे जांघ के ऊपर से नीचे तक आसानी से मूव कर रहा था और कभी वो जांघ के ऊपर सहलते कभी नीचे की तरफ घुटनो तक और फिर अचानक उनका हाथ मेरी जांघ की अंदर की तरफ मेरी उस जगह के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया


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